हरियाणा में करीब 5 साल पहले 11 सितंबर को बरवाला में मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाने पर गुस्से का शिकार हुए डा. हर्ष मोहन भारद्वाज ने आखिरकार भाजपा को अलविदा कह दिया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब आरएसएस से जुड़े हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने भाजपा छोड़ी है। इससे पहले डॉ. हर्ष मोहन 2020 में दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में भी शामिल हो चुके हैं। मगर विचार धारा मेल नहीं खाने से पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा BJP ज्वाइन कर ली थी। मगर अब विधानसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले उन्होंने भाजपा को दोबारा अलविदा कहकर जनहित पार्टी में शामिल हो गए हैं। आज हिसार के बरवाला में जनहित पार्टी में डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी अभी रजिस्टर्ड नहीं हुई है। डॉ. हर्ष भारद्वाज ने कहा कि जनहित पार्टी हरियाणा में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। खट्टर की जगह दीपेंद्र को पहना था चांदी का मुकुट
दरअसल, 2019 में पूर्व CM मनोहर लाल को रथ यात्रा के दौरान बरवाला विधानसभा में चांदी का मुकुट पहनाने का प्रयास किया था। इस दौरान खट्टर के हाथ में माइक और फरसा दोनों था। मगर खट्टर इससे नाराज हो गए थे और हर्ष मोहन भारद्वाज को कहा था कि मैं तेरी गर्दन काट दूंगा। इससे डॉ. हर्ष मोहन नाराज हो गए थे और एक साल बाद ही दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं बरवाला में इंद्रप्रस्थ कालोनी में स्थित महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट के एक कार्यक्रम में हर्ष मोहन ने दीपेंद्र हुड्डा को चांदी का मुकुट भी पहनाया था। यह वही मुकुट था जिसे खट्टर ने नहीं पहना था। भाजपा छोड़ने का बाद हर्ष मोहन ने यह कहा उन्होंने कहा, “कांग्रेस में हमारी विचारधारा नहीं मिलती है। कांग्रेस में अच्छे लोग हैं। भाजपा भी अच्छी पार्टी थी। भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था मगर आज वह कांग्रेस युक्त पार्टी बन गई है। कांग्रेस से ज्यादा बड़ी कांग्रेस आज भाजपा है। जिन मुद्दों के बल पर भाजपा सत्ता में आई थी। वह मुद्दे आज तक वहीं के वहीं खड़े हैं।” उन्होंने कहा कि, “तीसरी बार भी चुनाव प्रचार में हमने मोदी जी के भाषण सुने, वही परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे आज भी हैं। 10 साल से भाजपा सत्ता में है। आज भी 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन क्यों देना पड़ रहा है। यह मुद्दे ऐसे थे जिनके कारण मुझको बड़ी खिन्नता थी। ऐसे समय में मैंने अपने घर बैठकर पूजा-पाठ करना ठीक समझा।” मगर संस्कारित लोग होते हैं और देशभक्त लोग होते हैं वह छोड़ते नहीं है। विचारधारा को छोड़ा नहीं जा सकता। हमने आजीवन देश सेवा का प्रण लिया है। हरियाणा के अंदर आज हम जीरो से शुरू कर रहे हैं। शीघ्र ही इसके अच्छे परिणाम देंगे और अच्छे लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे”। कहा- भारत को विश्व गुरु बनाएंगे
डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने कहा कि 2029 विधानसभा और लोकसभा में अच्छा परिणाम जनहित पार्टी देगी। हम लोग किसी पद या लालच में काम नहीं करते अगर ऐसा करना होता तो मैं भाजपा में काम कर लेता मैं पार्टी से अब तक जुड़ा ही हुआ था। हमें सारे समाज को आगे बढ़ाना है। अंतिम व्यक्ति को आगे बढ़ाना है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों को लेकर आगे बढ़ेंगे। अखंड भारत का हमारा सपना है और अखंड भारत का निर्माण जनहित पार्टी करेगी। भारत को परम वैभव तक पहुंचाएंगें और विश्व गुरू बनाएंगे। हरियाणा में करीब 5 साल