भास्कर न्यूज | अमृतसर थाना कंबोह की पुलिस ने 14 वर्षीय नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करते हुए काबू किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान जुगराज सिंह निवासी नौशहरा कलां के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि 18 जून रात 9 बजे घर में खाना खाकर बातचीत कर रहे थे कि रिश्तेदार आ गए। जो उसने अपने बेटी को कोल्ड ड्रिंक लेने के लिए भेजा, लेकिन वो वापस नहीं आई। जिसको लेकर वह बेटी को ढूंढने के लिए नौशहरा कलां के आस-पास आए तो युवक उसकी बेटी से जबरन दुष्कर्म कर रहा था, जिसे काबू किया गया। उन्हांेने बताया कि आरोपी उनकी बेटी पर काफी समय से गंदी नजर रखता था और उसे तंग-परेशान करता था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है। भास्कर न्यूज | अमृतसर थाना कंबोह की पुलिस ने 14 वर्षीय नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करते हुए काबू किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान जुगराज सिंह निवासी नौशहरा कलां के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि 18 जून रात 9 बजे घर में खाना खाकर बातचीत कर रहे थे कि रिश्तेदार आ गए। जो उसने अपने बेटी को कोल्ड ड्रिंक लेने के लिए भेजा, लेकिन वो वापस नहीं आई। जिसको लेकर वह बेटी को ढूंढने के लिए नौशहरा कलां के आस-पास आए तो युवक उसकी बेटी से जबरन दुष्कर्म कर रहा था, जिसे काबू किया गया। उन्हांेने बताया कि आरोपी उनकी बेटी पर काफी समय से गंदी नजर रखता था और उसे तंग-परेशान करता था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक शुरू:मुश्किल में सुखबीर, बागी गुट की माफी पर चर्चा; खालिस्तान समर्थक आतंकियों की तस्वीरों पर भी विचार
अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक शुरू:मुश्किल में सुखबीर, बागी गुट की माफी पर चर्चा; खालिस्तान समर्थक आतंकियों की तस्वीरों पर भी विचार आज यानी सोमवार को पंजाब के अमृतसर में सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक से पहले श्री हरिमंदिर साहिब के दो नवनियुक्त ग्रंथियों का सेवा संभाल कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें श्री दमदमा साहिब में पांच प्यारों की सेवा कर रहे भाई केवल सिंह और बटाला निवासी कथावाचक भाई परविंदरपाल सिंह ग्रंथी का कार्यभार संभाला। इस दौरान पांचों तख्तों के जत्थेदार भी मौजूद रहे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक शुरू होने वाली है। जिसमें पांचों तख्तों के जत्थेदार पहुंचे हैं। इस बैठक में दो प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। जिसमें शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बागी गुट द्वारा दी गई माफी पर चर्चा होगी। इसके साथ ही गोल्डन टेंपल के म्यूजियम में खालिस्तानी आतंकियों की तस्वीरों को लगाने पर भी विचार किया जाना है। श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक से जुड़ी तस्वीरें- दरअसल बागी गुट द्वारा दी गई माफी में अध्यक्ष सुखबीर बादल को पूरी तरह निशाने पर लिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने के मुद्दे पर विचार बैठक में स्वर्ण मंदिर के संग्रहालय में खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने के मुद्दे पर विचार किया जाना है। अभी दो दिन पहले ही ज्ञानी रघबीर सिंह ने पाकिस्तान में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी और दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह के श्रद्धांजलि समारोह में स्वर्ण मंदिर परिसर में बने संग्रहालय में खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने की इच्छा जताई थी। 2023 से अभी तक मारे गए तीन आतंकियों की तस्वीरों को गोल्डन टेंपल में लगाने पर विचार चल रहा है। जिसमें पहला नाम हरदीप सिंह निज्जर का है। जिसकी 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सिर में गोली मारकर हत्या की थी। इस सूची में दूसरा नाम खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ का है। जिसकी 6 मई 2023 को लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, तीसरा नाम गजिंदर सिंह का है, जो 1981 में इंडियन एयरलाइंस के प्लेन को हाईजैक कर पाकिस्तान के लाहौर ले गया था। माफीनाम में बागी गुट का निशाना सुखबीर बादल की ओर अकाली दल का बागी गुट, जिसकी अध्यक्षता प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं, ने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब को माफीनामा सौंपा था। बागी गुट का कहना था कि वे पार्टी की तरफ से की गई गलतियों के लिए माफी मांग रहे हैं। लेकिन पूरे माफीनामे में अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल पर ही निशाना साधा गया था। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। जाने खालिस्तानी आतंकियों को, जिनकी तस्वीर अजायबघर में लगाई जानी है-

भारत और पाकिस्तान के जवानों ने बांटी मिठाइयां:बॉर्डर पर लगा बैरिकेडिंग खुला, फाजिल्का की सादकी चौकी पर दिया भाईचारे का संदेश
