हरियाणा लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों खासकर भाजपा और कांग्रेस की नजर विधानसभा के नतीजों पर है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 90 विधानसभा सीटों की समीक्षा की जा रही है। 10 लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली 90 विधानसभाओं में भाजपा और कांग्रेस लगभग बराबर की स्थिति में नजर आईं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा 46 विधानसभाओं में पिछड़ गई है। जबकि कांग्रेस को 44 विधानसभाओं में हार का सामना करना पड़ा। अगर यही हाल रहा तो संकेत साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। जानिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी का हाल
बता दें कि राज्य में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी सिर्फ 4 सीटें ही जीत पाई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। आप ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। आप ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि बीजेपी ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। हरियाणा के शहरों में कांग्रेस की स्थिति नाजुक
हरियाणा में कुल 23 शहरी सीटें हैं, इन सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गई है। यहां बीजेपी ने 19 और कांग्रेस ने सिर्फ 4 सीटें जीती हैं। वहीं, शहरी ग्रामीण मिश्रित (कस्बों) की 7 सीटों में से बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटें जीती हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के अलावा अन्य मंत्रियों और विधानसभा उपाध्यक्ष की 16 सीटों में से बीजेपी को 11 पर बढ़त मिली है, जबकि 5 पर वह पीछे रही है। भाजपा के 41 विधायकों में से 13 विधायक अपने क्षेत्र में पार्टी को बढ़त नहीं दिला पाए। वहीं, कांग्रेस के कुल 30 विधायकों में से 12 विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस को बीजेपी से कम वोट मिले हैं। कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 44, कांग्रेस ने 42 और आप ने चार विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की है। अब पढ़िए उन विधानसभा सीटों के बारे में जहां से विरोधी दल के उम्मीदवार जीते… इन मंत्रियों-दिग्गजों के गढ़ में पिछड़ी भाजपा
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल, जगाधरी से कंवर पाल, पिहोवा से संदीप सिंह, कलायत से कमलेश ढांडा, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि, फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल, कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। अनिल विज की कैंट सहित 44 पर भाजपा जीती
भाजपा के उम्मीदवार इन 44 विधानसभा सीटों में कालका, पंचकूला, अंबाला छावनी, यमुनानगर, रादौर, लाडवा, थानेसर, कैथल, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, करनाल, असंध, घरौंडा, समालखा, पानीपत ग्रामीण, पानीपत, इसराना, राई, सोनीपत, गन्नौर, सफीदों, जींद, बरवाला, हिसार, हांसी, भिवानी, तोराम, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, बावल, रेवाड़ी, पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, पलवल, तिगांव, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, बड़खल, एनआईटी फरीदाबाद में विजयी रहे। हरियाणा लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों खासकर भाजपा और कांग्रेस की नजर विधानसभा के नतीजों पर है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 90 विधानसभा सीटों की समीक्षा की जा रही है। 10 लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली 90 विधानसभाओं में भाजपा और कांग्रेस लगभग बराबर की स्थिति में नजर आईं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा 46 विधानसभाओं में पिछड़ गई है। जबकि कांग्रेस को 44 विधानसभाओं में हार का सामना करना पड़ा। अगर यही हाल रहा तो संकेत साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। जानिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी का हाल
बता दें कि राज्य में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी सिर्फ 4 सीटें ही जीत पाई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। आप ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। आप ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि बीजेपी ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। हरियाणा के शहरों में कांग्रेस की स्थिति नाजुक
हरियाणा में कुल 23 शहरी सीटें हैं, इन सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गई है। यहां बीजेपी ने 19 और कांग्रेस ने सिर्फ 4 सीटें जीती हैं। वहीं, शहरी ग्रामीण मिश्रित (कस्बों) की 7 सीटों में से बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटें जीती हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के अलावा अन्य मंत्रियों और विधानसभा उपाध्यक्ष की 16 सीटों में से बीजेपी को 11 पर बढ़त मिली है, जबकि 5 पर वह पीछे रही है। भाजपा के 41 विधायकों में से 13 विधायक अपने क्षेत्र में पार्टी को बढ़त नहीं दिला पाए। वहीं, कांग्रेस के कुल 30 विधायकों में से 12 विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस को बीजेपी से कम वोट मिले हैं। कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 44, कांग्रेस ने 42 और आप ने चार विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की है। अब पढ़िए उन विधानसभा सीटों के बारे में जहां से विरोधी दल के उम्मीदवार जीते… इन मंत्रियों-दिग्गजों के गढ़ में पिछड़ी भाजपा
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल, जगाधरी से कंवर पाल, पिहोवा से संदीप सिंह, कलायत से कमलेश ढांडा, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि, फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल, कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। अनिल विज की कैंट सहित 44 पर भाजपा जीती
भाजपा के उम्मीदवार इन 44 विधानसभा सीटों में कालका, पंचकूला, अंबाला छावनी, यमुनानगर, रादौर, लाडवा, थानेसर, कैथल, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, करनाल, असंध, घरौंडा, समालखा, पानीपत ग्रामीण, पानीपत, इसराना, राई, सोनीपत, गन्नौर, सफीदों, जींद, बरवाला, हिसार, हांसी, भिवानी, तोराम, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, बावल, रेवाड़ी, पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, पलवल, तिगांव, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, बड़खल, एनआईटी फरीदाबाद में विजयी रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर