संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में 14 दिसंबर, 2024 को प्रशासन ने एक प्राचीन कुएं का पता लगाते हुए उसकी खुदाई कराई। यहीं से संभल प्रशासन का प्राचीन तीर्थ और कूप (कुएं) खोजने का विशेष अभियान शुरू हुआ। अब तक 42 तीर्थ और 16 महाकूप मिल चुके हैं। महाकूप मतलब उन कुओं से है, जिनमें पानी नहीं होता और वहां पूजा–पाठ किया जाता है। प्राचीन कुएं खोजने के अभियान को तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। अब ये कुएं किस हालत में हैं? ये जानने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ संभल में ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। हमारी पड़ताल में पाया गया कि 16 में से 13 कूपों को चारों तरफ से ईंट से पक्का करवाकर उन्हें ऊपर से लोहे के जाल से ढंक दिया गया है। प्राचीन श्री कल्कि मंदिर का कूप सबसे जर्जर हालत में है। जबकि 42 तीर्थ में से सिर्फ दो तीर्थों के सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो सका है। बाकी तीर्थों पर केवल मनरेगा योजना में साफ–सफाई हुई है। संभल प्रशासन ने सरकार की 3 योजनाओं से इनका सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार को प्रपोजल भेजे जा चुके हैं। दावा है कि इस साल के आखिर तक संभल नगरी नए रूप में दिखाई देगी। पढ़िए ये रिपोर्ट… सबसे पहले कूपों की बात कल्कि मंदिर का कूप जीर्ण–शीर्ण, जामा मस्जिद के दो कूप ज्यों के त्यों
सबसे पहले हम संभल के मोहल्ला आलम सराय में चतुर्मुख कूप पर पहुंचे। यहां करीब 30 फीट गहरे कुएं की खुदाई करके उसको चारों तरफ ईंटों से पक्का किया जा चुका है। इस कूप को चारों तरफ बाउंड्रीवॉल से भी कवर किया गया है। यहां से हम मोहल्ला हल्लू सराय के अशोक कूप पर पहुंचे। ये कूप एक मंदिर के बाहर है, जो पहले से ही बना हुआ है। प्रशासन ने यहां सिर्फ बाउंड्री करवाई है। सरथल पुलिस चौकी चौराहे पर जो कूप मिला है, प्रशासन ने वहां सिर्फ साफ–सफाई कराई है। उसके बाद से ये कूप ज्यों के त्यों हालत में है। एकदम सड़क किनारे होने से इसमें कई बार किसी के गिरने की भी आशंका रहती है। श्री सार्थलेश्वर महादेव मंदिर और मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के अंदर कूप पहले से बने हुए हैं। चूंकि ये मंदिर के अंदर हैं, इसलिए प्रशासन ने यहां कोई काम नहीं कराया है। यहां से हम मोहल्ला कोटपूर्वी के प्राचीन श्री कल्कि मंदिर पर पहुंचे। मंदिर के एक कोने पर ही प्राचीन कूप बेहद जर्जर हालत में पड़ा है। तीन महीने पहले प्रशासन के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम आई थी। तब यहां पर साफ–सफाई कराई गई थी। उसके बाद अब फिर से लंबी–लंबी झाड़ियां उग आई हैं। प्रशासन दावा करता है कि ये वही श्री कल्कि मंदिर है, जिसका जिक्र पुराणों में मिलता है। मोहल्ला कोटगर्वी के एक और कूप के ऊपर प्रशासन ने सिर्फ लोहे का जाल रखवा दिया है। जामा मस्जिद के अंदर वाले कूप की क्या स्थिति?
एक कूप जामा मस्जिद के अंदर बना हुआ है। प्रशासन अपने दस्तावेजों में इसे यज्ञ कूप बताता है। चूंकि ये विवादित ढांचे के अंदर है, इसलिए इस पर कुछ काम नहीं हो सका है। इसी तरह एक कूप जामा मस्जिद के बाहर कोने पर है। इसे धरणिवाराह कूप कहा जाता है। इस कूप के ऊपर पुलिस चेकपोस्ट बना हुआ है। फिलहाल इस कूप का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। अब जानते हैं तीर्थ स्थलों का हाल सिर्फ दो तीर्थों पर चल रहा काम, बाकी पर कुछ नहीं
सबसे पहले हम मोहल्ला हल्लू सराय के यमघट तीर्थ पर पहुंचे। यहां बड़े स्तर पर काम चलता मिला। पूरे तीर्थ स्थल को साफ किया जा चुका था। बाउंड्रीवॉल का काम तेजी से चल रहा था। तीर्थ के चारों तरफ पक्की रोड बनाई जा रही थी। दरअसल, इस कार्य का शुभारंभ मंत्री गुलाब देवी ने किया था। यहां काम के लिए सवा करोड़ रुपए से ज्यादा आवंटित हुआ है। सूर्यकुंड मंदिर के अंदर जो तीर्थ बना हुआ है, वहां भी काम चलता मिला। तीन मजदूर बाउंड्रीवॉल बना रहे थे। यहां मौजूद लोगों ने बताया– दीवार बनने के बाद कुंड के चारों तरफ की रोड पक्की की जाएगी। इस कुंड के एक कोने में छोटा सा पार्क भी बनाया जाएगा। हालांकि ये काम मंदिर की प्रबंध कमेटी के स्तर से कराया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल महीने में ये काम पूरा हो जाएगा। गांव शेरखां सराय में पिशाच मोचन तीर्थ एक श्मशान घाट के रूप में है। इसलिए प्रशासन यहां बहुत ज्यादा कुछ काम नहीं करा पाया है। इसी इलाके में उर्ध्व रेता तीर्थ है। यहां मनरेगा से सिर्फ खुदाई कार्य कराया गया है। मोहल्ला हल्लू सराय के शंखमाधव तीर्थ पर अमृत सरोवर बनाने का काम जारी है। इसके अलावा पाप मोचन तीर्थ, कालोदक तीर्थ, चक्र सुदर्शन तीर्थ, गोतीर्थ, अंगारक तीर्थ, रत्नप्रयाग तीर्थ, वासुकि प्रयाग, क्षेमक प्रयाग तीर्थ, विजय तीर्थ, एकान्ति तीर्थ, अवंतीसर तीर्थ पर कोई काम नहीं हो सका है। इसमें तीन तीर्थ ऐसे हैं, जिन्हें अभी सिर्फ ढूंढकर उनकी जमीन पैमाइश हुई है। मसलन, ये तीर्थ विलुप्त श्रेणी में पहुंच गए थे। पार्षद बोले– यम तीर्थ के अंदर लगेगी यमदेव की मूर्ति
नगर पालिका संभल के मोहल्ला हल्लू सराय स्थित वार्ड नंबर–6 के पार्षद वेदप्रकाश ने बताया– यम तीर्थ के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाने का काम तेजी से जारी है। यहां कुंड भी दूसरा बनाया जाएगा। क्योंकि कुंड की मौजूदा दीवारें काफी पुरानी हैं और वो जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी हैं। सिविल वर्क पूरा होने के बाद यहां एक पार्क विकसित किया जाएगा। इसके अंदर यमदेव की मूर्ति लगेगी। सूर्यकुंड तीर्थ पर बाउंड्रीवॉल, सड़क और पार्क बनेगा
सूर्यकुंड मंदिर की प्रबंध कमेटी से जुड़े बिरजू मिश्रा ने बताया– यहां प्राचीन तीर्थ है। फिलहाल, इस तीर्थ के चारों तरफ करीब 10–10 फुट ऊंची दीवार बनाई जा रही है। इसके बाद चारों तरफ एप्रोच रोड बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को घूमने में कोई दिक्कत न हो। DM बोले– इस साल के आखिर तक नए स्वरूप में दिखेगा संभल
‘दैनिक भास्कर’ ने इस बारे में संभल के जिलाधिकारी (DM) डॉ. राजेंद्र पेंसिया से विस्तृत बातचीत की। हमने पूछा– संभल में अब तक कितने तीर्थ–कूप मिल चुके हैं? इस पर उन्होंने बताया– संभल महात्म्य में यहां 87 देवतीर्थ और 5 महातीर्थ हैं। 87 देवतीर्थ को दो भागों में बांटा गया है। इसमें 68 जलतीर्थ या देवतीर्थ और 19 महाकूप हैं। इसमें से 16 महाकूप और 42 तीर्थ मिल चुके हैं। आज से डेढ़ सप्ताह पहले इन दोनों की कुल संख्या 54 थी। अब ताजा सर्वे के बाद सभी लोगों से मिलकर वार्ता की गई। इसके बाद इन सभी स्थलों को लोकेट किया गया। क्योंकि इन सभी की दूरी धनुष के अनुसार रखी हुई है। पहले जो धनुष होता था, वो एक गज, डेढ़ गज, पांच गज का भी होता था। उस समय जो धनुष होता था, उसकी लंबाई के अनुसार हमने इनकी दूरियां तय की हैं। इसलिए इन स्थलों की संख्या 54 से बढ़कर 58 हो चुकी है। अब इनके सौंदर्यीकरण का स्टेटस क्या है?
