सोलन जिले के नालागढ़ में तीन दिन से चल रहा हिंदू व विशेष समुदाय के बीच का विवाद चौथे दिन समाप्त हुआ। बद्दी पुलिस ने धमकी देने वाले पांच आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने बीते दिन शनिवार को रोष प्रकट करने वाले युवाओं को कानून अनुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया था। जिसके तुरंत बाद पुलिस ने दोषियों को गिरफ़्तार किया। पुलिस ने आरोपियों को SDM कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें ज़मानत पर छोड़ा दिया है। सोशल मीडिया पर की धमकी भरी पोस्ट गौरतलब रहे कि कुछ दिन पहले विशेष समुदाय से जुड़े एक युवक ने सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी थी। जिसके बाद से हिंदू संगठन के युवक एकत्रित होकर दोषियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला भी दर्ज किया था और मामले की तफ्तीश शुरू की। जबकि शुक्रवार को पुलिस थाना में भी कुछ युवकों के द्वारा धमकियां दी थी। जिसके बाद पुलिस ने तफ्तीश करते हुए धमकी देने वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज पुलिस ने संबंधित मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें अकबर उर्फ अक्कू निवासी बागवानियां, शब्बीर उर्फ सोनू निवासी मानपुरा, नसीरूदीन निवासी खेड़ा, सोनू निवासी मानपुरा व इकबाल निवासी चनाल माजरा बद्दी शामिल है। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तारी पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने बताया कि पुलिस मामले में जांच कर रही है। धमकी देने के मामले में शिकायत मिली थी, जिस पर नियमों के तहत कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया है। सोलन जिले के नालागढ़ में तीन दिन से चल रहा हिंदू व विशेष समुदाय के बीच का विवाद चौथे दिन समाप्त हुआ। बद्दी पुलिस ने धमकी देने वाले पांच आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने बीते दिन शनिवार को रोष प्रकट करने वाले युवाओं को कानून अनुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया था। जिसके तुरंत बाद पुलिस ने दोषियों को गिरफ़्तार किया। पुलिस ने आरोपियों को SDM कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें ज़मानत पर छोड़ा दिया है। सोशल मीडिया पर की धमकी भरी पोस्ट गौरतलब रहे कि कुछ दिन पहले विशेष समुदाय से जुड़े एक युवक ने सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी थी। जिसके बाद से हिंदू संगठन के युवक एकत्रित होकर दोषियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला भी दर्ज किया था और मामले की तफ्तीश शुरू की। जबकि शुक्रवार को पुलिस थाना में भी कुछ युवकों के द्वारा धमकियां दी थी। जिसके बाद पुलिस ने तफ्तीश करते हुए धमकी देने वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज पुलिस ने संबंधित मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें अकबर उर्फ अक्कू निवासी बागवानियां, शब्बीर उर्फ सोनू निवासी मानपुरा, नसीरूदीन निवासी खेड़ा, सोनू निवासी मानपुरा व इकबाल निवासी चनाल माजरा बद्दी शामिल है। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तारी पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने बताया कि पुलिस मामले में जांच कर रही है। धमकी देने के मामले में शिकायत मिली थी, जिस पर नियमों के तहत कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में फिर उठा संजौली मस्जिद मामला:कल हिंदूवादी संगठनों में किया प्रदर्शन का आह्वान; अनिरुद्ध बोले- लोग इसे सांप्रदायिक रंग देना चाह रहे हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद पर उपजा विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। हिंदूवादी संगठनों ने बुधवार 11 सितंबर को संजौली में एक बार फिर कथित अवैध निर्माण मस्जिद निर्माण को गिराने की मांग को लेकर विशाल आक्रोश रैली का आह्वान किया है। ऐसे में मामले कि संवेदनशीलता को देखते हुए मंगलवार को एक बार फिर शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने पॉइंट ऑफ ऑडर के तहत मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से शिमला का माहौल खराब है। लगातार माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। शहर में वेंडर जॉन चिह्नित करने की मांग जनारथा ने कहा कि सरकार मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए शहर में कानून व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए उचित कदम उठाए। उन्होंने सदन में मांग करते हुए कहा कि सरकार स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाकर शहर में वेंडर जॉन चिह्नित किए जाएं। विधायक हरीश जनारथा के पॉइंट ऑफ ऑर्डर पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरन्त कार्रवाई करनी चाहिए । शिमला में हालात ठीक नहीं है । जयराम ठाकुर ने कहा कि अवैध निर्माण से शुरू हुआ विवाद अब दो समुदायों के बीच का मसला बन गया है। प्रदेश सरकार को मामले में हस्तक्षेप करते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए । नेता प्रतिपक्ष ने सदन में दिया सीएम के बयान का हवाला नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा में कहा कि सीएम सुक्खू को अपने बयान पर ध्यान देना चाहिए। सीएम सुक्खू ने सत्ता में आते ही कहा कि उन्होंने 97 % हिन्दू आबादी वाली राज्य में हिंदुत्व वाली पार्टी को हराया है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि कहा कि सीएम सुक्खू को ऐसे बयान देने से बचना चाइए। लोग इसे सांप्रदायिक रंग देना चाह रहे- अनिरुद्ध
ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सदन में कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोई भी भारत का नागरिक आ सकता है और अपनी आजीविका कमा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं और इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। अनिरुद्ध ने कहा कि बाहर से चाहे कोई भी व्यक्ति आए और काम करे, लेकिन उसकी पूरी तरह से वैरिफिकेशन होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कांग्रेस सरकार की छवि को खराब करना चाहते हैं। आज ही इस पर एक्शन लिया जाए। इसमें आज ही पॉलिसी में बदलाव किया जाए, जिससे प्रदेश सरकार के प्रति गंभीरता रहे। स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए बनाएंगे सब कमेटी पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत सदन में उठे संजौली मस्जिद विबाद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का इतिहास शांतिप्रिय रहा है। किसी को भी कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ व कानून को हाथ मे लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि क़ानून को हाथ मे लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने सदन में कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी धर्मों के लोग सौहार्द पूर्ण तरीके से रहते है। इसे बनाए रखें। वहीं शिमला में बैठने स्ट्रीट वेंडर को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर पॉलसी को लेकर सब कमेटी का गठन करेगी । जो हर पहलू पर गहनता से अध्ययन करेगी।
हिमाचल विधानसभा में हंगामा:स्पीकर के विधायकों के सर कलम करने वाले बयान पर तपा सदन; वैल में नारेबाजी, 25 मिनट पहले हाउस स्थगित
हिमाचल विधानसभा में हंगामा:स्पीकर के विधायकों के सर कलम करने वाले बयान पर तपा सदन; वैल में नारेबाजी, 25 मिनट पहले हाउस स्थगित हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के पुराने बयान को लेकर बवाल मच गया। बड़सर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत मामला उठाते हुए कहा, स्पीकर साहब आपने चुनाव के दौरान कहा था कि 6 विधायकों के सर कलम कर दिए गए है। 3 के आरी के नीचे है। क्या आप अपना बयान वापस लेंगे? इस पर स्पीकर ने व्यवस्था देते हुए कहा, सदन में उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया और न देता हूं। सदन के बाहर उनका अधिकार क्षेत्र अलग है, जो कानून भी है। कानूनन दृष्टि से जो निर्णय उन्होंने दिए है। अदालत ने भी उन निर्णय को अप्रूव किया है। इसलिए ऐसा कोई विषय सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विपक्ष ने वैल में आकर की नारेबाजी स्पीकर के जवाब से असंतुष्ट विधायक सभी विधायक वैल में आ गए और नारेबाजी करते रहे। इस बीच लगभग 15 मिनट तक सदन की कार्यवाही भी चलती रही। मगर विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे के बीच स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही को लंच अवकाश तक स्थगित कर दिया। स्पीकर ने लोकसभा चुनाव के दौरान दी थी स्टेटमेंट लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी जनसभा में स्पीकर ने यह बयान दिया था। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। इससे नाराज विपक्ष ने 26 अगस्त को स्पीकर द्वारा बुलाई सर्व दलीय बैठक का भी बहिष्कार किया था। आज सदन में फिर से इस पर टकराव देखने को मिला। जाहिर है कि मानसून सत्र की शेष बैठकों में भी इसे लेकर सदन में तपिश देखने को मिल सकती है। सत्तापक्ष को संरक्षण दे रहे स्पीकर: जयराम सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में जयराम ने कहा, विधानसभा स्पीकर हर वक्त सरकार से वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष को डराकर रख रहे हैं और सत्ता पक्ष को सरंक्षण दे रहे हैं। जयराम ने कहा, विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने प्रश्न उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने जो संबोधन किया है, उस पर आपत्ति जताई है। जयराम ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। ये शब्द स्पीकर ने अपने विधायकों के लिए किए है। 27 फरवरी को शुरू हुआ था विवाद हिमाचल में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुए थे। उसमें कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इन विधायकों ने पार्टी व्हिप का भी उलंघन किया। इसके बाद इन्हें अयोग्य घोषित किया गया। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफे दिए। इसके बाद प्रदेश में पहले 6 और बाद में 3 सीटों पर उप चुनाव हुए।
