मंडी जिला के अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी आशीष चौधरी मणिपुर की इमुनागांबी के साथ परिणयसूत्र में बंध गए। करीब 3 सालों तक एक दूसरे को जानने के बाद उन्होंने क्षेत्र के भौण स्थित शीतला माता मंदिर में पवित्र अग्नि के फेरे लेकर सदा के लिए एक दूसरे का हाथ थाम लिया। साल 2021 में बेंगलुरु में आयोजित इंडिया कैंप में दोनों पहली बार एक दूसरे से मिले और उसके बाद लगातार मुलाकातों का सिलसिला चलता गया। काफी लंबे समय तक एक दूसरे को डेट करने के बाद उन्होंने एक दूसरे को जीवन साथी चुनने का निर्णय लिया। आशीष की माता दुर्गा देवी के साथ दुल्हन के पिता नब कुमार मैतेई और माता इबेचो लइमा सहित अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष चौधरी की पत्नी इमुनागांबी भी एक अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर हैं। मणिपुर की राजधानी इंफाल की रहने वाली इमुनागांबी अभी तक चार बार नेशनल चैंपियन, दो बार नेशनल गेम्स चैंपियन होने के साथ कामनवेल्थ खेलों की रजत पदक विजेता भी हैं। इसके अतिरिक्त वह एशियन गेम्स में भी भारतीय बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। आशीष चौधरी ने बताया कि कुछ दिनों के बाद वह वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की तैयारियों में जुट जाएंगे। ओलिंपिक में मेडल लाने का पिता स्वर्गीय भगत राम डोगरा का सपना वह वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतकर पूरा करेंगे। मंडी जिला के अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी आशीष चौधरी मणिपुर की इमुनागांबी के साथ परिणयसूत्र में बंध गए। करीब 3 सालों तक एक दूसरे को जानने के बाद उन्होंने क्षेत्र के भौण स्थित शीतला माता मंदिर में पवित्र अग्नि के फेरे लेकर सदा के लिए एक दूसरे का हाथ थाम लिया। साल 2021 में बेंगलुरु में आयोजित इंडिया कैंप में दोनों पहली बार एक दूसरे से मिले और उसके बाद लगातार मुलाकातों का सिलसिला चलता गया। काफी लंबे समय तक एक दूसरे को डेट करने के बाद उन्होंने एक दूसरे को जीवन साथी चुनने का निर्णय लिया। आशीष की माता दुर्गा देवी के साथ दुल्हन के पिता नब कुमार मैतेई और माता इबेचो लइमा सहित अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष चौधरी की पत्नी इमुनागांबी भी एक अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर हैं। मणिपुर की राजधानी इंफाल की रहने वाली इमुनागांबी अभी तक चार बार नेशनल चैंपियन, दो बार नेशनल गेम्स चैंपियन होने के साथ कामनवेल्थ खेलों की रजत पदक विजेता भी हैं। इसके अतिरिक्त वह एशियन गेम्स में भी भारतीय बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। आशीष चौधरी ने बताया कि कुछ दिनों के बाद वह वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की तैयारियों में जुट जाएंगे। ओलिंपिक में मेडल लाने का पिता स्वर्गीय भगत राम डोगरा का सपना वह वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतकर पूरा करेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हाईकोर्ट ने आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त करने पर रोक लगाई:12 दिसंबर को अगली सुनवाई, राज्य सरकार को देना होगा जवाब
हाईकोर्ट ने आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त करने पर रोक लगाई:12 दिसंबर को अगली सुनवाई, राज्य सरकार को देना होगा जवाब हिमाचल हाईकोर्ट ने कौशल विकास निगम में तैनात तीन आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। निगम ने 30 नवंबर तक इनकी सेवाएं समाप्त करने के फैसला लिया था। मगर अब तीनों जूनियर ऑफिस असिस्टेंट अगली सुनवाई तक अपने पद पर बने रहेंगे। तीनों असिस्टेंट इंजीनियर ने कौशल विकास निगम के बीते 14 नवंबर के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बैंच ने इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई को राज्य सरकार और सभी प्रतिवादियों को जवाब देने के आदेश जारी किए है। अब यह मामला 12 दिसंबर को सुना जाएगा। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट ने कोर्ट को राज्य सरकार के 26 अक्तूबर के आदेश के बारे में अवगत कराया। इसके तहत कौशल विकास निगम ने प्रोजेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ाया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां वर्ष 2017 में की गई थी। सरकार की ओर से स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनाती दी थी। निगम ने इससे पहले तीनों आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का कार्यकाल समय-समय पर बढ़ाया है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने इनकी सेवाओं को देखते हुए इनकी सेवाएं कंटीन्यू करने की अपील की है। 15 सालों से की जा रही आउटसोर्स भर्ती बता दें कि राज्य में आउटसोर्स भर्ती बड़ा मुद्दा बना चुकी है। आर्थिक तंगहाली की वजह से सरकार रेगुलर नियुक्तियां नहीं कर पा रही। बीते 15 सालों से पूर्व और वर्तमान सरकारों ने आउटसोर्स पर भर्तियां की है और इनका खूब शोषण किया गया है। जब चाहे इन्हें नाममात्र मानदेय पर नौकरी पर रखा गया और जब मन किया, इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा चुका हाईकोर्ट हालांकि दो सप्ताह पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने बेरोजगारों की याचिका पर आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा दी है। मगर राज्य के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 40 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
हिमाचल में भूकंप के झटके:लाहौल स्पीति में आधी रात को 3 बार हिली धरती, तीव्रता 3.2 मापी गई, कोई हताहत नहीं
हिमाचल में भूकंप के झटके:लाहौल स्पीति में आधी रात को 3 बार हिली धरती, तीव्रता 3.2 मापी गई, कोई हताहत नहीं हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में बुधवार आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, रात 1:11 बजे तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आते हैं? पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है।
हिमाचल में पूर्व BJP मंत्री धवाला के बागी तेवर:बोले- CM सुक्खू देहरा को जिला बनाएं, कांग्रेस की टिकट पर लड़ने को तैयार
हिमाचल में पूर्व BJP मंत्री धवाला के बागी तेवर:बोले- CM सुक्खू देहरा को जिला बनाएं, कांग्रेस की टिकट पर लड़ने को तैयार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता रमेश चंद धवाला ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी का टिकट होशियार सिंह को मिलने के बाद रमेश धवाला ने शुक्रवार को कहा- यदि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू देहरा को जिला बनाने का वादा करते हैं तो वह भाजपा छोड़ कांग्रेस से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। रमेश धवाला के इस बयान से कांगड़ा की सियासत गरमा गई है। बीजेपी की पूर्व सरकारों में तीन बार मंत्री रहे धवाला के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़नी तय है। बीजेपी ने वरिष्ठ नेता धवाला का टिकट काटकर 23 मार्च को पार्टी में शामिल हुए होशियार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इससे धवाला भड़क गए हैं। समर्थकों से चर्चा के बाद धवाला का ऐलान
रमेश धवाला के घर पर आज सुबह से ही उनके समर्थकों का आना जाना लगा रहा। धवाला ने आज अपने समर्थकों से चर्चा के बाद कहा कि देहरा को जिला बनाने की उनकी पुरानी मांग रही है। देहरा की जनता की भलाई व इस मांग को पूरा करने के लिए वह कांग्रेस में जाने को तैयार है। 2022 में धवाला का बदला था चुनाव क्षेत्र
रमेश धवाला ज्वालामुखी से चुनाव लड़ते रहे हैं। साल 2022 के चुनाव में भाजपा हाईकमान ने उन्हें ज्वालामुखी से टिकट न देकर देहरा से चुनाव लड़ाया। इससे वह निर्दलीय होशियार सिंह से चुनाव हार गए। अब भाजपा ने होशियार सिंह को ही प्रत्याशी बनाया है। धवाला के बयान से कांग्रेस में भी हलचल
इससे धवाला बागी होने को तैयार है। धवाला ने सीएम के सामने देहरा को जिला बनाने की शर्त रखी है। इससे भाजपा खेमे में खलबली मची है और कांग्रेस के टिकट चाहवानों में हलचल मची हुई है। खासकर इस सीट से डॉ. राजेश शर्मा अब तक कांग्रेस के टिकट के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। मगर अब धवाला भी इस रेस में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू सुजानपुर विधानसभा सीट पर भाजपा नेता कैप्टन रणजीत को शामिल कर सफल प्रयोग कर चुके हैं। अब देहरा में भी सुक्खू चुनाव जीतने के लिए इस पर विचार कर सकते हैं।