इस सवाल पर DM ने बताया– नगर पालिका के 15वें वित्त में अनटाइड फंड और राज्य वित्त का फंड आता है। इन दोनों फंड से हम उनकी मरम्मत, सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार कर रहे हैं। इसके अलावा नगर विकास विभाग की वंदन योजना के तहत हमने कुछ प्रस्ताव भेजे थे। इसमें से चार–पांच प्रस्तावों का पैसा हमारे पास आ चुका है। उसी में से यम तीर्थ और चतुर्मुख कूप का निर्माण शुरू हो चुका है। पर्यटन और धमार्थ कार्य विभाग को भी प्रपोजल भेजा गया है, ताकि वहां से भी पैसा आ सके। तीनों योजनाओं से जो पैसा आएगा, उसी से संभल तीर्थनगरी के रूप में विकसित होगा। ——————— ये खबर भी पढ़ें… सूटकेस छोटा पड़ा तो सौरभ को काटकर ड्रम में भरा:साहिल-मुस्कान ने 10-12 बार में गला काटा; मेरठ हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं। इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है। पहली- पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल। पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में 14 दिसंबर, 2024 को प्रशासन ने एक प्राचीन कुएं का पता लगाते हुए उसकी खुदाई कराई। यहीं से संभल प्रशासन का प्राचीन तीर्थ और कूप (कुएं) खोजने का विशेष अभियान शुरू हुआ। अब तक 42 तीर्थ और 16 महाकूप मिल चुके हैं। महाकूप मतलब उन कुओं से है, जिनमें पानी नहीं होता और वहां पूजा–पाठ किया जाता है। प्राचीन कुएं खोजने के अभियान को तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। अब ये कुएं किस हालत में हैं? ये जानने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ संभल में ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। हमारी पड़ताल में पाया गया कि 16 में से 13 कूपों को चारों तरफ से ईंट से पक्का करवाकर उन्हें ऊपर से लोहे के जाल से ढंक दिया गया है। प्राचीन श्री कल्कि मंदिर का कूप सबसे जर्जर हालत में है। जबकि 42 तीर्थ में से सिर्फ दो तीर्थों के सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो सका है। बाकी तीर्थों पर केवल मनरेगा योजना में साफ–सफाई हुई है। संभल प्रशासन ने सरकार की 3 योजनाओं से इनका सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार को प्रपोजल भेजे जा चुके हैं। दावा है कि इस साल के आखिर तक संभल नगरी नए रूप में दिखाई देगी। पढ़िए ये रिपोर्ट… सबसे पहले कूपों की बात कल्कि मंदिर का कूप जीर्ण–शीर्ण, जामा मस्जिद के दो कूप ज्यों के त्यों
सबसे पहले हम संभल के मोहल्ला आलम सराय में चतुर्मुख कूप पर पहुंचे। यहां करीब 30 फीट गहरे कुएं की खुदाई करके उसको चारों तरफ ईंटों से पक्का किया जा चुका है। इस कूप को चारों तरफ बाउंड्रीवॉल से भी कवर किया गया है। यहां से हम मोहल्ला हल्लू सराय के अशोक कूप पर पहुंचे। ये कूप एक मंदिर के बाहर है, जो पहले से ही बना हुआ है। प्रशासन ने यहां सिर्फ बाउंड्री करवाई है। सरथल पुलिस चौकी चौराहे पर जो कूप मिला है, प्रशासन ने वहां सिर्फ साफ–सफाई कराई है। उसके बाद से ये कूप ज्यों के त्यों हालत में है। एकदम सड़क