सीएम योगी ने विधानसभा में जिसकी तारीफ की वो निकला हिस्ट्रीशीटर, हत्या और गैंगस्टर एक्ट समेत 21 केस हैं दर्ज

सीएम योगी ने विधानसभा में जिसकी तारीफ की वो निकला हिस्ट्रीशीटर, हत्या और गैंगस्टर एक्ट समेत 21 केस हैं दर्ज

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर जिस नाविक परिवार के तीस करोड़ रुपए कमाने का दावा किया था, उसके बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जानकारी मिली है कि मुखिया समेत परिवार के ज्यादातर सदस्य शातिर अपराधी हैं. उनकी हिस्ट्री शीट है और तमाम सदस्य जेल जा चुके हैं. परिवार के मुखिया पिंटू महरा के खिलाफ गंभीर धाराओं में 21 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उसके खिलाफ दो बार गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. महाकुंभ के दौरान भी उसके खिलाफ रंगदारी मांगने और उनके साथ मारपीट करने की एफआईआर दर्ज हुई है. दबंगई और वर्चस्व की लड़ाई में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या भी हो चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने नाम लिए बिना जिस परिवार का जिक्र किया था, उसकी छवि दबंगों और माफियाओं की है. यह परिवार सिर्फ दिखाने के लिए नावों का संचालन करता है, जबकि इसका असली काम नाविकों से रंगदारी वसूलने का है. संगम और आसपास के घाटों पर महरा परिवार का जबरदस्त आतंक है. कोई भी नाविक इस परिवार के सामने घुटने टेके बिना नाव नहीं चला सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दावा किया जाता है कि महरा परिवार की दबंगई और रसूख के आगे पुलिस और प्रशासन भी ज्यादातर समय बैकफुट पर रहता है. यही वजह है कि महाकुंभ के दौरान भी देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं से नाव से यात्रा कराने के नाम पर मनमानी वसूली की गई. नावों का सरकारी किराया 75 रूपये से एक सौ साठ रुपए तक था, लेकिन तमाम श्रद्धालुओं से दो हजार से पांच हजार रुपए तक वसूले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई बार जा चुका है जेल</strong><br />मुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना जिस परिवार की कमाई को महाकुंभ की सक्सेस स्टोरी के तौर पर विधानसभा में पेश किया था, उसके मुखिया का नाम पिंटू महरा उर्फ अमित महरा है. करीब तैंतालीस साल के पिंटू महरा के खिलाफ कुल इक्कीस मुकदमे दर्ज हैं. इसके खिलाफ पहला मुकदमा साल 2005 में तब दर्ज हुआ था, जब इसकी उम्र महज 23 साल थी. पिंटू महरा के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने समेत गंभीर किस्म के 21 क्रिमिनल केस दर्ज हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उसके खिलाफ साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. इसके अलावा साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था. वह कई बार जेल जा चुका है. कई सालों तक जेल में रहने के बाद वह कुछ महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया है. आरोप है की जेल में रहते हुए भी वह लोगों को धमकाने का काम करता था. इसके चलते उसकी जेल भी बदली गई थी. इसकी हिस्ट्री शीट प्रयागराज के नैनी थाने में खुली हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिंटू महरा के पिता और दो भाई भी प्रयागराज के नैनी थाने के ही हिस्ट्रीशीटर हैं. उसक पिता राम सहारे उर्फ बच्चा महरा भी शातिर अपराधी था. बच्चा महरा की मौत जेल में रहते हुए 25 जून 2018 को हुई थी. पिंटू महरा का बड़ा भाई आनंद महरा भी शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर था. रंगदारी और वसूली को लेकर हुए विवाद में कुछ साल पहले उसकी हत्या दो अन्य लोगों के साथ कर दी गई थी. पिंटू महरा का एक और भाई अरविंद महरा है. वह भी हार्डकोर क्रिमिनल है. यह भी जेल जा चुका है और जमानत पर छूटा हुआ है. इनके एक करीबी रिश्तेदार के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर भी चल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>[yt]https://youtu.be/Cvfg3cyq8NU?si=b-keFF9fyGpuuIzq[/yt]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाव चलाने के लिए लेनी होती है इजाजत</strong><br />पिंटू महरा और उसका परिवार मुख्य रूप से नावों के संचालन, ठेकेदारी, नाविकों से रंगदारी और वसूली, नदियों से बालू निकासी और बालू को बिकवाने का काम करता है. कहा यह जाता है कि काली कमाई और दबंगई के रास्ते में जो भी आता है, उसे यह लोग अपने रास्ते से हटा देते हैं. पिंटू