भाजपा विधायक को भोला बाबा में दिखते हैं भगवान कृष्ण:दोनों के 7 साल पुराने संबंध, चुनाव से पहले बाबा का सत्संग करवाते हैं विधायक

भाजपा विधायक को भोला बाबा में दिखते हैं भगवान कृष्ण:दोनों के 7 साल पुराने संबंध, चुनाव से पहले बाबा का सत्संग करवाते हैं विधायक

भोले बाबा उर्फ सूरजपाल गुरुवार को लखनऊ में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुआ। उसके साथ भाजपा के पीलीभीत से विधायक बाबूराम पासवान भी थे। वो पूछताछ के दौरान भी बाबा के साथ रहे। बाबा और भाजपा विधायक के बीच कनेक्शन की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। जिसमें पता चला- भोले बाबा से विधायक का आध्यात्मिक संबंध है, राजनीतिक नहीं। विधायक बाबूराम अपने हर चुनाव से पहले बाबा का सत्संग करवाते हैं। सत्संग को अपनी जीत का मंत्र बताते हैं। बाबा से उनका 7 साल पुराना संबंध है। बाबा में उनको श्री कृष्ण दिखते हैं विधायक बाबूराम पासवान के राजनीतिक गुरु का कहना है, भोले बाबा के लिए विधायक पासवान कुछ भी कर सकता है। बाबूराम भोले बाबा के सबसे करीबी भक्तों में गिने जाते हैं। विधायक अपने समर्थकों से कहते हैं कि उन्हें भोले बाबा में श्री कृष्ण दिखते हैं। लगता है, भोले बाबा के सिर के पीछे चक्र घूम रहा है। खबर में आगे बढ़ने से पहले जानिए पूरा मामला- 3 जुलाई 2024 को हाथरस में भोले बाबा का सत्संग हुआ, ऐसा बताया गया है कि सत्संग के बाद बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए अचानक से भीड़ दौड़ पड़ी। जिसके बाद भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के 3 महीने बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए लखनऊ पहुंचा। बाबा के पीछे-पीछे चल रहे थे बीजेपी विधायक बाबा के साथ पीलीभीत से भाजपा विधायक बाबूराम पासवान भी न्यायिक आयोग पहुंचे। फॉर्च्यूनर गाड़ी भी भाजपा विधायक की थी। न्यायिक आयोग पहुंचने पर विधायक बाबा के पीछे-पीछे चल रहे थे। उन्हीं के साथ ऑफिस के अंदर चले गए। उसके बाद 2:15 घंटे चली पूछताछ के बाद बाबा और भाजपा विधायक साथ में वापस चले गए। किसी भाजपा नेता का बाबा के साथ होना कई सवाल खड़े कर रहा है। जानते हैं बाबा और भाजपा विधायक में क्या है कनेक्शन- पीलीभीत जिले की पूरनपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने बाबूराम पासवान और भोले बाबा के बीच गहरे संबंध हैं। दोनों को लखनऊ में साथ देखकर गुरुवार को इस रिश्ते पर मोहर भी लग गई। बाबूराम पासवान का राजनीतिक सफर भोले बाबा के सत्संगों से जुड़ा हुआ है, जिससे उन्हें काफी फायदा पहुंचा है। बाबा के सत्संग ने विधायक की राजनीति करियर को नया मोड़ दिया सूत्रों के अनुसार, विधायक बाबूराम पासवान बाबा को काफी समय से जानते हैं। अपना पहला चुनाव हार गए थे लेकिन जब वो 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे थे, तब उन्होंने भोले बाबा का एक बड़ा सत्संग आयोजित किया था। इस सत्संग में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। इसे बाबूराम पासवान की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना गया था। बाबा के इस सत्संग ने उनकी राजनीतिक करियर को नया मोड़ दिया था और चुनाव में उनकी जीत का रास्ता साफ किया। इस चुनाव में वो भारी मतों से जीते थे। विधायक हर चुनाव से पहले करवाते हैं बाबा का सत्संग ऐसा कहा जाता है कि पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान हर चुनाव से पहले भोले बाबा के सत्संग का आयोजन करते हैं। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। बाबा खुद सत्संग को संबोधित करते हैं। कहा जाता है कि बाबूराम पासवान इसे अपनी चुनावी जीत का मंत्र मानते हैं। इसी से उनका वोट बैंक मजबूत होता है। भोले बाबा और बाबूराम पासवान के बीच संबंध इतने गहरे हैं कि बाबा कई बार विधायक के आवास पर भी ठहरने के लिए आते हैं। सूत्र बताते हैं कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना के बाद भी भोले बाबा लगातार बाबूराम पासवान के संपर्क में थे। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानिए कौन है भोले बाबा? कासगंज के कांशीराम नगर के पटियाली गांव में रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। 