किनारे होने से इसमें कई बार किसी के गिरने की भी आशंका रहती है। श्री सार्थलेश्वर महादेव मंदिर और मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के अंदर कूप पहले से बने हुए हैं। चूंकि ये मंदिर के अंदर हैं, इसलिए प्रशासन ने यहां कोई काम नहीं कराया है। यहां से हम मोहल्ला कोटपूर्वी के प्राचीन श्री कल्कि मंदिर पर पहुंचे। मंदिर के एक कोने पर ही प्राचीन कूप बेहद जर्जर हालत में पड़ा है। तीन महीने पहले प्रशासन के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम आई थी। तब यहां पर साफ–सफाई कराई गई थी। उसके बाद अब फिर से लंबी–लंबी झाड़ियां उग आई हैं। प्रशासन दावा करता है कि ये वही श्री कल्कि मंदिर है, जिसका जिक्र पुराणों में मिलता है। मोहल्ला कोटगर्वी के एक और कूप के ऊपर प्रशासन ने सिर्फ लोहे का जाल रखवा दिया है। जामा मस्जिद के अंदर वाले कूप की क्या स्थिति?
एक कूप जामा मस्जिद के अंदर बना हुआ है। प्रशासन अपने दस्तावेजों में इसे यज्ञ कूप बताता है। चूंकि ये विवादित ढांचे के अंदर है, इसलिए इस पर कुछ काम नहीं हो सका है। इसी तरह एक कूप जामा मस्जिद के बाहर कोने पर है। इसे धरणिवाराह कूप कहा जाता है। इस कूप के ऊपर पुलिस चेकपोस्ट बना हुआ है। फिलहाल इस कूप का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। अब जानते हैं तीर्थ स्थलों का हाल सिर्फ दो तीर्थों पर चल रहा काम, बाकी पर कुछ नहीं
सबसे पहले हम मोहल्ला हल्लू सराय के यमघट तीर्थ पर पहुंचे। यहां बड़े स्तर पर काम चलता मिला। पूरे तीर्थ स्थल को साफ किया जा चुका था। बाउंड्रीवॉल का काम तेजी से चल रहा था। तीर्थ के चारों तरफ पक्की रोड बनाई जा रही थी। दरअसल, इस कार्य का शुभारंभ मंत्री गुलाब देवी ने किया था। यहां काम के लिए सवा करोड़ रुपए से ज्यादा आवंटित हुआ है। सूर्यकुंड मंदिर के अंदर जो तीर्थ बना हुआ है, वहां भी काम चलता मिला। तीन मजदूर बाउंड्रीवॉल बना रहे थे। यहां मौजूद लोगों ने बताया– दीवार बनने के बाद कुंड के चारों तरफ की रोड पक्की की जाएगी। इस कुंड के एक कोने में छोटा सा पार्क भी बनाया जाएगा। हालांकि ये काम मंदिर की प्रबंध कमेटी के स्तर से कराया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल महीने में ये काम पूरा हो जाएगा। गांव शेरखां सराय में पिशाच मोचन तीर्थ एक श्मशान घाट के रूप में है। इसलिए प्रशासन यहां बहुत ज्यादा कुछ काम नहीं करा पाया है। इसी इलाके में उर्ध्व रेता तीर्थ है। यहां मनरेगा से सिर्फ खुदाई कार्य कराया गया है। मोहल्ला हल्लू सराय के शंखमाधव तीर्थ पर अमृत सरोवर बनाने का काम जारी है। इसके अलावा पाप मोचन तीर्थ, कालोदक तीर्थ, चक्र सुदर्शन तीर्थ, गोतीर्थ, अंगारक तीर्थ, रत्नप्रयाग तीर्थ, वासुकि प्रयाग, क्षेमक प्रयाग तीर्थ, विजय तीर्थ, एकान्ति तीर्थ, अवंतीसर तीर्थ पर कोई काम नहीं हो सका है। इसमें तीन तीर्थ ऐसे हैं, जिन्हें अभी सिर्फ ढूंढकर उनकी जमीन पैमाइश हुई है। मसलन, ये तीर्थ विलुप्त श्रेणी में पहुंच गए थे। पार्षद बोले– यम तीर्थ के अंदर लगेगी यमदेव की मूर्ति
नगर पालिका संभल के मोहल्ला हल्लू सराय स्थित वार्ड नंबर–6 के पार्षद वेदप्रकाश ने बताया– यम तीर्थ के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाने का काम तेजी से जारी है। यहां कुंड भी दूसरा बनाया जाएगा। क्योंकि कुंड की मौजूदा दीवारें काफी पुरानी हैं और वो जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी हैं। सिविल वर्क पूरा होने के बाद यहां एक पार्क विकसित किया जाएगा। इसके अंदर यमदेव की मूर्ति लगेगी। सूर्यकुंड तीर्थ पर बाउंड्रीवॉल, सड़क और पार्क बनेगा
सूर्यकुंड मंदिर की प्रबंध कमेटी से जुड़े बिरजू मिश्रा ने बताया– यहां प्राचीन तीर्थ है। फिलहाल, इस तीर्थ के चारों तरफ करीब 10–10 फुट ऊंची दीवार बनाई जा रही है। इसके बाद चारों तरफ एप्रोच रोड बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को घूमने में कोई दिक्कत न हो। DM बोले– इस साल के आखिर तक नए स्वरूप में दिखेगा संभल
‘दैनिक भास्कर’ ने इस बारे में संभल के जिलाधिकारी (DM) डॉ. राजेंद्र पेंसिया से विस्तृत बातचीत की। हमने पूछा– संभल में अब तक कितने तीर्थ–कूप मिल चुके हैं? इस पर उन्होंने बताया– संभल महात्म्य में यहां 87 देवतीर्थ और 5 महातीर्थ हैं। 87 देवतीर्थ को दो भागों में बांटा गया है। इसमें 68 जलतीर्थ या देवतीर्थ और 19 महाकूप हैं। इसमें से 16 महाकूप और 42 तीर्थ मिल चुके हैं। आज से डेढ़ सप्ताह पहले इन दोनों की कुल संख्या 54 थी। अब ताजा सर्वे के बाद सभी लोगों से मिलकर वार्ता की गई। इसके बाद इन सभी स्थलों को लोकेट किया गया। क्योंकि इन सभी की दूरी धनुष के अनुसार रखी हुई है। पहले जो धनुष होता था, वो एक गज, डेढ़ गज, पांच गज का भी होता था। उस समय जो धनुष होता था, उसकी लंबाई के अनुसार हमने इनकी दूरियां तय की हैं। इसलिए इन स्थलों की संख्या 54 से बढ़कर 58 हो चुकी है। अब इनके सौंदर्यीकरण का स्टेटस क्या है?
इस सवाल पर DM ने बताया– नगर पालिका के 15वें वित्त में अनटाइड फंड और राज्य वित्त का फंड आता है। इन दोनों फंड से हम उनकी मरम्मत, सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार कर रहे हैं। इसके अलावा नगर विकास विभाग की वंदन योजना के तहत हमने कुछ प्रस्ताव भेजे थे। इसमें से चार–पांच प्रस्तावों का पैसा हमारे पास आ चुका है। उसी में से यम तीर्थ और चतुर्मुख कूप का निर्माण शुरू हो चुका है। पर्यटन और धमार्थ कार्य विभाग को भी प्रपोजल भेजा गया है, ताकि वहां से भी पैसा आ सके। तीनों योजनाओं से जो पैसा आएगा, उसी से संभल तीर्थनगरी के रूप में विकसित होगा। ——————— ये खबर भी पढ़ें… सूटकेस छोटा पड़ा तो सौरभ को काटकर ड्रम में भरा:साहिल-मुस्कान ने 10-12 बार में गला काटा; मेरठ हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं। इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है। पहली- पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल। पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
संभल में 16 कूपों में से 13 पक्के बनाए:29 तीर्थों को ढूंढ रहे, कल्कि मंदिर का कूप सबसे जर्जर
