हरियाणा के जेल अफसरों को न तो हिंदी आती है और न ही वित्तीय नियमों की कोई जानकारी है। इसका खुलासा जेल विभाग के इंटरनल एग्जाम के रिजल्ट से हुआ है। 5 विषयों को लेकर हुए इस एग्जाम में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट से लेकर डिप्टी सुपरिटेंडेंट तक 67 अधिकारी फेल हो गए। इसके अलावा 26 अधिकारी लोअर स्टेंडर्ड से इन विषयों को पास कर पाए। वहीं 40 अधिकारी ऐसे भी थे, जिन्होंने हायर स्टेंडर्ड से इन विषयों को पास किया है। इस एग्जाम में पंजाब जेल मैनुअल, जेल मैनुअल, क्रिमिनल लॉ, फाइनेंशियल रूल्स यानी वित्तीय नियम और हिंदी शामिल थी। अधिकारियों के एग्जाम का विषयवाइज रिजल्ट पढ़ें… पंजाब जेल मैनुअल: कुल 33 अधिकारियों ने यह एग्जाम दिया। इनमें से 17 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 2 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 12 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और एक जेल सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इनमें एक ही डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने हायर स्टेंडर्ड से पेपर पास किया। जेल मैनुअल: इसमें कुल 31 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें से 3 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। 5 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इनके अलावा 19 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 4 डिप्टी सुपरिटेंडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। क्रिमिनल लॉ: इसमें कुल 18 जेल अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें से 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 2 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए जबकि 11 असिस्टेंट और एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। फाइनेंशियल रूल्स: इसमें कुल 27 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें 22 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 4 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 1 डिप्टी सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। हिंदी: इसमें कुल 24 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें 15 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 5 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इसके अलावा 1 डिप्टी और 3 असिस्टेंट सुपरिडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। कौन अधिकारी किस विषय में फेल और पास हुआ… हरियाणा के जेल अफसरों को न तो हिंदी आती है और न ही वित्तीय नियमों की कोई जानकारी है। इसका खुलासा जेल विभाग के इंटरनल एग्जाम के रिजल्ट से हुआ है। 5 विषयों को लेकर हुए इस एग्जाम में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट से लेकर डिप्टी सुपरिटेंडेंट तक 67 अधिकारी फेल हो गए। इसके अलावा 26 अधिकारी लोअर स्टेंडर्ड से इन विषयों को पास कर पाए। वहीं 40 अधिकारी ऐसे भी थे, जिन्होंने हायर स्टेंडर्ड से इन विषयों को पास किया है। इस एग्जाम में पंजाब जेल मैनुअल, जेल मैनुअल, क्रिमिनल लॉ, फाइनेंशियल रूल्स यानी वित्तीय नियम और हिंदी शामिल थी। अधिकारियों के एग्जाम का विषयवाइज रिजल्ट पढ़ें… पंजाब जेल मैनुअल: कुल 33 अधिकारियों ने यह एग्जाम दिया। इनमें से 17 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 2 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 12 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और एक जेल सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इनमें एक ही डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने हायर स्टेंडर्ड से पेपर पास किया। जेल मैनुअल: इसमें कुल 31 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें से 3 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। 5 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इनके अलावा 19 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 4 डिप्टी सुपरिटेंडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। क्रिमिनल लॉ: इसमें कुल 18 जेल अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें से 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 2 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए जबकि 11 असिस्टेंट और एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। फाइनेंशियल रूल्स: इसमें कुल 27 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिनमें 22 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 4 डिप्टी सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 1 डिप्टी सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। हिंदी: इसमें कुल 24 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें 15 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट फेल हो गए। इसके अलावा 5 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट लोअर स्टेंडर्ड से पास हुए। इसके अलावा 1 डिप्टी और 3 असिस्टेंट सुपरिडेंट हायर स्टेंडर्ड से पास हुए। कौन अधिकारी किस विषय में फेल और पास हुआ… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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1. डबवाली में पंजाबी वोटरों की संख्या अच्छी तादात में है। यह वोटर लोकसभा में कांग्रेस के साथ दिखाई दिया। सुखबीर बादल ओपी चौटाला की पार्टी INLD का साथ दे रहे हैं। JJP और INLD जब साथ में थे तो यह पंजाब वोट INLD को पड़ते थे साथ में बागड़ी वोट भी करीब-करीब एक जगह पड़ते थे। मगर पार्टी में विभाजन के बाद स्थिति बदल गई। 