पहले 11 सितंबर को बरवाला में मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाने पर गुस्से का शिकार हुए डा. हर्ष मोहन भारद्वाज ने आखिरकार भाजपा को अलविदा कह दिया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब आरएसएस से जुड़े हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने भाजपा छोड़ी है। इससे पहले डॉ. हर्ष मोहन 2020 में दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में भी शामिल हो चुके हैं। मगर विचार धारा मेल नहीं खाने से पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा BJP ज्वाइन कर ली थी। मगर अब विधानसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले उन्होंने भाजपा को दोबारा अलविदा कहकर जनहित पार्टी में शामिल हो गए हैं। आज हिसार के बरवाला में जनहित पार्टी में डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी अभी रजिस्टर्ड नहीं हुई है। डॉ. हर्ष भारद्वाज ने कहा कि जनहित पार्टी हरियाणा में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। खट्टर की जगह दीपेंद्र को पहना था चांदी का मुकुट
दरअसल, 2019 में पूर्व CM मनोहर लाल को रथ यात्रा के दौरान बरवाला विधानसभा में चांदी का मुकुट पहनाने का प्रयास किया था। इस दौरान खट्टर के हाथ में माइक और फरसा दोनों था। मगर खट्टर इससे नाराज हो गए थे और हर्ष मोहन भारद्वाज को कहा था कि मैं तेरी गर्दन काट दूंगा। इससे डॉ. हर्ष मोहन नाराज हो गए थे और एक साल बाद ही दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं बरवाला में इंद्रप्रस्थ कालोनी में स्थित महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट के एक कार्यक्रम में हर्ष मोहन ने दीपेंद्र हुड्डा को चांदी का मुकुट भी पहनाया था। यह वही मुकुट था जिसे खट्टर ने नहीं पहना था। भाजपा छोड़ने का बाद हर्ष मोहन ने यह कहा उन्होंने कहा, “कांग्रेस में हमारी विचारधारा नहीं मिलती है। कांग्रेस में अच्छे लोग हैं। भाजपा भी अच्छी पार्टी थी। भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था मगर आज वह कांग्रेस युक्त पार्टी बन गई है। कांग्रेस से ज्यादा बड़ी कांग्रेस आज भाजपा है। जिन मुद्दों के बल पर भाजपा सत्ता में आई थी। वह मुद्दे आज तक वहीं के वहीं खड़े हैं।” उन्होंने कहा कि, “तीसरी बार भी चुनाव प्रचार में हमने मोदी जी के भाषण सुने, वही परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे आज भी हैं। 10 साल से भाजपा सत्ता में है। आज भी 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन क्यों देना पड़ रहा है। यह मुद्दे ऐसे थे जिनके कारण मुझको बड़ी खिन्नता थी। ऐसे समय में मैंने अपने घर बैठकर पूजा-पाठ करना ठीक समझा।” मगर संस्कारित लोग होते हैं और देशभक्त लोग होते हैं वह छोड़ते नहीं है। विचारधारा को छोड़ा नहीं जा सकता। हमने आजीवन देश सेवा का प्रण लिया है। हरियाणा के अंदर आज हम जीरो से शुरू कर रहे हैं। शीघ्र ही इसके अच्छे परिणाम देंगे और अच्छे लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे”। कहा- भारत को विश्व गुरु बनाएंगे
डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने कहा कि 2029 विधानसभा और लोकसभा में अच्छा परिणाम जनहित पार्टी देगी। हम लोग किसी पद या लालच में काम नहीं करते अगर ऐसा करना होता तो मैं भाजपा में काम कर लेता मैं पार्टी से अब तक जुड़ा ही हुआ था। हमें सारे समाज को आगे बढ़ाना है। अंतिम व्यक्ति को आगे बढ़ाना है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों को लेकर आगे बढ़ेंगे। अखंड भारत का हमारा सपना है और अखंड भारत का निर्माण जनहित पार्टी करेगी। भारत को परम वैभव तक पहुंचाएंगें और विश्व गुरू बनाएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर