हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले नौ विधायकों को हवाई सेवाएं देने वाली हेलिकॉप्टर कंपनी तक जांच की आंच पहुंच गई है। बीती शाम को शिमला पुलिस ने गुरुग्राम में हवाई सेवाएं देने वाली एक कंपनी के दफ्तर में दबिश दी और कंपनी से रिकॉर्ड मांगा। पुलिस ने यह कार्रवाई कोर्ट से मिले सर्च वारंट के आधार पर की है। इस कार्रवाई में शिमला पुलिस हरियाणा पुलिस की भी मदद ले रही है। सूत्रों की माने तो आज भी पुलिस कंपनी दफ्तर जाकर पूछताछ और कुछ रिकॉर्ड मांग सकती है। पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि विधायकों को ले जाने के लिए 2 विमान कंपनियों की सेवाएं ली गई है। एक के दफ्तर में दबिश दे दी गई है,जबकि दूसरी कंपनी से भी जल्द रिकॉर्ड मांगा जा सकता है। राज्यसभा चुनाव के बाद हेलिकॉप्टर में ले जाने का मामला बता दें कि बीते 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। इसमें क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों को हेलिकॉप्टर से कभी पंचकूला, कभी ऋषिकेष और गुरुग्राम ले जाया गया। यही नहीं इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायक भी हेलिकॉप्टर में ही शिमला पहुंचे और वापस भी हेलिकॉप्टर से ही गुरुग्राम लौटें। इन विधायकों ने करा रखी है एफआईआर कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के बालूगंज थाना में एफआईआर करा रखी है। यह एफआईआर पूर्व निर्वदलीय विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ है। इन पर सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने जैसे गंभीर आरोप है। इन लोगों से पूछताछ कर चुकी पुलिस इस FIR में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। यही वजह से इस केस में शिमला पुलिस कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम के प्रचार सलाहाकर तरुण भंडारी समेत कई लोगों को पूछताछ के शामिल कर चुकी है। अब बागी विधायकों को हेलिकॉप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पर जांच के दायरे में आ गई है। बहुमत के बावजूद राज्यसभा सीट हारी थी कांग्रेस हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को कैंडिडेट बनाया था। यहां कुल 68 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 40 विधायकों की वजह से बहुमत था। भाजपा के पास 25 विधायक थे जबकि 3 निर्दलीय विधायक थे। भाजपा ने हर्ष महाजन को कैंडिडेट बनाया था। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट के 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले नौ विधायकों को हवाई सेवाएं देने वाली हेलिकॉप्टर कंपनी तक जांच की आंच पहुंच गई है। बीती शाम को शिमला पुलिस ने गुरुग्राम में हवाई सेवाएं देने वाली एक कंपनी के दफ्तर में दबिश दी और कंपनी से रिकॉर्ड मांगा। पुलिस ने यह कार्रवाई कोर्ट से मिले सर्च वारंट के आधार पर की है। इस कार्रवाई में शिमला पुलिस हरियाणा पुलिस की भी मदद ले रही है। सूत्रों की माने तो आज भी पुलिस कंपनी दफ्तर जाकर पूछताछ और कुछ रिकॉर्ड मांग सकती है। पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि विधायकों को ले जाने के लिए 2 विमान कंपनियों की सेवाएं ली गई है। एक के दफ्तर में दबिश दे दी गई है,जबकि दूसरी कंपनी से भी जल्द रिकॉर्ड मांगा जा सकता है। राज्यसभा चुनाव के बाद हेलिकॉप्टर में ले जाने का मामला बता दें कि बीते 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। इसमें क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों को हेलिकॉप्टर से कभी पंचकूला, कभी ऋषिकेष और गुरुग्राम ले जाया गया। यही नहीं इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायक भी हेलिकॉप्टर में ही शिमला पहुंचे और वापस भी हेलिकॉप्टर से ही गुरुग्राम लौटें। इन विधायकों ने करा रखी है एफआईआर कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के बालूगंज थाना में एफआईआर करा रखी है। यह एफआईआर पूर्व निर्वदलीय विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ है। इन पर सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने जैसे गंभीर आरोप है। इन लोगों से पूछताछ कर चुकी पुलिस इस FIR में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। यही वजह से इस केस में शिमला पुलिस कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम के प्रचार सलाहाकर तरुण भंडारी समेत कई लोगों को पूछताछ के शामिल कर चुकी है। अब बागी विधायकों को हेलिकॉप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पर जांच के दायरे में आ गई है। बहुमत के बावजूद राज्यसभा सीट हारी थी कांग्रेस हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को कैंडिडेट बनाया था। यहां कुल 68 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 40 विधायकों की वजह से बहुमत था। भाजपा के पास 25 विधायक थे जबकि 3 निर्दलीय विधायक थे। भाजपा ने हर्ष महाजन को कैंडिडेट बनाया था। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट के 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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