भिवानी में विश्व हिंदू परिषद ने स्थानीय नेहरू पार्क से लेकर लघु सचिवालय तक पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। विश्व हिंदू परिषद हरियाणा के प्रदेश मंत्री वरुण कुमार व जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल ने कहा कि जिस तरह से वक्फ एक्ट के विरोध की आड़ में पूरे बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है, हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, देश विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को बिना रोक-टोक के अपने षड्यंत्रों को अंजाम देने की खुली छूट दी जा रही है। इससे स्पष्ट है कि बंगाल में स्थिति बेहद चिंताजनक है। ललित बजरंगी बोले- कुकृत्यों के लिए कठोर दंड देना चाहिए बजरंग दल के प्रदेश विद्यार्थी प्रमुख ललित बजरंगी और बजरंग दल के जिला सह संयोजक प्रदीप कुदाल ने कहा कि मुर्शिदाबाद से शुरू हुई यह हिंसा अब पूरे बंगाल में फैलती दिख रही है। सरकारी मशीनरी दंगाइयों के सामने न केवल निष्क्रिय हो गई है, बल्कि कई जगहों पर उनकी मददगार या उकसाने वाली भी बन गई है। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने से पहले केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में लेना चाहिए और राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकृत्यों के लिए कठोर दंड देना चाहिए। 11 अप्रैल को हुआ हिंसक प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी। यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। यहां हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यवसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ों हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। यह मांग की
1. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
2. बंगाल की हिंसा की जांच NIA द्वारा करवाई जाए और दोषियों को दंडित किया जाए।
3. बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए।
4. बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए। जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। भिवानी में विश्व हिंदू परिषद ने स्थानीय नेहरू पार्क से लेकर लघु सचिवालय तक पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। विश्व हिंदू परिषद हरियाणा के प्रदेश मंत्री वरुण कुमार व जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल ने कहा कि जिस तरह से वक्फ एक्ट के विरोध की आड़ में पूरे बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है, हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, देश विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को बिना रोक-टोक के अपने षड्यंत्रों को अंजाम देने की खुली छूट दी जा रही है। इससे स्पष्ट है कि बंगाल में स्थिति बेहद चिंताजनक है। ललित बजरंगी बोले- कुकृत्यों के लिए कठोर दंड देना चाहिए बजरंग दल के प्रदेश विद्यार्थी प्रमुख ललित बजरंगी और बजरंग दल के जिला सह संयोजक प्रदीप कुदाल ने कहा कि मुर्शिदाबाद से शुरू हुई यह हिंसा अब पूरे बंगाल में फैलती दिख रही है। सरकारी मशीनरी दंगाइयों के सामने न केवल निष्क्रिय हो गई है, बल्कि कई जगहों पर उनकी मददगार या उकसाने वाली भी बन गई है। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने से पहले केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में लेना चाहिए और राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकृत्यों के लिए कठोर दंड देना चाहिए। 11 अप्रैल को हुआ हिंसक प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी। यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। यहां हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यवसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ों हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। यह मांग की
1. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
2. बंगाल की हिंसा की जांच NIA द्वारा करवाई जाए और दोषियों को दंडित किया जाए।
3. बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए।
4. बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए। जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
