हरियाणा में रेवाड़ी शहर से सटे आउटर बाइपास स्थित नेशनल हाइवे (NH-11) पर गांव खरसानकी के निकट हुए सड़क हादसे में मारे गए नितेश और मंजीत दोनों के शव का बुधवार को नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा। रामपुरा थाना पुलिस ने मंजीत के पिता पूर्व सरपंच मुकेश कुमार की शिकायत पर आरोपी टैंकर चालक के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया हैं। वहीं दूसरी तरफ दो युवकों की मौत के बाद गांव खरखड़ी में मातम पसरा हुआ है। दोनों युवक अपने परिवार में इकलौते चिराग थे। मृतक मंजीत के पिता मुकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम हादसे से पहले उनके बेटे मंजीत से उनकी फोन पर बात हुई थी। उसने 10 मिनट में घर आने की बात कही थी, लेकिन इससे पहले ही एक्सीडेंट हो गया और उसके बेटे मंजीत और दोस्त नितेश की मौत हो गई। परिवार के मुताबिक, मंजीत और नितेश काफी अच्छे दोस्त थे। दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी। साथ ही दोनों अब नौकरी की तैयारी में लगे हुए थे। दोनों रेवाड़ी आ रहे थे, रास्ते में हादसा हुआ बता दें कि गांव खरखड़ी निवासी मंजीत (24) और नितेश (23) दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों मंगलवार की देर शाम आई-20 कार में सवार होकर रेवाड़ी शहर में किसी काम से आ रहे थे। दोनों रेवाड़ी-जैसलमेर हाइवे के आउटर बाइपास स्थित खरसानकी पहुंचे तो सामने से पानी का एक टैंकर आ रहा था। आरोप है कि टैंकर चालक ने उनकी कार को सीधे टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इतना ही नहीं टैंकर का भी अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। कार के अंदर फंसे दोनों हादसे में मंजीत और नितेश दोनों कार के अंदर फंस गए। काफी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद सेक्टर-3 और गांव भाड़ावास चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों चौकी की पुलिस काफी देर तक एरिया को लेकर उलझी रही, लेकिन जब बाद में क्लियर हुआ कि इलाका गांव भाड़ावास चौकी के अधीन आता है तो पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मुकेश कुमार की शिकायत पर टैंकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हरियाणा में रेवाड़ी शहर से सटे आउटर बाइपास स्थित नेशनल हाइवे (NH-11) पर गांव खरसानकी के निकट हुए सड़क हादसे में मारे गए नितेश और मंजीत दोनों के शव का बुधवार को नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा। रामपुरा थाना पुलिस ने मंजीत के पिता पूर्व सरपंच मुकेश कुमार की शिकायत पर आरोपी टैंकर चालक के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया हैं। वहीं दूसरी तरफ दो युवकों की मौत के बाद गांव खरखड़ी में मातम पसरा हुआ है। दोनों युवक अपने परिवार में इकलौते चिराग थे। मृतक मंजीत के पिता मुकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम हादसे से पहले उनके बेटे मंजीत से उनकी फोन पर बात हुई थी। उसने 10 मिनट में घर आने की बात कही थी, लेकिन इससे पहले ही एक्सीडेंट हो गया और उसके बेटे मंजीत और दोस्त नितेश की मौत हो गई। परिवार के मुताबिक, मंजीत और नितेश काफी अच्छे दोस्त थे। दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी। साथ ही दोनों अब नौकरी की तैयारी में लगे हुए थे। दोनों रेवाड़ी आ रहे थे, रास्ते में हादसा हुआ बता दें कि गांव खरखड़ी निवासी मंजीत (24) और नितेश (23) दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों मंगलवार की देर शाम आई-20 कार में सवार होकर रेवाड़ी शहर में किसी काम से आ रहे थे। दोनों रेवाड़ी-जैसलमेर हाइवे के आउटर बाइपास स्थित खरसानकी पहुंचे तो सामने से पानी का एक टैंकर आ रहा था। आरोप है कि टैंकर चालक ने उनकी कार को सीधे टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इतना ही नहीं टैंकर का भी अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। कार के अंदर फंसे दोनों हादसे में मंजीत और नितेश दोनों कार के अंदर फंस गए। काफी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद सेक्टर-3 और गांव भाड़ावास चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों चौकी की पुलिस काफी देर तक एरिया को लेकर उलझी रही, लेकिन जब बाद में क्लियर हुआ कि इलाका गांव भाड़ावास चौकी के अधीन आता है तो पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मुकेश कुमार की शिकायत पर टैंकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में तोड़ी जाएंगी 17 दुकानें:सुप्रीम कोर्ट ने स्टे ऑर्डर को कैंसिल किया, हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
सोनीपत में तोड़ी जाएंगी 17 दुकानें:सुप्रीम कोर्ट ने स्टे ऑर्डर को कैंसिल किया, हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका हरियाणा में सोनीपत के सुभाष चौक पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से बनी 17 दुकानों को हटाने पर लगे स्टे ऑर्डर को कैंसिल कर दिया है। प्रशासन जल्द ही इन दुकानों पर बुलडोजर चलाएगा और दुकानें तोड़कर यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराएगा। क्या है मामला
सुभाष चौक पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन पार्किंग की सुविधा न होने के कारण यहां हमेशा जाम की स्थिति रहती है। पहले यहां पार्किंग और ग्रीन बेल्ट की जगह पर कुछ दुकानें बना दी गई थीं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 दुकानों को हटाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। कई सालों तक चले इस मामले में हाईकोर्ट ने दुकानें तोड़ने के आदेश दिए थे। लेकिन कुछ दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों और दलीलों को ध्यान में रखते हुए स्टे ऑर्डर को निरस्त कर दिया है। अब नगर निगम प्रशासन को संवैधानिक तरीके से इन दुकानों को हटाना होगा। प्रशासन जल्द ही दुकानदारों को नोटिस जारी करेगा और तय तिथि पर दुकानें तोड़ी जाएंगी। सुभाष चौक पर स्थित 17 दुकानों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इस घटना से 17 दुकानदारों की रोजी-रोटी संकट आ गया है। स्थानीय विधायक और मेयर के प्रयासों के बावजूद, अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस मामले में प्रशासन का बुलडोजर कभी भी चल सकता है। लोगों ने किया फैसले का स्वागत सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और आसपास के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे यहां जाम की समस्या से निजात मिलेगी और लोगों को पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। प्रभावित दुकानदारों को पहले ही ईएसआई डिस्पेंसरी के सामने दुकानें देने का प्रस्ताव दिया जा चुका है, जिसे कुछ दुकानदारों ने स्वीकार भी किया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। अब उम्मीद है कि जल्द ही यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। कस्टोडियन की जमीन पर बैठे हैं दुकानदार सुभाष चौक पर 17 दुकानदार कस्टोडियन की जमीन पर करीबन 40 साल बैठे हैं। सोनीपत नगर पालिका के अंतर्गत पहले दुकानदारों से किराया लिया जाता था। लेकिन
पिछले करीबन 15 से 20 साल किराया लेना बंद हो गया है। कस्टोडियन की ऐसी जमीन होती है। जिसका कोई वारिस नहीं है या जिसका खुद को वारिस साबित नहीं किया जा सकता। यह जमीन सरकार के नियंत्रण में होती है। तत्कालीन मेयर ने डेढ़ साल पहले दिया था आश्वासन सितंबर 2023 में प्रशासन की कार्रवाई के आदेश आए थे तो इस दौरान दुकानदारों ने कोर्ट से स्टे ले लिया था। उसके बाद तत्कालीन मेयर निखिल मदान ने दुकानदारों की दुकान न टूटने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक बार फिर मुद्दा गरमा गया है और दुकानदारों में हड़कंप मच गई है। प्रशासन ने उस दौरान दुकानदारों को ईएसआई डिस्पेंसरी के नजदीक दुकान अलॉट करने के लिए भी कहा था, लेकिन दुकानदारों ने मना कर दिया था।
राज बब्बर का हरियाणा विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मैं नहीं लड़ूंगा, भूपेंद्र हुड्डा मेरे दोस्त, उन्होंने दोस्ती निभाई, सुरजेवाला चाहते थे यहां आऊं
राज बब्बर का हरियाणा विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मैं नहीं लड़ूंगा, भूपेंद्र हुड्डा मेरे दोस्त, उन्होंने दोस्ती निभाई, सुरजेवाला चाहते थे यहां आऊं फिल्म एक्टर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके बारे में नहीं सोचा है। इससे पहले चर्चा थी कि वह गुरुग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी तो वह सीएम कुर्सी के मामले में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के लिए चैलेंज बन सकते हैं। राज बब्बर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- ”मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैंने अभी तक इस बारे में नहीं सोचा और न ही विधानसभा चुनाव लड़ा। मुझे कोई विधानसभा चुनाव लड़ने की पेशकश भी नहीं करेगा। 26 साल से मैं सक्रिय राजनीति में हूं लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने का मन नहीं हुआ।” बब्बर ने हुड्डा को लेकर कहा कि भूपेंद्र हुड्डा से मेरी पहचान राजनीति की वजह से नहीं है। मैं जब राजनीति में नहीं था और हुड्डा भी नहीं थे, तब से वे मेरे दोस्त हैं। हुड्डा पॉलिटिकली बहुत प्रोफेशनल हैं। वह कभी दोस्ती को सामने नहीं रखते। वह दोस्ती निभाते हैं। बब्बर बोले- सैलजा की इज्जत करता हूं, सुरजेवाला चाहते थे मैं हरियाणा आऊं
बब्बर ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला से उनके संबंध ठीक है। सबसे अच्छी बोलचाल है। राज बब्बर ने कहा कि उनका कोई ग्रुप नहीं है। मैं कुमारी सैलजा की भी इज्जत करता हूं। उनके जेहन में क्या है, ये वही जानें। रणदीप सुरजेवाला भी मुझे बहुत इज्जत देते हैं। वह मुझे भाई मानते हैं। वही एक ऐसे शख्स थे, जो चाहते थे कि मैं हरियाणा में आऊं। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत को कड़ी टक्कर में फंसाया
राज बब्बर ने इस बार गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को टिकट दी थी। राव लगातार 5 बार के सांसद और 2 बार के केंद्रीय राज्य मंत्री थे। ऐसे में राज बब्बर की एंट्री से वह कड़े मुकाबले में फंस गए। हालांकि वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन कांग्रेस का यह दांव उन पर भारी पड़ता नजर आया। गुरुग्राम में एक्टिव रहे राज बब्बर
लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी राज बब्बर गुरुग्राम में एक्टिव है। वह न केवल लोगों से मिल रहे हैं बल्कि उनकी समस्याओं को अफसरों तक भी पहुंचा रहे हैं। इसी से कयास लगाए जा रहे थे कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पहले उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने हंसकर टाल दिया था।
पानीपत पहुंचे महाराष्ट्र के सीएम:देवेंद्र फडणवीस बोले- मराठे युद्ध नहीं हारे मुहिम हारे थे, एक नहीं-इसलिए सेफ नहीं का दिया नारा
पानीपत पहुंचे महाराष्ट्र के सीएम:देवेंद्र फडणवीस बोले- मराठे युद्ध नहीं हारे मुहिम हारे थे, एक नहीं-इसलिए सेफ नहीं का दिया नारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को हरियाणा के पानीपत में शौर्य दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल हुए। यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने मराठों के शौर्य और बलिदान को याद किया। बता दें कि देवेंद्र फडणवीस पानीपत की तीसरी लड़ाई के काला आम्ब स्मारक स्थल पर 264वें मराठा शौर्य दिवस समारोह में पहली बार पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मराठे युद्ध नहीं हारे बल्कि वह एक मुहिम हारे थे। युद्ध में अगर विजय किसी की हुई तो वह मराठों की हुई। वह युद्ध हिंदवी साम्राज्य ने ही जीता। उन्होंने कहा कि हिंदवी साम्राज्य को स्थापित करने का काम हमारे मराठों ने किया। इसलिए यह युद्ध भूमि हमारे लिए पावन भूमि है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध ने एक संदेश हमें दिया कि यदि उस समय अन्य राजा भी हमारी मदद को आ जाते तो अब्दाली यहां से पराजित होकर चला जाता। पानीपत युद्ध के बाद अब्दाली ने मुड़कर भारत की तरफ नहीं देखा
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बेशक अब्दाली युद्ध जीता हो, लेकिन उसका मानस इतना पराजित हुआ कि वह दोबारा मुड़कर भारत की तरफ नहीं आया। अगर हम उस समय एक होते तो सेफ होते। हम एक नहीं रहे इसलिए सेफ नहीं रहे। हमारे ऊपर इस प्रकार से अलग-अलग लोगों ने राज किया, क्योंकि हम खंडित थे। नापाक ताकतें देश को करना चाहती हैं खंडित
उन्होंने कहा कि आज हमें यही सीखना होगा, जाति, भाषा, प्रांत के भेद भुलाकर हम समूचे हिंदुस्तानी एक हैं। हम सारे भारतवासी एक हैं। इस प्रकार की भूमिका को सामने रखते हुए, हमारा दुश्मन कौन है इसको समझते हुए आगे बढ़ेंगे तो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो विकसित भारत का नारा दिया है जो स्वप्न देखा है, उस स्वप्न को हम पूरा कर पाएंगे। जो नापाक ताकते हमारे देश को खंडित करना चाहती हैं, इस प्रकार की ताकतों के आगे अगर हम हार जाते हैं तो हम युद्ध में भी हारेंगे और हमारा देश भी खंड़ित होगा।