हरियाणा के पानीपत जिले के गांव जालपाड़ में युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर ही सल्फास निगल लिया। जिससे युवक की हालत खराब हो गई। तुरंत ही परिवार वाले उसे एक निजी अस्पताल ले गए। जहां से डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। दूसरे निजी अस्पताल में इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। इसके बाद शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चैकअप के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवाया गया। जहां परिजनों के बयानों के आधार पर इत्फ़ाकिया कार्रवाई करते हुए पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। 9 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर था जानकारी देते हुए शातिर ने बताया कि मृतक उसका 19 साल का भाई आमिर था। वह पेंट का काम करता था। पिछले 4 दिन से वह काम पर नहीं जा रहा था। जिससे परिजनों ने न जाने का कारण भी पूछा। साथ ही उसे काम पर जाने को कहा भी था। लेकिन उसने न ही कारण बताया और न ही वह काम पर गया। बुधवार शाम को उसने घर पर ही सल्फास की गोलियां खा ली। तुरंत ही गंभीर हालत में उसे देख लिया गया। इसके बाद बाइक पर बैठाकर एक निजी अस्पताल ले जाया गया। दूसरे निजी अस्पताल में उसकी हालत में कुछ सुधार जरूर हुआ। लेकिन, फिर अचानक और तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई। वह 9 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर था। हरियाणा के पानीपत जिले के गांव जालपाड़ में युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर ही सल्फास निगल लिया। जिससे युवक की हालत खराब हो गई। तुरंत ही परिवार वाले उसे एक निजी अस्पताल ले गए। जहां से डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। दूसरे निजी अस्पताल में इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। इसके बाद शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चैकअप के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवाया गया। जहां परिजनों के बयानों के आधार पर इत्फ़ाकिया कार्रवाई करते हुए पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। 9 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर था जानकारी देते हुए शातिर ने बताया कि मृतक उसका 19 साल का भाई आमिर था। वह पेंट का काम करता था। पिछले 4 दिन से वह काम पर नहीं जा रहा था। जिससे परिजनों ने न जाने का कारण भी पूछा। साथ ही उसे काम पर जाने को कहा भी था। लेकिन उसने न ही कारण बताया और न ही वह काम पर गया। बुधवार शाम को उसने घर पर ही सल्फास की गोलियां खा ली। तुरंत ही गंभीर हालत में उसे देख लिया गया। इसके बाद बाइक पर बैठाकर एक निजी अस्पताल ले जाया गया। दूसरे निजी अस्पताल में उसकी हालत में कुछ सुधार जरूर हुआ। लेकिन, फिर अचानक और तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई। वह 9 भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कल से होगी मानसून की वापसी:अधिकांश जिलों में हैवी रेन का अलर्ट; 24 घंटे में 3 जिलों में बारिश, गिरा पारा
हरियाणा में कल से होगी मानसून की वापसी:अधिकांश जिलों में हैवी रेन का अलर्ट; 24 घंटे में 3 जिलों में बारिश, गिरा पारा हरियाणा में बुधवार से फिर मानसून की वापसी होगी। इससे पहले 6 अगस्त की शाम से ही मौसम बदल जाएगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने हरियाणा के अधिकांश जिलों में अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों ने इस दौरान हैवी रेन के आसार जताए हैं। 24 घंटे में सूबे के तीन जिले गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और पंचकूला में बादल छाए रहे, यहां 1 से 0.5 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच दिन के अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि इस बार मानसून प्रदेश से रुठा हुआ है। यही कारण है कि 1 जून से अब तक मात्र 165.0 एमएम बारिश ही दर्ज की गई। जबकि सामान्य तौर पर प्रदेश में 217.0 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। इसलिए बन रहे बारिश के आसार पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसून सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके प्रभाव से 6 से 9 अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण 4 से 6 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 5 सालों में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार जुलाई में 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
नारनौल, बावल, कोसली, पटौदी ऐसी सीट हैं, जहां पर मौजूदा विधायकों की टिकट कटना लगभग तय ही माना जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की इन चारों ही सीटों पर खास रुचि है। पिछले दिनों गुरुग्राम में हुई BJP की मीटिंग में 90 सीटों के कैंडिडेट को लेकर लंबी चर्चा हुई थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों का पैनल में नाम ही नहीं होने से नाराज हो गए थे। जिसके बाद पूरे मामले में शीर्ष नेतृत्व ने हस्ताक्षेप किया। वीटो का इस्तेमाल कर पैनल में शामिल कराए नाम
राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर न केवल अपने समर्थित नेताओं के नाम पैनल में शामिल कराए बल्कि एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। BJP की तरफ से हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं। इनमें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के कुछ कैंडिडेट भी शामिल हैं। हालांकि उम्मीदवारों की लिस्ट को अमित शाह की रैली के चलते रोका गया है। बादशाहपुर में सुधा टॉप पर
गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
पूर्व गृह मंत्री का सोशल मीडिया पर ट्वीट:अनिल विज बोलें डूबेगी कश्ती तो डूबेंगे सारे, ना तुम ही बचोगे ना तुम्हारे साथी
पूर्व गृह मंत्री का सोशल मीडिया पर ट्वीट:अनिल विज बोलें डूबेगी कश्ती तो डूबेंगे सारे, ना तुम ही बचोगे ना तुम्हारे साथी हरियाणा के पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट कर लिखा कि डूबेगी कश्ती तो डूबेंगे सारे, ना तुम ही बचोगे ना तुम्हारे साथी। अनिल विज ने किसको लेकर ये तंज कसा है, ये तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राहुल गांधी पर भी बोला था हमला बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस की जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर संसद के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी हमला किया था। अनिल विज ने लिखा था कि राहुल गांधी जातिगत जनगणना करवाने की बात कर रहे हो, मैं पूछना चाहता हूं कि जो क्रास ब्रीड हो यानी जिसका दादा पारसी हो और मां इटालियन हो तो उसको किस जाति में लिखा जाएगा।