18 साल नौकरी के बाद उसने VRS ले लिया था। घर लौटने के बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे। नौकरी छोड़ने के कुछ दिन बाद ईश्वर से साक्षातकार का दावा करते हुए उन्होंने खुद को स्वयंभू संत घोषित कर दिया। कुछ ही दिनों में उसके चाहने वालों की लाइन लग गई। बाबा का विवादों से भी पुराना नाता है। पहले कांग्रेस फिर भाजपा में शामिल हुए विधायक बाबूराम पासवान भाजपा विधायक बाबूराम पासवान मूल रूप से पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र के उदराहा गांव के रहने वाले हैं। साल 1990 में बाबूराम पासवान ने कांग्रेस के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। कांग्रेस में रहते हुए बाबूराम पासवान जिला पंचायत सदस्य और कोआपरेटिव सोसाइटी के डायरेक्टर रहे। साल 2012 में बाबूराम पासवान ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ते समय बाबूराम पासवान को हार का सामना करना पड़ा। समाजवादी पार्टी के नेता पीतमराम ने उन्हें हरा दिया। लेकिन साल 2017 में भाजपा ने दुबारा बाबूराम पासवान को टिकट दिया। इस बार बाबूराम पासवान ने भारी मतों से जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2022 में एक बार फिर बाबूराम पासवान पर भाजपा ने दांव लगाया। इस बार भी बाबूराम पासवान चुनाव जीत गए। बाबा को SIT से क्लीनचिट मिल चुकी है- वकील बता दें, गुरुवार को लखनऊ में भोले बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एक एफिडेविट आयोग को सौंपा है। भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा- घटना में बाबा का कोई इनवॉल्वमेंट न पहले था, न ही आज और न भविष्य में रहेगा। उन्हें SIT से क्लीनचिट मिल चुकी है। न्यायिक जांच आयोग ने भी क्लीन चिट दी है। भविष्य में उन्हें पूछताछ के लिए न बुलाने का आश्वासन दिया है। ये खबर भी पढ़ेंः- भोले बाबा से न्यायिक आयोग ने 2.15 घंटे की पूछताछ:भाजपा विधायक के साथ फॉर्च्यूनर से पहुंचा, वकील बोला- हाथरस भगदड़ में क्लीनचिट मिली हाथरस भगदड़ के 3 महीने बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल न्यायिक आयोग के सामने पेश हुआ। गुरुवार को लखनऊ में बंद कमरे में 2.15 घंटे पूछताछ हुई। हाथरस भगदड़ को लेकर सवाल पूछे गए। भोले बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एक एफिडेविट आयोग को सौंपा। भोले बाबा पीलीभीत से भाजपा विधायक बाबूराम पासवान के साथ फॉर्च्यूनर से न्यायिक आयोग के ऑफिस पहुंचा। इस दौरान ऑफिस के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पढ़ें पूरी खबर… ये खबर भी पढ़ेंः- हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के बाहर लाशें गिनीं; 22 आयोजकों पर FIR, बाबा फरार उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं। पढ़ें पूरी खबर… भोले बाबा उर्फ सूरजपाल गुरुवार को लखनऊ में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुआ। उसके साथ भाजपा के पीलीभीत से विधायक बाबूराम पासवान भी थे। वो पूछताछ के दौरान भी बाबा के साथ रहे। बाबा और भाजपा विधायक के बीच कनेक्शन की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। जिसमें पता चला- भोले बाबा से विधायक का आध्यात्मिक संबंध है, राजनीतिक नहीं। विधायक बाबूराम अपने हर चुनाव से पहले बाबा का सत्संग करवाते हैं। सत्संग को अपनी जीत का मंत्र बताते हैं। बाबा से उनका 7 साल पुराना संबंध है। बाबा में उनको श्री कृष्ण दिखते हैं विधायक बाबूराम पासवान के राजनीतिक गुरु का कहना है, भोले बाबा के लिए विधायक पासवान कुछ भी कर सकता है। बाबूराम भोले बाबा के सबसे करीबी भक्तों में गिने जाते हैं। विधायक अपने समर्थकों से कहते हैं कि उन्हें भोले बाबा में श्री कृष्ण दिखते हैं। लगता है, भोले बाबा के सिर के पीछे चक्र घूम रहा है। खबर में आगे बढ़ने से पहले जानिए पूरा मामला- 3 जुलाई 2024 को हाथरस में भोले बाबा का सत्संग हुआ, ऐसा बताया गया है कि सत्संग के बाद बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए अचानक से भीड़ दौड़ पड़ी। जिसके बाद भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के 3 महीने बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए लखनऊ पहुंचा। बाबा के पीछे-पीछे चल रहे थे बीजेपी विधायक बाबा के साथ पीलीभीत से भाजपा विधायक बाबूराम पासवान भी न्यायिक आयोग पहुंचे। फॉर्च्यूनर गाड़ी भी भाजपा विधायक की थी। न्यायिक आयोग पहुंचने पर विधायक बाबा के पीछे-पीछे चल रहे थे। उन्हीं के साथ ऑफिस के अंदर चले गए। उसके बाद 2:15 घंटे चली पूछताछ के बाद बाबा और भाजपा विधायक साथ में वापस चले गए। किसी भाजपा नेता का बाबा के साथ होना कई सवाल खड़े कर रहा है। जानते हैं बाबा और भाजपा विधायक में क्या है कनेक्शन- पीलीभीत जिले की पूरनपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने बाबूराम पासवान और भोले बाबा के बीच गहरे संबंध हैं। दोनों को लखनऊ में साथ देखकर गुरुवार को