हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा की गठबंधन सरकार में सहयोगी रहे दुष्यंत चौटाला ने एक के बाद एक X पर तीन पोस्ट कर भाजपा सरकार व उनके मंत्रियों को बधाई दी है। दुष्यंत चौटाला ने अपनी पोस्ट में जिन लाइनों का इस्तेमाल किया उससे जाहिर है कि दुष्यंत चौटाला अब भी भाजपा के करीब हैं। दुष्यंत चौटाला ने पोस्ट पर लिखा कि, भाजपा ने इतिहास रचते हुए हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाई है। वहीं दूसरी पोस्ट में लिखा है कि भाजपा सरकार विभागों, मंत्रालयों में गरीब-से-गरीब व्यक्ति की पहुंच को आसान बनाएंगे। वहीं तीसरी पोस्ट में भाजपा के 3 कैबिनेट मंत्री अनिल विज, महीपाल ढांडा और रणबीर गंगवा का नाम लिखकर लिखा कि आपके अनुभव एवं योग्यता से प्रदेश की उन्नति एवं प्रगति को गति मिलेगी। इन तीनों पोस्ट से दुष्यंत और भाजपा की नजदीकियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। दो चुनाव अलग होकर लड़े, जजपा की बुरी तरह हार भाजपा गठबंधन से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा ने दो चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होकर लड़े, मगर दोनों में ही हार का सामना करना पड़ा। हार भी ऐसी हुई कि एक भी सीट पर लोकसभा और विधानसभा में जमानत बचाना मुश्किल हो गया। ऐसे में दुष्यंत की एक्स पोस्ट को भाजपा से नजदीकियां बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने भाजपा सरकार के खिलाफ एग्रेसिव होकर विधानसभा चुनाव लड़ा मगर वह भाजपा विरोधी वोट लेने में कामयाब नहीं हो सके। दुष्यंत चौटाला ने एक के बाद पोस्ट में यह लिखा… “मैं नायब सिंह सैनी को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि आप प्रदेश में एक समान विकास एवं प्रगति बनाए रखेंगे और सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे।” “हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद से गुरुवार को भाजपा ने इतिहास रचते हुए प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। वहीं, नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। हरियाणा की नई सरकार में नायब सैनी के अलावा 13 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है।” “हरियाणा सरकार के नवनियुक्त मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि आप अपने अपने विभागों, मंत्रालयों में गरीब-से-गरीब व्यक्ति की पहुंच को आसान बनाएंगे। प्रदेश की जनता को अपनी श्रेष्ठ सेवाएं देंगे।” हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा की गठबंधन सरकार में सहयोगी रहे दुष्यंत चौटाला ने एक के बाद एक X पर तीन पोस्ट कर भाजपा सरकार व उनके मंत्रियों को बधाई दी है। दुष्यंत चौटाला ने अपनी पोस्ट में जिन लाइनों का इस्तेमाल किया उससे जाहिर है कि दुष्यंत चौटाला अब भी भाजपा के करीब हैं। दुष्यंत चौटाला ने पोस्ट पर लिखा कि, भाजपा ने इतिहास रचते हुए हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाई है। वहीं दूसरी पोस्ट में लिखा है कि भाजपा सरकार विभागों, मंत्रालयों में गरीब-से-गरीब व्यक्ति की पहुंच को आसान बनाएंगे। वहीं तीसरी पोस्ट में भाजपा के 3 कैबिनेट मंत्री अनिल विज, महीपाल ढांडा और रणबीर गंगवा का नाम लिखकर लिखा कि आपके अनुभव एवं योग्यता से प्रदेश की उन्नति एवं प्रगति को गति मिलेगी। इन तीनों पोस्ट से दुष्यंत और भाजपा की नजदीकियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। दो चुनाव अलग होकर लड़े, जजपा की बुरी तरह हार भाजपा गठबंधन से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा ने दो चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होकर लड़े, मगर दोनों में ही हार का सामना करना पड़ा। हार भी ऐसी हुई कि एक भी सीट पर लोकसभा और विधानसभा में जमानत बचाना मुश्किल हो गया। ऐसे में दुष्यंत की एक्स पोस्ट को भाजपा से नजदीकियां बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने भाजपा सरकार के खिलाफ एग्रेसिव होकर विधानसभा चुनाव लड़ा मगर वह भाजपा विरोधी वोट लेने में कामयाब नहीं हो सके। दुष्यंत चौटाला ने एक के बाद पोस्ट में यह लिखा… “मैं नायब सिंह सैनी को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि आप प्रदेश में एक समान विकास एवं प्रगति बनाए रखेंगे और सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे।” “हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद से गुरुवार को भाजपा ने इतिहास रचते हुए प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। वहीं, नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। हरियाणा की नई सरकार में नायब सैनी के अलावा 13 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है।” “हरियाणा सरकार के नवनियुक्त मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि आप अपने अपने विभागों, मंत्रालयों में गरीब-से-गरीब व्यक्ति की पहुंच को आसान बनाएंगे। प्रदेश की जनता को अपनी श्रेष्ठ सेवाएं देंगे।” हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल कांग्रेस पार्टी ने टिकट दावेदारों की मारामारी के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों में से 18 पर अपनी टिकटें फाइनल कर ली हैं। इनमें 9 सिटिंग विधायक हैं। पार्टी ने जिन 14 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल बनाया है, उनमें से 13 पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था। एक सीट पर नए चेहरे का नाम रखा गया है। कांग्रेस के सिंगल नाम वाले हलकों में रोहतक की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट भी है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के सत्ता में आने की सूरत में वह CM पद के सबसे बड़े दावेदार रहेंगे। कांग्रेस में इस सीट से किसी और ने आवेदन भी नहीं किया था। इन 12 विधायकों के टिकट पक्के
कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर सिंगल नाम के पैनल बनाए हैं, उनमें से 12 पर इस समय पार्टी के ही विधायक हैं। इनमें गढ़ी-सांपला-किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, रोहतक सीट से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू का नाम पैनल में रखा गया है। अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से मौजूदा विधायक शैली चौधरी और फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा एमएलए नीरज शर्मा का टिकट भी लगभग फाइनल है। इसके अलावा बादली से कुलदीप वत्स की भी टिकट तय मानी जा रही है। कुलदीप वत्स हुड्डा के करीबी हैं। हालांकि उनके सामने दावेदारी ठोकने वाले सोमबीर घसोला भी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुलाना सीट पर क्या वरुण की चलेगी?, पंचकूला से चंद्रमोहन लगभग तय
अंबाला जिले की मुलाना सीट के पूर्व विधायक और अब सांसद वरुण चौधरी ने भी यहां के उम्मीदवार पर नजर रखी हुई है। यहां वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी या फिर उनकी बहन को टिकट मिलने की भी संभावना है। हालांकि उनके परिवार से किसी ने टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया है। यहां वरूण की चलेगी या नहीं, इसको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी तरह पंचकूला विधानसभा सीट पर पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का टिकट भी तकरीबन-तकरीबन फाइनल है। पिछला चुनाव हार चुके चार चेहरों के टिकट भी पक्के
कांग्रेस 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके अपने 4 नेताओं को भी इस बार फिर टिकट देने जा रही है। इनमें थानेसर सीट से अशोक अरोड़ा, पलवल से करण सिंह दलाल, फरीदाबाद से लखन सिंगला और बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। 2019 में अशोक अरोड़ा BJP के सुभाष सुधा से महज 819 वोट से हार गए थे। अशोक अरोड़ा 2014 में भी थानेसर सीट पर सुभाष सुधा से हार गए थे। हालांकि तब वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर मैदान में उतरे थे। अशोक अरोड़ा INLD के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2019 के चुनाव से पहले ही इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह थानेसर से ही 2009, 2000 और 1996 में विधायक रह चुके हैं।बड़खल सीट पर चौधरी विजय प्रताप भाजपा की सीमा त्रिखा के सामने 2545 वोट से मात खा गए थे। करण सिंह दलाल को भाजपा के दीपक मंगला और लखन सिंगला को भाजपा के ही नरेंद्र गुप्ता ने हराया था। करण सिंह दलाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वह फरीदाबाद सीट से पार्टी टिकट के दावेदार थे लेकिन कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतार दिया था। करण सिंह दलाल वर्ष 1991, 1996, 2000, 2005 और 2014 में पलवल से ही विधायक रह चुके हैं। बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह का नाम सिंगल पैनल में है। वह पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे हैं जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद संसदीय सीट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से हार गए थे। 2019 में कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह की जगह उनके बेटे विजय प्रताप सिंह को टिकट दिया था लेकिन वह लगभग ढाई हजार वोटों से भाजपा की सीमा त्रिखा से हार गए। कांग्रेस ने फरीदाबाद सीट से लखन सिंगला का नाम पैनल में रखा है। सिंगला वैश्य बिरादरी का बड़ा नाम है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। महम से इस बार दांगी के बेटे का नाम
रोहतक जिले की महम सीट से 2019 में आनंद सिंह दांगी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वह निर्दलीय कैंडिडेट बलराज कुंडू से हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने आनंद सिंह दांगी की जगह महम सीट से उनके बेटे बलराम दांगी का नाम पैनल में रखा है। दांगी फैमिली हुड्डा की कट्टर समर्थक है। बलराम दांगी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया है। आनंद सिंह दांगी भी अपने बेटे को ही उम्मीदवार बनाना चाहते हैं और इसके बारे में कई बार स्टेज से भी कह चुके हैं। महम से कांग्रेस का सबसे मजबूत उम्मीदवार इन्हें ही माना जा रहा है। हालांकि इलाके की कई पंचायतों के सरपंच दांगी फैमिली को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को लेटर भी लिखा है। कांग्रेस में 90 टिकटों के लिए 2556 आवेदन
कांग्रेस ने जुलाई महीने में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। तकरीबन महीनेभर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए अप्लाई किया। इसी वजह से टिकट के लिए एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करना पार्टी नेताओं के लिए सिरदर्दी बन गया है।