पानीपत में अंसल बिल्डर पर 70 लाख का जुर्माना:माफी की अर्जी खारिज, गैलेक्सी कोर्ट की तिमाही रिपोर्ट अपलोड न करने पर एक्शन

पानीपत में अंसल बिल्डर पर 70 लाख का जुर्माना:माफी की अर्जी खारिज, गैलेक्सी कोर्ट की तिमाही रिपोर्ट अपलोड न करने पर एक्शन

पानीपत शहर की पॉश सोसाइटी में शुमार और विवादों से घिरी अंसल सुशांत सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। NGT के बाद अब हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (HRERA) ने अंसल बिल्डर पर सख्ती बरती है। अंसल में बनी गैलेक्सी कोर्ट की तिमाही प्रगति रिपोर्ट अपलोड नहीं करने पर हरेरा ने अंसल पर भारी भरकम 70 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। जिसको माफी की अर्जी अंसल ने हरेरा को दी। अर्जी को खारिज करते हुए मामले की अगली सुनवाई तक जुर्माना भरने के आदेश दिए गए है। कारण बताओं नोटिस भी दिया गया था
बता दें कि अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ प्राधिकरण द्वारा पंजीकृत अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट “गैलेक्सी कोर्ट” की तिमाही प्रगति रिपोर्ट अपलोड नहीं करने के लिए दर्ज की गई थी। प्रमोटर को 3 अगस्त 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 20 मार्च 2023 को प्राधिकरण के वेब पोर्टल पर तिमाही प्रगति रिपोर्ट दाखिल नहीं करने के लिए प्रतिदिन 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया। सुनवाई की अंतिम तिथि 8 जनवरी 2025 तक जुर्माना 64,14,000 रुपए हुआ। 3 फरवरी 2025 को प्रमोटर ने जबाव दिया कि उन्होंने वेब पोर्टल पर अपेक्षित क्यूपीआर अपडेट कर दिए हैं और उन पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने का अनुरोध किया है। तारीख पर नहीं पेश हुए कोई, लगा जुर्माना तारीख पर प्रमोटर कंपनी की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। इसलिए, प्राधिकरण ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला किया। प्रमोटर कंपनी के एमडी/निदेशकों में से एक को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। प्रमोटर ने 31 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन क्यूपीआर दायर किए हैं। चूंकि जून 2022 तक की तिमाही रिपोर्ट 31 जनवरी 2025 को अपलोड की गई है, इसलिए 20 मार्च 2023 से 30 जनवरी 2025 तक कुल जुर्माना 70 लाख 12 हजार रुपए बनता है। उक्त जुर्माना माफ करने के लिए प्रमोटर का अनुरोध अस्वीकार किया गया। साथ ही प्रमोटर को निर्देश दिया गया है कि वह अगली सुनवाई की तारीख से पहले उक्त कुल जुर्माना प्राधिकरण की रजिस्ट्री में जमा करा दे। नहीं तो इसे प्राधिकरण की निष्पादन शाखा के माध्यम से वसूला जाएगा। पानीपत शहर की पॉश सोसाइटी में शुमार और विवादों से घिरी अंसल सुशांत सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। NGT के बाद अब हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (HRERA) ने अंसल बिल्डर पर सख्ती बरती है। अंसल में बनी गैलेक्सी कोर्ट की तिमाही प्रगति रिपोर्ट अपलोड नहीं करने पर हरेरा ने अंसल पर भारी भरकम 70 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। जिसको माफी की अर्जी अंसल ने हरेरा को दी। अर्जी को खारिज करते हुए मामले की अगली सुनवाई तक जुर्माना भरने के आदेश दिए गए है। कारण बताओं नोटिस भी दिया गया था
बता दें कि अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ प्राधिकरण द्वारा पंजीकृत अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट “गैलेक्सी कोर्ट” की तिमाही प्रगति रिपोर्ट अपलोड नहीं करने के लिए दर्ज की गई थी। प्रमोटर को 3 अगस्त 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 20 मार्च 2023 को प्राधिकरण के वेब पोर्टल पर तिमाही प्रगति रिपोर्ट दाखिल नहीं करने के लिए प्रतिदिन 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया। सुनवाई की अंतिम तिथि 8 जनवरी 2025 तक जुर्माना 64,14,000 रुपए हुआ। 3 फरवरी 2025 को प्रमोटर ने जबाव दिया कि उन्होंने वेब पोर्टल पर अपेक्षित क्यूपीआर अपडेट कर दिए हैं और उन पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने का अनुरोध किया है। तारीख पर नहीं पेश हुए कोई, लगा जुर्माना तारीख पर प्रमोटर कंपनी की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। इसलिए, प्राधिकरण ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला किया। प्रमोटर कंपनी के एमडी/निदेशकों में से एक को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। प्रमोटर ने 31 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन क्यूपीआर दायर किए हैं। चूंकि जून 2022 तक की तिमाही रिपोर्ट 31 जनवरी 2025 को अपलोड की गई है, इसलिए 20 मार्च 2023 से 30 जनवरी 2025 तक कुल जुर्माना 70 लाख 12 हजार रुपए बनता है। उक्त जुर्माना माफ करने के लिए प्रमोटर का अनुरोध अस्वीकार किया गया। साथ ही प्रमोटर को निर्देश दिया गया है कि वह अगली सुनवाई की तारीख से पहले उक्त कुल जुर्माना प्राधिकरण की रजिस्ट्री में जमा करा दे। नहीं तो इसे प्राधिकरण की निष्पादन शाखा के माध्यम से वसूला जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर