लखनऊ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- आपको कैसे पता चला कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं? आप बीजेपी कार्यकर्ता हैं, आपने यह बात याचिका में क्यों नहीं बताई? मामले की सुनवाई जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने की। सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। पढ़िए सुनवाई के दौरान क्या बहस हुई… जस्टिस रॉय : याचिकाकर्ता कौन है? वकील अशोक पांडेय : कर्नाटक के एस. विग्नेश शिशिरा। जज : क्या करते हैं? जनहित याचिका के बारे में हम इनकी साख के बारे में जान सकते हैं। अच्छा इश्यू बताइए क्या है? वकील : राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। सूरत कोर्ट से दोषी साबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसका मतलब नहीं है कि वो सांसद बनने के योग्य हैं? जब इन्होंने एक बार विदेशी नागरिकता स्वीकार ली, तो भारतीय नागरिक बनने के योग्य नहीं। गृह मंत्रालय ने नागरिकता से संबंधित नोटिस भी राहुल को साल 2019 में भेजा था। 5 साल बीतने के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। जज : किसने माना कि राहुल विदेशी हैं? वकील : कुछ दस्तावेज बताते हैं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। इन्हीं के आधार पर यह कहा गया है। जज : आपको ये दस्तावेज कहां से मिले? वकील : नेट से डाउनलोड किए। जज : कौन-सी वेबसाइट से? इसी बीच याचिकाकर्ता विग्नेश अपने वकील अशोक पांडेय के पास पहुंचे। वकील से कहा- आप उधर जाकर बैठ जाइए। जज : ओके मिस्टर पांडेय, हमने आपको सुन लिया। वकील : लार्डशिप कृपया और सुन लीजिए। हमें कई और चीजें पेश करनी हैं। जज : क्या आपके याचिकाकर्ता ने सक्षम प्राधिकारी से संपर्क किया है? वकील : नहीं। जज : फिर? वकील : सर, कृपया हमारी बात सुनिए। जज : कृपया, कोर्ट को टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। हम आपके साथ धैर्य बरत रहे, लेकिन इसे टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। PIL कर दिया, जबकि नागरिकता का इश्यू दो बार डिसमिस हो चुका है। बताइए, पिटीशनर ने कब सक्षम अथॉरिटी से एप्रोच किया? वकील : आप हमें बोलने देंगे? जज : इतनी देर से आप और क्या कर रहे हो? देखिए, कोर्ट डेकोरम को फॉलो करिए। वकील : ऐसा मैंने क्या कह दिया? इसी बीच याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील देने का प्रयास किया। जज : कौन बहस करेगा? आप मिस्टर विग्नेश या फिर आपके वकील पांडेय। याचिकाकर्ता विग्नेश : मैं, बहस करूंगा। इस पर वकील ने कहा- नहीं, आप बैठिए, मैं बहस कर रहा हूं। विग्नेश ने कहा- मैं, बेंच से बहस करना चाहता हूं। जज : वकील पांडेय, आपका क्लाइंट बहस करना चाहता है। डिसाइड करें, कौन बहस करेगा? मिस्टर पांडेय, आप बैठ जाइए, याचिकाकर्ता को बहस करने दीजिए। इस पर याचिकाकर्ता विग्नेश के वकील पांडेय बैठ गए और विग्नेश ने बहस शुरू की। विग्नेश : मैं, कर्नाटक बीजेपी का वर्कर हूं। जज : आपने याचिका में भाजपा कार्यकर्ता होने का जिक्र क्यों नहीं किया? क्या आप सक्षम अथॉरिटी के पास गए थे? विग्नेश : हमने चुनाव आयोग से संपर्क किया। जिला निर्वाचन अधिकारी से इस मुद्दे को लेकर संपर्क किया। मैं मानता हूं, राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं। कई साक्ष्य इसकी गवाही देते हैं। गृह मंत्रालय ने भी उनको इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर नोटिस भेजा। कई लोगों ने पहले भी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट के समक्ष वह राहुल को ब्रिटिश नागरिक साबित नहीं कर पाए। मैंने, भारत और विदेश में बहुत काम किया है। विग्नेश : हमने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने प्रस्तुति दी है। इसके लिए जरूरी साक्ष्य भी मुहैया कराए, जो कर सकते हैं। जस्टिस रॉय : लेकिन, आपने सक्षम अथॉरिटी से संपर्क नहीं किया। यह कौन निर्णय करेगा कि वह ब्रिटिश हैं? क्या आपने उनसे संपर्क किया? विग्नेश : यह मामला गंभीर है। जस्टिस रॉय : अगर यह गंभीर विषय है, तो गृह मंत्रालय पिछले कई साल से चुप क्यों है? विग्नेश : कृपया इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस भेजिए। जस्टिस रॉय : आपने PIL में यह प्रार्थना नहीं की है? जस्टिस रॉय : यह चुनाव से संबंधित पिटीशन नहीं है। अगर यह बात सक्षम व्यक्ति चुनाव से पहले उठाता तो हम दूसरी तरह से नहीं सोचते। इस मामले में बहुत कुछ नहीं किया जा सकता। विग्नेश : कृपया, यह एक जनहित याचिका है। विग्नेश के वकील : कृपया मुझे भी सुन लीजिए। जस्टिस रॉय : नहीं, आपने और आपके याचिकाकर्ता ने बहस कर ली। बस हो गया। विग्नेश के वकील : बोलने दीजिए। बहस करने दीजिए। जस्टिस रॉय : देखिए हो गया, ऐसा करेंगे तो हमें उठना पड़ेगा। पूरा दिन काम करना है हमें। ऐसे मूड खराब करके कैसे काम चलेगा? जस्टिस रॉय : आप चाहते हैं कि आज दूसरे मामले को ना सुने तो ठीक है। इलेक्शन कमीशन के सामने क्या कहना है, वो अलग है। किसी की सिटीजनशिप कैंसिल करवानी हो तो वह अलग मैटर है। उसके लिए अथॉरिटी दूसरी है। आप वहां जाएं। सभी चीजों को मिक्स मत करें। जस्टिस रॉय : हम एक ऑर्डर पास करेंगे। विग्नेश : मैं, याचिका वापस लेना चाहता हूं। कृपया मुझे छूट दी जाए कि मैं फिर से फ्रेश पिटीशन फाइल कर सकूं। जस्टिस रॉय : फिर हम आप पर जुर्माना लगाएंगे। आपने कोर्ट का एक घंटे तक समय खराब किया। याचिकाकर्ता के वकील पांडेय फिर से बहस करने के लिए खड़े हो गए। उन्होंने अपनी जनहित याचिका से पढ़ना शुरू किया। जस्टिस रॉय : आपने हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। क्या कोई निर्णय है, जो कहता है कि दोष सिद्धि पर रोक लगने के बाद भी अयोग्यता (सांसद/विधायक की) दूर नहीं होती। विग्नेश के वकील : सुनिए हमें। जस्टिस रॉय : यह कोई तरीका नहीं, अब नहीं सुन सकते। विग्नेश के वकील : 20-20 दिन बहस सुनी जाती है, आप एक घंटा नहीं सुन रहे। जस्टिस रॉय : ऐसी बहस 20 दिन नहीं सुनी जाती है। विग्नेश के वकील : कृपया व्यक्तिगत न हों। जस्टिस रॉय : ठीक है, हम उठ रहे हैं। अगर आपको लगता है कि किसी और मामले की सुनवाई न हो तो ऐसा ही हो। बेंच उठ जाती है। विग्नेश के वकील : ये अंतिम अदालत नहीं है। यह है मामला
कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से 21 जून को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया- राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं। ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के तहत सांसद बनने के योग्य नहीं हैं। विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडेय ने बताया- राहुल गांधी की नागरिकता के संबंध में हम बैकअप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में उनके ITR को रिकॉर्ड में लाए। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। अनुच्छेद 102 में निहित प्रावधानों के तहत उन्हें सांसद के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। अधिनियम की धारा 8 (3) के साथ हमने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनके लिए सांसद चुने जाने की अयोग्यता पैदा हो गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने इस बार वायनाड और रायबरेली दो लोकसभा सीटों से जीत दर्ज की थी। वायनाड सीट से राहुल ने इस्तीफा