इस रिश्ते पर मोहर भी लग गई। बाबूराम पासवान का राजनीतिक सफर भोले बाबा के सत्संगों से जुड़ा हुआ है, जिससे उन्हें काफी फायदा पहुंचा है। बाबा के सत्संग ने विधायक की राजनीति करियर को नया मोड़ दिया सूत्रों के अनुसार, विधायक बाबूराम पासवान बाबा को काफी समय से जानते हैं। अपना पहला चुनाव हार गए थे लेकिन जब वो 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे थे, तब उन्होंने भोले बाबा का एक बड़ा सत्संग आयोजित किया था। इस सत्संग में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। इसे बाबूराम पासवान की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना गया था। बाबा के इस सत्संग ने उनकी राजनीतिक करियर को नया मोड़ दिया था और चुनाव में उनकी जीत का रास्ता साफ किया। इस चुनाव में वो भारी मतों से जीते थे। विधायक हर चुनाव से पहले करवाते हैं बाबा का सत्संग ऐसा कहा जाता है कि पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान हर चुनाव से पहले भोले बाबा के सत्संग का आयोजन करते हैं। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। बाबा खुद सत्संग को संबोधित करते हैं। कहा जाता है कि बाबूराम पासवान इसे अपनी चुनावी जीत का मंत्र मानते हैं। इसी से उनका वोट बैंक मजबूत होता है। भोले बाबा और बाबूराम पासवान के बीच संबंध इतने गहरे हैं कि बाबा कई बार विधायक के आवास पर भी ठहरने के लिए आते हैं। सूत्र बताते हैं कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना के बाद भी भोले बाबा लगातार बाबूराम पासवान के संपर्क में थे। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानिए कौन है भोले बाबा? कासगंज के कांशीराम नगर के पटियाली गांव में रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। 18 साल नौकरी के बाद उसने VRS ले लिया था। घर लौटने के बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे। नौकरी छोड़ने के कुछ दिन बाद ईश्वर से साक्षातकार का दावा करते हुए उन्होंने खुद को स्वयंभू संत घोषित कर दिया। कुछ ही दिनों में उसके चाहने वालों की लाइन लग गई। बाबा का विवादों से भी पुराना नाता है। पहले कांग्रेस फिर भाजपा में शामिल हुए विधायक बाबूराम पासवान भाजपा विधायक बाबूराम पासवान मूल रूप से पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र के उदराहा गांव के रहने वाले हैं। साल 1990 में बाबूराम पासवान ने कांग्रेस के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। कांग्रेस में रहते हुए बाबूराम पासवान जिला पंचायत सदस्य और कोआपरेटिव सोसाइटी के डायरेक्टर रहे। साल 2012 में बाबूराम पासवान ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ते समय बाबूराम पासवान को हार का सामना करना पड़ा। समाजवादी पार्टी के नेता पीतमराम ने उन्हें हरा दिया। लेकिन साल 2017 में भाजपा ने दुबारा बाबूराम पासवान को टिकट दिया। इस बार बाबूराम पासवान ने भारी मतों से जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2022 में एक बार फिर बाबूराम पासवान पर भाजपा ने दांव लगाया। इस बार भी बाबूराम पासवान चुनाव जीत गए। बाबा को SIT से क्लीनचिट मिल चुकी है- वकील बता दें, गुरुवार को लखनऊ में भोले बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एक एफिडेविट आयोग को सौंपा है। भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा- घटना में बाबा का कोई इनवॉल्वमेंट न पहले था, न ही आज और न भविष्य में रहेगा। उन्हें SIT से क्लीनचिट मिल चुकी है। न्यायिक जांच आयोग ने भी क्लीन चिट दी है। भविष्य में उन्हें पूछताछ के लिए न बुलाने का आश्वासन दिया है। ये खबर भी पढ़ेंः- भोले बाबा से न्यायिक आयोग ने 2.15 घंटे की पूछताछ:भाजपा विधायक के साथ फॉर्च्यूनर से पहुंचा, वकील बोला- हाथरस भगदड़ में क्लीनचिट मिली हाथरस भगदड़ के 3 महीने बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल न्यायिक आयोग के सामने पेश हुआ। गुरुवार को लखनऊ में बंद कमरे में 2.15 घंटे पूछताछ हुई। हाथरस भगदड़ को लेकर सवाल पूछे गए। भोले बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एक एफिडेविट आयोग को सौंपा। भोले बाबा पीलीभीत से भाजपा विधायक बाबूराम पासवान के साथ फॉर्च्यूनर से न्यायिक आयोग के ऑफिस पहुंचा। इस दौरान ऑफिस के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पढ़ें पूरी खबर… ये खबर भी पढ़ेंः- हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के बाहर लाशें गिनीं; 22 आयोजकों पर FIR, बाबा फरार उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर