हरियाणा में मूक-बधिर खिलाड़ियों को सामान्य और पैरा एथलीट की तुलना में कम पुरस्कार राशि और नौकरी के अवसर ना मिलने का आरोप लगाते हए अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने खेल मंत्री गौरव गौतम से उनके आवास पलवल में मुलाकात की और अपनी समस्या से उन्हें अवगत कराया। खिलाड़ियों ने भेदभाव को दूर करने की मांग की। दोनों खिलाड़ी कर चुके भारत का प्रतिनिधित्व फरीदाबाद के दो प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मूक-बधिर खिलाड़ी शुभम वशिष्ठ और अमन शर्मा ने हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम से उनके पलवल स्थित आवास पर मुलाकात की। बल्लबगढ़ निवासी शुभम एक प्रतिभाशाली निशानेबाज हैं, जबकि एसजीएम नगर, फरीदाबाद के अमन शर्मा एक कुशल तैराक हैं। दोनों खिलाड़ियों ने 2022 में ब्राजील में आयोजित डेफलिम्पिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रजत और कांस्य पदक जीते जहां दोनों ने फाइनल में छठा स्थान हासिल किया। इसके अतिरिक्त, शुभम वशिष्ठ ने हाल ही में जर्मनी में आयोजित द्वितीय विश्व बधिर शूटिंग चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत और कांस्य पदक जीते। खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से मिलकर कहा कि हरियाणा की वर्तमान खेल नीति में मूक-बधिर खिलाड़ियों के साथ गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। कोई नकद पुरस्कार नहीं डेफलिम्पिक्स में पदक जीतने पर भी उन्हें सामान्य और पैरा एथलीट्स की तुलना में बहुत कम पुरस्कार राशि दी जाती है। विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप और राष्ट्रीय खेलों जैसी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर मूक-बधिर खिलाड़ियों को कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता, जबकि सामान्य और पैरा एथलीट को इन प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कार मिलता है। अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा पीछे खिलाड़ियों ने खेल मंत्री को बताया कि केंद्र सरकार और कई अन्य राज्य जैसे उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश मूक-बधिर खिलाड़ियों को सामान्य और पैरा एथलीट के बराबर सुविधाएं प्रदान करते हैं। इनमें समान पुरस्कार राशि और समान श्रेणी की सरकारी नौकरियां शामिल हैं, लेकिन हरियाणा में ऐसा नहीं है। खेल मंत्री गौरव गौतम ने खिलाड़ियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और जल्द ही अधिकारियों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। हरियाणा में मूक-बधिर खिलाड़ियों को सामान्य और पैरा एथलीट की तुलना में कम पुरस्कार राशि और नौकरी के अवसर ना मिलने का आरोप लगाते हए अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने खेल मंत्री गौरव गौतम से उनके आवास पलवल में मुलाकात की और अपनी समस्या से उन्हें अवगत कराया। खिलाड़ियों ने भेदभाव को दूर करने की मांग की। दोनों खिलाड़ी कर चुके भारत का प्रतिनिधित्व फरीदाबाद के दो प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मूक-बधिर खिलाड़ी शुभम वशिष्ठ और अमन शर्मा ने हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम से उनके पलवल स्थित आवास पर मुलाकात की। बल्लबगढ़ निवासी शुभम एक प्रतिभाशाली निशानेबाज हैं, जबकि एसजीएम नगर, फरीदाबाद के अमन शर्मा एक कुशल तैराक हैं। दोनों खिलाड़ियों ने 2022 में ब्राजील में आयोजित डेफलिम्पिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रजत और कांस्य पदक जीते जहां दोनों ने फाइनल में छठा स्थान हासिल किया। इसके अतिरिक्त, शुभम वशिष्ठ ने हाल ही में जर्मनी में आयोजित द्वितीय विश्व बधिर शूटिंग चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत और कांस्य पदक जीते। खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से मिलकर कहा कि हरियाणा की वर्तमान खेल नीति में मूक-बधिर खिलाड़ियों के साथ गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। कोई नकद पुरस्कार नहीं डेफलिम्पिक्स में पदक जीतने पर भी उन्हें सामान्य और पैरा एथलीट्स की तुलना में बहुत कम पुरस्कार राशि दी जाती है। विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप और राष्ट्रीय खेलों जैसी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर मूक-बधिर खिलाड़ियों को कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता, जबकि सामान्य और पैरा एथलीट को इन प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कार मिलता है। अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा पीछे खिलाड़ियों ने खेल मंत्री को बताया कि केंद्र सरकार और कई अन्य राज्य जैसे उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश मूक-बधिर खिलाड़ियों को सामान्य और पैरा एथलीट के बराबर सुविधाएं प्रदान करते हैं। इनमें समान पुरस्कार राशि और समान श्रेणी की सरकारी नौकरियां शामिल हैं, लेकिन हरियाणा में ऐसा नहीं है। खेल मंत्री गौरव गौतम ने खिलाड़ियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और जल्द ही अधिकारियों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा
हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के पद पर कार्यरत डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया हैं। डॉ. कृष्ण आज भारतीय जनता पार्टी जॉइन करेंगे। उनके रेवाड़ी जिले की बावल सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। यहां से मौजूदा विधायक और नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट खतरे में हैं। भाजपा ने पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया है। भाजपा की आज दूसरी सूची हो सकती है। जिसमें बावल सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा होगी। बता दें कि रेवाड़ी जिले के गांव भटेड़ा के रहने वाले डॉ. कृष्ण कुमार रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में CMO के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के रूप में थी। डॉ. कृष्ण कुमार ने मंगलवार को नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कृष्ण कुमार को बावल सीट से टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं। इस्तीफा स्वीकार होते ही डॉ. कृष्ण कुमार बीजेपी जॉइन करेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा देने की बात स्वीकार की हैं। बीजेपी जॉइन करने के सवाल पर कहा-एक बार इस्तीफा स्वीकार हो जाए उसके बाद आगे की जानकारी देंगे। बावल सीट पर अड़े हुए हैं केंद्रीय मंत्री
दरअसल, बावल सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से दबदबा रहा है। 2014 में राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही उनके खास समर्थक डॉ. बनवारी लाल को टिकट दी गई थी। बाद में राव के कोटे से उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। 2019 में दोबारा उन्हें टिकट दी गई और इस बार प्रमोशन के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
हालांकि इसी दरमियान डॉ. बनवारी लाल की नजदीकियां पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से हो गई। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा। मगर, बावल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई। डॉ. बनवारी लाल को बावल सीट पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही इस सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया। अब डॉ. कृष्ण कुमार के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।
पेरिस ओलिंपिक में आगे बढ़ा करनाल का बलराज:रोइंग में क्वार्टरफाइनल के लिए किया क्वालिफाई; परिवार में खुशी, मां बोली- गोल्ड लाएगा बेटा
पेरिस ओलिंपिक में आगे बढ़ा करनाल का बलराज:रोइंग में क्वार्टरफाइनल के लिए किया क्वालिफाई; परिवार में खुशी, मां बोली- गोल्ड लाएगा बेटा हरियाणा के करनाल के कैमला गांव के बलराज पंवार ने ओलिंपिक रोइंग में क्वार्टरफाइनल मुकाबले के लिए क्वालिफाई कर लिया है। आपको बता दें कि 27 जुलाई को हिट्स राउंड में बलराज पंवार चौथे स्थान पर रहे थे, जिसके बाद उनके पास एक रिपीचेज राउंड का मौका था और इसको उन्होंने नहीं गंवाया। आज रिपीचेज राउंड में बलराज दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने 7 मिनट 12 सेकेंड और 41 मिलीसेकेंड में अपनी रेस को पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में मुकाबले में मोनाको के खिलाड़ी ने उन्हें दो सेकेंड से मात दी, लेकिन बलराज से मेडल की उम्मीद अब भी बरकरार है। आपको बता दें कि प्रत्येक रिपीचेज में पहले 2 खिलाड़ी क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगे। शेष खिलाड़ी सेमीफाइनल ई/एफ में जाएंगे। पहले मुकाबले में चौथे स्थान पर था बलराज बलराज ने शुरुआत में तेज गति दिखाई और तीसरे स्थान पर थे, लेकिन एल्बन्ना ने जल्दी ही उन्हें पीछे छोड़ दिया। पहले 500 मीटर का चेकपॉइंट एल्बन्ना ने 1:41.94 में पार किया जबकि बलराज 1:43.53 पर थे। 1000 मीटर के निशान पर बलराज और एल्बन्ना एक दूसरे के करीब थे, जबकि मैकिन्टोश ने बड़ी बढ़त बना रखी थी। बलराज ने अंतिम 100 मीटर में भी मिस्री खिलाड़ी पर दबाव बनाए रखा, लेकिन 2000 मीटर की हीट 7:07.11 में पूरी की, जो एल्बन्ना से 2 सेकेंड पीछे थी। उम्मीद है गोल्ड मेडल आएगा: मां बलराज की मां कमला, बहन मनीषा, भाई संदीप व पत्नी सोनिया का कहना है कि हमें बलराज की मेहनत पर पूरा भरोसा है। जिस तरह से आज बलराज ने अपना प्रदर्शन दिखाया है, वह दूसरे स्थान पर रहा है और क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है। वह सेमीफाइनल में भी पहुंचेगा और फाइनल में भी। वह जीतकर देश का नाम जरूर रोशन करेगा और इसकी उम्मीदें हमें भी है और पूरे देश को भी।
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