दिया। लखनऊ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- आपको कैसे पता चला कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं? आप बीजेपी कार्यकर्ता हैं, आपने यह बात याचिका में क्यों नहीं बताई? मामले की सुनवाई जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने की। सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। पढ़िए सुनवाई के दौरान क्या बहस हुई… जस्टिस रॉय : याचिकाकर्ता कौन है? वकील अशोक पांडेय : कर्नाटक के एस. विग्नेश शिशिरा। जज : क्या करते हैं? जनहित याचिका के बारे में हम इनकी साख के बारे में जान सकते हैं। अच्छा इश्यू बताइए क्या है? वकील : राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। सूरत कोर्ट से दोषी साबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसका मतलब नहीं है कि वो सांसद बनने के योग्य हैं? जब इन्होंने एक बार विदेशी नागरिकता स्वीकार ली, तो भारतीय नागरिक बनने के योग्य नहीं। गृह मंत्रालय ने नागरिकता से संबंधित नोटिस भी राहुल को साल 2019 में भेजा था। 5 साल बीतने के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। जज : किसने माना कि राहुल विदेशी हैं? वकील : कुछ दस्तावेज बताते हैं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। इन्हीं के आधार पर यह कहा गया है। जज : आपको ये दस्तावेज कहां से मिले? वकील : नेट से डाउनलोड किए। जज : कौन-सी वेबसाइट से? इसी बीच याचिकाकर्ता विग्नेश अपने वकील अशोक पांडेय के पास पहुंचे। वकील से कहा- आप उधर जाकर बैठ जाइए। जज : ओके मिस्टर पांडेय, हमने आपको सुन लिया। वकील : लार्डशिप कृपया और सुन लीजिए। हमें कई और चीजें पेश करनी हैं। जज : क्या आपके याचिकाकर्ता ने सक्षम प्राधिकारी से संपर्क किया है? वकील : नहीं। जज : फिर? वकील : सर, कृपया हमारी बात सुनिए। जज : कृपया, कोर्ट को टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। हम आपके साथ धैर्य बरत रहे, लेकिन इसे टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। PIL कर दिया, जबकि नागरिकता का इश्यू दो बार डिसमिस हो चुका है। बताइए, पिटीशनर ने कब सक्षम अथॉरिटी से एप्रोच किया? वकील : आप हमें बोलने देंगे? जज : इतनी देर से आप और क्या कर रहे हो? देखिए, कोर्ट डेकोरम को फॉलो करिए। वकील : ऐसा मैंने क्या कह दिया? इसी बीच याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील देने का प्रयास किया। जज : कौन बहस करेगा? आप मिस्टर विग्नेश या फिर आपके वकील पांडेय। याचिकाकर्ता विग्नेश : मैं, बहस करूंगा। इस पर वकील ने कहा- नहीं, आप बैठिए, मैं बहस कर रहा हूं। विग्नेश ने कहा- मैं, बेंच से बहस करना चाहता हूं। जज : वकील पांडेय, आपका क्लाइंट बहस करना चाहता है। डिसाइड करें, कौन बहस करेगा? मिस्टर पांडेय, आप बैठ जाइए, याचिकाकर्ता को बहस करने दीजिए। इस पर याचिकाकर्ता विग्नेश के वकील पांडेय बैठ गए और विग्नेश ने बहस शुरू की। विग्नेश : मैं, कर्नाटक बीजेपी का वर्कर हूं। जज : आपने याचिका में भाजपा कार्यकर्ता होने का जिक्र क्यों नहीं किया? क्या आप सक्षम अथॉरिटी के पास गए थे? विग्नेश : हमने चुनाव आयोग से संपर्क किया। जिला निर्वाचन अधिकारी से इस मुद्दे को लेकर संपर्क किया। मैं मानता हूं, राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं। कई साक्ष्य इसकी गवाही देते हैं। गृह मंत्रालय ने भी उनको इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर नोटिस भेजा। कई लोगों ने पहले भी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट के समक्ष वह राहुल को ब्रिटिश नागरिक साबित नहीं कर पाए। मैंने, भारत और विदेश में बहुत काम किया है। विग्नेश : हमने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने प्रस्तुति दी है। इसके लिए जरूरी साक्ष्य भी मुहैया कराए, जो कर सकते हैं। जस्टिस रॉय : लेकिन, आपने सक्षम अथॉरिटी से संपर्क नहीं किया। यह कौन निर्णय करेगा कि वह ब्रिटिश हैं? क्या आपने उनसे संपर्क किया? विग्नेश : यह मामला गंभीर है। जस्टिस रॉय : अगर यह गंभीर विषय है, तो गृह मंत्रालय पिछले कई साल से चुप क्यों है? विग्नेश : कृपया इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस भेजिए। जस्टिस रॉय : आपने PIL में यह प्रार्थना नहीं की है? जस्टिस रॉय : यह चुनाव से संबंधित पिटीशन नहीं है। अगर यह बात सक्षम व्यक्ति चुनाव से पहले उठाता तो हम दूसरी तरह से नहीं सोचते। इस मामले में बहुत कुछ नहीं किया जा सकता। विग्नेश : कृपया, यह एक जनहित याचिका है। विग्नेश के वकील : कृपया मुझे भी सुन लीजिए। जस्टिस रॉय : नहीं, आपने और आपके याचिकाकर्ता ने बहस कर ली। बस हो गया। विग्नेश के वकील : बोलने दीजिए। बहस करने दीजिए। जस्टिस रॉय : देखिए हो गया, ऐसा करेंगे तो हमें उठना पड़ेगा। पूरा दिन काम करना है हमें। ऐसे मूड खराब करके कैसे काम चलेगा? जस्टिस रॉय : आप चाहते हैं कि आज दूसरे मामले को ना सुने तो ठीक है। इलेक्शन कमीशन के सामने क्या कहना है, वो अलग है। किसी की सिटीजनशिप कैंसिल करवानी हो तो वह अलग मैटर है। उसके लिए अथॉरिटी दूसरी है। आप वहां जाएं। सभी चीजों को मिक्स मत करें। जस्टिस रॉय : हम एक ऑर्डर पास करेंगे। विग्नेश : मैं, याचिका वापस लेना चाहता हूं। कृपया मुझे छूट दी जाए कि मैं फिर से फ्रेश पिटीशन फाइल कर सकूं। जस्टिस रॉय : फिर हम आप पर जुर्माना लगाएंगे। आपने कोर्ट का एक घंटे तक समय खराब किया। याचिकाकर्ता के वकील पांडेय फिर से बहस करने के लिए खड़े हो गए। उन्होंने अपनी जनहित याचिका से पढ़ना शुरू किया। जस्टिस रॉय : आपने हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। क्या कोई निर्णय है, जो कहता है कि दोष सिद्धि पर रोक लगने के बाद भी अयोग्यता (सांसद/विधायक की) दूर नहीं होती। विग्नेश के वकील : सुनिए हमें। जस्टिस रॉय : यह कोई तरीका नहीं, अब नहीं सुन सकते। विग्नेश के वकील : 20-20 दिन बहस सुनी जाती है, आप एक घंटा नहीं सुन रहे। जस्टिस रॉय : ऐसी बहस 20 दिन नहीं सुनी जाती है। विग्नेश के वकील : कृपया व्यक्तिगत न हों। जस्टिस रॉय : ठीक है, हम उठ रहे हैं। अगर आपको लगता है कि किसी और मामले की सुनवाई न हो तो ऐसा ही हो। बेंच उठ जाती है। विग्नेश के वकील : ये अंतिम अदालत नहीं है। यह है मामला
कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से 21 जून को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया- राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं। ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के तहत सांसद बनने के योग्य नहीं हैं। विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडेय ने बताया- राहुल गांधी की नागरिकता के संबंध में हम बैकअप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में उनके ITR को रिकॉर्ड में लाए। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। अनुच्छेद 102 में निहित प्रावधानों के तहत उन्हें सांसद के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। अधिनियम की धारा 8 (3) के साथ हमने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनके लिए सांसद चुने जाने की अयोग्यता पैदा हो गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने इस बार वायनाड और रायबरेली दो लोकसभा सीटों से जीत दर्ज की थी। वायनाड सीट से राहुल ने इस्तीफा दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर