हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने तीन सीटों पर विधानसभा उप चुनाव जीतने को कमर कस ली है। पार्टी ने देहरा विधानसभा सीट जीतने के लिए कांगड़ा जिले के ज्वाली से विधायक एवं कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को प्रभारी बनाया है। सोलन जिले की नालागढ़ विधानसभा सीट जीतने के लिए जुब्बल कोटखाई के विधायक एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और हमीरपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए घुमारवी से विधायक एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी को प्रभारी नियुक्त किया है। एकजुटता से धनबल का सामना करेगी कांग्रेस: किमटा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रजनीश किमटा ने बताया कि आगामी विधानसभा उप चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। पार्टी एकजुटता के साथ धनबल का सामना करेगी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने हाल में विधानसभा उप चुनावों में चार सीटें जीती है, जो इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों एवं नेतृत्व से हिमाचल प्रदेश की जनता खुश है। मतदाताओं ने भाजपा की खरीद फ़रोख़्त की राजनीति को नकार दिया है। प्रदेश में 10 जुलाई को उप चुनाव प्रदेश में अगले कल तीनों विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग नोटिफिकेशन जारी करेगा और 21 जून तक नामांकन भरे जा सकेंगे। 10 जुलाई को तीनों सीटों पर एक साथ वोटिंग होगी और 13 जुलाई को नतीजे आएंगे। इन चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में तीनों सीटों के लिए मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने तीन सीटों पर विधानसभा उप चुनाव जीतने को कमर कस ली है। पार्टी ने देहरा विधानसभा सीट जीतने के लिए कांगड़ा जिले के ज्वाली से विधायक एवं कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को प्रभारी बनाया है। सोलन जिले की नालागढ़ विधानसभा सीट जीतने के लिए जुब्बल कोटखाई के विधायक एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और हमीरपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए घुमारवी से विधायक एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी को प्रभारी नियुक्त किया है। एकजुटता से धनबल का सामना करेगी कांग्रेस: किमटा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रजनीश किमटा ने बताया कि आगामी विधानसभा उप चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। पार्टी एकजुटता के साथ धनबल का सामना करेगी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने हाल में विधानसभा उप चुनावों में चार सीटें जीती है, जो इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों एवं नेतृत्व से हिमाचल प्रदेश की जनता खुश है। मतदाताओं ने भाजपा की खरीद फ़रोख़्त की राजनीति को नकार दिया है। प्रदेश में 10 जुलाई को उप चुनाव प्रदेश में अगले कल तीनों विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग नोटिफिकेशन जारी करेगा और 21 जून तक नामांकन भरे जा सकेंगे। 10 जुलाई को तीनों सीटों पर एक साथ वोटिंग होगी और 13 जुलाई को नतीजे आएंगे। इन चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में तीनों सीटों के लिए मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कल से पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड-कप:32 देशों के 75 पायलट हवा में दिखाएंगे करतब; 70 पैराग्लाइडर को झटका, PWCAF ने चैम्पियनशिप से बाहर किए
हिमाचल में कल से पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड-कप:32 देशों के 75 पायलट हवा में दिखाएंगे करतब; 70 पैराग्लाइडर को झटका, PWCAF ने चैम्पियनशिप से बाहर किए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बीड़ बिलिंग में 2 से 9 नवंबर तक पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप होने जा रहा है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, पौलेंड, बेल्जियम, भारत सहित 32 देशों के 75 से ज्यादा पायलट भाग ले रहे हैं। विश्व कप के लिए दुनियाभर के पायलट चार-पांच दिन पहले से ही बीड़ बिलिंग पहुंचने शुरू हो गए हैं और उड़ान का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। विश्व विख्यात बीड़ बिलिंग इंटरनेशनल पैराग्लाइडिंग साइट है। यहां पर साल 2015 में भी पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप हो चुका है। इस बार बीड़ बिलिंग में दूसरा वर्ल्ड कप है। यहां एक सप्ताह तक मानव परिंदें हवा में अठखेलियां करते नजर आएंगे। इसका आयोजन पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन फ्रांस (PWCAF) की मंजूरी के बाद बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (BPA) और हिमाचल पर्यटन विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान से किया जा रहा है। 70 पायलटों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल इस वर्ल्ड कप के लिए 50 देशों से लगभग 145 पायलटों ने पंजीकरण करवाया था। मगर PWCAF ने इनकी नेशनल रैंकिंग व लाइसेंस देखने जांचने के लगभग 70 पैराग्लाइडर के पंजीकरण को कैंसिल कर दिया है। 9 रेस्क्यू टीमों का किया गया गठन पैराग्लाइडर की सुरक्षा के दृष्टिगत 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चौपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी, जो कि पैराग्लाइडर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। चैम्पियनशिप की तैयारियां पूरी BPA और हिमाचल पर्यटन विकास विभाग मिलकर वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटा हुआ है। बिलिंग घाटी में आधुनिक शेल्टर, आधुनिक शौचालय, बेंच, सोलर लाइटों की व्यवस्था कर दी गई है। टेक ऑफ साइट बीड़ में पहली बार सोलर लाइट्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है। कनेक्टिविटी के लिए सड़क की रिपेयर करवाई जा रही है। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरी जाएगी बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। 2015 में हुआ था वर्ल्ड कप साल 2015 में BPA बीड़ बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर चुकी है। साल 2013 में पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का पहला आयोजन हुआ था। 2016 में तीसरी आयोजन राष्ट्रीय ओपन एक्यूरेसी चैम्पियनशिप, 2017 में चौथी एएफ डेयर डेविल स्काई डाइविंग शो, 2023 में 5वां आयोजन एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप इंडिया तथा 2023 में एक्ससी पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का छठा आयोजन हुआ था। पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी शुरू BPA के प्रेसिडेंट अनुराग शर्मा ने कहा कि पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप की तैयारी लगभग पूरी है। उन्होंने कहा बीड़ बिलिंग में होने वाले इस वर्ल्ड कप से हिमाचल को दुनियाभर में पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि दुनियाभर के पैराग्लाइडिंग के शौकीनों का बीड़-बिलिंग घाटी पसंदीदा स्थान बन गया है। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप का शुभारंभ पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन आरएस बाली करेंगे, जबकि समापन्न अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर सकते हैं। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है।
हिमाचल शिक्षा विभाग का आदेश-31 दिसंबर तक स्कूल आना अनिवार्य:जहां पेपर हो गए; वहां भी पढ़ाई, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां होगी
हिमाचल शिक्षा विभाग का आदेश-31 दिसंबर तक स्कूल आना अनिवार्य:जहां पेपर हो गए; वहां भी पढ़ाई, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां होगी हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्रों के गैर हाजिर रहने पर शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। विभाग ने सभी छात्र-छात्राओं को 31 दिसंबर तक हर हाल में स्कूल आने को कहा है। प्रदेश के विंटर क्लोजिंग स्कूल हर साल 31 दिसंबर को ही बंद होते है। मगर कुछेक स्कूलों में दो वजह से बच्चे रोजाना स्कूल नहीं पहुंच रहे। पहली वजह, वार्षिक पेपर हो जाना और दूसरी वजह पेपर के बीच गेप होना। बता दें कि सरकारी स्कूलों में इन दिनों पहली से आठवीं कक्षा तक के पेपर चल रहे हैं। कई स्कूलों में पेपर में एक या दो दिन का गेप दिया गया है। इस गेप में बच्चे घर पर बैठकर अगले पेपर की तैयारी कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि जिस दिन पेपर नहीं है, उस दिन भी बच्चे स्कूल आएंगे और टीचर उन बच्चों को पेपर की तैयारी करवाएंगे। जहां पेपर हो गए, वहां भी 31 तक हाजिरी देंगे बच्चे जिन स्कूलों में सभी पेपर हो गए हैं, वहां भी 31 दिसंबर तक स्कूल आना अनिवार्य होगा, क्योंकि हिमाचल के विंटर क्लोजिंग स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 31 दिसंबर को पूरा होता है। इनमें 1 जनवरी से 11 फरवरी तक स्कूलों में छुट्टी होती है। लिहाजा जहां पेपर हो गए हैं, वहां भी बच्चे रोज स्कूल आएंगे और इस दौरान बच्चों को संबंधित कक्षा का पाठ्यक्रम रिवाइज कराया जाएगा और सांस्कृतिक व खेलकूद गतिविधियां स्कूल में आयोजित की जाएगी। टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ भी स्कूल आएगा यही नहीं विभाग ने सभी टीचर, मल्टी टास्क वर्कर और मिड डे मील वर्कर को भी रिजल्ट घोषित करने तक स्कूल में उपस्थित रहने के आदेश जारी किए है। इसे लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने सभी डिप्टी डायरेक्टर को आदेश जारी किए है। बता दें कि प्रदेश में शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर जिले के ज्यादातर स्कूल विंटर क्लोजिंग स्कूलों में पड़ते हैं।
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य कैडर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो आज विभिन्न स्थानों पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार के साथ सर्कल कार्यालयों की चाबियां सौंप रहे हैं। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) राजस्व ओंकार शर्मा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी डीसी को प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। एससीएस राजस्व के इन आदेशों से पटवारी कानूनगो में हंगामा मच गया है। उन्होंने दो दिन के भीतर काम पर वापस न लौटने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में कहा गया कि इस तरह ऑनलाइन सेवाएं बंद करना सेवा नियमों का उल्लंघन है। अगर पटवारी-कानूनगो को कोई समस्या है तो सरकार से बात करें। इस तरह विरोध करना ठीक नहीं है। स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में इन्हें स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, वे सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। आज वे दफ्तरों की चाबियां सरकार को सौंप रहे हैं आज पटवारी-कानूनगो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले दफ्तरों की चाबियां भी सौंप रहे हैं। जाहिर है कि इसके चलते प्रदेश के करीब 600 पटवारी-कानूनगो सर्कल दफ्तरों में भी काम ठप रहने वाला है। सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच चल रहे इस विवाद के चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ऑनलाइन काम बंद है। अब जिन स्थानों पर नियमित पटवारी-कानूनगो नहीं हैं, वहां कल से लोगों के काम भी बंद होने जा रहे हैं। मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए आज अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 10 दिन से ये काम प्रभावित बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए गए हैं। राज्य कैडर से वरिष्ठता प्रभावित होगी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की भर्ती जिला कैडर के अनुसार की गई है। अब यदि उन्हें अचानक राज्य कैडर बना दिया जाता है तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इससे पदोन्नति में देरी होगी और राज्य कैडर में विलय के कारण वरिष्ठता पीछे जा सकती है। उन्होंने कहा कि पटवारियों को जिला कैडर में इसलिए रखा गया है क्योंकि अपने जिले में उन्हें स्थानीय भाषा और क्षेत्र का ज्ञान होता है। यदि उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें भाषा और क्षेत्र को समझने में समय लगेगा। इससे कार्य में दक्षता नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार जिला कैडर में ही रखा जाना चाहिए।