‘मेरे पापा पुलिस में हैं। वो IAS-IPS अफसरों के पास जाते रहते थे। उनके साथ मैंने अफसरों की हनक देखी। फिर ठान लिया था कि मुझे भी IAS बनना है। डॉक्टर, इंजीनियर कुछ नहीं, टास्क बिल्कुल क्लियर था।’ यह कहना है शक्ति दुबे का, जिन्होंने UPSC में ऑल इंडिया टॉप किया। वह 23 अप्रैल को दिल्ली से प्रयागराज अपने घर पहुंची। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा- पहली बार तो यह लगा कि रिजल्ट की लिस्ट फेक है। यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आई है। UPSC में इंटरव्यू के सवालों पर उन्होंने कहा- मैं रहने वाली प्रयागराज की हूं, पिता पुलिस में हैं। इसलिए सवाल इन्हीं के इर्द-गिर्द पूछे गए। कुंभ, महाकुंभ से लेकर प्रशासकीय सेवाओं का स्ट्रक्चर पूछा गया। दिल्ली में रहकर मेरी तैयारी काम आई। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : कब पता चला कि UPSC की टॉपर हैं?
जवाब : देखिए, ये तो मुझे पता था कि 22 अप्रैल को रिजल्ट आ रहा है। बेसब्री से इंतजार था, लेकिन डर भी था। पहले सोचा कि मोबाइल ऑफ करके सो जाऊं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पा रहा था। UPSC की साइट पर PDF अपलोड हुआ, तो लगा कि कहीं फेक लिस्ट तो नहीं है। इसमें मेरा नाम सबसे टॉप पर था। लेकिन, तभी मेरे इंस्टीट्यूट से कॉल आया कि यह लिस्ट सही है, तब विश्वास हुआ। सवाल : सिलेक्ट होने के बाद सबसे पहले क्या किया?
जवाब : मैंने पापा को कॉल किया। कहा कि आपका सपना पूरा हुआ। मैं सिलेक्ट हो गई हूं। सवाल : इंटरव्यू के बाद सिलेक्शन को लेकर कितना आश्वस्त थीं?
जवाब : देखिए, एग्जाम और इंटरव्यू अच्छे हुए थे। लेकिन लिस्ट में मेरा नाम होगा, मुझे तो इसका ही डर बना हुआ था। सवाल : आप कितने घंटे पढ़ाई करती थीं? कोई खास स्ट्रैटजी थी?
जवाब : मैंने कभी घड़ी में टाइम देखकर पढ़ाई नहीं की। कभी 6 घंटे, तो कभी 8 घंटे पढ़ाई करती रही। स्ट्रैटजी सिर्फ यही थी कि स्टडी को पूरे फोकस से करो। सवाल : इंटरव्यू में कोई ऐसा सवाल, जिसने उलझा दिया हो?
जवाब : देखिए, मेरी जन्मभूमि प्रयागराज है। इसलिए इंटरव्यू में प्रयागराज से जुड़े सवाल पूछे गए थे। कुंभ या महाकुंभ के बारे में पूछा गया। मेरे पापा पुलिस में हैं, इसलिए पुलिस विभाग से जुड़े सवाल भी पूछे गए। इंटरव्यू बहुत बैलेंस रहा था। मुझसे भारत-चीन और भारत-नेपाल संबंधों पर प्रश्न पूछे गए। मेरी रुचियों और करंट अफेयर्स से जुड़े कई सवाल पूछे गए। मैं सवालों का जवाब भी अच्छे तरीके से दे पाई थी। ऐसा कोई सवाल नहीं था, जिस पर मुझे लगा हो कि ये उलझ रहा है। बहुत क्लियर इंटरव्यू था। सवाल : UPSC में असफल होने वालों और तैयारी करने वालों को क्या संदेश देंगी?
जवाब : हर स्टूडेंट्स अपनी तरफ से पूरी तैयारी करता है, लेकिन कुछ कमियां रह जाती हैं। इससे हम चूक जाते हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि हम कर नहीं सकते। हमें उन्हीं गलतियों को खोजना होगा, जहां हम चूक गए। तैयारी करते समय यह जरूर ध्यान रखना होगा कि UPSC सिर्फ एक एग्जाम है। इसके लिए तनाव लेकर नहीं पढ़ना है। सवाल : 5वें अटेंप्ट में आपको सफलता मिली और टॉपर बनीं, फेल्योर को कैसे फेस किया?
जवाब : अगर आपको अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि हमसे जो गलतियां हुईं, उन्हें सुधारा जा सकता है। पेरेंट्स का सपोर्ट और सेल्फ कांफिडेंस हो, तो सफलता एक न एक दिन जरूर मिलती है। सवाल : कैसे मन में आया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी चाहिए?