महरा के परिवार के साथ ही इनके पूरे कुनबे का इतिहास दागदार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छोटे-मोटे विवाद में किसी की जान ले लेना, हुक्म का पालन नहीं करने पर सरेआम उसकी पिटाई करना, घर में घुसकर मारना पीटना और दबंगई करना ही परिवार का प्रमुख काम है. कहा यह जाता है कि संगम और आसपास के इलाकों में जो कोई भी नाव चलाना चाहता है, उसे पहले पचास हजार से एक लाख रूपये तक का चढ़ावा देकर महरा परिवार से इजाजत लेनी होती है. इसके बाद हर महीने एक निश्चित रकम या फिर कमाई का हिस्सा देना होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महरा परिवार ने तमाम पालतू गुंडे भी पाल रखे हैं. घाटों पर जो यात्री नाव की सवारी करते हैं, उनसे पैसे महरा के लोग ही लेते हैं. दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद नाविक को तीन से चार सौ रुपए मिलते हैं, जबकि बाकी पैसे महरा परिवार के खाते में चले जाते हैं. कोई भी नाविक इनके खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता है. कोई भी अगर मुंह खोलने की कोशिश करता है तो उसे सरेआम पीटा और बेइज्जत किया जाता है. ऐसा नहीं की पुलिस और प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी आंख मूंदे रहते हैं. आरोप तो यहां तक लगते हैं कि पुलिस हर महीने मोटी कमाई लेकर वसूली को होने देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई सदस्य की हो चुकी है मौत</strong><br />नाविक का परिवार वसूली और रंगदारी के साथ ही कुंभ और माघ मेलों में चकर्ड प्लेटें बिछाने यानी लोहे की प्लेट की सड़कें बनाने और बिजली के सबस्टेशन तैयार करने और लाइन बिछाने का काम भी करता है. पिंटू मेहरा की मां शुक्लावती देवी बिजली विभाग की रजिस्टर्ड ठेकेदार है. इस महाकुंभ में भी उसने करोड़ों का काम किया है. आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में महरा परिवार के कई सदस्य मौत के घाट उतारे जा चुके हैं. हालांकि सभी हत्याएं योगीराज के पहले की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था कि महरा परिवार ने महाकुंभ के दौरान 130 नावों का संचालन कर तीस करोड़ रुपए की कमाई का इतिहास रचा है. हालांकि सरकारी रेट पर किराया लेने से यह संभव ही नहीं है. महाकुंभ के दौरान प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अलग-अलग घाटों से संगम तक जाने का किराया 75 से 160 निर्धारित किया था. एक नाव पर दो चालकों के अतिरिक्त अधिकतम आठ लोग ही बैठ सकते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ के दौरान कई दिन नावों का संचालन बंद था. अगर मान लिया जाए कि महरा की नावों ने रोजाना संगम के आठ चक्कर लगाए. हर बार अधिकतम आठ श्रद्धालु बैठे और सभी ने औसतन सौ रुपये किराया दिया तो इस हिसाब से एक नाव से रोजाना चौंसठ सौ रुपये की कमाई हुई. इस तरह 130 नावों से पूरे महाकुंभ के दौरान अधिकतम पौने चार करोड़ रुपए से काम की ही कमाई हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/pushkar-singh-dhami-cabinet-will-be-expanded-after-pm-modi-visit-to-uttarakhand-ann-2898234″>उत्तराखंड में मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत, 4 पद खाली, PM मोदी के दौरे के बाद होगा फैसला</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार की मोटी कमाई&nbsp;</strong><br />महरा परिवार यह कबूल भी कर रहा है कि उसने महाकुंभ में मोटी कमाई की है. हालांकि यह कमाई सरकारी किराए के मनमानी वसूली से हुई है. इस बारे में जब महरा परिवार से पूछा गया कि कैसे संभव हुआ, उसका जवाब था कि श्रद्धालुओं ने नाविकों की सेवा से खुश होकर जो दान और बक्शीश दी है, वह भी उसमें शामिल है. महाकुंभ के दौरान पिंटू महरा और उसके परिवार के खिलाफ कई बार शिकायत हुई, लेकिन मुकदमा सिर्फ एक बार ही दर्ज हुआ.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तमाम लोगों ने महाकुंभ में जहां सेवा भाव से काम किया, वहीं महरा परिवार ने श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली और नाविकों के उत्पीड़न का कोई मौका नहीं छोड़ा. <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> के अफसरों ने सीएम योगी के सामने हिस्ट्रीशीटर और शातिर अपराधी के परिवार को कमाई वाला बताकर उनसे भी गलतबयानी करा दी. इतना ही नहीं जो महरा परिवार करोड़ रुपए में खेलता रहता है, उसके बारे में सरकार के अफसरों ने प्रेस नोट जारी कर यह भी दावा किया कि इस गरीब परिवार के बच्चे भी अब ठीक-ठाक स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर जिस नाविक परिवार के तीस करोड़ रुपए कमाने का दावा किया था, उसके बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जानकारी मिली है कि मुखिया समेत परिवार के ज्यादातर सदस्य शातिर अपराधी हैं. उनकी हिस्ट्री शीट है और तमाम सदस्य जेल जा चुके हैं. परिवार के मुखिया पिंटू महरा के खिलाफ गंभीर धाराओं में 21 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उसके खिलाफ दो बार गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. महाकुंभ के दौरान भी उसके खिलाफ रंगदारी मांगने और उनके साथ मारपीट करने की एफआईआर दर्ज हुई है. दबंगई और वर्चस्व की लड़ाई में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या भी हो चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने नाम लिए बिना जिस परिवार का जिक्र किया था, उसकी छवि दबंगों और माफियाओं की है. यह परिवार सिर्फ दिखाने के लिए नावों का संचालन करता है, जबकि इसका असली काम नाविकों से रंगदारी वसूलने का है. संगम और आसपास के घाटों पर महरा परिवार का जबरदस्त आतंक है. कोई भी नाविक इस परिवार के सामने घुटने टेके बिना नाव नहीं चला सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दावा किया जाता है कि महरा परिवार की दबंगई और रसूख के आगे पुलिस और प्रशासन भी ज्यादातर समय बैकफुट पर रहता है. यही वजह है कि महाकुंभ के दौरान भी देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं से नाव से यात्रा कराने के नाम पर मनमानी वसूली की गई. नावों का सरकारी किराया 75 रूपये से एक सौ साठ रुपए तक था, लेकिन तमाम श्रद्धालुओं से दो हजार से पांच हजार रुपए तक वसूले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई बार जा चुका है जेल</strong><br />मुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना जिस परिवार की कमाई को महाकुंभ की सक्सेस स्टोरी के तौर पर विधानसभा में पेश किया था, उसके मुखिया का नाम पिंटू महरा उर्फ अमित महरा है. करीब तैंतालीस साल के पिंटू महरा के खिलाफ कुल इक्कीस मुकदमे दर्ज हैं. इसके खिलाफ पहला मुकदमा साल 2005 में तब दर्ज हुआ था, जब इसकी उम्र महज 23 साल थी. पिंटू महरा के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने समेत गंभीर किस्म के 21 क्रिमिनल केस दर्ज हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उसके खिलाफ साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. इसके अलावा साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था. वह कई बार जेल जा चुका है. कई सालों तक जेल में रहने के बाद वह कुछ महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया है. आरोप है की जेल में रहते हुए भी वह लोगों को धमकाने का काम करता था. इसके चलते उसकी जेल भी बदली गई थी. इसकी हिस्ट्री शीट प्रयागराज के नैनी थाने में खुली हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिंटू महरा के पिता और दो भाई भी प्रयागराज के नैनी थाने के ही हिस्ट्रीशीटर हैं. उसक पिता राम सहारे उर्फ बच्चा महरा भी शातिर अपराधी था. बच्चा महरा की मौत जेल में रहते हुए 25 जून 2018 को हुई थी. पिंटू महरा का बड़ा भाई आनंद महरा भी शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर था. रंगदारी और वसूली को लेकर हुए विवाद में कुछ साल पहले उसकी हत्या दो अन्य लोगों के साथ कर दी गई थी. पिंटू महरा का एक और भाई अरविंद महरा है. वह भी हार्डकोर क्रिमिनल है. यह भी जेल जा चुका है और जमानत पर छूटा हुआ है. इनके एक करीबी रिश्तेदार के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर भी चल चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>[yt]https://youtu.be/Cvfg3cyq8NU?si=b-keFF9fyGpuuIzq[/yt]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाव चलाने के लिए लेनी होती है इजाजत</strong><br />पिंटू महरा और उसका परिवार मुख्य रूप से नावों के संचालन, ठेकेदारी, नाविकों से रंगदारी और वसूली, नदियों से बालू निकासी और बालू को बिकवाने का काम करता है. कहा यह जाता है कि काली कमाई और दबंगई के रास्ते में जो भी आता है, उसे यह लोग अपने रास्ते से हटा देते हैं. पिंटू महरा के परिवार के साथ ही इनके पूरे कुनबे का इतिहास दागदार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छोटे-मोटे विवाद में किसी की जान ले लेना, हुक्म का पालन नहीं करने पर सरेआम उसकी पिटाई