‘सरजी, मुझे नहीं पता कि मेरी कैब में बैठे साहिल-मुस्कान ने हत्यारे हैं। 10 दिन तक मेरी कैब में दोनों घूमे थे। 4 मार्च की सुबह मुझे बुकिंग मिली, इसलिए मनाली आ गया। इन लोगों ने क्या किया है? ये तो मुझे 19 मार्च को पता चला।’ यह बातें साहिल और मुस्कान को टूर पर ले जाने वाले कैब ड्राइवर अजब सिंह ने पुलिस को बताई। मुस्कान ने 4 मार्च को 54 हजार रुपए में मनाली के लिए अजब सिंह की कैब बुक की थी। 17 मार्च तक साहिल-मुस्कान मनाली, शिमला और कसोल घूमते रहे। फिर दोनों मेरठ आ गए। इसके बाद लंदन में मर्चेंट नेवी में अफसर रहे सौरभ राजपूत की 4 टुकड़ों में शव मिला। मुस्कान और साहिल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस शिवा ट्रैवल्स तक पहुंची। जहां से कैब बुक की गई थी। फिर पुलिस परतापुर में रहने वाले अजब के घर तक पहुंची। मेरठ से निकलने के बाद दोनों ने क्या-कुछ किया। अजब सिंह ने पुलिस को क्या बताया, पढ़िए रिपोर्ट… 4 मार्च की शाम को दोनों कैब से शिमला निकले अजब ने बताया- मैं शिवा टूर एंड ट्रैवल्स की गाड़ी चलाता हूं। ट्रैवल्स का मालिक मेरा भाई विकास है। उनका 4 मार्च की सुबह 10 बजे मेरे पास कॉल आया। कहा- शिमला की बुकिंग मिली। ब्रह्मपुरी से दो लोगों को लेना है, उन्हें 10 दिन हिल स्टेशन घुमाने के बाद वापस मेरठ लाना है। मैंने कहा- ठीक है। शाम 4 बजे दोबारा फोन आया कि वो लोग दिल्ली चुंगी (मेरठ) पर मिलेंगे। शाम 6.30 बजे मैं बताई हुई लोकेशन पर पहुंच गया। यहां काशी डेयरी हलवाई की दुकान के पास मैं खड़ा रहा। शाम 7:30 बजे एक लड़का और लड़की मेरी गाड़ी में आकर बैठे। उन्हें देखकर कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था। तब तक मुझे उनका नाम तक पता नहीं था। वह लोग गाड़ी में बैठने के बाद आपस में बातें करते रहे। रास्ते में हाईवे के ढाबे पर रुककर खाना भी खाया। मुझसे कहा- शिमला चलना है, लोकेशन लगा लो। मैंने ऐसा ही किया। अमूमन ड्राइवर को सिर्फ लोकेशन से ही मतलब होता है। कौन बैठा है, वो क्या बातें कर रहे हैं, इससे हम लोग ज्यादा वास्ता नहीं रखते। होटल में ठहरे, बर्फ में खेले, दिन भर घूमते रहते
मैं रातभर गाड़ी चलाता रहा, सुबह तक हम लोग शिमला पहुंचे, वहां इन लोगों ने होटल बुक किया। यहां दोनों 3 दिन तक रुके। फिर मुझसे कहा कि कुल्लू मनाली चलो, जहां बर्फ पड़ रही हो। हम लोग लोकल लोगों से पूछते हुए पहाड़ों पर चल पड़े। दोनों बर्फ से खेलते थे। मैं कार में ही बैठा रहा। दिन में वह लोग किसी भी होटल में ठहर जाते, दिन भर घूमते रहते। ऐसे ही 5 दिन बीत गए। मुस्कान और साहिल कसोल में 5 दिन रहे, वहां से वो साढ़े तीन किमी दूर कहीं पार्टी करने जाते थे। वहां गाड़ी नहीं जाती थी, तो वह लोग रास्ते में ही उतर जाते थे। वहां वो लोग पब में जाते, डांस करते। साहिल रोज 1 से 2 बोतल लाता, मुस्कान बीयर पीती
साहिल रोजाना 1 से 2 बोतल शराब लेकर आता था। मुस्कान को मैंने नशा करते नहीं देखा। मुझे पहले नहीं पता था कि वो नशा करती है या नहीं। लेकिन जब हम टूर से मेरठ के लिए लौट रहे थे, जैसे ही हम यूपी में घुसे तब लड़के ने कहा कि कहीं ठेका देख लेना, हमें बीयर पीनी है। तब मैंने कहा कि ठीक है भाई जी…ठेका मिलेगा तो मैं रोक दूंगा। तब शामली से इन्होंने 3 कैन बीयर खरीदी थी। वहां लड़की ने मेरे सामने बीयर पी थी। वहां से ये दोनों लोग बीयर पीते हुए मेरठ तक आए। कार में बातचीत नहीं करते, गाड़ी से उतरकर दूर चले जाते
सफर में बीच- बीच में 2 बार मुस्कान के मोबाइल पर किसी का कॉल आया। पहले उसने फोन नहीं उठाया। जब दोबारा फोन आया तो उसने कहा- हां बताओ मम्मी। मुझसे कहा कि हाईवे पर गाड़ी किनारे लगाओ। वह टहल-टहलकर बात करने लगी। फिर कुछ देर बाद वह दोबारा आकर गाड़ी में बैठ गई। दोबारा कॉल आया। तब उसने कहा- बेटी कहां है? वीडियो कॉल पर बात कराओ। दोनों गाड़ी में केवल मोबाइल चलाते रहते थे,बात नहीं करते थे। जब भी उन्हें बात करनी होती थी, वह गाड़ी हाईवे किनारे लगवाकर उतर जाते फिर बातचीत करते थे। वीडियो कॉल पर बात करते वक्त भी मुस्कान गाड़ी से नीचे उतर जाती थी। मेरे पास टोल, पार्किंग, तेल की सारी पर्ची
अजब सिंह ने कहा- मैं लंबे टूर पर जाने के वक्त सारी पर्चियां रखता हूं। पुलिस को टोल की पर्ची भी दिखाई। 7 मार्च को गाड़ी की टंकी फुल कराई थी। इसके बाद 100 रुपए का तेल डलवाया। इसके बाद शिमला में गुरुद्वारे में प्रसाद चढ़ाने गया था। वहां पार्किंग के पैसे दिए और पर्ची कटाई। कैब ड्राइवर ने 100 रुपए की पार्किंग की पर्ची से लेकर सारे बिल भी दिखाए। 5 मार्च को 12.25 बजे हिमाचल में एंट्री करने की पर्ची दिखाई। 10 मार्च और 8 मार्च की पार्किंग पर्ची भी दिखाई। मुस्कान ने साहिल के लिए मंगवाया शंकर लिखा केक अजब सिंह ने बताया कि 16 मार्च को मुस्कान ने उसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए। वहां ड्राइवर का नेट खत्म हो गया। तो मुस्कान ने होटल का वाईफाई पासवर्ड लेकर नेट कनेक्ट कराया। तब उसने केक खरीदा था। केक पर शंकर लिखा था। 19 मार्च को मुझे हकीकत पता चली
ड्राइवर ने कहा कि कहा कि मुझे तो 19 मार्च को पता चला कि इन दोनों ने कत्ल किया है। दोनों का फोटो जब मैंने अखबार में देखा तो सारा सच मुझे पता चला कि ये दोनों तो मेरे साथ ही घूम रहे थे। SP सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा- सौरभ हत्याकांड से जुड़े हर पॉइंट पर जांच की जा रही है। जो कैब ड्राइवर इन दोनों को लेकर टूर पर गया था, उससे पूछताछ की गई है। उसने काफी चीजें बताई हैं। पुलिस की टीमों को हिमाचल, उत्तराखंड में जांच के लिए भेजा गया है। जहां-जहां ये लोग ठहरे थे, वहां से जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि केस मजबूत तैयार हो। —————————————————- हत्याकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- सौरभ को 13 की उम्र में मुस्कान से प्यार हुआ:2 बार घर से भागे, तीसरी बार शादी करके लौटे, मां बोली- उसे बेटी माना था मेरठ में पत्नी और उसके प्रेमी ने सौरभ राजपूत की हत्या कर बॉडी को 4 टुकड़ों में काट दिया। इस लव स्टोरी और कत्ल ने सबको चौंका दिया। सौरभ का परिवार नहीं चाहता था कि वह मुस्कान से शादी करे। दोनों 3 बार घर छोड़कर भागे। फिर परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली। (पूरी खबर पढ़िए) ‘सरजी, मुझे नहीं पता कि मेरी कैब में बैठे साहिल-मुस्कान ने हत्यारे हैं। 10 दिन तक मेरी कैब में दोनों घूमे थे। 4 मार्च की सुबह मुझे बुकिंग मिली, इसलिए मनाली आ गया। इन लोगों ने क्या किया है? ये तो मुझे 19 मार्च को पता चला।’ यह बातें साहिल और मुस्कान को टूर पर ले जाने वाले कैब ड्राइवर अजब सिंह ने पुलिस को बताई। मुस्कान ने 4 मार्च को 54 हजार रुपए में मनाली के लिए अजब सिंह की कैब बुक की थी। 17 मार्च तक साहिल-मुस्कान मनाली, शिमला और कसोल घूमते रहे। फिर दोनों मेरठ आ गए। इसके बाद लंदन में मर्चेंट नेवी में अफसर रहे सौरभ राजपूत की 4 टुकड़ों में शव मिला। मुस्कान और साहिल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस शिवा ट्रैवल्स तक पहुंची। जहां से कैब बुक की गई थी। फिर पुलिस परतापुर में रहने वाले अजब के घर तक पहुंची। मेरठ से निकलने के बाद दोनों ने क्या-कुछ किया। अजब सिंह ने पुलिस को क्या बताया, पढ़िए रिपोर्ट… 4 मार्च की शाम को दोनों कैब से शिमला निकले अजब ने बताया- मैं शिवा टूर एंड ट्रैवल्स की गाड़ी चलाता हूं। ट्रैवल्स का मालिक मेरा भाई विकास है। उनका 4 मार्च की सुबह 10 बजे मेरे पास कॉल आया। कहा- शिमला की बुकिंग मिली। ब्रह्मपुरी से दो लोगों को लेना है, उन्हें 10 दिन हिल स्टेशन घुमाने के बाद वापस मेरठ लाना है। मैंने कहा- ठीक है। शाम 4 बजे दोबारा फोन आया कि वो लोग दिल्ली चुंगी (मेरठ) पर मिलेंगे। शाम 6.30 बजे मैं बताई हुई लोकेशन पर पहुंच गया। यहां काशी डेयरी हलवाई की दुकान के पास मैं खड़ा रहा। शाम 7:30 बजे एक लड़का और लड़की मेरी गाड़ी में आकर बैठे। उन्हें देखकर कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था। तब तक मुझे उनका नाम तक पता नहीं था। वह लोग गाड़ी में बैठने के बाद आपस में बातें करते रहे। रास्ते में हाईवे के ढाबे पर रुककर खाना भी खाया। मुझसे कहा- शिमला चलना है, लोकेशन लगा लो। मैंने ऐसा ही किया। अमूमन ड्राइवर को सिर्फ लोकेशन से ही मतलब होता है। कौन बैठा है, वो क्या बातें कर रहे हैं, इससे हम लोग ज्यादा वास्ता नहीं रखते। होटल में ठहरे, बर्फ में खेले, दिन भर घूमते रहते
मैं रातभर गाड़ी चलाता रहा, सुबह तक हम लोग शिमला पहुंचे, वहां इन लोगों ने होटल बुक किया। यहां दोनों 3 दिन तक रुके। फिर मुझसे कहा कि कुल्लू मनाली चलो, जहां बर्फ पड़ रही हो। हम लोग लोकल लोगों से पूछते हुए पहाड़ों पर चल पड़े। दोनों बर्फ से खेलते थे। मैं कार में ही बैठा रहा। दिन में वह लोग किसी भी होटल में ठहर जाते, दिन भर घूमते रहते। ऐसे ही 5 दिन बीत गए। मुस्कान और साहिल कसोल में 5 दिन रहे, वहां से वो साढ़े तीन किमी दूर कहीं पार्टी करने जाते थे। वहां गाड़ी नहीं जाती थी, तो वह लोग रास्ते में ही उतर जाते थे। वहां वो लोग पब में जाते, डांस करते। साहिल रोज 1 से 2 बोतल लाता, मुस्कान बीयर पीती
साहिल रोजाना 1 से 2 बोतल शराब लेकर आता था। मुस्कान को मैंने नशा करते नहीं देखा। मुझे पहले नहीं पता था कि वो नशा करती है या नहीं। लेकिन जब हम टूर से मेरठ के लिए लौट रहे थे, जैसे ही हम यूपी में घुसे तब लड़के ने कहा कि कहीं ठेका देख लेना, हमें बीयर पीनी है। तब मैंने कहा कि ठीक है भाई जी…ठेका मिलेगा तो मैं रोक दूंगा। तब शामली से इन्होंने 3 कैन बीयर खरीदी थी। वहां लड़की ने मेरे सामने बीयर पी थी। वहां से ये दोनों लोग बीयर पीते हुए मेरठ तक आए। कार में बातचीत नहीं करते, गाड़ी से उतरकर दूर चले जाते
सफर में बीच- बीच में 2 बार मुस्कान के मोबाइल पर किसी का कॉल आया। पहले उसने फोन नहीं उठाया। जब दोबारा फोन आया तो उसने कहा- हां बताओ मम्मी। मुझसे कहा कि हाईवे पर गाड़ी किनारे लगाओ। वह टहल-टहलकर बात करने लगी। फिर कुछ देर बाद वह दोबारा आकर गाड़ी में बैठ गई। दोबारा कॉल आया। तब उसने कहा- बेटी कहां है? वीडियो कॉल पर बात कराओ। दोनों गाड़ी में केवल मोबाइल चलाते रहते थे,बात नहीं करते थे। जब भी उन्हें बात करनी होती थी, वह गाड़ी हाईवे किनारे लगवाकर उतर जाते फिर बातचीत करते थे। वीडियो कॉल पर बात करते वक्त भी मुस्कान गाड़ी से नीचे उतर जाती थी। मेरे पास टोल, पार्किंग, तेल की सारी पर्ची
अजब सिंह ने कहा- मैं लंबे टूर पर जाने के वक्त सारी पर्चियां रखता हूं। पुलिस को टोल की पर्ची भी दिखाई। 7 मार्च को गाड़ी की टंकी फुल कराई थी। इसके बाद 100 रुपए का तेल डलवाया। इसके बाद शिमला में गुरुद्वारे में प्रसाद चढ़ाने गया था। वहां पार्किंग के पैसे दिए और पर्ची कटाई। कैब ड्राइवर ने 100 रुपए की पार्किंग की पर्ची से लेकर सारे बिल भी दिखाए। 5 मार्च को 12.25 बजे हिमाचल में एंट्री करने की पर्ची दिखाई। 10 मार्च और 8 मार्च की पार्किंग पर्ची भी दिखाई। मुस्कान ने साहिल के लिए मंगवाया शंकर लिखा केक अजब सिंह ने बताया कि 16 मार्च को मुस्कान ने उसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए। वहां ड्राइवर का नेट खत्म हो गया। तो मुस्कान ने होटल का वाईफाई पासवर्ड लेकर नेट कनेक्ट कराया। तब उसने केक खरीदा था। केक पर शंकर लिखा था। 19 मार्च को मुझे हकीकत पता चली
ड्राइवर ने कहा कि कहा कि मुझे तो 19 मार्च को पता चला कि इन दोनों ने कत्ल किया है। दोनों का फोटो जब मैंने अखबार में देखा तो सारा सच मुझे पता चला कि ये दोनों तो मेरे साथ ही घूम रहे थे। SP सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा- सौरभ हत्याकांड से जुड़े हर पॉइंट पर जांच की जा रही है। जो कैब ड्राइवर इन दोनों को लेकर टूर पर गया था, उससे पूछताछ की गई है। उसने काफी चीजें बताई हैं। पुलिस की टीमों को हिमाचल, उत्तराखंड में जांच के लिए भेजा गया है। जहां-जहां ये लोग ठहरे थे, वहां से जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि केस मजबूत तैयार हो। —————————————————- हत्याकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- सौरभ को 13 की उम्र में मुस्कान से प्यार हुआ:2 बार घर से भागे, तीसरी बार शादी करके लौटे, मां बोली- उसे बेटी माना था मेरठ में पत्नी और उसके प्रेमी ने सौरभ राजपूत की हत्या कर बॉडी को 4 टुकड़ों में काट दिया। इस लव स्टोरी और कत्ल ने सबको चौंका दिया। सौरभ का परिवार नहीं चाहता था कि वह मुस्कान से शादी करे। दोनों 3 बार घर छोड़कर भागे। फिर परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली। (पूरी खबर पढ़िए) हिमाचल | दैनिक भास्कर