जवाब : इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट रही हूं। रिसर्च की तरफ जाने का मन था, पीएचडी करना चाहती थी। लेकिन, एक फैक्टर बचपन से जुड़ा था। मेरे पापा पुलिस में हैं। उनका IPS और IAS के ऑफिसों में आना-जाना रहता था। वो यही चाहते थे कि बच्चे भी ऐसे ही अफसर बनें। अब घर का सीन समझिए… कलेक्टर बेटी को देख मां रो पड़ीं
शक्ति जब प्रयागराज के अपने घर पहुंचीं, मां प्रेमावती दुबे आरती उतारने के लिए गेट पर खड़ी थीं। सगे-संबंधी पहले से मौजूद थे। कलेक्टर बनकर जब बेटी पहली बार घर पर पहुंची, तो मां ने आरती उतारी। अपने हाथों से मिठाई खिलाई। ऐसे समय में मां की आंखों से आंसू निकल आए। शायद कभी उन्होंने भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी टॉप करके कलेक्टर बनेगी। शक्ति 4 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। बड़ी बहन प्रगति भी UPSC की तैयारी कर रही हैं। छोटी बहन क्षमा भी पढ़ाई कर रही हैं। इकलौता भाई आशुतोष दुबे HCL कंपनी में जॉब करता है। पिता बोले- UPSC टॉपर बनेगी, यह नहीं सोचा था
शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र दुबे ने दैनिक भास्कर से बताया- बेटी शुरू से ही पढ़ाई में बहुत तेज रही है। वह घूरपुर के एसएमसी स्कूल में पढ़ी है। हर परीक्षा में टॉप किया। इतना तो मुझे विश्वास था कि वह एक दिन जरूर कुछ बनेगी लेकिन यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि मेरी UPSC की टॉपर बन जाएगी। यह सब भगवान महादेव की कृपा है। मैं पुलिस में हूं, इसलिए नौकरी के लिए ज्यादातर समय बाहर ही बीतता है। यही कारण रहा है कि मैं बेटी की पढ़ाई के लिए खुद समय नहीं दे पाता था। —————————- यह खबर भी पढ़ें : वो मेरी जिद्दी बेटी, जो ठान लेती है करती है, IAS टॉपर शक्ति दुबे के पिता बोले- हमने सिर्फ सपोर्ट किया, मेहनत उसने की ‘ये मेरी कई साल की मेहनत है। मुझे थोड़ी देर के लिए विश्वास नहीं हो रहा था। पिछले साल साक्षात्कार के बाद मैं कट ऑफ से 12 अंक से चूक गई थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रैंक 1 आएगी। परिणाम आने के बाद सबसे पहले मैंने पापा और मां को फोन किया। यह मेरा 5वां प्रयास था।’ पढ़िए पूरी खबर… ‘मेरे पापा पुलिस में हैं। वो IAS-IPS अफसरों के पास जाते रहते थे। उनके साथ मैंने अफसरों की हनक देखी। फिर ठान लिया था कि मुझे भी IAS बनना है। डॉक्टर, इंजीनियर कुछ नहीं, टास्क बिल्कुल क्लियर था।’ यह कहना है शक्ति दुबे का, जिन्होंने UPSC में ऑल इंडिया टॉप किया। वह 23 अप्रैल को दिल्ली से प्रयागराज अपने घर पहुंची। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा- पहली बार तो यह लगा कि रिजल्ट की लिस्ट फेक है। यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आई है। UPSC में इंटरव्यू के सवालों पर उन्होंने कहा- मैं रहने वाली प्रयागराज की हूं, पिता पुलिस में हैं। इसलिए सवाल इन्हीं के इर्द-गिर्द पूछे गए। कुंभ, महाकुंभ से लेकर प्रशासकीय सेवाओं का स्ट्रक्चर पूछा गया। दिल्ली में रहकर मेरी तैयारी काम आई। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : कब पता चला कि UPSC की टॉपर हैं?
जवाब : देखिए, ये तो मुझे पता था कि 22 अप्रैल को रिजल्ट आ रहा है। बेसब्री से इंतजार था, लेकिन डर भी था। पहले सोचा कि मोबाइल ऑफ करके सो जाऊं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पा रहा था। UPSC की साइट पर PDF अपलोड हुआ, तो लगा कि कहीं फेक लिस्ट तो नहीं है। इसमें मेरा नाम सबसे टॉप पर था। लेकिन, तभी मेरे इंस्टीट्यूट से कॉल आया कि यह लिस्ट सही है, तब विश्वास हुआ। सवाल : सिलेक्ट होने के बाद सबसे पहले क्या किया?
जवाब : मैंने पापा को कॉल किया। कहा कि आपका सपना पूरा हुआ। मैं सिलेक्ट हो गई हूं। सवाल : इंटरव्यू के बाद सिलेक्शन को लेकर कितना आश्वस्त थीं?
जवाब : देखिए, एग्जाम और इंटरव्यू अच्छे हुए थे। लेकिन लिस्ट में मेरा नाम होगा, मुझे तो इसका ही डर बना हुआ था। सवाल : आप कितने घंटे पढ़ाई करती थीं? कोई खास स्ट्रैटजी थी?
जवाब : मैंने कभी घड़ी में टाइम देखकर पढ़ाई नहीं की। कभी 6 घंटे, तो कभी 8 घंटे पढ़ाई करती रही। स्ट्रैटजी सिर्फ यही थी कि स्टडी को पूरे फोकस से करो। सवाल : इंटरव्यू में कोई ऐसा सवाल, जिसने उलझा दिया हो?
जवाब : देखिए, मेरी जन्मभूमि प्रयागराज है। इसलिए इंटरव्यू में प्रयागराज से जुड़े सवाल पूछे गए थे। कुंभ या महाकुंभ के बारे में पूछा गया। मेरे पापा पुलिस में हैं, इसलिए पुलिस विभाग से जुड़े सवाल भी पूछे गए। इंटरव्यू बहुत बैलेंस रहा था। मुझसे भारत-चीन और भारत-नेपाल संबंधों पर प्रश्न पूछे गए। मेरी रुचियों और करंट अफेयर्स से जुड़े कई सवाल पूछे गए। मैं सवालों का जवाब भी अच्छे तरीके से दे पाई थी। ऐसा कोई सवाल नहीं था, जिस पर मुझे लगा हो कि ये उलझ रहा है। बहुत क्लियर इंटरव्यू था। सवाल : UPSC में असफल होने वालों और तैयारी करने वालों को क्या संदेश देंगी?
जवाब : हर स्टूडेंट्स अपनी तरफ से पूरी तैयारी करता है, लेकिन कुछ कमियां रह जाती हैं। इससे हम चूक जाते हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि हम कर नहीं सकते। हमें उन्हीं गलतियों को खोजना होगा, जहां हम चूक गए। तैयारी करते समय यह जरूर ध्यान रखना होगा कि UPSC सिर्फ एक एग्जाम है। इसके लिए तनाव लेकर नहीं पढ़ना है। सवाल : 5वें अटेंप्ट में आपको सफलता मिली और टॉपर बनीं, फेल्योर को कैसे फेस किया?
जवाब : अगर आपको अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि हमसे जो गलतियां हुईं, उन्हें सुधारा जा सकता है। पेरेंट्स का सपोर्ट और सेल्फ कांफिडेंस हो, तो सफलता एक न एक दिन जरूर मिलती है। सवाल : कैसे मन में आया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी चाहिए?
जवाब : इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट रही हूं। रिसर्च की तरफ जाने का मन था, पीएचडी करना चाहती थी। लेकिन, एक फैक्टर बचपन से जुड़ा था। मेरे पापा पुलिस में हैं। उनका IPS और IAS के ऑफिसों में आना-जाना रहता था। वो यही चाहते थे कि बच्चे भी ऐसे ही अफसर बनें। अब घर का सीन समझिए… कलेक्टर बेटी को देख मां रो पड़ीं
शक्ति जब प्रयागराज के अपने घर पहुंचीं, मां प्रेमावती दुबे आरती उतारने के लिए गेट पर खड़ी थीं। सगे-संबंधी पहले से मौजूद थे। कलेक्टर बनकर जब बेटी पहली बार घर पर पहुंची, तो मां ने आरती उतारी। अपने हाथों से मिठाई खिलाई। ऐसे समय में मां की आंखों से आंसू निकल आए। शायद कभी उन्होंने भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी टॉप करके कलेक्टर बनेगी। शक्ति 4 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। बड़ी बहन प्रगति भी UPSC की तैयारी कर रही हैं। छोटी बहन क्षमा भी पढ़ाई कर रही हैं। इकलौता भाई आशुतोष दुबे HCL कंपनी में जॉब करता है। पिता बोले- UPSC टॉपर बनेगी, यह नहीं सोचा था
शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र दुबे ने दैनिक भास्कर से बताया- बेटी शुरू से ही पढ़ाई में बहुत तेज रही है। वह घूरपुर के एसएमसी स्कूल में पढ़ी है। हर परीक्षा में टॉप किया। इतना तो मुझे विश्वास था कि वह एक दिन जरूर कुछ बनेगी लेकिन यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि मेरी UPSC की टॉपर बन जाएगी। यह सब भगवान महादेव की कृपा है। मैं पुलिस में हूं, इसलिए नौकरी के लिए ज्यादातर समय बाहर ही बीतता है। यही कारण रहा है कि मैं बेटी की पढ़ाई के लिए खुद समय नहीं दे पाता था। —————————- यह खबर भी पढ़ें : वो मेरी जिद्दी बेटी, जो ठान लेती है करती है, IAS टॉपर शक्ति दुबे के पिता बोले- हमने सिर्फ सपोर्ट किया, मेहनत उसने की ‘ये मेरी कई साल की मेहनत है। मुझे थोड़ी देर के लिए विश्वास नहीं हो रहा था। पिछले साल साक्षात्कार के बाद मैं कट ऑफ से 12 अंक से चूक गई थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रैंक 1 आएगी। परिणाम आने के बाद सबसे पहले मैंने पापा और मां को फोन किया। यह मेरा 5वां प्रयास था।’ पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पापा दरोगा हैं, IAS-IPS की हनक देखी है:UPSC टॉपर शक्ति बोलीं- डॉक्टर-इंजीनियर नहीं, IAS बनना था; इंटरव्यू में महाकुंभ पर पूछा गया
