महाकुंभ में माफिया अतीक के बैनर-पोस्टर लगे:राष्ट्रीय हिंदू दल का ऐलान- हत्या करके प्रयागराज को पवित्र किया, तीनों हत्यारोपी देवदूत हैं

महाकुंभ में माफिया अतीक के बैनर-पोस्टर लगे:राष्ट्रीय हिंदू दल का ऐलान- हत्या करके प्रयागराज को पवित्र किया, तीनों हत्यारोपी देवदूत हैं

प्रयागराज में 13 जनवरी से होने जा रहे सबसे बड़े धार्मिक मेला महाकुंभ में अब माफिया अतीक अहमद की एंट्री हो गई है। अतीक भले ही मर चुका हो, लेकिन उसकी चर्चा से मेला भी अछूता नहीं रहा। राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन पांडेय ने महाकुंभ में संगम तट पर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बैनर-पोस्टर लगवा दिए। बैनर-पोस्टर में अतीक की हत्या के तीनों आरोपियों को देवदूत बताया गया है। संगठन ने अतीक को मारने वाले आरोपियों को प्रशस्ति पत्र देने का ऐलान किया। घाट पर मौजूद अखाड़ा के संतों को प्रशस्ति पत्र सौंपा गया। ऐलान किया गया कि आरोपियों के परिवार के लोगों को सम्मानित करेंगे। सम्मान पत्र भी तैयार किया गया है। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय दें अब पढ़िए बैनर-पोस्टर पर क्या लिखा है
महांकुभ में लगे बैनर पर अतीक की दो तस्वीरें हैं। दोनों तस्वीरों को लाल निशान से काटा गया है। बैनर पर लिखा है- अतीक का आतंक मुक्त, प्रथम प्रयागराज महाकुंभ। राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन पांडेय ने कहा- प्रयागराज की धरती को अतीक जैसे माफिया की हत्या करके पवित्र किया गया है। हत्या करने वाले शूरवीर, धर्मयोद्धा को देवदूत की उपाधि प्रदान की जानी चाहिए। इस दौरान जूना अखाड़े से जुड़े संतों ने तीनों आरोपियों को रिहा करने की मांग की। साथ ही प्रयागराज संगम पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सामने अतीक अहमद का बैनर लगाया गया। बैनर लगाने वालों ने बैनर पर जूते भी बरसाए। संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लिए भी आपत्तिजनक बातें कहीं। प्रदेश अध्यक्ष बबलू अग्रहरि ने कहा कि महाकुंभ में पहले अतीक और अशरफ के गुंडे आकर गुंडई करते थे। ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग भी लग चुके
इससे पहले महाकुंभ से पहले ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग लगाए गए थे। ये होर्डिंग जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से नागावासुकी मंदिर के सामने लगवाए गए थे। वहीं, दूसरे पोस्टर में सभी हिंदुओं में एकता हो, वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है, लिखा गया है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से लगवाए गए होर्डिंग के बैकग्राउंड में बंद मुट्ठी वाली तस्वीर की परछाई दिख रही है। इसके जरिए सनातन धर्मियों को एकजुट होने की नसीहत दी गई है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से महाकुंभ के 1 किलोमीटर के एरिया में करीब 25 होर्डिंग्स लगवाए गए हैं। इन होर्डिंग के बाद से साधु-संतों के साथ ही वहां के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में 22 दिसंबर को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं, जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे
8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आएं, उनकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ————————————– महाकुंभ से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें महाकुंभ से पहले ‘बंदरों की टेंशन’…घर पिंजड़ों में बदले, 7 दिन में 90 लोगों पर हमला; पुलिस चौकी, रेलवे स्टेशनों पर लगे लंगूरों के कटआउट प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से शुरू हो रहा है। 45 करोड़ लोगों के लिए शहर तैयार है। मगर 10 दिन से प्रयागराज में अचानक बंदरों की संख्या बढ़ गई है। बंदरों के झुंड लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। 7 दिन में 90 से ज्यादा लोगों को बंदरों ने काटा है। सबसे ज्यादा मामले प्रीमतनगर, बैरहना, अबूबकरपुर, कंधईपुर, सूबेदारगंज, मीरापुर इलाको में सामने आए हैं। पढ़िए पूरी खबर प्रयागराज में 13 जनवरी से होने जा रहे सबसे बड़े धार्मिक मेला महाकुंभ में अब माफिया अतीक अहमद की एंट्री हो गई है। अतीक भले ही मर चुका हो, लेकिन उसकी चर्चा से मेला भी अछूता नहीं रहा। राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन पांडेय ने महाकुंभ में संगम तट पर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बैनर-पोस्टर लगवा दिए। बैनर-पोस्टर में अतीक की हत्या के तीनों आरोपियों को देवदूत बताया गया है। संगठन ने अतीक को मारने वाले आरोपियों को प्रशस्ति पत्र देने का ऐलान किया। घाट पर मौजूद अखाड़ा के संतों को प्रशस्ति पत्र सौंपा गया। ऐलान किया गया कि आरोपियों के परिवार के लोगों को सम्मानित करेंगे। सम्मान पत्र भी तैयार किया गया है। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय दें अब पढ़िए बैनर-पोस्टर पर क्या लिखा है
महांकुभ में लगे बैनर पर अतीक की दो तस्वीरें हैं। दोनों तस्वीरों को लाल निशान से काटा गया है। बैनर पर लिखा है- अतीक का आतंक मुक्त, प्रथम प्रयागराज महाकुंभ। राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन पांडेय ने कहा- प्रयागराज की धरती को अतीक जैसे माफिया की हत्या करके पवित्र किया गया है। हत्या करने वाले शूरवीर, धर्मयोद्धा को देवदूत की उपाधि प्रदान की जानी चाहिए। इस दौरान जूना अखाड़े से जुड़े संतों ने तीनों आरोपियों को रिहा करने की मांग की। साथ ही प्रयागराज संगम पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सामने अतीक अहमद का बैनर लगाया गया। बैनर लगाने वालों ने बैनर पर जूते भी बरसाए। संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लिए भी आपत्तिजनक बातें कहीं। प्रदेश अध्यक्ष बबलू अग्रहरि ने कहा कि महाकुंभ में पहले अतीक और अशरफ के गुंडे आकर गुंडई करते थे। ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग भी लग चुके
इससे पहले महाकुंभ से पहले ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग लगाए गए थे। ये होर्डिंग जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से नागावासुकी मंदिर के सामने लगवाए गए थे। वहीं, दूसरे पोस्टर में सभी हिंदुओं में एकता हो, वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है, लिखा गया है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से लगवाए गए होर्डिंग के बैकग्राउंड में बंद मुट्ठी वाली तस्वीर की परछाई दिख रही है। इसके जरिए सनातन धर्मियों को एकजुट होने की नसीहत दी गई है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से महाकुंभ के 1 किलोमीटर के एरिया में करीब 25 होर्डिंग्स लगवाए गए हैं। इन होर्डिंग के बाद से साधु-संतों के साथ ही वहां के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में 22 दिसंबर को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं, जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे
8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आएं, उनकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ————————————– महाकुंभ से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें महाकुंभ से पहले ‘बंदरों की टेंशन’…घर पिंजड़ों में बदले, 7 दिन में 90 लोगों पर हमला; पुलिस चौकी, रेलवे स्टेशनों पर लगे लंगूरों के कटआउट प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से शुरू हो रहा है। 45 करोड़ लोगों के लिए शहर तैयार है। मगर 10 दिन से प्रयागराज में अचानक बंदरों की संख्या बढ़ गई है। बंदरों के झुंड लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। 7 दिन में 90 से ज्यादा लोगों को बंदरों ने काटा है। सबसे ज्यादा मामले प्रीमतनगर, बैरहना, अबूबकरपुर, कंधईपुर, सूबेदारगंज, मीरापुर इलाको में सामने आए हैं। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर