‘पीएचडी की थीसिस लिखने के दौरान मैं काफी डिप्रेशन में थी। 2023 में तो सुसाइड करने तक की नौबत आ गई थी। लेकिन, माता-पिता के संघर्ष और भाई-बहनों के प्यार ने हौसला दिया। करियर महत्वपूर्ण था, प्यार में धोखा खाने के बाद करियर बनाने पर ध्यान दिया, तो आज यहां तक पहुंची हूं।’ यह कहना है, नगीना से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद पर आरोप लगाने वाली रोहिणी घावरी का। सड़क से संसद तक आंदोलन करने वाले चंद्रशेखर के राजनीतिक जीवन और चरित्र पर सवाल उठाने वाली रोहिणी घावरी कौन हैं? दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने क्या दर्द बयां किया? पढ़िए हमारी खास पेशकश में… रोहिणी बताती हैं कि एक ओर पीएचडी कंप्लीट करने के लिए संघर्ष कर रही थी। दूसरी ओर, चंद्रशेखर आजाद से मानसिक तनाव मिल रहा था। उस दौरान उसने मुझे समझाया कि मेरा सांसद का चुनाव है। 4 महीने कुछ मत कीजिए। उसने मेरे माता-पिता से भी बात की। उसने कहा कि रोहिणी का गुस्सा जायज है। मैं इससे शादी भी करना चाहता था, लेकिन यह समाज स्वीकार नहीं करेगा। इस पर मैंने कहा कि समाज को देखकर मेरे साथ रिश्ते में आए थे क्या? मैं सारी चीजें कोर्ट में पेश करूंगी। …तो कोई दूसरी दलित की बेटी नहीं जाती
रोहिणी कहती हैं- अगर मैं हालात के आगे हार कर पीएचडी बीच में छोड़कर वापस चली आती, तो कोई दूसरी दलित बेटी विदेश में स्टडी के लिए नहीं जाती। मुझे एक उदाहरण सेट करना था। पीएचडी पूरी करने के बाद अक्टूबर, 2024 में इंडिया आई। एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत सम्मान किया गया। मां ने मंगलसूत्र बेचकर भरी थी फीस
रोहिणी की मां इंदौर के बीमा अस्पताल में एक सफाईकर्मी हैं। रोहिणी ने बताया कि MBA की फीस भरने के लिए मां ने अपना मंगलसूत्र बेच दिया था। मां का वह त्याग आज भी आंखें नम कर देता है। मैंने मां को बाद में ज्वैलरी खरीदकर दी। पीएचडी के लिए काफी स्ट्रगल किया
रोहिणी बताती हैं- साल-2018 से लेकर 2020 तक पीएचडी में एडमिशन के लिए काफी स्ट्रगल किया। प्रबंधकीय अनुभव ज्यादा नहीं होने की वजह से एडमिशन नहीं मिल रहा था। लेकिन, उसके बाद कोविड-19 के दौरान स्विटजरलैंड में एडमिशन मिल गया। 8 दिसंबर, 2020 को मैंने स्विटजरलैंड पहुंचकर पीएचडी की स्टडी शुरू की। फिर 2024 में पीएचडी की डिग्री मिली। आईएएस बनना चाहती थीं रोहिणी
रोहिणी ने फॉरेन ट्रेड में BBA किया है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज मार्केटिंग में MBA किया। उसी दौरान भंवर कुआं स्थित कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस एग्जाम की कोचिंग लेना शुरू की। पता चला कि मध्यप्रदेश सरकार दलित बच्चों को सिविल सर्विस की तैयारी के लिए स्कॉलरशिप दे रही है। वह पिता के साथ स्कॉलरशिप की बात करने भोपाल स्थित एक दफ्तर पहुंचीं। वहां मौजूद अफसरों ने रोहिणी की प्रोफाइल देखने के बाद बताया कि सरकार दलित बच्चों को फॉरेन स्ट्डी के लिए एक करोड़ रुपए तक की स्कॉलरशिप दे रही है। अफसर ने डॉक्यूमेंट देखने के बाद कहा कि फॉरेन स्टडी की स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करो। रोहिणी ने आवेदन किया और 2018 में स्कॉलरशिप के लिए चयन हो गया। एक साल में 3 बार यूएन में दी स्पीच
रोहिणी घावरी ने साल 2023-24 में महज एक साल के बीच 3 बार यूनाइटेड नेशन में भारत की ओर से स्पीच दी। पहली बार 16 मार्च, 2023 को यूएन में भारत के दलितों पर स्पीच दी। इसके 6 महीने बाद सितंबर, 2023 में उन्हें फिर यूएन में स्पीच देने का मौका मिला। उन्होंने भारतीय संविधान की ताकत विषय पर बात रखी। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की स्थापना हुई। 16 मार्च, 2024 में रोहिणी ने यूएन में राम मंदिर के मुद्दे पर स्पीच दी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद चंद्रशेखर ‘खामोश’, रोहिणी बोली- जान को खतरा, कई लड़कियों के साथ गलत किया, एक्शन लूंगी यूपी के बिजनौर की नगीना सीट से सांसद पर आरोपों की बौछार करने वाली रोहिणी घावरी का कहना है कि चंद्रशेखर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हूं। मैंने अपने वकीलों से बात की है, वो एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। मूलरूप से इंदौर की रहने वाली रोहिणी स्विटजरलैंड में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सांसद चंद्रशेखर पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर ‘पीएचडी की थीसिस लिखने के दौरान मैं काफी डिप्रेशन में थी। 2023 में तो सुसाइड करने तक की नौबत आ गई थी। लेकिन, माता-पिता के संघर्ष और भाई-बहनों के प्यार ने हौसला दिया। करियर महत्वपूर्ण था, प्यार में धोखा खाने के बाद करियर बनाने पर ध्यान दिया, तो आज यहां तक पहुंची हूं।’ यह कहना है, नगीना से आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद पर आरोप लगाने वाली रोहिणी घावरी का। सड़क से संसद तक आंदोलन करने वाले चंद्रशेखर के राजनीतिक जीवन और चरित्र पर सवाल उठाने वाली रोहिणी घावरी कौन हैं? दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने क्या दर्द बयां किया? पढ़िए हमारी खास पेशकश में… रोहिणी बताती हैं कि एक ओर पीएचडी कंप्लीट करने के लिए संघर्ष कर रही थी। दूसरी ओर, चंद्रशेखर आजाद से मानसिक तनाव मिल रहा था। उस दौरान उसने मुझे समझाया कि मेरा सांसद का चुनाव है। 4 महीने कुछ मत कीजिए। उसने मेरे माता-पिता से भी बात की। उसने कहा कि रोहिणी का गुस्सा जायज है। मैं इससे शादी भी करना चाहता था, लेकिन यह समाज स्वीकार नहीं करेगा। इस पर मैंने कहा कि समाज को देखकर मेरे साथ रिश्ते में आए थे क्या? मैं सारी चीजें कोर्ट में पेश करूंगी। …तो कोई दूसरी दलित की बेटी नहीं जाती
रोहिणी कहती हैं- अगर मैं हालात के आगे हार कर पीएचडी बीच में छोड़कर वापस चली आती, तो कोई दूसरी दलित बेटी विदेश में स्टडी के लिए नहीं जाती। मुझे एक उदाहरण सेट करना था। पीएचडी पूरी करने के बाद अक्टूबर, 2024 में इंडिया आई। एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत सम्मान किया गया। मां ने मंगलसूत्र बेचकर भरी थी फीस
रोहिणी की मां इंदौर के बीमा अस्पताल में एक सफाईकर्मी हैं। रोहिणी ने बताया कि MBA की फीस भरने के लिए मां ने अपना मंगलसूत्र बेच दिया था। मां का वह त्याग आज भी आंखें नम कर देता है। मैंने मां को बाद में ज्वैलरी खरीदकर दी। पीएचडी के लिए काफी स्ट्रगल किया
रोहिणी बताती हैं- साल-2018 से लेकर 2020 तक पीएचडी में एडमिशन के लिए काफी स्ट्रगल किया। प्रबंधकीय अनुभव ज्यादा नहीं होने की वजह से एडमिशन नहीं मिल रहा था। लेकिन, उसके बाद कोविड-19 के दौरान स्विटजरलैंड में एडमिशन मिल गया। 8 दिसंबर, 2020 को मैंने स्विटजरलैंड पहुंचकर पीएचडी की स्टडी शुरू की। फिर 2024 में पीएचडी की डिग्री मिली। आईएएस बनना चाहती थीं रोहिणी
रोहिणी ने फॉरेन ट्रेड में BBA किया है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज मार्केटिंग में MBA किया। उसी दौरान भंवर कुआं स्थित कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस एग्जाम की कोचिंग लेना शुरू की। पता चला कि मध्यप्रदेश सरकार दलित बच्चों को सिविल सर्विस की तैयारी के लिए स्कॉलरशिप दे रही है। वह पिता के साथ स्कॉलरशिप की बात करने भोपाल स्थित एक दफ्तर पहुंचीं। वहां मौजूद अफसरों ने रोहिणी की प्रोफाइल देखने के बाद बताया कि सरकार दलित बच्चों को फॉरेन स्ट्डी के लिए एक करोड़ रुपए तक की स्कॉलरशिप दे रही है। अफसर ने डॉक्यूमेंट देखने के बाद कहा कि फॉरेन स्टडी की स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करो। रोहिणी ने आवेदन किया और 2018 में स्कॉलरशिप के लिए चयन हो गया। एक साल में 3 बार यूएन में दी स्पीच
रोहिणी घावरी ने साल 2023-24 में महज एक साल के बीच 3 बार यूनाइटेड नेशन में भारत की ओर से स्पीच दी। पहली बार 16 मार्च, 2023 को यूएन में भारत के दलितों पर स्पीच दी। इसके 6 महीने बाद सितंबर, 2023 में उन्हें फिर यूएन में स्पीच देने का मौका मिला। उन्होंने भारतीय संविधान की ताकत विषय पर बात रखी। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की स्थापना हुई। 16 मार्च, 2024 में रोहिणी ने यूएन में राम मंदिर के मुद्दे पर स्पीच दी। ———————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद चंद्रशेखर ‘खामोश’, रोहिणी बोली- जान को खतरा, कई लड़कियों के साथ गलत किया, एक्शन लूंगी यूपी के बिजनौर की नगीना सीट से सांसद पर आरोपों की बौछार करने वाली रोहिणी घावरी का कहना है कि चंद्रशेखर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हूं। मैंने अपने वकीलों से बात की है, वो एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। मूलरूप से इंदौर की रहने वाली रोहिणी स्विटजरलैंड में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में सांसद चंद्रशेखर पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
नगीना सांसद पर आरोप लगाने वाली रोहिणी कौन?:चंद्रशेखर से मिले दर्द के बीच पूरी की पीएचडी, सुसाइड तक की नौबत थी