करना, घर में घुसकर मारना पीटना और दबंगई करना ही परिवार का प्रमुख काम है. कहा यह जाता है कि संगम और आसपास के इलाकों में जो कोई भी नाव चलाना चाहता है, उसे पहले पचास हजार से एक लाख रूपये तक का चढ़ावा देकर महरा परिवार से इजाजत लेनी होती है. इसके बाद हर महीने एक निश्चित रकम या फिर कमाई का हिस्सा देना होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महरा परिवार ने तमाम पालतू गुंडे भी पाल रखे हैं. घाटों पर जो यात्री नाव की सवारी करते हैं, उनसे पैसे महरा के लोग ही लेते हैं. दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद नाविक को तीन से चार सौ रुपए मिलते हैं, जबकि बाकी पैसे महरा परिवार के खाते में चले जाते हैं. कोई भी नाविक इनके खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता है. कोई भी अगर मुंह खोलने की कोशिश करता है तो उसे सरेआम पीटा और बेइज्जत किया जाता है. ऐसा नहीं की पुलिस और प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी आंख मूंदे रहते हैं. आरोप तो यहां तक लगते हैं कि पुलिस हर महीने मोटी कमाई लेकर वसूली को होने देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई सदस्य की हो चुकी है मौत</strong><br />नाविक का परिवार वसूली और रंगदारी के साथ ही कुंभ और माघ मेलों में चकर्ड प्लेटें बिछाने यानी लोहे की प्लेट की सड़कें बनाने और बिजली के सबस्टेशन तैयार करने और लाइन बिछाने का काम भी करता है. पिंटू मेहरा की मां शुक्लावती देवी बिजली विभाग की रजिस्टर्ड ठेकेदार है. इस महाकुंभ में भी उसने करोड़ों का काम किया है. आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में महरा परिवार के कई सदस्य मौत के घाट उतारे जा चुके हैं. हालांकि सभी हत्याएं योगीराज के पहले की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था कि महरा परिवार ने महाकुंभ के दौरान 130 नावों का संचालन कर तीस करोड़ रुपए की कमाई का इतिहास रचा है. हालांकि सरकारी रेट पर किराया लेने से यह संभव ही नहीं है. महाकुंभ के दौरान प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अलग-अलग घाटों से संगम तक जाने का किराया 75 से 160 निर्धारित किया था. एक नाव पर दो चालकों के अतिरिक्त अधिकतम आठ लोग ही बैठ सकते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकुंभ के दौरान कई दिन नावों का संचालन बंद था. अगर मान लिया जाए कि महरा की नावों ने रोजाना संगम के आठ चक्कर लगाए. हर बार अधिकतम आठ श्रद्धालु बैठे और सभी ने औसतन सौ रुपये किराया दिया तो इस हिसाब से एक नाव से रोजाना चौंसठ सौ रुपये की कमाई हुई. इस तरह 130 नावों से पूरे महाकुंभ के दौरान अधिकतम पौने चार करोड़ रुपए से काम की ही कमाई हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/pushkar-singh-dhami-cabinet-will-be-expanded-after-pm-modi-visit-to-uttarakhand-ann-2898234″>उत्तराखंड में मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत, 4 पद खाली, PM मोदी के दौरे के बाद होगा फैसला</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार की मोटी कमाई&nbsp;</strong><br />महरा परिवार यह कबूल भी कर रहा है कि उसने महाकुंभ में मोटी कमाई की है. हालांकि यह कमाई सरकारी किराए के मनमानी वसूली से हुई है. इस बारे में जब महरा परिवार से पूछा गया कि कैसे संभव हुआ, उसका जवाब था कि श्रद्धालुओं ने नाविकों की सेवा से खुश होकर जो दान और बक्शीश दी है, वह भी उसमें शामिल है. महाकुंभ के दौरान पिंटू महरा और उसके परिवार के खिलाफ कई बार शिकायत हुई, लेकिन मुकदमा सिर्फ एक बार ही दर्ज हुआ.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तमाम लोगों ने महाकुंभ में जहां सेवा भाव से काम किया, वहीं महरा परिवार ने श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली और नाविकों के उत्पीड़न का कोई मौका नहीं छोड़ा. <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> के अफसरों ने सीएम योगी के सामने हिस्ट्रीशीटर और शातिर अपराधी के परिवार को कमाई वाला बताकर उनसे भी गलतबयानी करा दी. इतना ही नहीं जो महरा परिवार करोड़ रुपए में खेलता रहता है, उसके बारे में सरकार के अफसरों ने प्रेस नोट जारी कर यह भी दावा किया कि इस गरीब परिवार के बच्चे भी अब ठीक-ठाक स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड उत्तराखंड में मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत, 4 पद खाली, PM मोदी के दौरे के बाद होगा फैसला