यूपी के कांवड़ रूट पर आतंकी खतरा:मुजफ्फरनगर में ATS कमांडो सड़क पर उतरे, SSP बोले- आतंकी हमले का तत्काल जवाब दे सकेंगे

यूपी के कांवड़ रूट पर आतंकी खतरा:मुजफ्फरनगर में ATS कमांडो सड़क पर उतरे, SSP बोले- आतंकी हमले का तत्काल जवाब दे सकेंगे

कांवड़ यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। मुजफ्फरनगर में शनिवार को कांवड़ियों की सुरक्षा का जिम्मा एंटी टेरेरिस्‍ट स्‍क्‍वायड यानी ATS ने संभाल लिया है। लखनऊ से ATS की एक यूनिट पहुंची है। मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने कहा- शुक्रवार को ATS की यूनिट मुजफ्फरनगर पहुंच गई। आज शिव चौक को ATS के कब्जे में ले लिया है। किसी भी धार्मिक यात्रा में आतंकी हमले का खतरा बना रहता है। इस बार की कांवड़ यात्रा काफी सेंसिटिव है। किसी भी तरह के आतंकियों से निपटने के लिए ATS कमांडो हमें दिए गए हैं। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के कांवड़िया यहां जुटते हैं
SSP ने बताया- शिव चौक हमारा मेन पॉइंट है, जहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी से कांवड़िए आते हैं और परिक्रमा कर आगे बढ़ते हैं। इस एरिया को हमने ATS कमांडो को हैंडओवर किया है। इस पूरे इलाके को कवर कर कमांडो किसी भी आतंकी हमले का तत्काल जवाब दे सकेंगे। कांवड़ यात्रा के लिए हमने फुल प्रूफ सिक्योरिटी के इंतजाम किए हैं। किसी भी प्रकार की आतंकी घटना से निपटने के लिए ATS हेडक्वॉर्टर को सुरक्षा सौंपने का अनुरोध किया था। कांवड़ से जुड़ी और व्यवस्थाओं को देखते हैं… मेरठ में पशुपतिनाथ की 51 किलो की कांवड़
मेरठ में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कांवड़ तैयार हो रही है। 51 किलो की कांवड़ को शिव भक्त खुद तैयार कर रहे हैं। कांवड़ को बनाने में लगभग 2 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। कांवड़ रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होगी। हरिद्वार हरि की पैड़ी से जल लाकर कांवड़िए उससे शिव का जलाभिषेक करेंगे। इसे तैयार कर रहे अभिषेक अग्रवाल ने बताया- 13 फीट ऊंची और 13 फीट लंबी-चौड़ी कांवड़ तैयार हो रही है। लकड़ी, रूई, कपड़ा, थर्माकोल, रेशम के कपड़े, सजावटी सामान, रंगीन लाइटों से सजाया जा रहा है। मेरठ में राम मंदिर जैसी कांवड़ 35 लाख रुपए में बनकर तैयार
मेरठ से राम मंदिर के लुक वाली कांवड़ हरिद्वार में जल लेने रवाना हुई है। गुरुवार को भोलेनाथ के करीब 250 भक्त राम मंदिर वाली कांवड़ लेकर हरिद्वार के लिए निकले। भक्त शिवरात्रि तक हरि की पैड़ी से गंगाजल लेकर मेरठ आएंगे। उसी गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। 35 लाख रुपए में एक महीने में बनकर तैयार हुई ये राम मंदिर कांवड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है। रास्ते में जो भी इसे देख रहा है वो देखता जा रहा है। सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों में छुट्‌टी
कांवड़ यात्रा के चलते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में स्कूलों में छुट्‌टी कर दी गई है। यूपी के मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और उत्तराखंड के हरिद्वार में 26 जुलाई से 2 अगस्त तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। बुलंदशहर में डीएम-एसएसपी ने कांवड़ मेले में सुरक्षा व्यवस्था देखी
बुलंदशहर में शनिवार को डीएम और एसएसपी ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अनूपशहर के गंगा घाटों का निरीक्षण किया। इसके बाद कांवड़ियों के आने-जाने वाले मार्गों का पैदल भ्रमण किया। साथ ही कांवड़ियों से बातचीत की। बागपत में यमुना नदी में डूब रहे 5 कांवड़ियों को बचाया
बागपत के कैराना में यमुना नदी में नहाते समय हरियाणा के 5 कांवड़िए गहरे कुंड में डूब गए। अन्य कांवड़ियों के शोर मचाने पर PAC और गोताखोरों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। हरियाणा के हिसार जिले के गांव बरवाला निवासी सुमित, उनके साथी आशीष हरिद्वार से गंगाजल लेकर जा रहे थे। कैराना में वह स्नान करते हुए बैरिकेडिंग के बाहर कुंड की ओर पहुंच गए और डूबने लगे। दोनों कांवड़ियों को सकुशल बाहर निकाल लिया। कुछ देर के बाद विकास समेत तीन अन्य कांवड़िए भी गहरे पानी में समा गए। गोताखोरों ने उन तीनों की भी जान बचा ली। यूपी में कांवड़ यात्रा का रूट 200 किमी लंबा, पूरा रास्ता पैदल तय करते हैं श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश में सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु शामिल होतें हैं। इन्हें कांवड़िया कहा जाता है। ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अलग-अलग शहरों में बने शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा का रूट नीचे दिए ग्राफिक से समझिए। कांवड़ यात्रा में 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु, हर साल ₹5000 करोड़ तक का कारोबार
कांवड़ यात्रा में हर साल करीब 4 करोड़ श्रद्धालु शामिल होते हैं। करीब एक महीने तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान हर श्रद्धालु एक से डेढ़ हजार रुपए तक खर्च करता है। इस हिसाब से पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान ₹5000 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है। कांवड़िए खाने-पीने से लेकर हर दिन की जरूरत का ज्यादातर साामान रास्ते में पड़ने वाली दुकानों से ही खरीदते हैं। ये भी पढ़ें:- कांवड़ रूट में नाम लिखने पर रोक जारी रहेगी: योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था- खाने में लहसुन-प्याज से झगड़े हो रहे थे यूपी में कांवड़ रूट पर नाम लिखने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सरकार के जवाब दाखिल करने के बाद ये आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा- केंद्रीय कानून के मुताबिक यह आदेश दिया गया है। कोर्ट बोला- सभी जगह लागू करिए। फिर वकील ने कहा- कांवड़ सिर्फ तीन राज्यों से गुजरते हैं। यह सिर्फ खाने-पीने के लिए नहीं है। खाने में लहसुन-प्याज को लेकर भी झगड़े होते रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… कांवड़ यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। मुजफ्फरनगर में शनिवार को कांवड़ियों की सुरक्षा का जिम्मा एंटी टेरेरिस्‍ट स्‍क्‍वायड यानी ATS ने संभाल लिया है। लखनऊ से ATS की एक यूनिट पहुंची है। मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने कहा- शुक्रवार को ATS की यूनिट मुजफ्फरनगर पहुंच गई। आज शिव चौक को ATS के कब्जे में ले लिया है। किसी भी धार्मिक यात्रा में आतंकी हमले का खतरा बना रहता है। इस बार की कांवड़ यात्रा काफी सेंसिटिव है। किसी भी तरह के आतंकियों से निपटने के लिए ATS कमांडो हमें दिए गए हैं। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के कांवड़िया यहां जुटते हैं
SSP ने बताया- शिव चौक हमारा मेन पॉइंट है, जहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी से कांवड़िए आते हैं और परिक्रमा कर आगे बढ़ते हैं। इस एरिया को हमने ATS कमांडो को हैंडओवर किया है। इस पूरे इलाके को कवर कर कमांडो किसी भी आतंकी हमले का तत्काल जवाब दे सकेंगे। कांवड़ यात्रा के लिए हमने फुल प्रूफ सिक्योरिटी के इंतजाम किए हैं। किसी भी प्रकार की आतंकी घटना से निपटने के लिए ATS हेडक्वॉर्टर को सुरक्षा सौंपने का अनुरोध किया था। कांवड़ से जुड़ी और व्यवस्थाओं को देखते हैं… मेरठ में पशुपतिनाथ की 51 किलो की कांवड़
मेरठ में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कांवड़ तैयार हो रही है। 51 किलो की कांवड़ को शिव भक्त खुद तैयार कर रहे हैं। कांवड़ को बनाने में लगभग 2 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। कांवड़ रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होगी। हरिद्वार हरि की पैड़ी से जल लाकर कांवड़िए उससे शिव का जलाभिषेक करेंगे। इसे तैयार कर रहे अभिषेक अग्रवाल ने बताया- 13 फीट ऊंची और 13 फीट लंबी-चौड़ी कांवड़ तैयार हो रही है। लकड़ी, रूई, कपड़ा, थर्माकोल, रेशम के कपड़े, सजावटी सामान, रंगीन लाइटों से सजाया जा रहा है। मेरठ में राम मंदिर जैसी कांवड़ 35 लाख रुपए में बनकर तैयार
मेरठ से राम मंदिर के लुक वाली कांवड़ हरिद्वार में जल लेने रवाना हुई है। गुरुवार को भोलेनाथ के करीब 250 भक्त राम मंदिर वाली कांवड़ लेकर हरिद्वार के लिए निकले। भक्त शिवरात्रि तक हरि की पैड़ी से गंगाजल लेकर मेरठ आएंगे। उसी गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। 35 लाख रुपए में एक महीने में बनकर तैयार हुई ये राम मंदिर कांवड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है। रास्ते में जो भी इसे देख रहा है वो देखता जा रहा है। सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों में छुट्‌टी
कांवड़ यात्रा के चलते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में स्कूलों में छुट्‌टी कर दी गई है। यूपी के मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और उत्तराखंड के हरिद्वार में 26 जुलाई से 2 अगस्त तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। बुलंदशहर में डीएम-एसएसपी ने कांवड़ मेले में सुरक्षा व्यवस्था देखी
बुलंदशहर में शनिवार को डीएम और एसएसपी ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अनूपशहर के गंगा घाटों का निरीक्षण किया। इसके बाद कांवड़ियों के आने-जाने वाले मार्गों का पैदल भ्रमण किया। साथ ही कांवड़ियों से बातचीत की। बागपत में यमुना नदी में डूब रहे 5 कांवड़ियों को बचाया
बागपत के कैराना में यमुना नदी में नहाते समय हरियाणा के 5 कांवड़िए गहरे कुंड में डूब गए। अन्य कांवड़ियों के शोर मचाने पर PAC और गोताखोरों ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। हरियाणा के हिसार जिले के गांव बरवाला निवासी सुमित, उनके साथी आशीष हरिद्वार से गंगाजल लेकर जा रहे थे। कैराना में वह स्नान करते हुए बैरिकेडिंग के बाहर कुंड की ओर पहुंच गए और डूबने लगे। दोनों कांवड़ियों को सकुशल बाहर निकाल लिया। कुछ देर के बाद विकास समेत तीन अन्य कांवड़िए भी गहरे पानी में समा गए। गोताखोरों ने उन तीनों की भी जान बचा ली। यूपी में कांवड़ यात्रा का रूट 200 किमी लंबा, पूरा रास्ता पैदल तय करते हैं श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश में सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु शामिल होतें हैं। इन्हें कांवड़िया कहा जाता है। ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अलग-अलग शहरों में बने शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा का रूट नीचे दिए ग्राफिक से समझिए। कांवड़ यात्रा में 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु, हर साल ₹5000 करोड़ तक का कारोबार
कांवड़ यात्रा में हर साल करीब 4 करोड़ श्रद्धालु शामिल होते हैं। करीब एक महीने तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान हर श्रद्धालु एक से डेढ़ हजार रुपए तक खर्च करता है। इस हिसाब से पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान ₹5000 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है। कांवड़िए खाने-पीने से लेकर हर दिन की जरूरत का ज्यादातर साामान रास्ते में पड़ने वाली दुकानों से ही खरीदते हैं। ये भी पढ़ें:- कांवड़ रूट में नाम लिखने पर रोक जारी रहेगी: योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था- खाने में लहसुन-प्याज से झगड़े हो रहे थे यूपी में कांवड़ रूट पर नाम लिखने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सरकार के जवाब दाखिल करने के बाद ये आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा- केंद्रीय कानून के मुताबिक यह आदेश दिया गया है। कोर्ट बोला- सभी जगह लागू करिए। फिर वकील ने कहा- कांवड़ सिर्फ तीन राज्यों से गुजरते हैं। यह सिर्फ खाने-पीने के लिए नहीं है। खाने में लहसुन-प्याज को लेकर भी झगड़े होते रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर