पंजाब के फाजिल्का जिले के गांव में नया सलेमशाह में एक व्यक्ति ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली l बताया जा रहा है कि व्यक्ति आज पंचायत चुनाव के चलते वोट डालने के लिए गया था l जहां पर अपने परिवार के साथ वह वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा हुआ था। अचानक वह लाइन से निकल कर घर आ गया l परिवार जब वोट डाल कर घर पहुंचा तो देखा कि उसने पंखे से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली l सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वोट की लाइन से लौटा घर मृतक प्रकाश सिंह के भाई सिकंदर सिंह ने बताया कि आज पंचायत चुनाव के चलते वह अपने भाई और परिवार सहित वोट डालने के लिए गए हुए थे l जहां वे पोलिंग बूथ पर लाइन में खड़े थे l तभी अचानक उसका भाई लाइन से निकला और वापस घर लौट आया l वह लोग जब वोट डालने के बाद घर आए तो उन्होंने देखा कि उसका भाई कमरे में पंखे से लटका हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उसके भाई का पत्नी के साथ पारिवारिक विवाद था। इसके बाद उसका पत्नी से तलाक हो चुका है। अब अकेला ही घर में रह रहा था। आज उसके द्वारा खुदकुशी कर ली। मामले की जांच में जुटी पुलिस मौके पर पहुंचे सदर थाना फाजिल्का के एसएचओ सचिन कंबोज ने कहा कि उन्हें सूचना मिलने के बाद वह गांव नया सलेमशाह पहुंचे है। जहां पर व्यक्ति ने घर में खुदकुशी की है l फिलहाल उनके द्वारा मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया जा रहा है l उन्होंने कहा कि पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर बनती कार्रवाई की जाएगी l जबकि मामले में जांच शुरू कर दी गई है l पंजाब के फाजिल्का जिले के गांव में नया सलेमशाह में एक व्यक्ति ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली l बताया जा रहा है कि व्यक्ति आज पंचायत चुनाव के चलते वोट डालने के लिए गया था l जहां पर अपने परिवार के साथ वह वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा हुआ था। अचानक वह लाइन से निकल कर घर आ गया l परिवार जब वोट डाल कर घर पहुंचा तो देखा कि उसने पंखे से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली l सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वोट की लाइन से लौटा घर मृतक प्रकाश सिंह के भाई सिकंदर सिंह ने बताया कि आज पंचायत चुनाव के चलते वह अपने भाई और परिवार सहित वोट डालने के लिए गए हुए थे l जहां वे पोलिंग बूथ पर लाइन में खड़े थे l तभी अचानक उसका भाई लाइन से निकला और वापस घर लौट आया l वह लोग जब वोट डालने के बाद घर आए तो उन्होंने देखा कि उसका भाई कमरे में पंखे से लटका हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उसके भाई का पत्नी के साथ पारिवारिक विवाद था। इसके बाद उसका पत्नी से तलाक हो चुका है। अब अकेला ही घर में रह रहा था। आज उसके द्वारा खुदकुशी कर ली। मामले की जांच में जुटी पुलिस मौके पर पहुंचे सदर थाना फाजिल्का के एसएचओ सचिन कंबोज ने कहा कि उन्हें सूचना मिलने के बाद वह गांव नया सलेमशाह पहुंचे है। जहां पर व्यक्ति ने घर में खुदकुशी की है l फिलहाल उनके द्वारा मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया जा रहा है l उन्होंने कहा कि पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर बनती कार्रवाई की जाएगी l जबकि मामले में जांच शुरू कर दी गई है l पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला व्यक्ति का शव:भीषण गर्मी से मौत की आशंका, पॉस्टमॉर्टम के लिए भेजा, पहचान बाकी पंजाब के जालंधर में फोकल पॉइंट के पास एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक व्यक्ति की मौत भीषण गर्मी के कारण हुई है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है और ना ही मृतक के शरीर पर किसी प्रकार का कोई निशान मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया है। मृतक की उम्र करीब 55 से 60 साल व्यतीत हो रही है। थाना डिवीजन नंबर 8 की चौकी फोकल पॉइंट के इंचार्ज अवतार सिंह ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी गई थी कि फोकल पॉइंन फ्लाईओवर, संजय गांधी नगर के पास एक व्यक्ति बेसुध हालत में पड़ा हुआ है। पुलिस ने तुरंत उक्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 72 घंटे पहचान के लिए सिविल अस्पताल में रखा शव फोकल पॉइंट चौकी के इंचार्ज अवतार सिंह ने बताया कि मृतक की जेब से कोई पहचान पत्र या अन्य दस्तावेज नहीं मिला है। जिसके चलते उसकी पहचान नहीं हो पाई है। मृतक की पहचान करवाने के लिए उसके शव को 72 घंटे तक सिविल अस्पताल में रखवाया गया है। अगर इस दौरान मृतक की पहचान नहीं होती तो पुलिस खुद मृतक का संस्कार करवाएगी।
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गुरदासपुर में संदिग्ध परिस्थिति में युवक की मौत:बेसुध अवस्था में छोड़कर भाग दोस्त, 2 बार जा चुका है विदेश, करता था नौकरी गुरदासपुर के गांव बाबोवाल में संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत हो गई है। पुलिस द्वारा मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि नशे की ओवरडोज लेने के कारण युवक की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार, गांव बाबोवाल निवासी मृतक 27 वर्षीय युवक अमित मसीह पुत्र सोनो मसीह माता सुनीता और पत्नी शिवाली ने बताया कि अमित पहले नशा करता था, मगर पिछले सात महीने नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल रहने के बाद उसने नशा करना छोड़ दिया था, मगर गत दिन उसके दो दोस्त उसे अपने साथ ले गए। जिन्होंने जबरदस्ती उसे नशे का इंजेक्शन लगाया। जिसके चलते अमित की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। उसके दोस्त उसे एक ई-रिक्शा में छोड़कर फरार हो गए। जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने उन्हें सूचना दी कि उनका बेटा अमित ई-रिक्शा में बेसुध पड़ा हुआ है। जब उसे उठाकर अस्पताल लेकर गए तो डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके दोस्तों ने ही उसे नशे का इंजेक्शन लगाया है। क्योंकि उसके दोस्त पहले भी नशे के आदी है। उन्होंने मांग की कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए और जिन्होंने उसके बेटे को नश का इंजेक्शन लगाया है, उनके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। दो बार विदेश जा चुका मृतक मृतक की पत्नी शिवाली ने बताया कि उसके पति दो बार विदेश जा चुका है। पहले वह कुवैत और फिर मारेशियस गया था। इसके बाद वह वापस लौट आया और किसी दुकान पर काम करता था। वहीं, इस मामले संबंधी डीएसपी मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक युवक का शव आया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए भेज दिया है। परिवारिक सदस्य जो भी बयान दर्ज करवाएंगे, उसके आधार पर अगली बनती काननी कार्रवाई की जाएगी।
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया? जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को कही 2 अहम बातें… 1. आपके आंकड़े हर मिनट बदल रहे
हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में फसल जलाने की 400 घटनाएं हुई हैं और राज्य ने 32 एफआईआर दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि उनके आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं। सरकार पिक एंड चूज कर रही है। कुछ ही लोगों से जुर्माना लिया जा रहा है और बहुत कम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं। 2. किसानों को क्या कुछ दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा- पराली को लेकर क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ दिया गया? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए करीब 1 लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को कही 4 अहम बातें… 1. नाममात्र जुर्माना वसूला, 600 लोगों को बख्शा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 1,080 FIR दर्ज की गईं, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। आप 600 या अधिक लोगों को बख्श रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि आप पराली जलाने वालों को संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है। 2. एडवोकेट जनरल बताएं, झूठा बयान किसके कहने पर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और मुख्य सचिव को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एडवोकेट जनरल बताएं कि किस अधिकारी के कहने पर उन्होंने केंद्र से मशीनें और फंड मांगने का झूठा बयान दिया था। मुख्य सचिव बताएं कि एडवोकेट जनरल को ऐसा किस अधिकारी ने करने के लिए कहा। हम उसे अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पर भी नाराजगी दिखाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब आप बता रहे कि इस साल 5 केस दर्ज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोई मुकदमा न होने के बारे में पंजाब सरकार का पिछला एफिडेविट भी दिखाया। 3. क्या 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि एफिडेविट में गांव स्तर पर निगरानी कमेटी की बात कही गई है। सरकार ने कब आदेश दिया। कमेटी कब बनी। इसका नोडल अफसर कौन है? इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 9 हजार कमेटियां बनी हैं। हम पूरे ब्योरे के साथ एफिडेविट दाखिल करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढीं? 4. आपने ISRO की रिपोर्ट तक झुठला दी, 400 लोग छोड़े
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ISRO की सैटेलाइट रिपोर्ट तक झुठला देते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के वकील ने कहा कि अमृतसर में 400 घटनाएं हुई हैं। कोर्ट ने पूछा कि हाल के दिनों में कितनी घटनाएं हुई हैं। इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं हुईं और 1,080 केस दर्ज किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें भी आपने 400 लोगों को छोड़ दिया। इस पर सिंघवी ने कुछ रिपोर्ट गलत निकलने की बात कही। हरियाणा और पंजाब में वायु प्रदूषण के हालात पढ़िए… पानीपत गैस चैंबर बना, 17 जिलों में AQI 300 पार
हरियाणा में जीटी रोड पर आने वाले 6 जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। पानीपत गैस चैंबर बन गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है। वहीं, 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। NCR में प्रदेश के 14 जिले आते हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। पंजाब के 2 जिलों में AQI 200 पार
पंजाब के 2 शहरों में AQI 200 पार हो चुका है। इनमें मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 230 और अमृतसर का 203 हो चुका है। इसके अलावा लुधियाना का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 191 है। बाकी जिलों का AQI अभी 200 से कम है। वाइस चांसलर बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है
पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसे जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती है। पराली जलाने से रोकने को हरियाणा और पंजाब सरकार ने क्या कार्रवाई की… हरियाणा सरकार के 3 बड़े दावे 1. 150 किसानों पर FIR, 29 गिरफ्तार
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। वहीं सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई। अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। 2. कृषि विभाग के 24 अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए
एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। 3. तीन साल में मामले आधे से कम हुए
प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए हैं। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक पराली जलाने के 1,508 के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893 और 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापे भी मारे जा रहे हैं। पंजाब सरकार बोली- 10.55 लाख जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की
पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। पराली जलाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद: 2 सीजन रोक हरियाणा में करीब एक हफ्ते पहले पराली जलाने को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया। पराली जलाने वाले किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। पूरी खबर पढ़ें…