कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए सोमवार को दो टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने हमीरपुर से डा. पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जबकि देहरा सीट पर टिकट को अभी होल्ड रखा गया है। हमीरपुर और नालागढ़ में दोनों प्रत्याशी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र और बीजेपी के आशीष शर्मा में मुकाबला होगा। कांग्रेस द्वारा दो टिकट के ऐलान के बाद नालागढ़ में बावा हरदीप सिंह और बीजेपी के केएल ठाकुर में मुकाबला हो गया है। हमीरपुर में बीजेपी के आशीष शर्मा और कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र के बीच कॉटेस्ट है। आशीष शर्मा से पिछला चुनाव हारे थे डॉ. पुष्पेंद्र डॉ. पुष्पेंद्र 2022 के आम चुनाव में निर्दलीय आशीष शर्मा से 12,899 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। तब आशीष शर्मा को 25916 वोट, डॉ. पुष्पेंद्र को 13017 वोट और बीजेपी के नरेंद्र ठाकुर को 12794 वोट मिले थे। आशीष शर्मा ने बीते 23 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें हमीरपुर से प्रत्याशी बनाया है। बावा हरदीप पर दूसरी बार जताया भरोसा कांग्रेस ने नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को दूसरी बार टिकट दिया है। बावा हरदीप पिछला चुनाव 13264 मतों के अंतर से केएल ठाकुर से हारे थे। तब निर्दलीय केएल ठाकुर को 33427 वोट, बावा हरदीप को 20163 और बीजेपी के लखविंदर राणा को 17273 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 में भी बावा हरदीप कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर साल 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत की। कांग्रेस ने 20817 में लखविंदर राणा को टिकट दिया था और राणा चुनाव जीत गए थे। CM के राजनीतिक सलाहकार का कटा टिकट हमीरपुर सीट पर मुख्यमंत्री के राजनीति सलाहकार सुनील शर्मा (बिट्टू) का नाम बीते सप्ताह जातीय समीकरण की वजह से टिकट दावेदारों की रेस में आया था। मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद डॉ. पुष्पेंद्र पर ही भरोसा जताया और सुनील बिट्टू को टिकट नहीं दिया। देहरा में पेंच क्यों कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा से डॉ. राजेश शर्मा का टिकट तय माना जा रहा था। पार्टी ने इसे आखिरी वक्त पर होल्ड कर दिया है। इस सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नरदेव कंवर, सुनील कश्यप का नाम भी टिकट दावेदारों की रेस में गिना जा रहा है। उधर, देहरा में आज ब्लाक कांग्रेस कमेटी की मीटिंग संपन्न हुई। इसमें प्रस्ताव पास किया गया कि हाईकमान जिसे भी कैंडिडेट देती है पार्टी एकजुट होकर उसके साथ काम करेगी। कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए सोमवार को दो टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने हमीरपुर से डा. पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जबकि देहरा सीट पर टिकट को अभी होल्ड रखा गया है। हमीरपुर और नालागढ़ में दोनों प्रत्याशी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र और बीजेपी के आशीष शर्मा में मुकाबला होगा। कांग्रेस द्वारा दो टिकट के ऐलान के बाद नालागढ़ में बावा हरदीप सिंह और बीजेपी के केएल ठाकुर में मुकाबला हो गया है। हमीरपुर में बीजेपी के आशीष शर्मा और कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र के बीच कॉटेस्ट है। आशीष शर्मा से पिछला चुनाव हारे थे डॉ. पुष्पेंद्र डॉ. पुष्पेंद्र 2022 के आम चुनाव में निर्दलीय आशीष शर्मा से 12,899 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। तब आशीष शर्मा को 25916 वोट, डॉ. पुष्पेंद्र को 13017 वोट और बीजेपी के नरेंद्र ठाकुर को 12794 वोट मिले थे। आशीष शर्मा ने बीते 23 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें हमीरपुर से प्रत्याशी बनाया है। बावा हरदीप पर दूसरी बार जताया भरोसा कांग्रेस ने नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को दूसरी बार टिकट दिया है। बावा हरदीप पिछला चुनाव 13264 मतों के अंतर से केएल ठाकुर से हारे थे। तब निर्दलीय केएल ठाकुर को 33427 वोट, बावा हरदीप को 20163 और बीजेपी के लखविंदर राणा को 17273 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 में भी बावा हरदीप कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर साल 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत की। कांग्रेस ने 20817 में लखविंदर राणा को टिकट दिया था और राणा चुनाव जीत गए थे। CM के राजनीतिक सलाहकार का कटा टिकट हमीरपुर सीट पर मुख्यमंत्री के राजनीति सलाहकार सुनील शर्मा (बिट्टू) का नाम बीते सप्ताह जातीय समीकरण की वजह से टिकट दावेदारों की रेस में आया था। मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद डॉ. पुष्पेंद्र पर ही भरोसा जताया और सुनील बिट्टू को टिकट नहीं दिया। देहरा में पेंच क्यों कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा से डॉ. राजेश शर्मा का टिकट तय माना जा रहा था। पार्टी ने इसे आखिरी वक्त पर होल्ड कर दिया है। इस सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नरदेव कंवर, सुनील कश्यप का नाम भी टिकट दावेदारों की रेस में गिना जा रहा है। उधर, देहरा में आज ब्लाक कांग्रेस कमेटी की मीटिंग संपन्न हुई। इसमें प्रस्ताव पास किया गया कि हाईकमान जिसे भी कैंडिडेट देती है पार्टी एकजुट होकर उसके साथ काम करेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान
मणिमहेश में उमड़ा आस्था का सैलाब:24 घंटे में 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे, 12KM लंबा ट्रैफिक जाम, सुबह 3:40 बजे से चल रहा शाही स्नान उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल के भरमौर में भारी जन सैलाब उमड़ आया है। पिछले 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर सुबह 3:40 बजे से शाही स्नान चल रहा है। छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज आधी रात 2:20 बजे तक रहेगा। माना जा रहा है तब तक एक लाख से ज्यादा शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। शाही बड़ा स्नान राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को होगा। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और भरमौर से मणिमहेश तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। ज्यादातर श्रद्धालु पैदल चल कर मणिमहेश पहुंच रहे हैं। इसी के साथ आज से आधिकारिक तौर पर मणिमहेश यात्रा शुरू हो गई है। हेलिकॉप्टर की उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा हालांकि सरकार ने भरमौर से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी सेवा भी शुरू कर रखी है। मगर इसकी उड़ान में खराब मौसम बाधा उत्पन्न कर रहा है। कुछ श्रद्धालु घोड़े व खच्चरों पर भी इस यात्रा को पूरा कर रहे हैं। इससे पहले इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए: SDM SDM भरमौर कुलविंदर सिंह ने बताया कि छोटा शाही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा कल तक पता चलेगा। मगर पिछले कल और आज सुबह 10 बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मणिमहेश को रवाना हो चुके है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों बता रहे कि इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में छोटे शाही स्नान को श्रद्धालु नहीं पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है। 12KM लंबा ट्रैफिक जाम आलम यह है कि मणिमहेश यात्रियों के कारण पिछले कल भरमौर से पहले हाईवे पर 12 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। सैकड़ों श्रद्धालु आधी रात तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। आज भी काफी संख्या में वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे है। स्थानीय प्रशासन ने मणिमहेश में रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों के अलावा पर्वतारोहण संस्थान के स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। इसी तरह 5 स्थानों पर शिविरों में मेडिकल टीम की तैनात की गई है। यहां बनाए गए कैंप प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।
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हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा ने बुलाई अहम मीटिंग:मस्जिद मामले में जन आंदोलन के जवाब की बनेगी रणनीति, CM की मौजूदगी पर सबकी निगाहे हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद को लेकर मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने और संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई जाएगी। प्रतिभा सिंह ने इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, सभी कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, PCC सदस्य, 2022 के विधानसभा चुनाव के हारे हुए प्रत्याशी और जिला अध्यक्ष को भी शामिल होने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री सुक्खू के मीटिंग में भाग लेने पर संशय बना हुआ हैं, क्योंकि बीती शुक्रवार आधी रात में उनके पेट में अचानक दर्द उठ गया था। इसके बाद वह शनिवार सुबह छह बजे आईजीएमसी शिमला पहुंचे। ऐसे में सुक्खू की मीटिंग में मौजूदगी पर सबकी नजरे रहेगी। वहीं डिप्टी सीएम भी जम्मू कश्मीर दौरे के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। आज की मीटिंग कई मायनों में अहम रहने वाली है। इसमें मस्जिद मामले में हो रहे जन आंदोलन का जवाब देने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष के हमलों का जवाब देने की बनेगी रणनीति प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार सुक्खू सरकार पर हमलावर है। इसका जवाब कैसे दिया जाए, इसकी भी रणनीति तय की जाएगी। पार्टी वर्कर की नाराजगी का उठ सकता है मामला PCC मीटिंग में पार्टी वर्कर की अनदेखी का मामला फिर से उठ सकता है। यह मीटिंग पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में बुलाई गई है जो कि सुबह 11 बजे शुरू होगी।