कंगना रनोट की फिल्म रिलीज रोकने को HC में पिटीशन:बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों का प्रदर्शन; कल सिर कलम की धमकी मिली थी
कंगना रनोट की फिल्म रिलीज रोकने को HC में पिटीशन:बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों का प्रदर्शन; कल सिर कलम की धमकी मिली थी हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की नई फिल्म इमरजेंसी को पंजाब में रिलीज करने से रोकने की मांग की गई है। एडवोकेट इमान सिंह खारा ने पिटीशन दायर की है। इस पिटीशन में उन्होंने कहा कि कंगना ने फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किया है। इस पर 1-2 दिन में सुनवाई हो सकती है। पिटीशन दायर करने वाले इमान खारा असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के वकील हैं। वहीं, बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कंगना रनोट का पुतला जलाया। सिखों का कहना है कि फिल्म पर रोक लगाई जाए। उधर, पंचकूला में आम आदमी पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन किया। नेताओं ने कहा कि पार्टी किसानों के सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे पहले कल (26 अगस्त) कंगना को विक्की थॉमस मसीह की तरफ से सिर कलम करने की भी धमकी दी जा चुकी है। विक्की थॉमस ने धमकी देते हुए क्या कहा…
वायरल वीडियो में विक्की थॉमस धमकाते हुए कह रहा है- ”इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी दिखाया गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। जिसकी फिल्म कर रही है, उसकी क्या सेवा होगी। सतवंत सिंह व बेअंत सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने वाले) कौन थे, वे रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना। ये मैं दिल से बोल रहा हूं, क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है, वे उंगली ही झटका (काट) देते हैं हम। वो संत (जरनैल सिंह भिंडरांवाला) के लिए हम अपना सिर कटवा भी देंगे। अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं।” अपकमिंग फिल्म को लेकर विवाद में कंगना
हिमाचल की मंडी सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी ‘इमरजेंसी’ को लेकर विवादों में हैं। कंगना की यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी। इस पर सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है। सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ‘नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए।’ फिल्म के इंटरव्यू में विवादित बयान दिया
हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कांग्रेस नेता ने कंगना पर NSA लगाने की मांग की
इंटरव्यू में दिए कंगना के बयान पर पहले SGPC ने माफी मांगने के लिए कहा। इसके बाद पंजाब के कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने एक्ट्रेस पर NSA लगाने की बात कही। वेरका ने कहा, “कंगना लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन पर NSA लगाया जाए।” कंगना के बयान से पार्टी ने किनारा किया
वहीं, आज भाजपा ने कंगना रनोट के बयान से खुद को अलग कर लिया है। न्यूज एजेंसी PTI ने भाजपा की प्रेस रिलीज जारी की है। इसमें लिखा है- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वह इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। पार्टी स्टेटमेंट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलने की बात कही गई है। किसान आंदोलन में महिलाओं को 100 रुपए में आने वाली कहा
कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर एक पोस्ट पर कमेंट किया था। इसमें एक बुजुर्ग महिला की फोटो थी। एक्ट्रेस ने लिखा, ‘हाहाहा, ये वही दादी है, जिसे टाइम मैग्जीन में भारत की पावरफुल महिला होने पर फीचर किया गया था। वो 100 रुपए में उपलब्ध है। पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ने भारत के लिए इंटरनेशनल पीआर को हाईजैक कर लिया है, जो शर्मिंदगी भरा रास्ता है। हमें इंटरनेशनली बोलने के लिए अपने लोगों की जरुरत है।’ आंदोलनकारियों की तुलना ‘खालिस्तानी’ आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ CISF कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा
6 जून को कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा था। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। इसमें महिला कॉन्स्टेबल कह रही थी कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपए की खातिर लोग किसान आंदोलन में बैठ रहे हैं। जब उसने यह बयान दिया तो मेरी मां भी वहां बैठी थी। इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल सस्पेंड कर दिया गया था।