हिमाचल प्रदेश में संविधान के 10-शेड्यूल के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बीते कल विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 पर सदन में पेश किया है। आज इस पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा। इस संशोधन के बाद गगरेट से पूर्व MLA चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद हो जाएगी। अब तक इनके द्वारा ली गई पेंशन व भत्तों की भी रिकवरी हो सकती है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी।प्रस्तावित बिल के अनुसार, जिन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के हिसाब से अयोग्य घोषित किया गया है। उनसे 14वीं विधानसभा के कार्यकाल (दिसंबर 2022 से फरवरी 2024) की पेंशन व भत्तों की रिकवरी भी की जा सकती है। इन्होंने पार्टी व्हिप का किया था उलंघन बता दें कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीते। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के तहत अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे, इसलिए पेंशन बंद कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। 4 अन्य की इस टर्म की पेंशन तो बंद होगी, लेकिन पहले के टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। क्योंकि सुधीर, इंद्रतदत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर पहले भी कई कई बार विधायक रह चुके हैं। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्र दत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश में संविधान के 10-शेड्यूल के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बीते कल विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 पर सदन में पेश किया है। आज इस पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा। इस संशोधन के बाद गगरेट से पूर्व MLA चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद हो जाएगी। अब तक इनके द्वारा ली गई पेंशन व भत्तों की भी रिकवरी हो सकती है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी।प्रस्तावित बिल के अनुसार, जिन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के हिसाब से अयोग्य घोषित किया गया है। उनसे 14वीं विधानसभा के कार्यकाल (दिसंबर 2022 से फरवरी 2024) की पेंशन व भत्तों की रिकवरी भी की जा सकती है। इन्होंने पार्टी व्हिप का किया था उलंघन बता दें कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीते। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के तहत अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे, इसलिए पेंशन बंद कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। 4 अन्य की इस टर्म की पेंशन तो बंद होगी, लेकिन पहले के टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। क्योंकि सुधीर, इंद्रतदत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर पहले भी कई कई बार विधायक रह चुके हैं। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्र दत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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