हरियाणा में पानीपत-रोहतक नेशनल हाइवे पर गांव नौल्था के पास भीषण सड़क हादसा हो गया। जहां तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने सामने से बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक पर सवार 2 युवक नीचे गिर गए। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया। वहीं, हादसे की सूचना राहगीरों ने कंट्रोल रूम नंबर पर दी। सूचना मिलते ही एम्बुलेंस व पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों युवकों को अचेत अवस्था में सिविल अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने चैकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवाया गया है। साथ ही परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार मृतकों की पहचान सोनू और विकास के रूप में हुई है। दोनों सींक गांव के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि दोनों एक ही परिवार के थे। गांव नौल्था के पास सामने से तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हरियाणा में पानीपत-रोहतक नेशनल हाइवे पर गांव नौल्था के पास भीषण सड़क हादसा हो गया। जहां तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने सामने से बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक पर सवार 2 युवक नीचे गिर गए। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया। वहीं, हादसे की सूचना राहगीरों ने कंट्रोल रूम नंबर पर दी। सूचना मिलते ही एम्बुलेंस व पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों युवकों को अचेत अवस्था में सिविल अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने चैकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवाया गया है। साथ ही परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार मृतकों की पहचान सोनू और विकास के रूप में हुई है। दोनों सींक गांव के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि दोनों एक ही परिवार के थे। गांव नौल्था के पास सामने से तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नहर का स्लैब धंसने के बाद ग्रामीणों में डर बरकरार कुंजपुरा | तीन दिन पूर्व गांव कलवेहड़ी सुभरी के पास आवर्धन नहर के स्लैब टूटने के बाद पटरी में हुए कटाव भले ही बंद कर दिया गया। लेकिन, नहर में ज्यादा पानी आने पर दोबारा ऐसी स्थिति होने की आशंका से ग्रामीण डरे हुए हैं। उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। हालांकि डीसी उत्तम सिंह ने साफ चेतावनी दी थी कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। मामले की जांच करवा कर उचित कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। जिला प्रशासन पूरी तरह से मामले की निगरानी कर रहा है। दूसरी तरफ दो दिन पूर्व ताजेवाला हेड से यमुना में करीब 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद हरियाणा यूपी सीमा पर गांव शेरगढ़ टापू के पास हरियाणा की सीमा में बने पुल पर पानी भरने की आशंका को लेकर ग्रामीण चिंतित नजर आ रहे हैं। पूर्व सरपंच जरनैल सिंह का कहना है कि अभी तक यमुना में अधिकांश पानी उत्तर प्रदेश की दिशा में बह रहा है, लेकिन कुछ अधिक पानी छोड़ा गया तो हरियाणा की सीमा में बने पुल की ऊंचाई काफी कम होने के कारण पानी भरने पर आवागमन बंद हो जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि हरियाणा की सीमा में पुल उत्तर प्रदेश की सीमा में यमुना पर बने पुल की अपेक्षा काफी नीचे बनाया हुआ है। इस पुल को उत्तरप्रदेश की सीमा में बने पुल की तर्ज पर बनाया जाए, ताकि बारिश अधिक होने पर भी पुल पानी में न डूबे। विशेष बात है कि बीते वर्ष पुल पर पानी भरने से सप्ताह भर आवागमन बंद रहा था। जिस कारण हरियाणा व उत्तर प्रदेश के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
रेवाड़ी में भाजपा के 3 नेता कर रहे विरोध:अरविंद-सतीश और कापड़ीवास कर रहे बैठकें; BJP कैंडिडेट लक्ष्मण की राह मुश्किल
रेवाड़ी में भाजपा के 3 नेता कर रहे विरोध:अरविंद-सतीश और कापड़ीवास कर रहे बैठकें; BJP कैंडिडेट लक्ष्मण की राह मुश्किल हरियाणा के रेवाड़ी जिले में बीजेपी द्वारा टिकट वितरण के बाद टिकट से वंचित रहे दावेदारों में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा हैं। रेवाड़ी और कोसली दोनों ही सीटों पर कोई बाहरी नहीं, बल्कि बीजेपी के नेता ही प्रत्याशियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं। रेवाड़ी सीट पर 3 अहम दावेदार पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव और पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव की तिकड़ी लगातार बैठकें कर रही हैं। इन्हीं तीनों में से किसी एक नेता के नाम पर सहमति बनाकर उसे निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारा जा सकता हैं। बीजेपी के 2 नेता पीपीपी के स्टेट कोआर्डिनेटर सतीश खोला और सन्नी यादव पहले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। अगर समय रहते नाराज नेताओं को नहीं मनाया गया तो बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव की राह मुश्किल हो सकती हैं। क्योंकि कमोबेश इसी प्रकार की स्थिति पिछले चुनाव में भी बनी थी। जिसका खामियाजा बीजेपी प्रत्याशी सुनील मुसेपुर को हार कर उठाना पड़ा था। इसी तरह का माहौल इस बार भी बनाया जा रहा है। टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से नाराज 5 नेताओं में से 2 नेता सतीश खोला और सन्नी यादव भले ही अलग राह पर चल रहे हैं। लेकिन आपस में बैठक करने में जुटे सतीश यादव, डॉ. अरविंद यादव और रणधीर सिंह कापड़ीवास इनके साथ भी बैठक कर एक सामूहिक रूप से निर्दलीय प्रत्याशी पर सहमति बनाकर उसे कैंडिडेट बना सकते हैं। दिनभर चला बैठकों का दौर गुरुवार को टिकट वितरण के बाद दिनभर नाराज नेताओं के बीच बैठकों का दौर चला। पहले सतीश यादव और रणधीर सिंह कापड़ीवास के बीच बैठक हुई। इसके बाद दोनों नेता सेक्टर-3 स्थित डॉ. अरविंद यादव की कोठी पर पहुंचे। यहां तीनों ही नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। हालांकि बैठक के दौरान किसके नाम पर सहमति बनी, अभी ये क्लियर नहीं हो पाया है। लक्ष्मण सिंह यादव का जबरदस्त अंदरुनी विरोध किया जा रहा है। खासकर रणधीर सिंह कापड़ीवास और सतीश यादव दोनों का रेवाड़ी सीट पर खुद का वोट बैंक हैं। पिछले चुनाव में भी बतौर निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर रणधीर सिंह कापड़ीवास 36 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे थे। जिसकी वजह से बीजेपी प्रत्याशी सुनील मुसेपुर मामूली अंतर से कांग्रेस कैंडिडेट चिरंजीव राव से चुनाव हार गए थे। अनिल डहीना के लिए भी कई चुनौतियां रेवाड़ी सीट की तरह कोसली सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अनिल डहीना के लिए कई चुनौतियां हैं। कोसली सीट रामपुरा हाउस की पैतृक सीट हैं। अनिल को टिकट भी राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर मिली है। अनिल डहीना का इस सीट पर खुद का कोई प्रभाव नहीं है। उसकी जीत का दारोमदार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर ही टिका हुआ हैं। अनिल एक बार जिला पार्षद हैं। जबकि 2022 में जिला पार्षद का चुनाव भी हार गए थे। अनिल के कोसली से कैंडिडेट बनाए जाने से पुराने भाजपाई नाराज हैं। उन्होंने टिकट बदलवाने के लिए दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है। अगर समय रहते बागी रुख अपना रहे इन नेताओं को नहीं मनाया गया तो इस सीट पर भी भीतरघात की पूरी संभावना हैं।
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फतेहाबाद में अवैध कब्जा हटाने गई टीम पर पथराव:गाड़ी के शीशे तोड़े, JCB के आगे लेटे लोग; अधिकारी 15 दिन का समय देकर लौटे हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में शनिवार को जमकर बवाल हुआ है। प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे को छुड़वाने पहुंची। यहां कच्चे मकान बनाकर रह रहे परिवार इसके विरोध में उतर आए। लोग जेसीबी के आगे लेट गए और लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। एक गाड़ी के शीशे भी टूट गए। लोग नहीं रुके तो पुलिस ने 10-12 लोगों को हिरासत में ले लिया। पथराव में कुछ व्यक्ति व पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। बाद में डीएसपी संजय बिश्नोई मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें 15 दिन का समय देने और दूसरी जगह अलॉट करने की मांग रखी। जिस पर डीएसपी ने प्रशासन तक यह मांग पहुंचने का आश्वासन दिया तो विरोध समाप्त हुआ। फिलहाल कब्जा हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। जानकारी के अनुसार अग्रवाल धर्मशाला के सामने 3 कनाल 3 मरले नगरपालिका की जमीन पर वर्षों पर पहले कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले परिवार आकर रहने लगे। अब यहां पर कच्चे मकान बन गए। 2014 में हुड्डा सरकार के दौरान यह जमीन सरकार द्वारा अरोड़वंश समाज को अलॉट कर दी गई तो समाज की सभा ने कलेक्टर रेट भी भर दिया था। जिसके बाद अब नगर पालिका को यह जमीन खाली करवानी थी। शनिवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अशोक कुमार, सिटी एसएचओ जय सिंह, सदर एसएचओ ओमप्रकाश, नगरपालिका सचिव संदीप कुमार, एमई सुनील लांबा की टीम पुलिस फोर्स व जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं उनके कच्चे मकान न तोड़ने की गुहार लगाने लगी। प्रशासनिक टीमें आगे बढ़ी तो लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस बल कार्रवाई को आगे आया। बताया जा रहा है कि एक दो महिलाओं को हलकी चोटें लगी तो वहीं दो-तीन पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें लगी हैं। एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके बाद लोग जेसीबी के आगे लेट कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद डीएसपी संजय बिश्नोई वहां आए और उन्होंने लोगों से बात कर उन्हें समझाया। लोगों ने फिलहाल 15 दिन का समय और उन्हें कहीं ओर जमीन अलॉट करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार वर्षों से यहां काबिज हैं, उनकी आय के साधन भी नहीं है, इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए, उन्हें यह जमीन दी जाए या फिर कहीं ओर जमीन रहने को दी जाए। फिलहाल आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ है।