पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्राइवेट मीटर रीडिंग कंपनी के सुपरवाइजर को करप्शन के मामले में बर्खास्त कर दिया है। सुपरवाइजर बालकृष्ण पर आरोप था कि वह मीटर रीडर से रिश्वत लेता था। जिसकी विभाग के पास शिकायत पहुंचने के बाद जानकारी दी गई। चीफ इंजीनियर इंद्रपाल सिंह ने बताया कि इंजीनियर गगनदीप सिंगला बठिंडा ने इस पूरे मामले की जांच की है जिसके बाद सुपरवाइजर को आरोपी पाए जाने के बाद उसे बर्खास्त किया है। बिलिंग ग्रुप के लिए 2000 रिश्वत लेता था आरोपी चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि जांच के दौरान जोगिंदर सिंह नामक मीटर रीडर ने बताया कि उनके द्वारा सिस्टम में डाटा शुरू किया जाना होता है। यह डाटा सुपरवाइजर बालकृष्ण द्वारा मुहैया करवाया जाता था। सुपरवाइजर इस डाटा डालने के लिए रिश्वत मांगता था। आरोपी एक बिलिंग ग्रुप के लिए 1500 रुपए से लेकर ₹2000 तक की रिश्वत मांगी जाती थी। दबाव बनाकर यह पैसे लिए जाते थे। बालकृष्ण ने सुपरवाइजर पद का फायदा उठाते हुए मीटर रीडर रजनीश कुमार, दीपू राम मनप्रीत सिंह, गुरशरण लखबीर सिंह और सतनाम सिंह से भी पैसों की मांग की थी। जिसकी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की गई थी। इसके बाद ही जार शुरू करते हुए आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्राइवेट मीटर रीडिंग कंपनी के सुपरवाइजर को करप्शन के मामले में बर्खास्त कर दिया है। सुपरवाइजर बालकृष्ण पर आरोप था कि वह मीटर रीडर से रिश्वत लेता था। जिसकी विभाग के पास शिकायत पहुंचने के बाद जानकारी दी गई। चीफ इंजीनियर इंद्रपाल सिंह ने बताया कि इंजीनियर गगनदीप सिंगला बठिंडा ने इस पूरे मामले की जांच की है जिसके बाद सुपरवाइजर को आरोपी पाए जाने के बाद उसे बर्खास्त किया है। बिलिंग ग्रुप के लिए 2000 रिश्वत लेता था आरोपी चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि जांच के दौरान जोगिंदर सिंह नामक मीटर रीडर ने बताया कि उनके द्वारा सिस्टम में डाटा शुरू किया जाना होता है। यह डाटा सुपरवाइजर बालकृष्ण द्वारा मुहैया करवाया जाता था। सुपरवाइजर इस डाटा डालने के लिए रिश्वत मांगता था। आरोपी एक बिलिंग ग्रुप के लिए 1500 रुपए से लेकर ₹2000 तक की रिश्वत मांगी जाती थी। दबाव बनाकर यह पैसे लिए जाते थे। बालकृष्ण ने सुपरवाइजर पद का फायदा उठाते हुए मीटर रीडर रजनीश कुमार, दीपू राम मनप्रीत सिंह, गुरशरण लखबीर सिंह और सतनाम सिंह से भी पैसों की मांग की थी। जिसकी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की गई थी। इसके बाद ही जार शुरू करते हुए आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू राजस्थान से जाएंगे राज्यसभा:पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते; पंजाब में लोकसभा चुनाव हार गए थे
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू राजस्थान से जाएंगे राज्यसभा:पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते; पंजाब में लोकसभा चुनाव हार गए थे पंजाब के भाजपा नेता केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। भाजपा उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। मंगलवार को भाजपा हाईकमान की बैठक में बिट्टू के नाम पर मुहर लगाई गई। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। इसलिए, बिट्टू कल ही नामांकन भरेंगे। इससे पहले उनके हरियाणा से चुनाव लड़ने की भी अटकलें चल रही थीं, लेकिन वहां से भाजपा ने वहां से कांग्रेस छोड़कर आईं नेता किरण चौधरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा में हार का सामना किया
लुधियाना से 2 बार सांसद रह चुके रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से 20 हजार 942 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी भाजपा ने पंजाब से किसी और को न चुनकर मोदी 3.0 सरकार में बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। इसके बाद उनका राज्यसभा में जाकर सांसद के तौर पर शपथ लेना बेहद जरूरी है। पंजाब में 2028 से पहले कोई सीट खाली नहीं
पंजाब को छोड़कर 9 राज्यों की 12 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा या राजस्थान की सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था। जबकि, राजस्थान से पूर्व भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विपक्ष नेता राजेंद्र राठौर, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका गुर्जर और पूर्व सांसद सीआर चौधरी का नाम भी शामिल था। हरियाणा में विरोध के बाद राजस्थान का रुख
राजस्थान के साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हो गई। अब इस सीट पर भी चुनाव हो रहे हैं। इस सीट के लिए पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था, लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। लुधियाना से 2 बार सांसद चुने गए
रवनीत बिट्टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से हुई। 2008 में वह पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वह आसानी से चुनाव जीत गए। पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2019 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए थे। 2027 पर नजर, बिट्टू में फ्यूचर देख रही लीडरशिप
भाजपा बेशक पंजाब में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव हैं। इसकी तैयारी पार्टी ने काफी पहले शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस के सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाने के बाद राज्यसभा भेजते हुए पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो भाजपा को पंजाब विरोधी बताते हैं। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है।
लुधियाना सिंधी बेकरी फायरिंग केस:गैंगस्टर गोपी ने बदमाशों को मोगा से दिलाए हथियार, कनाडा में बैठकर कराया हमला
लुधियाना सिंधी बेकरी फायरिंग केस:गैंगस्टर गोपी ने बदमाशों को मोगा से दिलाए हथियार, कनाडा में बैठकर कराया हमला पंजाब के लुधियाना में 28 अगस्त को राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकरी पर गोलियां चलने की घटना हुई थी। इस मामले में पुलिस ने 2 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ के दौरान बदमाशों ने कई खुलासे किए है। बदमाश 1 घंटे में दो बार हमला करने आए। पहली बार असफल रहे तो 45 मिनट के बार फिर से हमला करने के लिए आए। सिंधी बेकरी मालिक का बेटा नवीन गोलीबारी में घायल हुआ। इस केस में गैंगस्टर दविंदरपाल गोपी लाहोरिया का नाम सामने आया। बेकरी मालिक के बेटे को धमकाना चाहते थे बदमाश गोपी ने कनाडा बैठकर इस घटना को अंजाम दिलवाया। सूत्रों मुताबिक मोगा में पुलिस मुठभेड़ दौरान पकड़े गए दोनों लुटेरों ने खुलासा किया है कि वह बेकरी मालिक के बेटे को मारना नहीं चाहते थे, वह सिर्फ धमकाने के लिए आए थे। कनाडा से गोपी लाहोरिया उनके टच में था। वह उन्हें कॉल पर वारदात किस तरह से करनी है, इस संबंधी गाइड कर रहा था। गोपी लाहोरिया ने ही इन बदमाशों को मोगा से अवैध हथियार दिलवाए जो लुटेरों ने वारदात में इस्तेमाल किए है। दोनों हमलावरों पर 3-3 केस दर्ज गैंगस्टर जगमीत सिंह उर्फ मीता ने सिंधी बेकरी पर फायरिंग की थी। पुलिस को बदमाश से एक 32 बोर का पिस्टल मैगजीन सहित मिला। पिस्टल के चैबर में एक जिंदा कारतूस भी बरामद हुआ। दूसरे लुटेरे का नाम विकास कुमार उर्फ कासा निवासी पहाड़ा सिंह चौक के रूप में हुई है। दोनों बदमाशों के खिलाफ फरीदकोट और मोगा में 3-3 केस दर्ज है। प्रोडक्शन वारंट पर लाए जाएंगे बदमाश
फिलहाल अभी गैंगस्टर जगमीत सिंह फरीदकोट के अस्पताल में दाखिल है। लुधियाना पुलिस जगमीत और विकास को जल्द प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी। पता चला है कि लुटेरों की लिस्ट में कई कारोबारी और भी थे। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। दोनों बदमाशों ने 26 अगस्त को मोगा के शेख वाला चौक में नाविका ऑनलाइन सॉल्यूशन ग्राहक सेवा केन्द्र कपड़ों की दुकान के मालिक पर गोलियां चलाई थी। दोनों की आरोपियों ने 32 बोर की पिस्तौल दिखा दुकानदार से रुपयों की डिमांड की थी।
मंडी सांसद पर भड़के कांग्रेस विधायक:परगट सिंह बोले- ऐसे लोगों का समाज बायकॉट करे, कंगना जैसे लोग नफरत फैलाते हैं
मंडी सांसद पर भड़के कांग्रेस विधायक:परगट सिंह बोले- ऐसे लोगों का समाज बायकॉट करे, कंगना जैसे लोग नफरत फैलाते हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने कहा- समाज को कंगना रनोट का बायकॉट कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को तो मुंह भी नहीं लगाना चाहिए। कंगना रनोट जैसे लोग जो अपनी आस्था की परवाह किए बिना नफरत फैलाते हैं। उन्हें देश के नागरिकों को नजर अंदाज करना चाहिए। ये सारी बातें उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर की गई एक पोस्ट में कही है। बता दें कि कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी पर अभी तक कोर्ट का फैसला नहीं आया है। जिसके चलते फिल्म की रिलीज अभी बाधित हो गई है। 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी ‘इमरजेंसी’ इससे पहले कंगना के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी। लेकिन इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला। फिल्म में कंगना देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। कई सिख धार्मिक संगठनों ने इस फिल्म की आलोचना की और इसके खिलाफ प्रदर्शन किए। इन संगठनों का दावा है कि यह फिल्म सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है और गलत जानकारी फैला सकती है। इन सब वजहों से फिल्म की रिलीज टाल दी गई है। सेंसर बोर्ड ने इससे विवादित सीन हटाने का आदेश दिया है। इसे लेकर कंगना ने कहा है कि वो अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए कोर्ट में लड़ेंगी और इसे बिना किसी काट-छांट के रिलीज करेंगी, क्योंकि वे तथ्यों को बदलना नहीं चाहती हैं।