रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज संसद में पहलवानों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों को सम्मान मिले। हमारे खिलाड़ी अपने देश का झंडा उठाने के लिए दूसरे देश के खिलाड़ियों से लड़ेगे, तो उनको सिस्टम और सरकार से ना लड़ना पड़े। उन्होंने कहा कि देश को ओलंपिक में पदक दिलाने वाले पहलवानों को न्याय के लिए आंदोलन करना पड़ा था। जब पहलवान अपने पदकों को नदी में बहाने के लिए चले, तब भाजपाइयों ने अनाप-शनाप बयान बाजी की और इन पदकों को मामूली बताया। यहां तक कि देश के खेल मंत्री ने पहलवानों को न्याय दिलाने तक का आश्वासन नहीं दिया। यह दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सांसद एवं WFI अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण को बचाने के लिए पूरी सत्ताधारी भाजपा की उतर आई। वहीं, हरियाणा प्रदेश की बात करें तो भाजपा के खेल मंत्री पर उनके ही विभाग की एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। लेकिन भाजपा ने खेल मंत्री को पद से हटाने तक से मना कर दिया। पदक लाओ-पद पाओ नीति का जिक्र किया संसद में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पदक लाओ पद पाओ की नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो ‘पदक लाओ पद पाओ’ की नीति थी, दुर्भाग्य से पिछले 10 साल से भाजपा सरकार ने इस पर रोक लगा दी। पिछले ओलंपिक विजेता हमारे खिलाड़ियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई। जबकि पहले से नियुक्त किए गए खिलाड़ियों को पदोन्नति नहीं मिली। ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी हो या पदक लाने वाले, सभी में हरियाणा पूरे देश में अव्वल रहा है। लेकिन भाजपा सरकार खिलाड़ियों की अनदेखी कर रही है। समय पर नहीं मिलती राशि -दीपेंद्र खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि भी समय पर नहीं मिलती। जिसके कारण खेलों में नंबर वन रहने वाला हरियाणा आज नशे में नंबर वन बन गया है, जबकि हुड्डा सरकार में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से पदक लाओ पद पाओ की नीति शुरू की थी। इसका असर यह हुआ कि हरियाणा के युवा खेल की तरफ बड़े और वर्ष 2008 के बाद ओलंपिक में हरियाणा के पदकों की संख्या बढ़ी है। रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज संसद में पहलवानों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों को सम्मान मिले। हमारे खिलाड़ी अपने देश का झंडा उठाने के लिए दूसरे देश के खिलाड़ियों से लड़ेगे, तो उनको सिस्टम और सरकार से ना लड़ना पड़े। उन्होंने कहा कि देश को ओलंपिक में पदक दिलाने वाले पहलवानों को न्याय के लिए आंदोलन करना पड़ा था। जब पहलवान अपने पदकों को नदी में बहाने के लिए चले, तब भाजपाइयों ने अनाप-शनाप बयान बाजी की और इन पदकों को मामूली बताया। यहां तक कि देश के खेल मंत्री ने पहलवानों को न्याय दिलाने तक का आश्वासन नहीं दिया। यह दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सांसद एवं WFI अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण को बचाने के लिए पूरी सत्ताधारी भाजपा की उतर आई। वहीं, हरियाणा प्रदेश की बात करें तो भाजपा के खेल मंत्री पर उनके ही विभाग की एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। लेकिन भाजपा ने खेल मंत्री को पद से हटाने तक से मना कर दिया। पदक लाओ-पद पाओ नीति का जिक्र किया संसद में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पदक लाओ पद पाओ की नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो ‘पदक लाओ पद पाओ’ की नीति थी, दुर्भाग्य से पिछले 10 साल से भाजपा सरकार ने इस पर रोक लगा दी। पिछले ओलंपिक विजेता हमारे खिलाड़ियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई। जबकि पहले से नियुक्त किए गए खिलाड़ियों को पदोन्नति नहीं मिली। ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी हो या पदक लाने वाले, सभी में हरियाणा पूरे देश में अव्वल रहा है। लेकिन भाजपा सरकार खिलाड़ियों की अनदेखी कर रही है। समय पर नहीं मिलती राशि -दीपेंद्र खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि भी समय पर नहीं मिलती। जिसके कारण खेलों में नंबर वन रहने वाला हरियाणा आज नशे में नंबर वन बन गया है, जबकि हुड्डा सरकार में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से पदक लाओ पद पाओ की नीति शुरू की थी। इसका असर यह हुआ कि हरियाणा के युवा खेल की तरफ बड़े और वर्ष 2008 के बाद ओलंपिक में हरियाणा के पदकों की संख्या बढ़ी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में मैनेजर से 16 लाख की ठगी:पार्ट टाइम जॉब के लालच में फंसाया; गुगल पर रिव्यू देने को कहा, खाते से पैसे कराए ट्रांसफर
रेवाड़ी में मैनेजर से 16 लाख की ठगी:पार्ट टाइम जॉब के लालच में फंसाया; गुगल पर रिव्यू देने को कहा, खाते से पैसे कराए ट्रांसफर हरियाणा में रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र की एक कंपनी के मेंटेनेंस मैनेजर से करीब 16 लाख रुपये की ठगी हो गई। जालसाजों ने पहले उन्हें पार्ट टाइम जॉब का झांसा दिया और फिर गूगल रिव्यू के जरिए मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार सोनीपत के ओमेक्स सिटी में रहने वाले निशांत उपाध्याय फिलहाल धारूहेड़ा की एक कंपनी में मेंटेनेंस मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और यहां एवलॉन रंगोली सोसायटी में रहते हैं। निशांत उपाध्याय के मुताबिक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक खातों के अलावा उनके पास अलग-अलग बैंकों के पांच क्रेडिट कार्ड हैं। एक दिन पहले उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया, जो ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के बारे में था। गुगल पर रिव्यू करने का ऑफर मिला आरोपियों ने गुगल रिव्यू करने का ऑफर दिया। जिसके लिए टेलीग्राम का लिंक भेजा। ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देखकर पीड़ित उसके झांसे में फंस गए और फिर रिव्यू करना शुरू कर दिया। शुरूआत में उनके पास कुछ पैसे देने का झांसा दिया, जिसके लिए एक ऑनलाइन लिंक पर अकाउंट बनवाकर 20% से 50% मुनाफा का झांसा दिया। निशांत ने अपने बैंक खाते व क्रेटिड से उनके बताए गए UPI आईडी व बैंक खाते में पैसे भेजने शुरू कर दिए। 16 लाख रुपए ट्रांसफर किए मोटे मुनाफे के लालच में आकर निशांत ने 24 घंटे के भीतर करीब 15 बार में शातिर बदमाशों के खाते में 15,98,251 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इतनी मोटी रकम ट्रांसफर करने के बाद भी निशांत के पास कोई पैसा वापस मुनाफे के तौर पर नहीं आया। इसके बाद निशांत को शक हुआ तो उसने शातिर बदमाशों के नंबर पर कॉल की। लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। बाद में उसे ठगी का एहसास हुआ और फिर फौरन पुलिस को शिकायत दी। साइबर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा में रणजीत चौटाला Vs गोपाल कांडा:बिजली मंत्री बोले- देवीलाल का बेटा, 90 सीटों पर जनाधार, हलोपा नेता का जबाव- आपका इन सब पर बंटाधार
हरियाणा में रणजीत चौटाला Vs गोपाल कांडा:बिजली मंत्री बोले- देवीलाल का बेटा, 90 सीटों पर जनाधार, हलोपा नेता का जबाव- आपका इन सब पर बंटाधार हरियाणा के रानियां विधानसभा को लेकर भाजपा नेता रणजीत चौटाला और उसकी सहयोगी पार्टी हलोपा के नेता गोपाल कांडा आमने-सामने आ गए हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शुरुआत तब की जब हलोपा ने रानिया सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए चौटाला ने कहा था कि हलोपा का कोई जनाधार नहीं है। रणजीत चौटाला ने कहा कि हलोपा के गोपाल कांडा तो सिरसा सीट पर भी मुश्किल से जीत रहे हैं और मैं देवीलाल का बेटा हूं प्रदेश की 90 सीटों पर हार जीत का दम रखता हूं। रणजीत चौटाला की तीखी बयानबाजी पर गोपाल कांडा ने वीडियो संदेश जारी कर पलटवार किया। गोपाल कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का 90 सीटों पर जनाधार नहीं बल्कि बंटाधार है। भाजपा ने इन पर विश्वास किया और उन्हें हिसार लोकसभा सीट से उतारा था लेकिन उन्होंने जीती हुई सीट हरा दी। इसके बाद में कह रहे हैं कुलदीप ने हरवा दिया, कैप्टन ने हरवा दिया। कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का कोई जनाधार नहीं है। अगर वे रानियां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी। कांडा ने कहा- 8 चुनाव हारने के बाद परिवार ने मदद की तब जीते विधायक गोपाल कांडा ने कहा कि 8 चुनाव हारने के बाद अजय सिंह, अभय सिंह और पूरे परिवार ने पिछले चुनाव में मेरी मदद की, जिसकी बदौलत रणजीत चौटाला जीते। सीएलयू संबंधित बयान पर गोपाल कांडा ने कहा कि मनोहर लाल के कार्यकाल में रणजीत सिंह मेरा एक भी CLU साबित कर दें, तो वो मैं वो CLU उन्हीं के नाम कर दूंगा। गोपाल कांडा ने कहा कि दूसरों के लिए भविष्यवाणी करने की बजाय रणजीत सिंह को अपने बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा से बातचीत चल रही है। फैसला होने के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। सिरसा के लोगों के हमेशा साथ खड़ा रहा हूं
गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा की जनता सच्चाई जानती है कि उनका कौन है। गोपाल कांडा और कांडा परिवार हमेशा सिरसा की जनता के लिए तत्पर रहा है। कोरोना संकट के दौरान कहानियां बनाने वाले लोग अपने घरों में दरवाजे बंद करके बैठे थे, जबकि गोपाल कांडा और उनका परिवार इस संकट में सिरसा की जनता के साथ खड़ा है। कांडा और रणजीत के बीच विवाद क्यों बढ़ा?
दरअसल, रणजीत चौटाला ने रानिया से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता था। इसके बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें हिसार से लोकसभा उम्मीदवार बनाया। लेकिन रणजीत चौटाला कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी से हार गए। रणजीत चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया था। हार के बाद रणजीत चौटाला फिर से रानिया की जनता के बीच गए। इसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा ने भाजपा नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे रणजीत चौटाला भड़क गए और तब से वे कांडा परिवार पर निशाना साध रहे हैं। रणजीत के पाला बदलने की चर्चा, बोले- मैं भाजपा में रहूंगा
भाजपा की सहयोगी पार्टी हलोपा द्वारा रानिया सीट से प्रत्याशी उतारे जाने से रणजीत चौटाला बेचैन हैं और उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली दरबार तक कर दी है। इसके बाद कांडा भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलने दिल्ली भी गए थे। लेकिन कांडा ने धवल कांडा की उम्मीदवारी बरकरार रखी, जिससे रणजीत चौटाला और भड़क गए। वहीं भाजपा की ओर से जारी 3 कमेटियों की सूची में भी उनका नाम नहीं है। ऐसे में रणजीत चौटाला के खेमे से खबरें आ रही हैं कि रणजीत चौटाला पाला बदलकर कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन वह खुद इस बात से इनकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं भाजपा में हूं और 100 फीसदी रानिया से हूं। रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर क्या कहा…
रणजीत चौटाला ने सोमवार को रानिया हलके में वर्कर मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मैं 100 प्रतिशत रानियां से चुनाव लड़ूंगा। हलोपा से रानियां से उम्मीदवार उतारे जाने पर रणजीत सिंह ने कहा कि अकाली दल पुरानी पार्टी है बादल साहब 25 साल मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद उसके बाद अकाली दल भी 2 विधानसभा सीटों पर चली गई। उतर प्रदेश में मायावती ने सिंगल पार्टी की सरकार बनाई थी। बिहार देख लो सब जगह ले लो क्षेत्रीय दल खत्म होते जा रहे हैं मैं नहीं मानता हलोपा की सिरसा सीट भी निकलेगी। आज के दिन वह कहीं फाइट में नहीं है। रीजनल पार्टियों का काम एक है कि अपना लाईसेंस ले लो, एमएलए बन जाओ और सीएलयू पास करवाओ। इनका(हलोपा) ना तो मेरे हलके रानियां में कोई रोल है और ना कहीं और इनकी तो सिरसा में भी हालात खराब हैं। चौटाला ने कहा कि मेरी शीर्ष नेतृत्व से बात हुई है हलोपा को सिर्फ एक सीट मिलेगी वो भी तब जब बीजेपी ज्वाईन करेगा तब। वो भी सिरसा सीट ही मिलेगी। मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त हूं कि मुझे भाजपा से टिकट मिलेगा। इसलिए रानियां पर अड़े हैं रणजीत
रणजीत चौटाला अपने जीवन के अधिकांश चुनाव रानियां और पूर्व में रोड़ी विधानसभा से लड़े हैं। रानियां चौटाला परिवार की सीट मानी जाती रही है। रानियां से रणजीत चौटाला कई बार चुनाव हारे मगर उन्होंने कभी सीट नहीं छोड़ी 2019 में रणजीत चौटाला ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर दी और खुद निर्दलीय ही खड़े हो गए और चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद मनोहर सरकार में बिजली मंत्री बन गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़े मगर हार गए। इस लिए रणजीत चौटाला रानियां नहीं छोड़ रहे। इसलिए वह रानियां सीट को लेकर लगातार भाजपा पर दवाब बना रहे हैं और बयानबाजी कर रहे हैं।
हरियाणा PPA के स्टेट कोऑर्डिनेटर बने सतीश खोला:नायब सरकार ने दी बड़ी नियुक्ति; सरकारी डिजिटल सेवाओं की करेंगे मॉनिटरिंग
हरियाणा PPA के स्टेट कोऑर्डिनेटर बने सतीश खोला:नायब सरकार ने दी बड़ी नियुक्ति; सरकारी डिजिटल सेवाओं की करेंगे मॉनिटरिंग हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने डॉ. सतीश खोला को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी देते हुए HPPA का स्टेट कोऑर्डिनेटर बनाया है। विभाग में पब्लिक की फीडबैक व मॉनिटरिंग के साथ वह सरकार की सभी डिजिटल सेवाओं की मॉनिटरिंग भी करेंगे। हरियाणा सरकार द्वारा जारी पत्र की स्वयं सतीश खोला ने ही पुष्टि की है। यह नायब सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी बड़ी नियुक्ति है। डॉ. सतीश खोला ने अपनी नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने मुझे दी है उसे पहले भी बेहतर करने की कोशिश की थी। आगे भी ओर बेहतर करने की कोशिश करेंगे। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा डॉ. सतीश खोला ने कहा कि जब फैमिली आईडी की ज़िम्मेदारी दी गई थी उस समय लोगों की शिकायतें ज्यादा थी लेकिन चुनाव के समय विपक्ष इसको मुद्दा भी नहीं बना पाया, क्योंकि पीपीपी से लाखों लोगों को अनेकों योजनाओं से सीधा लाभ मिला। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने में लाभार्थियों का विशेष योगदान रहा है। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा। लेकिन इसको आगे बढ़ाने का प्रावधान भी है। खोला के अनुसार मुख्यमंत्री के आदेशानुसार वह सरकार की डिजिटल सेवाओं की भी मॉनिटरिंग करेंगे। हरियाणा परिवार पहचान पत्र ऑथोरिटी के स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी मुखिया है। सतीश खोला की रिपोर्टिंग सीधी मुख्यमंत्री को रहेगी।