पानीपत शहर में मंदिरों से जबरन श्री गुरु ग्रंथ साहिब उठाने का मामला सामने आया है। मंदिरों में सिखों का ग्रुप आया और सरेआम ग्रंथ साहिब उठाकर ले गए। उनका विरोध किया, तो उन्होंने तलवारें लहराई। इतना ही नहीं, मंदिरों के सेवादारों ने उन्हें रोकने और पूछताछ करने की कोशिश की तो उन्होंने धक्का-मुक्की की और वहां से निकल गए। इससे लोगों में रोष बन गया। शहर की हरिबाग कॉलोनी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर और सेठी चौक स्थित मंदिर में यह वाक्या घटा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दलबल मौके पर पहुंचा। डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को वहां से स्थानीय पुलिस थाना बुलाया गया। जहां दोनों पक्षों की पुलिस सुनवाई कर रही है। हॉल बुकिंग के बहाने आया था निहंगों का जत्था जानकारी देते हुए लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी नीरज ने बताया कि पिछले 60 सालों से मंदिर है। मंदिर में ऊपर की ओर दरबार साहिब थे। दोपहर को अचानक निहंगों का एक बड़ा जत्था मंदिर परिसर में आया। जिनसे पूछा गया कि क्यों आएं है, तो उन्होंने कहा कि हॉल बुकिंग करवाने के लिए आए हैं। इसके बाद वे ऊपर की ओर जाने लगे। जिस पर पूछा, तो उन्होंने कहा कि एक बार चेक करना है। वे ऊपर जाकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब को सिर पर रखकर नीचे ले आए। उनका विरोध किया, तो उन्होंने जोर जबरदस्ती शुरू कर दी। जब उनका रास्ता रोकने की कोशिश की गई, तो उन्होंने तलवारें निकाल ली। वे तलवार लहराने लगे और धक्का मुक्की लगने लगे। इसके बाद वे वहां से चले गए। पानीपत शहर में मंदिरों से जबरन श्री गुरु ग्रंथ साहिब उठाने का मामला सामने आया है। मंदिरों में सिखों का ग्रुप आया और सरेआम ग्रंथ साहिब उठाकर ले गए। उनका विरोध किया, तो उन्होंने तलवारें लहराई। इतना ही नहीं, मंदिरों के सेवादारों ने उन्हें रोकने और पूछताछ करने की कोशिश की तो उन्होंने धक्का-मुक्की की और वहां से निकल गए। इससे लोगों में रोष बन गया। शहर की हरिबाग कॉलोनी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर और सेठी चौक स्थित मंदिर में यह वाक्या घटा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दलबल मौके पर पहुंचा। डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को वहां से स्थानीय पुलिस थाना बुलाया गया। जहां दोनों पक्षों की पुलिस सुनवाई कर रही है। हॉल बुकिंग के बहाने आया था निहंगों का जत्था जानकारी देते हुए लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी नीरज ने बताया कि पिछले 60 सालों से मंदिर है। मंदिर में ऊपर की ओर दरबार साहिब थे। दोपहर को अचानक निहंगों का एक बड़ा जत्था मंदिर परिसर में आया। जिनसे पूछा गया कि क्यों आएं है, तो उन्होंने कहा कि हॉल बुकिंग करवाने के लिए आए हैं। इसके बाद वे ऊपर की ओर जाने लगे। जिस पर पूछा, तो उन्होंने कहा कि एक बार चेक करना है। वे ऊपर जाकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब को सिर पर रखकर नीचे ले आए। उनका विरोध किया, तो उन्होंने जोर जबरदस्ती शुरू कर दी। जब उनका रास्ता रोकने की कोशिश की गई, तो उन्होंने तलवारें निकाल ली। वे तलवार लहराने लगे और धक्का मुक्की लगने लगे। इसके बाद वे वहां से चले गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
