हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव बेरली खुर्द में मंदिर में प्रसाद लेने गई महिला के साथ भीड़ में धक्का-मुक्की कर उसके गले से सोने की चेन छीन ली गई। महिला ने जब गले पर हाथ लगाया तो चेन गायब थी। उसने तुरंत शोर मचाया, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल सका। जाटूसाना थाना पुलिस ने झपटमारी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी के गांव बेरली खुर्द निवासी मुकेश की पत्नी बिमला ने बताया कि सोमवार को उनके गांव के मंदिर में भंडारा था। वह अन्य महिलाओं के साथ भंडारे में गई थी और मंदिर में माथा टेकने के बाद प्रसाद ले रही थी। तभी भीड़ में उसके साथ धक्का-मुक्की की गई और किसी ने उसके गले से 3 तोले सोने की चेन छीन ली। धक्का-मुक्की के दौरान ही उसे अहसास हुआ कि चेन टूट गई है। सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर भी सुराग नहीं जब उसने गले पर हाथ लगाया तो चेन गायब थी। बिमला ने तुरंत शोर मचाया, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद महिला का पति मुकेश भी मंदिर पहुंचा। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए, लेकिन रिकॉर्डिंग स्पष्ट नहीं होने के कारण सोने की चेन तोड़ने वाले आरोपी का पता नहीं चल सका। सूचना के बाद जाटूसाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बिमला की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव बेरली खुर्द में मंदिर में प्रसाद लेने गई महिला के साथ भीड़ में धक्का-मुक्की कर उसके गले से सोने की चेन छीन ली गई। महिला ने जब गले पर हाथ लगाया तो चेन गायब थी। उसने तुरंत शोर मचाया, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल सका। जाटूसाना थाना पुलिस ने झपटमारी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी के गांव बेरली खुर्द निवासी मुकेश की पत्नी बिमला ने बताया कि सोमवार को उनके गांव के मंदिर में भंडारा था। वह अन्य महिलाओं के साथ भंडारे में गई थी और मंदिर में माथा टेकने के बाद प्रसाद ले रही थी। तभी भीड़ में उसके साथ धक्का-मुक्की की गई और किसी ने उसके गले से 3 तोले सोने की चेन छीन ली। धक्का-मुक्की के दौरान ही उसे अहसास हुआ कि चेन टूट गई है। सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर भी सुराग नहीं जब उसने गले पर हाथ लगाया तो चेन गायब थी। बिमला ने तुरंत शोर मचाया, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद महिला का पति मुकेश भी मंदिर पहुंचा। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए, लेकिन रिकॉर्डिंग स्पष्ट नहीं होने के कारण सोने की चेन तोड़ने वाले आरोपी का पता नहीं चल सका। सूचना के बाद जाटूसाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बिमला की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के फिरौती किंग भाऊ-बवाना में दरार:दिल्ली में मर्डर के बाद लड़ाई; नीरज बोला- गैंग से ताल्लुक नहीं, हिमांशु की धमकी- मैं अकेला काफी
हरियाणा के फिरौती किंग भाऊ-बवाना में दरार:दिल्ली में मर्डर के बाद लड़ाई; नीरज बोला- गैंग से ताल्लुक नहीं, हिमांशु की धमकी- मैं अकेला काफी हरियाणा के दो नामी गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और नीरज बवाना के बीच फूट पड़ गई है। इनके बीच सोशल मीडिया पर तनातनी भी शुरू हो गई। दोनों गैंग की तरफ से पोस्ट की गई। एक पोस्ट में नीरज बवाना गैंग की तरफ से लिखा गया- ऐसा है तो बता दें, हम किसी के दम पर नहीं चलते’। दरअसल, नीरज बवाना दिल्ली की तिहाड़ जेल में मकोका के तहत बंद है। वहीं हिमांशु भाऊ फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भाग चुका है। उसके अमेरिका में छुपा होने की जानकारी है। दोनों गैंग के बीच तकरार दिल्ली में हुए अमन जून नाम के शख्स के मर्डर के बाद शुरू हुई। लेकिन अब अमन जून के मर्डर के बाद पहली बार दोनों गैंगस्टर के बीच दरार की खबरें पहली बार खुलकर सामने आई हैं। हालांकि दिल्ली-हरियाणा के इन 2 बड़े गैंगस्टरों के बीच वाकई दरार आ गई है या फिर पुलिस को चकमा देने के लिए ये कोई ड्रामा कर रहे है…? ये अपने आप में बड़ा सवाल है। ये सवाल इसलिए भी है, क्योंकि मौजूदा जंग सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही है। नीरज बवाना गैंग की तरफ से एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई है। इस पोस्ट में दावा किया गया है नीरज का अमेरिका में बैठे कुख्यात गैंगस्टर हिंमाशु भाऊ और उसके गैंग से कोई ताल्लुक नहीं है। पोस्ट में लिखा है कि हिमांशु भाऊ मेरे नाम से कोई क्राइम अगर करता है तो उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद अमेरिका में बैठे गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के हवाले से एक वीडियो जारी किया हुआ है। वीडियो में भाऊ बोला- तो फिर खुद को दाऊद ना बताया करो
हिमांशु भाऊ की तरफ से वायरल किए गए वीडियो की दैनिक भास्कर पुष्टि नहीं करता, लेकिन ये हिमांशु भाऊ का पहला वीडियो हो सकता है। वीडियो में शख्स ने मुंह छुपाए हुआ है। काला चश्मा लगाए हुए दावा कर रहा है कि एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें कहा गया है, “नीरज बवाना की तरफ से कि हमारा हिमांशु भाऊ और उसके गैंग से कोई लेना-देना नहीं तो बता दे भाई हम किसी के दम पर नहीं चलते और जो है हम खुद के दम पर हैं। उसने कहा कि सबको पता है किसने किसके लिए कितना कर रखा है और बात रही अलग होने की तो पंकज बवाना हमारे दम पर पैसा खाता रहा है और मुकदमे का डर है तो खुद को दाऊद न बताया करो। रोहतक का ही बताया करो। बात बताने पर लड़ाई न कर जाया पड़े, कर्म करना पड़े जय भोले की। पहली बार खुलकर सामने आई फूट
हिमांशु भाऊ और नीरज बवाना गैंग ने पिछले डेढ़ साल के भीतर साथ मिलकर दिल्ली और हरियाणा में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दिया है। मर्डर, फिरौती और अन्य संगीन वारदातों में हिमांशु भाऊ का नाम सामने आता रहा है। कुछ दिन पहले हरियाणा के अलग-अलग शहरों में फायरिंग कर मांगी गई करोड़ों रुपए की फिरौती में भी हिमांशु भाऊ का ही नाम सामने आया था। हिमांशु भाऊ के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, एनआईए को हिमांशु भाऊ की तलाश है। हालांकि, दिल्ली एनसीआर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अच्छी तरह पता है कि नीरज बवाना और हिमांशु भाऊ गैंग मिलकर काम करते हैं। जिस तरह से हिमांशु भाऊ खुद विदेश में बैठकर अपनी गैंग के गुर्गे को जरिए दिल्ली एनसीआर हरियाणा में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दिलवा रहा है, उसमें उसे किसी स्थानीय गैंग का सपोर्ट जरूर है। अमन जून के मर्डर के बाद शुरू हुई लड़ाई
18 जून को हरियाणा के झज्जर जिले में रहने वाले अमन जून नाम के शख्स की दिल्ली के राजौरी स्थित बर्गर किंग रेस्टोरेंट में ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए गैंगस्टर हिमांशु भाऊ ने ली थी। हिमांशु भाऊ रिठोलिया नाम से बने एक इंस्टाग्राम अकाउंट से हत्या के तुरंत बाद पोस्ट किया गया। जिसमें लिखा ‘आज राजौरी गार्डन में जो हत्या हुई है, उसकी जिम्मेवारी मैं हिमांशु भाऊ और मेरा भाई नवीन बाली लेते हैं। हमारे भाई शक्ति दादा के मर्डर में इसका हाथ था और उसी का बदला आज हुआ है और जो भी बाकी हैं, सबका नंबर आने वाला है। इसमें नीरज बवाना गैंग, काला खरमपुर गैंग, नीरज फरीदपुर गैंग का टैग किया गया। पोस्ट में जिस शक्ति दादा का जिक्र किया गया, वो शख्स नीरज बवाना की सगी मौसी का लड़का और नजफगढ़ के पूर्व विधायक रामबीर शौकिन का भांजा था। जिससे हिमांशु भाऊ और नीरज बवाना के गठजोड़ का पता चला था। इससे पहले भी हिमांशु भाऊ ने हरियाणा के अलग-अलग शहरों में जितनी भी वारदात की, उसके तुरंत बाद की गई पोस्ट में नीरज बवाना गैंग को जरूर टैग किया था। इससे दोनों गैंग के साथ होने की जानकारी पता चली थी। अब दोनों गैंगस्टरों के बारे में पढ़िए… 4 साल में बन गया क्राइम की दुनिया का बादशाह
रोहतक शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर गांव रिटौली का रहने वाला हिमांशु भाऊ स्कूली की पढ़ाई के दौरान ही क्राइम की दुनिया में उतर गया। 12वीं कक्षा की पढ़ाई करते समय उस पर एक युवक पर फायरिंग करने का आरोप लगा। ये घटना वर्ष 2020 की है। उसने अपने ही गांव रिटौली के युवक पर फायरिंग की थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर हिसार बाल सुधार गृह में भेजा। उस वक्त हिमांशु नाबालिग था। हिमांशु इतना शातिर था कि वह बाल सुधार गृह को तोड़कर ही फरार हो गया। जिसके बाद वह दोबारा कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया। उसने कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। गैंगस्टर नीरज बवाना और नवीन बाली गैंग के संपर्क में आने के बाद तो उसने हरियाणा के अलावा दिल्ली में भी कई वारदातें की और फिर वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश के पते पर फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग गया। जहां से हिमांशु ने अपनी गैंग को ना केवल ऑपरेट किया, बल्कि पिछले कुछ दिनों में तो उसने हरियाणा और दिल्ली में कई ऐसी बड़ी वारदातें की जिससे पुलिस की भी नींद उड़ गई। तिहाड़ जेल में बंद नीरज बवाना
नीरज बवाना ने 2004 में 18 साल से कम उम्र में एक शख्स का कत्ल कर क्राइम की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिल्ली-NCR में बड़े बिजनेसमैनों से फिरौती मांगने पर उसका नाम फिरौती किंग पड़ा। उसने कई महंगी जमीनों पर कब्जा किया। उसके ऊपर हत्या, मर्डर प्रयास और फिरौती वसूली के 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। नीरज बवाना लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीरज बवाना का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की D कंपनी से भी जुड़ चुका है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के कत्ल के लिए D कंपनी ने नीरज बवाना से ही संपर्क कर सुपारी दी थी। जेल अधिकारियों ने इसकी भनक लगने के बाद तिहाड़ जेल में सुरक्षा बढ़ा दी और छोटा राजन को जेल के दूसरे एरिया में शिफ्ट कर दिया था। नीरज बवाना के गैंग में 300 से ज्यादा शूटर हैं।
हिसार में सीएम की रैली में तोड़ी आचार संहिता:शाहपुरा गांव में सरकारी स्कूल की दीवार तोड़कर रैली स्थल बनाया, DC बोले- ऐसा नहीं हो सकता
