‘साहब वह राक्षस है। उसके पैर में गोली क्यों मारी? सीने में गोली मारनी थी। उसने मेरी बच्ची के साथ राक्षसों जैसा सलूक किया। बेटी के पूरे शरीर को नोंचा। हर जगह चोट के निशान थे। उसके दोनों प्राइवेट पार्ट बंद हो गए थे। वह 8 दिन तक अस्पताल के बेड पर कराहती रही। फिर भी मेरी बच्ची ने हिम्मत नहीं हारी…। पूरे 8 दिन तक जिंदगी-मौत की जंग लड़ती रही। आज मेरी बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। अब आरोपी के परिवार वाले हमें धमका रहे हैं।’ यह दर्द बांदा की उस मां का है, जिसकी 3 साल की बेटी के साथ युवक ने दरिंदगी की थी। इलाज के दौरान बच्ची की कानपुर के हैलट अस्पताल में मौत हो गई। उसके प्राइवेट पार्ट पर चोट के 6 निशान थे, जबकि पूरे शरीर पर 24 घाव थे। वहीं, 12 जून को पुलिस कस्टडी से भाग रहे आरोपी को पुलिस ने पैर में गोली मारकर पकड़ा। दैनिक भास्कर की टीम बांदा जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर चिल्ला थाना क्षेत्र के उस गांव पहुंची, जहां की बच्ची रहने वाली थी। बच्ची की मां और पिता से बात की। उसके घर के हालात के बारे में जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले हम बच्ची के घर पहुंचे। यहां सन्नाटा पसरा था, 8 दिन से चूल्हा तक नहीं जला। मां अपने 11 दिन के बच्चे को गोद में लिए रो रही थी। पड़ोसी भी यही कह रहे थे कि बच्ची के साथ बहुत बुरा हुआ। बच्ची के बिना मोहल्ला अधूरा लग रहा है। अब पढ़िए मां ने जो कुछ कहा… हमने सबसे पहले मां से बातचीत की। मां कहती है- वह 4 जून की शाम 4 बजे खेलने के लिए निकली। सुनील ने उसे 5 रुपए दिए, उसके बाद से वह गायब थी। 5 बजे तक बच्ची कहीं नहीं दिखी। सूरज ढलने के बाद हम लोग बच्ची की तलाश करने लगे। तब सुनील पेटी (मछली रखने वाला थर्माकोल का डिब्बा) लेकर आया। जब मैंने पूछा कि तुमने श्री (पान मसाला) मंगाया है। इस पर उसने कहा कि हां मैंने मंगाया है। जब मैंने उससे बच्ची के बारे में पूछा, तो वह नाराज हो गया। कहने लगा कि तेरी बच्ची कहां है, मैं क्या जानूं? ज्यादा बोली, तो तुम्हें मार दूंगा। मैंने जब ध्यान से देखा, तो उसके पैंट में खून लगा था। जब मैंने उसके हाथ से पेटी छीनी, तो उसके अंदर भी खून लगा था। जब मैंने रोने लगी, तो वह मुझे हटाकर अंदर चला गया। उसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई और सुनील को पकड़ा। पुलिस वालों के ढूंढने पर 5 जून की सुबह 3 बजे बच्ची मिली। सीने में गोली मारते, पैर में क्यों मारी
मां ने कहा कि 12 जून की सुबह हमें पता चला कि पुलिस ने आरोपी सुनील को पैर में गोली मारी है। अगर उसको गोली मारना ही चाहते थे, तो सीने में मारते, पैर में क्यों मारी? मेरी मांग है कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चले। आरोपी सुनील को फांसी हो। मेरी बेटी का नेचर बहुत अच्छा था
मां कहती है- मेरी बेटी का नेचर बहुत अच्छा था। सभी से घुल-मिल जाती थी। उसकी बोली इतनी प्यारी थी कि मोहल्ले वाले भी उसके जाने के बाद से उसकी कमी महसूस कर रहे है। जिन बच्चों के साथ खेलती थी, वो उसके बारे में पूछते हैं। अब मैं उनको क्या बताऊं? हर चीज से उसका लगाव था। सुबह उठते हमसे कहती कि मुझे नहाना है। मैं उसको नहला देती, तो वह पूजा करने लगती थी। मेरे घर के बाहर देवी की मूर्ति है। वहां पर जल चढ़ाती थी। अपने बाबा के साथ मंदिर जाती थी। बच्ची के पिता ने बताया- उसके पूरे शरीर पर चोट थी
मां के बाद हमने बच्ची के पिता से बात की। वह कहते हैं- बच्ची के सिर के पीछे चोट थी, हाथ में चोट थी, गले में चोट थी, गुप्तांग में चोट थी। उसके पूरे शरीर पर चोट ही चोट थी। सरकार ने इलाज के लिए पूरा पैसा दिया है। ऑपरेशन के लिए हमने मना किया था
पिता ने बताया- डॉक्टर ने 6 तारीख को कह था कि आप बच्ची का ऑपरेशन करा लीजिए। जो मल-मूत्र का रास्ता एक हो गया था, उसकी सर्जरी करेंगे। हमने उसका ऑपरेशन नहीं कराया था, क्योंकि हमें पता था उसे बचना नहीं है। डॉक्टर भी कह रहे थे कि हमारी जिम्मेदारी नहीं है, बच्ची बचेगी भी या नहीं। अब जानिए पूरा मामला… चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 3 साल की बच्ची को 3 जून की शाम 4 बजे सुनील निषाद टॉफी का लालच देकर अपने घर ले गया था। वहां शराब पीने के बाद उसने बच्ची से हैवानियत की। इसके बाद मरणासन्न हालत में उसे मछलियों के लिए रखे जाने वाले आइस बॉक्स में ठूंस दिया। साइकिल के करियर पर लादकर 6 किलोमीटर दूर पदार्थपुर के जंगल में फेंक आया। बच्ची के घरवाले बच्ची को तलाश रहे थे। तभी शाम करीब 6 बजे सुनील घर लौटा। उसके कपड़ों पर खून लगा था। बच्ची की मां के पूछने पर बोला- मैं गिर गया था। लेकिन, उसके शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं थे। इसी बीच गांवावाले भी आ गए। संदेह हुआ तो गांववालों ने पुलिस को सूचना दी। फिर रात 9 बजे बच्ची के घरवाले थाने पहुंचे और शिकायत दी। शक के आधार पर सुनील को पकड़ा गया। लेकिन, वह बच्ची के बारे में कुछ भी नहीं बता रहा था। पुलिस जब उसके घर पहुंची, तो मछली रखने वाले आइस बॉक्स में खून और मल के निशान मिले। कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। साथ ही बच्ची की लोकेशन भी बताई। पुलिस उसे लेकर जंगल पहुंची और झाड़ियों से मासूम को बरामद किया। 4 जून की रात 2.35 बजे बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर देख तड़के 4.15 बजे मेडिकल कॉलेज और फिर 12 बजे कानपुर रेफर कर दिया गया था। एसपी बांदा पलाश बंसल ने कहा- बच्ची की मौत के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई है। आरोपी पर रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी। शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे
मासूम 7 दिन तक मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती रही। उसके सिर, चेहरे, पेट और हाथ समेत पूरे शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे। प्राइवेट पार्ट पर भी 6 चोट के निशान मिले। पहले कोमा में थी, फिर डीप कोमा में चली गई। 5 विभागों के विशेषज्ञों की टीम उसे बचाने में लगी रही। 11 जून को कार्डियक अरेस्ट के बाद उसकी सांसें थम गईं। ————————- ये खबर भी पढ़ें… कानपुर में 3 साल की रेप पीड़ित बच्ची की मौत, प्राइवेट पार्ट पर चोट के 6 निशान; बांदा में पड़ोसी ने की थी वारदात यूपी के बांदा की 3 साल की रेप पीड़िता की कानपुर में मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मासूम 7 दिन से मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती थी। मासूम के सिर, चेहरा, पेट और हाथ समेत पूरे शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे। पढ़ें पूरी खबर… ‘साहब वह राक्षस है। उसके पैर में गोली क्यों मारी? सीने में गोली मारनी थी। उसने मेरी बच्ची के साथ राक्षसों जैसा सलूक किया। बेटी के पूरे शरीर को नोंचा। हर जगह चोट के निशान थे। उसके दोनों प्राइवेट पार्ट बंद हो गए थे। वह 8 दिन तक अस्पताल के बेड पर कराहती रही। फिर भी मेरी बच्ची ने हिम्मत नहीं हारी…। पूरे 8 दिन तक जिंदगी-मौत की जंग लड़ती रही। आज मेरी बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। अब आरोपी के परिवार वाले हमें धमका रहे हैं।’ यह दर्द बांदा की उस मां का है, जिसकी 3 साल की बेटी के साथ युवक ने दरिंदगी की थी। इलाज के दौरान बच्ची की कानपुर के हैलट अस्पताल में मौत हो गई। उसके प्राइवेट पार्ट पर चोट के 6 निशान थे, जबकि पूरे शरीर पर 24 घाव थे। वहीं, 12 जून को पुलिस कस्टडी से भाग रहे आरोपी को पुलिस ने पैर में गोली मारकर पकड़ा। दैनिक भास्कर की टीम बांदा जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर चिल्ला थाना क्षेत्र के उस गांव पहुंची, जहां की बच्ची रहने वाली थी। बच्ची की मां और पिता से बात की। उसके घर के हालात के बारे में जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले हम बच्ची के घर पहुंचे। यहां सन्नाटा पसरा था, 8 दिन से चूल्हा तक नहीं जला। मां अपने 11 दिन के बच्चे को गोद में लिए रो रही थी। पड़ोसी भी यही कह रहे थे कि बच्ची के साथ बहुत बुरा हुआ। बच्ची के बिना मोहल्ला अधूरा लग रहा है। अब पढ़िए मां ने जो कुछ कहा… हमने सबसे पहले मां से बातचीत की। मां कहती है- वह 4 जून की शाम 4 बजे खेलने के लिए निकली। सुनील ने उसे 5 रुपए दिए, उसके बाद से वह गायब थी। 5 बजे तक बच्ची कहीं नहीं दिखी। सूरज ढलने के बाद हम लोग बच्ची की तलाश करने लगे। तब सुनील पेटी (मछली रखने वाला थर्माकोल का डिब्बा) लेकर आया। जब मैंने पूछा कि तुमने श्री (पान मसाला) मंगाया है। इस पर उसने कहा कि हां मैंने मंगाया है। जब मैंने उससे बच्ची के बारे में पूछा, तो वह नाराज हो गया। कहने लगा कि तेरी बच्ची कहां है, मैं क्या जानूं? ज्यादा बोली, तो तुम्हें मार दूंगा। मैंने जब ध्यान से देखा, तो उसके पैंट में खून लगा था। जब मैंने उसके हाथ से पेटी छीनी, तो उसके अंदर भी खून लगा था। जब मैंने रोने लगी, तो वह मुझे हटाकर अंदर चला गया। उसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई और सुनील को पकड़ा। पुलिस वालों के ढूंढने पर 5 जून की सुबह 3 बजे बच्ची मिली। सीने में गोली मारते, पैर में क्यों मारी
मां ने कहा कि 12 जून की सुबह हमें पता चला कि पुलिस ने आरोपी सुनील को पैर में गोली मारी है। अगर उसको गोली मारना ही चाहते थे, तो सीने में मारते, पैर में क्यों मारी? मेरी मांग है कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चले। आरोपी सुनील को फांसी हो। मेरी बेटी का नेचर बहुत अच्छा था
मां कहती है- मेरी बेटी का नेचर बहुत अच्छा था। सभी से घुल-मिल जाती थी। उसकी बोली इतनी प्यारी थी कि मोहल्ले वाले भी उसके जाने के बाद से उसकी कमी महसूस कर रहे है। जिन बच्चों के साथ खेलती थी, वो उसके बारे में पूछते हैं। अब मैं उनको क्या बताऊं? हर चीज से उसका लगाव था। सुबह उठते हमसे कहती कि मुझे नहाना है। मैं उसको नहला देती, तो वह पूजा करने लगती थी। मेरे घर के बाहर देवी की मूर्ति है। वहां पर जल चढ़ाती थी। अपने बाबा के साथ मंदिर जाती थी। बच्ची के पिता ने बताया- उसके पूरे शरीर पर चोट थी
मां के बाद हमने बच्ची के पिता से बात की। वह कहते हैं- बच्ची के सिर के पीछे चोट थी, हाथ में चोट थी, गले में चोट थी, गुप्तांग में चोट थी। उसके पूरे शरीर पर चोट ही चोट थी। सरकार ने इलाज के लिए पूरा पैसा दिया है। ऑपरेशन के लिए हमने मना किया था
पिता ने बताया- डॉक्टर ने 6 तारीख को कह था कि आप बच्ची का ऑपरेशन करा लीजिए। जो मल-मूत्र का रास्ता एक हो गया था, उसकी सर्जरी करेंगे। हमने उसका ऑपरेशन नहीं कराया था, क्योंकि हमें पता था उसे बचना नहीं है। डॉक्टर भी कह रहे थे कि हमारी जिम्मेदारी नहीं है, बच्ची बचेगी भी या नहीं। अब जानिए पूरा मामला… चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 3 साल की बच्ची को 3 जून की शाम 4 बजे सुनील निषाद टॉफी का लालच देकर अपने घर ले गया था। वहां शराब पीने के बाद उसने बच्ची से हैवानियत की। इसके बाद मरणासन्न हालत में उसे मछलियों के लिए रखे जाने वाले आइस बॉक्स में ठूंस दिया। साइकिल के करियर पर लादकर 6 किलोमीटर दूर पदार्थपुर के जंगल में फेंक आया। बच्ची के घरवाले बच्ची को तलाश रहे थे। तभी शाम करीब 6 बजे सुनील घर लौटा। उसके कपड़ों पर खून लगा था। बच्ची की मां के पूछने पर बोला- मैं गिर गया था। लेकिन, उसके शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं थे। इसी बीच गांवावाले भी आ गए। संदेह हुआ तो गांववालों ने पुलिस को सूचना दी। फिर रात 9 बजे बच्ची के घरवाले थाने पहुंचे और शिकायत दी। शक के आधार पर सुनील को पकड़ा गया। लेकिन, वह बच्ची के बारे में कुछ भी नहीं बता रहा था। पुलिस जब उसके घर पहुंची, तो मछली रखने वाले आइस बॉक्स में खून और मल के निशान मिले। कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। साथ ही बच्ची की लोकेशन भी बताई। पुलिस उसे लेकर जंगल पहुंची और झाड़ियों से मासूम को बरामद किया। 4 जून की रात 2.35 बजे बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर देख तड़के 4.15 बजे मेडिकल कॉलेज और फिर 12 बजे कानपुर रेफर कर दिया गया था। एसपी बांदा पलाश बंसल ने कहा- बच्ची की मौत के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई है। आरोपी पर रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी। शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे
मासूम 7 दिन तक मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती रही। उसके सिर, चेहरे, पेट और हाथ समेत पूरे शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे। प्राइवेट पार्ट पर भी 6 चोट के निशान मिले। पहले कोमा में थी, फिर डीप कोमा में चली गई। 5 विभागों के विशेषज्ञों की टीम उसे बचाने में लगी रही। 11 जून को कार्डियक अरेस्ट के बाद उसकी सांसें थम गईं। ————————- ये खबर भी पढ़ें… कानपुर में 3 साल की रेप पीड़ित बच्ची की मौत, प्राइवेट पार्ट पर चोट के 6 निशान; बांदा में पड़ोसी ने की थी वारदात यूपी के बांदा की 3 साल की रेप पीड़िता की कानपुर में मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मासूम 7 दिन से मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती थी। मासूम के सिर, चेहरा, पेट और हाथ समेत पूरे शरीर पर 24 से ज्यादा चोट के निशान थे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बांदा रेप, मां बोली- पैर नहीं सीने में गोली मारते:3 साल की बेटी से राक्षसों जैसा सलूक किया; पिता बोले- पूरे शरीर पर चोट थी
