पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) परियोजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे विवादों के बाद अब समस्याओं को सुलझाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। शनिवार को अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एनएचएआई अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में अमृतसर के एसएसपी के अलावा गुरदासपुर, बठला और पठानकोट के डीएसपी अधिकारी मौजूद थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। तीनों जिलों की पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। पुलिस विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह की समन्वय बैठकें जारी रहेंगी, ताकि एनएचएआई की परियोजनाएं समय पर और जल्द से जल्द पूरी हो सकें। प्रोजेक्ट्स को लेकर चल रहा केंद्र-राज्य के बीच विवाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे हाल ही में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। परियोजना का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे संबंधित एक तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई। यहां कुछ लोगों ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के ठेकेदार के कैंप पर हमला किया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों और कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने पत्र में लिखा- मुझे पता चला है कि पंजाब में हालात खराब होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के कारण केंद्र को पहले भी पंजाब में 104 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। 3263 करोड़ की लागत उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अब भी पंजाब सरकार एनएचएआई के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य में 293 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो इस कॉरिडोर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) परियोजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे विवादों के बाद अब समस्याओं को सुलझाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। शनिवार को अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एनएचएआई अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में अमृतसर के एसएसपी के अलावा गुरदासपुर, बठला और पठानकोट के डीएसपी अधिकारी मौजूद थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। तीनों जिलों की पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। पुलिस विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह की समन्वय बैठकें जारी रहेंगी, ताकि एनएचएआई की परियोजनाएं समय पर और जल्द से जल्द पूरी हो सकें। प्रोजेक्ट्स को लेकर चल रहा केंद्र-राज्य के बीच विवाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे हाल ही में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। परियोजना का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे संबंधित एक तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई। यहां कुछ लोगों ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के ठेकेदार के कैंप पर हमला किया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों और कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने पत्र में लिखा- मुझे पता चला है कि पंजाब में हालात खराब होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के कारण केंद्र को पहले भी पंजाब में 104 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। 3263 करोड़ की लागत उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अब भी पंजाब सरकार एनएचएआई के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य में 293 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो इस कॉरिडोर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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