पं. प्रदीप मिश्रा के खिलाफ महापंचायत आज:मथुरा में धर्माचार्यों ने शास्त्रार्थ की खुली चुनौती दी; राधा रानी पर टिप्पणी को लेकर गुस्सा

पं. प्रदीप मिश्रा के खिलाफ महापंचायत आज:मथुरा में धर्माचार्यों ने शास्त्रार्थ की खुली चुनौती दी; राधा रानी पर टिप्पणी को लेकर गुस्सा

शिव पुराण कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मथुरा के बरसाना में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रजवासी आज महापंचायत करने जा रहे हैं। राधा राधी पर पं. प्रदीप के दिए बयान से धर्माचार्यों में गुस्सा है। इसमें 7 संगठन के लोग भी शामिल होंगे। ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी है। मान मंदिर के रास मंडप में होगी पंचायत
महापंचायत बरसाना में रह रहे पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर के रास मंडप में हो रही है। धर्माचार्य रमाकांत गोस्वामी ने बताया- बरसाना में आज शाम होने जा रही इस महापंचायत में श्री जी यानी राधा रानी के भक्त शामिल होंगे। इसमें मान मंदिर सेवा संस्थान, ब्रज तीर्थ देवालय न्यास, धर्म रक्षा संघ, ब्राह्मण सेवा संघ, तीर्थ पुरोहित समाज, गौ रक्षक दल, यमुना भक्तों के अलावा ब्रजवासी शामिल होंगे। धर्माचार्य आचार्य मृदुल कांत शास्त्री के अनुसार, इस पंचायत में करीब 5 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। धर्माचार्य बोले- बरसाना आकर माफी मांगें प्रदीप मिश्रा
साधु संत और धर्माचार्यों का कहना है कि प्रदीप मिश्रा अहम में हैं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति श्री राधा रानी के विवाह आदि गूढ़ तत्व के विषय में अमर्यादित टिप्पणी की है। इसके बाद भी वह अपनी गलती को मानने को तैयार नहीं हैं। प्रदीप मिश्रा बरसाना आएं और राधा रानी के चरणों में माफी मांगें। प्रदीप मिश्रा को कैसे करें दंडित, महापंचायत में लिया जाएगा निर्णय
शनिवार को मथुरा में हुई धर्म सभा में महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा- जिस प्रकार प्रदीप मिश्रा द्वारा हमारी आराध्या राधा रानी जी पर अमर्यादित टिप्पणी की गई और उसके बाद भी अपनी भूल को ना मानते हुए लगातार सनातन धर्म का अपमान किया गया। इसी को लेकर संत समाज ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली है। प्रदीप मिश्रा के किस बयान पर विवाद छिड़ा है, जानिए…
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं। प्रदीप मिश्रा बोले- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं
पं. मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा। जिस दिन आप कहो, राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उनसे मेरा बैर नहीं है। प्रेमानंद जी का प्रदीप मिश्रा को जवाब- तुझे शर्म आनी चाहिए प्रेमानंद जी महाराज ने 10 जून को प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया। कहा- लाडली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता। श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वह इस बरसाने में नहीं हैं। संतों से अभी सामना पड़ा नहीं है। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है? चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नरक में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं। प्रदीप मिश्रा की लाखों में है फैन फॉलोइंग 1980 में मध्य प्रदेश के सीहोर के चितावलिया हेमा गांव में जन्मे प्रदीप मिश्रा के बचपन का नाम रघुराम था। उनके परिवार में इस समय माता, दो भाई, पत्नी और बच्चे हैं। पंडित मिश्रा बचपन से ही भगवान की भक्ति में लीन हो गए थे। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने भजन-कीर्तन शुरू कर दिए। इसके बाद उनके अंदर उपजे आध्यात्म ने उन्हें कथावाचक बनने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उन्होंने विठलेश राय काकाजी को गुरु माना और दीक्षा लेकर पुराणों का ज्ञान हासिल किया। कहा जाता है, प्रदीप मिश्रा के पिता स्व. रामेश्वर मिश्रा कम शिक्षित होने से वह ठेला लगाकर चने बेचा करते थे। बाद में उन्होंने चाय की दुकान खोली, जिसमें प्रदीप मिश्रा उनका हाथ बटाते थे। आर्थिक तंगी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वह अपनी बहन की शादी बहुत ही मुश्किल से कर पाए थे। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने सफर की शुरुआत सीहोर के एक शिव मंदिर में कथा सुनाकर की। पहले वह शिव मंदिर की सफाई किया करते थे। पंडित प्रदीप मिश्रा लगभग हर कथा में कहते हैं- एक लोटा जल समस्या का हल। उनकी कही यही बात लोगों के मन में बैठ गई। इसके बाद लाखों लोगों ने उन्हें सुनना शुरू कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा के पढ़िए पुराने बयान… शिव पुराण कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मथुरा के बरसाना में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रजवासी आज महापंचायत करने जा रहे हैं। राधा राधी पर पं. प्रदीप के दिए बयान से धर्माचार्यों में गुस्सा है। इसमें 7 संगठन के लोग भी शामिल होंगे। ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी है। मान मंदिर के रास मंडप में होगी पंचायत
महापंचायत बरसाना में रह रहे पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर के रास मंडप में हो रही है। धर्माचार्य रमाकांत गोस्वामी ने बताया- बरसाना में आज शाम होने जा रही इस महापंचायत में श्री जी यानी राधा रानी के भक्त शामिल होंगे। इसमें मान मंदिर सेवा संस्थान, ब्रज तीर्थ देवालय न्यास, धर्म रक्षा संघ, ब्राह्मण सेवा संघ, तीर्थ पुरोहित समाज, गौ रक्षक दल, यमुना भक्तों के अलावा ब्रजवासी शामिल होंगे। धर्माचार्य आचार्य मृदुल कांत शास्त्री के अनुसार, इस पंचायत में करीब 5 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। धर्माचार्य बोले- बरसाना आकर माफी मांगें प्रदीप मिश्रा
साधु संत और धर्माचार्यों का कहना है कि प्रदीप मिश्रा अहम में हैं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति श्री राधा रानी के विवाह आदि गूढ़ तत्व के विषय में अमर्यादित टिप्पणी की है। इसके बाद भी वह अपनी गलती को मानने को तैयार नहीं हैं। प्रदीप मिश्रा बरसाना आएं और राधा रानी के चरणों में माफी मांगें। प्रदीप मिश्रा को कैसे करें दंडित, महापंचायत में लिया जाएगा निर्णय
शनिवार को मथुरा में हुई धर्म सभा में महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा- जिस प्रकार प्रदीप मिश्रा द्वारा हमारी आराध्या राधा रानी जी पर अमर्यादित टिप्पणी की गई और उसके बाद भी अपनी भूल को ना मानते हुए लगातार सनातन धर्म का अपमान किया गया। इसी को लेकर संत समाज ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली है। प्रदीप मिश्रा के किस बयान पर विवाद छिड़ा है, जानिए…
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं। प्रदीप मिश्रा बोले- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं
पं. मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा। जिस दिन आप कहो, राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उनसे मेरा बैर नहीं है। प्रेमानंद जी का प्रदीप मिश्रा को जवाब- तुझे शर्म आनी चाहिए प्रेमानंद जी महाराज ने 10 जून को प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया। कहा- लाडली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता। श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वह इस बरसाने में नहीं हैं। संतों से अभी सामना पड़ा नहीं है। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है? चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नरक में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं। प्रदीप मिश्रा की लाखों में है फैन फॉलोइंग 1980 में मध्य प्रदेश के सीहोर के चितावलिया हेमा गांव में जन्मे प्रदीप मिश्रा के बचपन का नाम रघुराम था। उनके परिवार में इस समय माता, दो भाई, पत्नी और बच्चे हैं। पंडित मिश्रा बचपन से ही भगवान की भक्ति में लीन हो गए थे। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने भजन-कीर्तन शुरू कर दिए। इसके बाद उनके अंदर उपजे आध्यात्म ने उन्हें कथावाचक बनने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उन्होंने विठलेश राय काकाजी को गुरु माना और दीक्षा लेकर पुराणों का ज्ञान हासिल किया। कहा जाता है, प्रदीप मिश्रा के पिता स्व. रामेश्वर मिश्रा कम शिक्षित होने से वह ठेला लगाकर चने बेचा करते थे। बाद में उन्होंने चाय की दुकान खोली, जिसमें प्रदीप मिश्रा उनका हाथ बटाते थे। आर्थिक तंगी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वह अपनी बहन की शादी बहुत ही मुश्किल से कर पाए थे। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने सफर की शुरुआत सीहोर के एक शिव मंदिर में कथा सुनाकर की। पहले वह शिव मंदिर की सफाई किया करते थे। पंडित प्रदीप मिश्रा लगभग हर कथा में कहते हैं- एक लोटा जल समस्या का हल। उनकी कही यही बात लोगों के मन में बैठ गई। इसके बाद लाखों लोगों ने उन्हें सुनना शुरू कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा के पढ़िए पुराने बयान…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर