मां गंगा की तीनों धाराओं को एक करके दिया गया पुराना स्वरूप, अब श्रद्धालुओं को मिलेगी खास सुविधा

मां गंगा की तीनों धाराओं को एक करके दिया गया पुराना स्वरूप, अब श्रद्धालुओं को मिलेगी खास सुविधा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj Ganga River:</strong> अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए घोर तपस्या करके भगीरथ मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. वहीं वर्तमान में विभिन्न कारणों से अपने प्राकृतिक स्वरूप से तीन धाराओं में बँटी मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करके सिंचाई विभाग ने भगीरथ की भूमिका निभायी है. प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में विभाजित हो गई थीं, जिससे न केवल पवित्रता प्रभावित हो रही थी बल्कि महाकुंभ के आयोजन में भी कठिनाइयां आ रही थीं. ऐसे में दोबारा एक धारा में प्रवाहित कर मां गंगा को वास्तविक स्वरूप प्रदान किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ में आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए संगम नोज पर तीन धाराओं में बह रहीं मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करने की रणनीति तैयार की गई. इससे मां गंगा के तट पर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को एक साथ स्नान की सुविधा मिलने के साथ पहली बार तीन अलग-अलग जगह स्नान की बजाय एक ही स्थान पर स्नान की सुविधा मिलेगी. मेले की सुचारू व्यवस्था के लिए गंगा नदी के प्रवाह को एकरूप करना बहुत आवश्यक था. शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में बटी हुई थी, जिससे मेला क्षेत्र सीमित और अव्यवस्थित होता जा रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुरुआत में मां गंगा का तेज प्रवाह और ऊंचा जल स्तर इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रहा था. इससे ड्रेजिंग मशीनों को तेज धारा में स्थिर रखना और नदी की दोनों धाराओं को बीच की धारा में मिलाना कठिन हो रहा था. इस पर शास्त्री ब्रिज के पास तीनों ड्रेजरों को अलग-अलग बिंदुओं पर लगाया गया. इसके साथ ही मेला क्षेत्र को विस्तार देने के लिए बालू की आवश्यकता थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा की तीनों धाराओं को एक प्रवाह किया समाहित</strong><br />वहीं काम के दौरान मां गंगा की प्रबल धारा के कारण भारी-भरकम ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं. डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता. टीम ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े एंकरों और पॉटून ब्रिज का सहारा लिया. मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सलाह पर चौथे ड्रेजर को तैनात किया गया, जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार हुआ. गंगा की तीन धाराओं को एक प्रवाह में समाहित कर दिया गया. संगम क्षेत्र का सर्कुलेशन एरिया अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और सुव्यवस्थित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/iqra-hasan-first-reaction-on-home-minister-amit-shah-ambedkar-issue-2844974″><strong>गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर सपा सांसद इकरा हसन बोलीं- बहुत अफसोस की बात है कि…</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj Ganga River:</strong> अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए घोर तपस्या करके भगीरथ मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. वहीं वर्तमान में विभिन्न कारणों से अपने प्राकृतिक स्वरूप से तीन धाराओं में बँटी मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करके सिंचाई विभाग ने भगीरथ की भूमिका निभायी है. प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में विभाजित हो गई थीं, जिससे न केवल पवित्रता प्रभावित हो रही थी बल्कि महाकुंभ के आयोजन में भी कठिनाइयां आ रही थीं. ऐसे में दोबारा एक धारा में प्रवाहित कर मां गंगा को वास्तविक स्वरूप प्रदान किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ में आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए संगम नोज पर तीन धाराओं में बह रहीं मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करने की रणनीति तैयार की गई. इससे मां गंगा के तट पर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को एक साथ स्नान की सुविधा मिलने के साथ पहली बार तीन अलग-अलग जगह स्नान की बजाय एक ही स्थान पर स्नान की सुविधा मिलेगी. मेले की सुचारू व्यवस्था के लिए गंगा नदी के प्रवाह को एकरूप करना बहुत आवश्यक था. शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में बटी हुई थी, जिससे मेला क्षेत्र सीमित और अव्यवस्थित होता जा रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुरुआत में मां गंगा का तेज प्रवाह और ऊंचा जल स्तर इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रहा था. इससे ड्रेजिंग मशीनों को तेज धारा में स्थिर रखना और नदी की दोनों धाराओं को बीच की धारा में मिलाना कठिन हो रहा था. इस पर शास्त्री ब्रिज के पास तीनों ड्रेजरों को अलग-अलग बिंदुओं पर लगाया गया. इसके साथ ही मेला क्षेत्र को विस्तार देने के लिए बालू की आवश्यकता थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा की तीनों धाराओं को एक प्रवाह किया समाहित</strong><br />वहीं काम के दौरान मां गंगा की प्रबल धारा के कारण भारी-भरकम ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं. डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता. टीम ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े एंकरों और पॉटून ब्रिज का सहारा लिया. मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सलाह पर चौथे ड्रेजर को तैनात किया गया, जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार हुआ. गंगा की तीन धाराओं को एक प्रवाह में समाहित कर दिया गया. संगम क्षेत्र का सर्कुलेशन एरिया अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और सुव्यवस्थित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/iqra-hasan-first-reaction-on-home-minister-amit-shah-ambedkar-issue-2844974″><strong>गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर सपा सांसद इकरा हसन बोलीं- बहुत अफसोस की बात है कि…</strong></a></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मुंबई में समंदर के बीच कैसे डूबी ‘नीलकमल’ नाव? चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी