धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित थेकचेन चोलिंग त्सुगलाखांग बौद्ध मठ में त्सोंगखापा दिवस (गंडेन नगामचोए) के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना समारोह का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में 14वें दलाई लामा ने भाग लिया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु इस समारोह में शामिल हुए, जो त्सोंगखापा के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए थे। त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर जोर दिया समारोह के दौरान, दलाई लामा ने लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने त्सोंगखापा के जीवन का विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि त्सोंगखापा का जन्म 1357 में त्सोंगखा में हुआ था। तीन साल की उम्र में उन्हें करमापा रोल्पाई दोर्जे ने उपासक व्रत दिया था। अपने पहले शिक्षक के निर्देश पर त्सोंगखापा 17 वर्ष की उम्र में मध्य तिब्बत गए और विभिन्न मठों में अध्ययन किया। उन्होंने बुद्धि की पूर्णता, ऊपरी और निचले अभिधर्म, विनय, प्रमाण और मध्यमा जैसे विषयों का अध्ययन किया। 31 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली महत्वपूर्ण कृति ‘गोल्डन रोज़री’ की रचना की और एक साल बाद वह एक साथ 17 पाठ पढ़ा रहे थे, जिससे उनकी विद्वता की प्रतिष्ठा स्थापित हुई। उपस्थित बौद्ध लामाओं ने प्रार्थना की कि दलाई लामा दीर्घायु हों और उनकी इच्छाएं पूरी हों। ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव त्सोंगखापा दिवस को गंडेन नगामचोए के नाम से भी जाना जाता है, लामा त्सोंगखापा के ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव है। लामा त्सोंगखापा, एक बौद्ध विद्वान और भिक्षु ने तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल की स्थापना की थी। यह दिन तिब्बती कैलेंडर के 10वें महीने के 25वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 25 दिसंबर, 2024 को पड़ा। जे त्सोंगखापा (1357-1419) गेलुग परंपरा के संस्थापक हैं। धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित थेकचेन चोलिंग त्सुगलाखांग बौद्ध मठ में त्सोंगखापा दिवस (गंडेन नगामचोए) के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना समारोह का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में 14वें दलाई लामा ने भाग लिया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु इस समारोह में शामिल हुए, जो त्सोंगखापा के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए थे। त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर जोर दिया समारोह के दौरान, दलाई लामा ने लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने त्सोंगखापा के जीवन का विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि त्सोंगखापा का जन्म 1357 में त्सोंगखा में हुआ था। तीन साल की उम्र में उन्हें करमापा रोल्पाई दोर्जे ने उपासक व्रत दिया था। अपने पहले शिक्षक के निर्देश पर त्सोंगखापा 17 वर्ष की उम्र में मध्य तिब्बत गए और विभिन्न मठों में अध्ययन किया। उन्होंने बुद्धि की पूर्णता, ऊपरी और निचले अभिधर्म, विनय, प्रमाण और मध्यमा जैसे विषयों का अध्ययन किया। 31 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली महत्वपूर्ण कृति ‘गोल्डन रोज़री’ की रचना की और एक साल बाद वह एक साथ 17 पाठ पढ़ा रहे थे, जिससे उनकी विद्वता की प्रतिष्ठा स्थापित हुई। उपस्थित बौद्ध लामाओं ने प्रार्थना की कि दलाई लामा दीर्घायु हों और उनकी इच्छाएं पूरी हों। ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव त्सोंगखापा दिवस को गंडेन नगामचोए के नाम से भी जाना जाता है, लामा त्सोंगखापा के ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव है। लामा त्सोंगखापा, एक बौद्ध विद्वान और भिक्षु ने तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल की स्थापना की थी। यह दिन तिब्बती कैलेंडर के 10वें महीने के 25वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 25 दिसंबर, 2024 को पड़ा। जे त्सोंगखापा (1357-1419) गेलुग परंपरा के संस्थापक हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU
हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने ठियोग के पेयजल घोटाले में आज (बुधवार) मुख्यालय में 3 SDO, 5 JE और 3 ठेकेदारों से लंबी पूछताछ की। इन सबसे सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक लगभग साढ़े सात घंटे पूछताछ की गई। SIU ने ठेकेदारों के बैंक खातों की भी डिटेल ले ली है। अब इनके खातों से हुई ट्रांजेक्शन देखी जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि ठेकेदारों के अकाउंट से किस किस के खातों में पैसा डाला गया है। माना जा रहा है कि ठेकेदारों के खातों से अफसरों के साथ साथ कुछ नेताओं के बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुई है। SDO और JE ने टैंकर से पेयजल वितरण का जो रिकॉर्ड तैयार किया था, उसे आज SIU ने कब्जे में लिया है। हालांकि टेंडर से जुड़ा रिकॉर्ड बीते सोमवार को कब्जे में ले लिया था। इसके बाद कल फिजिकल वैरिफिकेशन शुरू करेगी। जिन गाड़ियों से पानी सप्लाई किया गया, उनकी जांच होगी। फिजिकल वैरिफिकेशन पूरी होने के बाद विजिलेंस की SIU डिजिटल वैरिफिकेशन करेगी, ताकि एक करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में साक्ष्य जुटाए जा सके। इसके बाद एफआईआर होगी। पेयजल घोटाले में 10 अफसरों को सस्पेंड कर चुकी सरकार राज्य सरकार ने बीते शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया और इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंपी। विजिलेंस ने इस मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी विजिलेंस नरवीर राठौर की अगुआई में SIU गठित की है। इन्हें किया गया सस्पेंड सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार को सस्पेंड किया है। माकपा विधायक ने लगाए थे गबन के आरोप पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ सिंघा बोले- RTI से भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। बाइक पर ढोया पानी सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शायी गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। एक महीने के भीतर ठेकेदार को पेमेंट का किया भुगतान राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
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