भारत और पाकिस्तान के जवानों ने बांटी मिठाइयां:बॉर्डर पर लगा बैरिकेडिंग खुला, फाजिल्का की सादकी चौकी पर दिया भाईचारे का संदेश गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब के फाजिल्का में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित सादकी चौकी पर दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की। इस खास मौके पर सीमा पर लगे बैरियर गेट को कुछ समय के लिए खोला गया, जहां भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स के अधिकारियों ने एक-दूसरे से मुलाकात की। BSF की 55वीं बटालियन के कमांडेंट के.एन. त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। कमांडेंट त्रिपाठी ने बताया कि यह परंपरा दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों को प्रदर्शित करती है। के.एन. त्रिपाठी ने कहा कि त्योहारों के अवसर पर दोनों देश इस तरह खुशियां साझा करते हैं। यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच सद्भावना का प्रतीक बना, जहां सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने एक-दूसरे को बधाई दी और शांति का संदेश दिया।

राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस:हाईकोर्ट से बरी हुआ था, साध्वियों की चिट्ठी के शक में डेरा मैनेजर की हत्या हुई थी
राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस:हाईकोर्ट से बरी हुआ था, साध्वियों की चिट्ठी के शक में डेरा मैनेजर की हत्या हुई थी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत हत्याकांड में नोटिस जारी किया है। डेरा मैनेजर की साल 2002 में हत्या कर दी गई थी। इस केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम और उसके साथियों को बरी कर दिया था। CJI की बैंच ने इस केस को सुनवाई के लिए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बैंच को सौंप दिया है। रणजीत की हत्या 23 साल पहले हुई थी। मामले में19 साल बाद राम रहीम और उसके साथियों को पंचकूला स्थित CBI की स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट गया, जहां से 3 साल बाद वह बरी हो गया। दरअसल 2002 में तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को एक चिट्ठी भेजी गई थी। इसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें रणजीत हत्याकांड की पूरी कहानी … 1. यौन शोषण की चिट्ठी से आहत होकर डेरा छोड़ा
रणजीत सिंह साल 2002 में डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरूक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया। उस गुमनाम चिट्ठी में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। 2. गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला इसी गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। यह चिट्ठी तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। 3. 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
रणजीत सिंह की हत्या की शुरुआती जांच पुलिस ने की थी। जांच में डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में पंजाब एंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद पंचकूला की स्पेशल CBI कोर्ट ने राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा राम रहीम पर 31 लाख, सबदिल सिंह पर डेढ़ लाख, जसबीर सिंह व कृष्ण लाल पर सवा-सवा लाख रुपए और अवतार सिंह पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद राम रहीम सजा के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया। जहां से पंचकूला की CBI कोर्ट से मिली सजा के 3 साल बाद 28 मई, 2024 को राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। 4. हाईकोर्ट ने CBI और पुलिस के जांच के तरीके पर उठाए थे सवाल
इस केस में हाईकोर्ट ने 163 पेज का फैसला दिया। जिसमें CBI और पुलिस की जांच के तरीके पर सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने कहा कि- 5. जिसने चिट्ठी छापी, उसकी भी हत्या हुई
साध्वियों के यौन शोषण को लेकर लिखी यही चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मार दी गई। पत्रकार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या का आरोप भी राम रहीम पर लगा। इस मामले में वह अभी जेल में 19 साल की कैद काट रहा है। राम रहीम के खिलाफ 2 और केस चल रहे… 1. 400 भक्तों को नपुंसक बनाने का मामला
गुरमीत राम रहीम पर 400 भक्तों को नपुंसक बनाने का भी आरोप है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 2015 में राम रहीम के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। 1 फरवरी 2018 को CBI ने राम रहीम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस केस में एमपी सिंह और पंकज गर्ग समेत दो डॉक्टरों को भी आरोपी बनाया गया है। ये मामला पंचकूला CBI कोर्ट में अंडर ट्रायल है। 2. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला
राम रहीम पर बठिंडा के गांव सलाबतपुरा स्थित डेरे में एक कार्यक्रम में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह पोशाक पहनकर नकल करने का आरोप भी है। 2007 में राम रहीम के खिलाफ सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज हुआ। 2014 में बठिंडा की एक अदालत ने बरी कर दिया था। 2015 में फिर से रिवीजन पिटीशन दायर की गई थी। केस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेंडिंग है। ************** ये खबर भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ पूरी खबर पढ़ें