हिसार में सीएम की रैली में तोड़ी आचार संहिता:शाहपुरा गांव में सरकारी स्कूल की दीवार तोड़कर रैली स्थल बनाया, DC बोले- ऐसा नहीं हो सकता हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की रैली के लिए आचार संहिता तोड़ने का मामला सामने आया है। यह घटना हिसार के शाहपुर गांव में हुई। मुख्यमंत्री यहां नलवा से भाजपा विधायक और डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा के पक्ष में विजय संकल्प रैली करने आए थे। इस रैली के लिए सरकारी स्कूल को चुना गया जबकि नियमानुसार कोड ऑफ कंडक्ट लगने के बाद किसी भी सरकारी बिल्डिंग या धार्मिक स्थल में कोई रैली नहीं की जा सकती। शाहपुर गांव में मुख्यमंत्री के लिए सरकारी स्कूल की चारदीवारी तोड़कर स्कूल ग्राउंड को रैली स्थल बनाया गया। 16 अगस्त को हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। कोड ऑफ कंडक्ट लगने के बाद नलवा विधानसभा हलके में भाजपा नेता रणबीर सिंह गंगवा के लिए मुख्यमंत्री की यह पहली रैली रखी गई। डीसी बोले- स्कूल ग्राउंड में नहीं हो सकती रैली सीएम की रैली के लिए आचार संहिता तोड़े जाने की घटना से जुड़े मैसेज तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। इनमें लिखा गया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह ने सरकारी नियमों और आचार संहिता की धज्जियां उड़ाईं। शाहपुर गांव के सरकारी स्कूल में चुनावी रैली की गई और इस रैली के लिए रास्ता स्कूल की दीवार तोड़कर बनाया गया। संबंधित जिले में आचार संहिता लागू करने का जिम्मा डीसी और जिला निर्वाचन अधिकारी का होता है। अगर कहीं पर भी किसी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई का जिम्मा भी डीसी का ही होता है। शाहपुर गांव की घटना के बारे में जब जिला निर्वाचन अधिकारी और हिसार के डीसी प्रदीप दहिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई नेता या सीएम चुनाव प्रचार के दौरान स्कूल के खेल मैदान या धार्मिक स्थल का प्रयोग नहीं कर सकता। अगर किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार ने इसका उल्लंघन किया तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
समालखा के पहले विधायक का निधन:89 साल की उम्र में रणधीर सिंह ने ली आखिरी सांस; दोपहर 3 बजे पानीपत में होगा अंतिम संस्कार
समालखा के पहले विधायक का निधन:89 साल की उम्र में रणधीर सिंह ने ली आखिरी सांस; दोपहर 3 बजे पानीपत में होगा अंतिम संस्कार हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रणधीर सिंह का निधन हो गया। पूर्व विधायक रणधीर दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार सुबह उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। दिल्ली के अस्पताल में सारी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उनका पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिया जाएगा। जिसके बाद वे पानीपत शहर पहुंचेंगे। यहां दो नहरों के बीच स्थित श्मशान घाट में दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। एक ही रात में दो पार्टियों में शामिल होकर बटोरी थीं सुर्खियां जानकारी देते हुए चांद ढांडा ने बताया कि उनके ससुर पूर्व विधायक रणधीर सिंह थे। उन्होंने आज 89 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। 1966 में राज्य गठन के बाद रणधीर सिंह 1967 में पहली बार विधायक बने थे। इसी साल से राज्य में ‘आया राम गया राम’ की राजनीति भी शुरू हो गई थी। रणधीर सिंह उस समय पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गए थे, जब उन्होंने एक ही रात में दो पार्टियों में शामिल हो गए थे। हालांकि उनका कार्यकाल करीब एक साल ही चला। पांच बच्चों के पिता थे रणधीर पूर्व विधायक रणधीर सिंह पांच बच्चों के पिता थे। उनके एक बेटा और चार बेटियां हैं। उनकी पत्नी रोशनी देवी भी बुजुर्ग हैं और गृहिणी हैं। उनके बेटे तेजेंद्र पहले पानीपत शहरी विधायक बलबीर पाल शाह के पीए थे। फिलहाल वे अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं। वहीं कोचिंग देते हैं। उनकी चारों बेटियों की शादी भी हो चुकी है।