2. इसके अलावा डबवाली के नजदीक कालावाली, रानिया, सिरसा, फतेहाबाद, रतिया और टोहाना तक पंजाबी वोटरों का साधने का प्रयास JJP कर रही है। कभी यह क्षेत्र चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था मगर लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में हालत खराब दिखी। सिरसा लोकसभा में JJP और INLD कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। 3. दिग्विजय चौटाला अब तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं पिछले दो चुनाव में वह हारे हैं। उन्होंने सोनीपत सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ा मगर वह हार गए। इसके अलावा जींद उपचुनाव में किस्मत आजमाई मगर यहां भी वह हार गए। इसके बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा मगर अब वह चौटाला परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं। इस बार डबवाली विधानसभा में आमने-सामने होगा देवीलाल का कुनबा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी चौटाला परिवार एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ सकता है। इतना ही नहीं ऐसा पहली बार होगा जब देवीलाल का कुनबा अलग-अलग पार्टियों से एक दूसरे के सामने होगा। हरियाणा की राजस्थान और पंजाब को छूती डबवाली विधानसभा में इस बार नए समीकरण बन रहे हैं। यहां मुकाबला रोचक होने वाला है। चौटाला परिवार जहां अपनी परंपरागत सीट दोबारा हासिल करने की जद्दोजहद में है तो वहीं देवीलाल के कुनबे से ही आने वाले अमित सिहाग दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं। डबवाली विधानसभा में इनेलो का सबसे अधिक कब्जा रहा है। इस बार यहां से इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला मैदान में उतर सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला JJP से और BJP से आदित्य चौटाला मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब 4 दलों से परिवार आपस में लड़ेगा। चौटाला गांव से बने ज्यादा विधायक
डबवाली में पंजाबी और बागड़ी बेल्ट दोनों शामिल हैं। राजस्थान के साथ लगते इलाके में बागड़ी बेल्ट और पंजाब के साथ लगते क्षेत्र में पंजाबी मतदाता अधिक हैं। चौटाला परिवार की पकड़ दोनों ही बेल्ट में मजबूत मानी जाती है। गांव चौटाला, गंगा, कालुआना, बनवाली और ओढ़ा यहां के बड़े गांव हैं। इस बार चार उम्मीदवार एक ही गांव चौटाला के हो सकते हैं। हालांकि इसी गांव से ज्यादा विधायक बनते आए हैं। ताऊ देवीलाल के परिवार के हैं ये सब लोग
दिग्विजय चौटाला अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं और देवीलाल की पड़ पौत्र हैं। वहीं आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। डॉ. केवी सिंह देवीलाल के भतीजे हैं और इनका बेटा अमित सिहाग मौजूदा विधायक हैं। कांता चौटाला देवीलाल की पौत्र बहू है। ऐसे में चारों ही दावेदारों की नजदीकी रिश्तेदारियां हैं। कांता चौटाला दिग्विजय चौटाला की चाची और आदित्य चौटाला की भाभी हैं। डॉ. केवी सिंह कांता चौटाला के ससुर हैं। डॉ. केवी सिंह और आदित्य का चाचा-भतीजे का नाता है। ऐसे में हरियाणा में शायद डबवाली ही ऐसी इकलौती सीट होगी, जहां इस पर प्रदेश के एक बड़े सियासी घराने के सदस्य आमने-सामने होंगे।
हुड्डा को सकारात्मक राजनीति करने की सलाह:हरियाणा कैबिनेट मंत्री बोले- आरोप-प्रत्यारोप से बचें, पूर्व CM ने कहा था- सभी भ्रष्टाचार में लिप्त
हुड्डा को सकारात्मक राजनीति करने की सलाह:हरियाणा कैबिनेट मंत्री बोले- आरोप-प्रत्यारोप से बचें, पूर्व CM ने कहा था- सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सकारात्मक राजनीति करने की सलाह दी है। गोयल ने कहा कि हुड्डा विपक्ष के नेता हैं, उन्हें सरकार के अच्छे कामों की तारीफ करनी चाहिए। उन्हें जनता और विपक्ष की उम्मीदों को सरकार तक पहुंचाने का काम करना चाहिए। उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम कर रही है। आरोपों की राजनीति न करें गोयल ने हुड्डा को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने अपना बहुमत कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा को दिया है। हुड्डा को यह बात समझनी चाहिए और जनता के हित में राजनीति करनी चाहिए। सरकार ने अपने वादे पूरे किए गोयल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है। मुख्यमंत्री खुद सरकार के 100 दिन के कार्यकाल की जानकारी देंगे। हरियाणा में 26 हजार युवाओं को नौकरी देने के साथ ही संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है। आरोपों का दौर जारी हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने 100 दिन पूरे कर लिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने सरकार के इस कार्यकाल को विफल बताया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बयान देते हुए कहा है कि सरकार 100 दिन में किसी का भला नहीं कर पाई। नेता से लेकर अफसर तक, राज्य में हर कोई भ्रष्टाचार में लिप्त है।