पर्यावरणविद, राज्यसभा सदस्य संत बलवीर सिंह सीचेवाला आज लुधियाना पहुंचे, बुड्डा नाले का दौरा कर वहां फैली गंदगी को देखकर दुख व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने बुड्डा नाले की सफाई को लेकर सरकार व सिस्टम को भी जमकर कोसा। संत सीचेवाल ने कहा कि वह बुड्डा नाले की सफाई करवाकर ही रहेंगे। संत सीचेवाल ने कहा कि हम ना तो लुधियाना की इंडस्ट्री बंद कर सकते हैं, ना ही लोगों बीमार कर सकते हैं, ये तो प्रशासन की नालायकी है जो अभी तक इस नाले की सफाई करवाने में नाकाम रहे हैं। 650 करोड़ आए, लेकिन नहीं हुई सफाई संत सीचेवाल ने कहा कि 650 करोड़ रूपए बुड्डा नाले की सफाई बाबत सरकार की ओर से जारी किए, लेकिन सारे पैसे खर्च होने के बावजूद काम अधूरा है। ये मिस मैनेजमेंट कारण ही हुआ है। उन्होंने कहा कि पंप स्टेशन भी लुधियाना लगना था वह भी अभी तक नहीं लग पाया। ट्रीटमेंट प्लांट तक नहीं पहुंच पा रहा पानी संत सीचेवाल ने कहा कि लुधियाना में ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा है, लेकिन उस प्लांट तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा, जिस कारण नाले में गंदा पानी आ रहा है और लोग भी बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पर्यावरणविद, राज्यसभा सदस्य संत बलवीर सिंह सीचेवाला आज लुधियाना पहुंचे, बुड्डा नाले का दौरा कर वहां फैली गंदगी को देखकर दुख व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने बुड्डा नाले की सफाई को लेकर सरकार व सिस्टम को भी जमकर कोसा। संत सीचेवाल ने कहा कि वह बुड्डा नाले की सफाई करवाकर ही रहेंगे। संत सीचेवाल ने कहा कि हम ना तो लुधियाना की इंडस्ट्री बंद कर सकते हैं, ना ही लोगों बीमार कर सकते हैं, ये तो प्रशासन की नालायकी है जो अभी तक इस नाले की सफाई करवाने में नाकाम रहे हैं। 650 करोड़ आए, लेकिन नहीं हुई सफाई संत सीचेवाल ने कहा कि 650 करोड़ रूपए बुड्डा नाले की सफाई बाबत सरकार की ओर से जारी किए, लेकिन सारे पैसे खर्च होने के बावजूद काम अधूरा है। ये मिस मैनेजमेंट कारण ही हुआ है। उन्होंने कहा कि पंप स्टेशन भी लुधियाना लगना था वह भी अभी तक नहीं लग पाया। ट्रीटमेंट प्लांट तक नहीं पहुंच पा रहा पानी संत सीचेवाल ने कहा कि लुधियाना में ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा है, लेकिन उस प्लांट तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा, जिस कारण नाले में गंदा पानी आ रहा है और लोग भी बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पाकिस्तान में 47 साल में दूसरी बार लोहड़ी मनाई गई:जनरल जिया-उल-हक ने बंद कराई थी; गद्दाफी स्टेडियम में पंजाबियों ने भांगड़ा किया
पाकिस्तान में 47 साल में दूसरी बार लोहड़ी मनाई गई:जनरल जिया-उल-हक ने बंद कराई थी; गद्दाफी स्टेडियम में पंजाबियों ने भांगड़ा किया भारत के साथ पाकिस्तान के लहंदा पंजाब (पश्चिमी पंजाब) में भी सोमवार को लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। यह 47 साल में दूसरा मौका है, जब पंजाबी कम्युनिटी के लोगों ने पाकिस्तान में लोहड़ी पर आग जलाई और भांगड़ा किया। लोग लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में त्योहार मनाने के लिए पहुंचे थे। साल 1978 में जनरल जिया-उल -हक के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान में लोहड़ी का त्योहार मनाना बंद किया गया था। यह त्योहार राय अब्दुल्ला खान भट्टी (दुल्ला भट्टी) के नाम से जुड़ा है। लोहड़ी के गीत में भी दुल्ला भट्टी के नाम का जिक्र है। दुल्ला भट्टी को आजादी से पहले पंजाब का मुस्लिम रॉबिन हुड कहा जाता था। साल 1947 में विभाजन के बाद, मुस्लिम बहुल पश्चिमी पंजाब में दुल्ला भट्टी लगभग भुला दिए गए, लेकिन भारत में आज भी लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। अब पाकिस्तान में रह रही पंजाबी कम्युनिटी ने पिछले साल से लोहड़ी दोबारा मनानी शुरू की है। पाकिस्तान में लोहड़ी सेलिब्रेशन की तस्वीरें इतिहासकार बाजवा बोले- जिया उल हक ने बदलाव किए
पाकिस्तानी इतिहासकार अली उस्मान बाजवा ने कहा कि बैसाखी और लोहड़ी पंजाब के सांस्कृतिक त्योहार हैं। इन त्योहारों का न मनाना हमारे इतिहास से अलगाव के समान है। जनरल जिया-उल -हक के सत्ता संभालते ही पाकिस्तान में लोहड़ी का त्योहार मनाना बंद कर दिया गया। उन्होंने कई बदलाव किए, जिनसे बैसाखी और लोहड़ी पर असर पड़ा। दलित समुदाय और दुल्ला भट्टी का कनेक्शन
पाकिस्तानी लेखक और वकील नैन सुख (असली नाम खालिद महमूद) ने बताया कि लोहड़ी का त्योहार पाकिस्तान में दलित समुदाय, विशेष रूप से वाल्मीकि समाज में अधिक लोकप्रिय था। दुल्ला भट्टी ने अपनी बहन समान एक दलित लड़की के साथ खाना साझा किया था। वाल्मीकि समाज इस त्योहार पर जुलूस निकालता था और कुश्ती प्रतियोगिताएं कराता था। कौन हैं दुल्ला भट्टी, जिनका जिक्र लोहड़ी से जुड़ा
लोककथाओं के अनुसार, दुल्ला भट्टी का जन्म 16वीं सदी में वर्तमान पश्चिमी पंजाब के पिंडी भट्टियां गांव में हुआ था। उनके पिता और चाचा को मुगल बादशाह अकबर ने फांसी दे दी थी। यह बात दुल्ला से छिपाई गई, लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला तो वे विद्रोही बन गए। दुल्ला भट्टी की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उनका गरीब ब्राह्मण परिवार की बेटियां सुंदर और मुंदर को बचाना था। यह वही कहानी है, जिस पर प्रसिद्ध लोहड़ी गीत ‘सुंदरिए-मुंदरिए हो, तेरा कोन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो’ आधारित है।
जालंधर STF की महिला कर्मचारी पर हमला:पीड़िता का आरोप- पुलिस ने मदद नहीं की, राजनीतिक दबाव बना रहे अधिकारी; DGP से शिकायत
जालंधर STF की महिला कर्मचारी पर हमला:पीड़िता का आरोप- पुलिस ने मदद नहीं की, राजनीतिक दबाव बना रहे अधिकारी; DGP से शिकायत पंजाब पुलिस के STF (स्पेशल टास्क फोर्स) जालंधर में तैनात एक महिला कर्मचारी के साथ जालंधर देहात के थाना मकसूदा के एरिया में हमला करने की कोशिश हुई। महिला कर्मचारी का आरोप है कि जब थाना स्तर पर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने मामले की शिकायत पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव को भेजी है। महिला मुलाजिम ने कहा कि, उसके बच्चों के साथ भी आरोपियों ने अभद्रता करने की कोशिश की। जिससे उनके बच्चे काफी डर गए थे। हालांकि इसे लेकर थाना मकसूदा के एसएचओ यादविंदर सिंह ने कहा कि, मामले में राजीनामा हो चुका है। जिन पर आरोप था, वह भी लड़की के रिश्तेदार ही हैं। एसएचओ ने कहा, उक्त युवक सिर्फ ठीकरी पहरे के लिए खड़े गए थे। सभी आरोप गलत हैं। गांव नूसी को जाते में लाठी डंडों से किया हमला जालंधर एसटीएफ में तैनात महिला पुलिस कर्मचारी कुलदीप कौर ने डीजीपी को भेजी गई शिकायत में कहा, वह ग्रीन एवेन्यू, मकसूद की रहने वाली है और पंजाब पुलिस ने कार्यरत है। उसके दो बच्चे हैं। नौकरी के कारण मेरे बच्चों का ध्यान मेरी मौसी रखती हैं। बच्चों के लिए घर पर नर्स रखी गई है। बीते शनिवार की रात वह अपनी कार में अपने बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करने के बाद उन्हें छोड़ने के लिए मौसी के घर गांव नूसी गई थी। जहां लिदड़ा नहर को कुछ युवक खड़े गए थे। देर रात का समय था तो वह उक्त रास्ते से तेजी से निकल गई। इस दौरान आरोपियों ने पीड़िता पर हमला कर दिया। जिनके हाथ में लाठी डंडे थे। घटना में कुलदीप की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। बोली- मेरा पीछा किया गया, बच्चों को चोट पहुंचने की धमकियां दी कुलदीप कौर ने आगे कहा- जब उसने अपनी कार आगे बढ़ाई तो उसका स्कॉर्पियो गाड़ी द्वारा पीछा भी किया गया। और कुछ दूर गांव के पास मेरी गाड़ी को उक्त युवकों द्वारा आगे अपनी स्कॉर्पियो लगाकर घेर लिया गया। घर से उतरे सभी लोगों के पास लाठी डंडे और अन्य सामान था। सभी ने कुलदीप कौर को धमकाना शुरू कर दिया और हाथापाई करने लगे। कुलदीप ने आगे कहा- जब मैंने बात करने की कोशिश की तो आरोपियों ने जबरदस्ती कार की चाभी निकाल ली। मेरी कार को लॉक कर दिया गया और दौरान मेरा बेटा बेहोश हो गया। क्योंकि उसे सांस लेने में दिक्कत थी। महिला बोली- थाने में नहीं हुई सुनवाई वहीं, दैनिक भास्कर से बातचीत में एसटीएफ की महिला मुलाजिम कुलदीप कौर ने कहा- मुझे पर मेरे उच्च अधिकारी केस में राजीनामे का दबाव बना रहे हैं। थाने में मैंने शिकायत की, मगर उन्होंने सुनवाई नहीं की। बात में मुझे पता चला कि राजनीति दबाव के चलते पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि, मैंने किसी प्रकार का कोई राजीनामा नहीं किया है और ना ही मैंने किसी राजीनामे पर साइन किए हैं। अगर पुलिस राजीनामे की बात कर रही है तो उन्होंने मेरे फेक साइन किए हैं।
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में शूटरों के स्केच जारी:अर्श डल्ला और सांसद अमृतपाल मामले में आरोपी, तीन नंबरों पर दे सकते हैं सूचना
फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में शूटरों के स्केच जारी:अर्श डल्ला और सांसद अमृतपाल मामले में आरोपी, तीन नंबरों पर दे सकते हैं सूचना पंजाब के फरीदकोट में 9 अक्टूबर को गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने अब दो संदिग्ध शूटरों के स्केच जारी किए हैं। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि हत्याकांड में विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्शदीप सिंह डल्ला और खडूर साहिब के सांसद अमृतलाल सिंह समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी रिमांड पर हैं। आरोपी की मोटरसाइकिल जैतो से बरामद कर ली गई है। लोग एसएसपी के मोबाइल नंबर 98158 00445, कोटकपूरा के सदर थाने के एसएचओ 94176 46822 और कोटकपूरा थाने के मुंशी 75270 17035 पर पुलिस को सूचना दे सकते हैं। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। वारिस पंजाब से जुड़ा हुआ था डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों में से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। उन्होंने बताया कि सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। क्योंकि हमारे पास कई अहम तथ्य सामने आए हैं।