अमृतसर के विधायक कुंवर विजयप्रताप सिंह दूसरे दिन चले सत्र में अफसरशाही की कारगुजारी को लेकर जमकर बरसे। कुंवर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में अमृतसर की प्रारंभिक नागरिक सेवाएं जैसे सीवरेज और वाटर सप्लाई के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि हालात खराब हैं। इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। बाद में स्थानीय निकाय विभाग मंत्री बलकार सिंह ने अपनी योजनाओं के बारे में बताया, लेकिन कुंवर ने कहा कि उन्होंने पहले भी यह जवाब दिया है। इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव लड़ा गया। आज यह हालत हो गए हैं कि सिस्टम इस तरह का हो गया। अपने महकमे के मंत्री की बात अफसर नहीं सुनते हैं। जेई तो मुख्यमंत्री से ज्यादा पावर रखता है। कमिश्नर नगर निगम किसी की नहीं सुनता है, जिसके किचन में सीवरेज का पानी जा रहा है, वह क्या करे। यह तय किया जाए कि जब महकमे का मंत्री कुछ कहता है तो उसका पालन किया जाए। वहीं, अमृतसर के लिए एक एजेंसी स्थापित की जाए, जो लोगों से जुड़े कामों की देखरेख कर सके। पता ही नहीं चलता है कौन सा काम कौन सी एजेंसी देख रही है। अमृतसर के विधायक कुंवर विजयप्रताप सिंह दूसरे दिन चले सत्र में अफसरशाही की कारगुजारी को लेकर जमकर बरसे। कुंवर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में अमृतसर की प्रारंभिक नागरिक सेवाएं जैसे सीवरेज और वाटर सप्लाई के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि हालात खराब हैं। इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। बाद में स्थानीय निकाय विभाग मंत्री बलकार सिंह ने अपनी योजनाओं के बारे में बताया, लेकिन कुंवर ने कहा कि उन्होंने पहले भी यह जवाब दिया है। इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव लड़ा गया। आज यह हालत हो गए हैं कि सिस्टम इस तरह का हो गया। अपने महकमे के मंत्री की बात अफसर नहीं सुनते हैं। जेई तो मुख्यमंत्री से ज्यादा पावर रखता है। कमिश्नर नगर निगम किसी की नहीं सुनता है, जिसके किचन में सीवरेज का पानी जा रहा है, वह क्या करे। यह तय किया जाए कि जब महकमे का मंत्री कुछ कहता है तो उसका पालन किया जाए। वहीं, अमृतसर के लिए एक एजेंसी स्थापित की जाए, जो लोगों से जुड़े कामों की देखरेख कर सके। पता ही नहीं चलता है कौन सा काम कौन सी एजेंसी देख रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी:12 सीटों के लिए 3 सितंबर को चुनाव, हरियाणा-राजस्थान से हो सकती है एंट्री चुनाव आयोग ने बुधवार को राज्यसभा की 12 खाली सीटों के लिए 3 सितंबर 2024 को चुनाव कराने की घोषणा की है। जिसके बाद लुधियाना से हारने के बावजूद केंद्रीय राज्य मंत्री बने रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि रवनीत बिट्टू को हरियाणा और राजस्थान से राज्यसभा सीटों पर उतारा जा सकता है। रवनीत बिट्टू की हरियाणा से एंट्री गेम चेंजर साबित हो सकती है। ऐसा करके भाजपा हरियाणा विधानसभा के साथ-साथ पंजाब की 4 उपचुनाव वाली सीटों पर भी नजर रख रही है। वहीं, राजस्थान में भी पंजाब की सीमा से सटे जिलों में सिख मतदाताओं का खासा प्रभाव है, इसे देखते हुए भाजपा राजस्थान से भी उनकी एंट्री करवा सकती है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो उच्च सदन में भाजपा के 87 सदस्य हैं और उसे कांग्रेस, राजद और बीजू जनता दल की कीमत पर चार सीटें मिलने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मौजूदा सदस्यों के लोकसभा में चुने जाने से राज्यसभा की दस सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा मौजूदा सदस्यों में से दो के. केशव राव और ममता मोहंता ने दलबदल के कारण इस्तीफा दे दिया। हुड्डा और वेणुगोपाल की सीटों पर भाजपा को बढ़त कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की हरियाणा और राजस्थान की खाली हुई सीटों पर भाजपा को लाभ मिलने की संभावना है। के.सी. वेणुगोपाल की वजह से खाली हुई सीटों पर भाजपा रवनीत बिट्टू को उतारने की योजना बना रही है। हरियाणा से रवनीत बिट्टू को मैदान में उतारने की संभावना के बीच स्थानीय नेताओं में विरोध भी शुरू हो गया है। कुछ नेता इसको लेकर जोड़-तोड़ में जुटे हैं। जानिए कब जारी होगी राजपत्रित अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार 14 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। 21 अगस्त नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि होगी और 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त होगी। 3 सितंबर को मतदान होगा और 3 सितंबर को शाम 5:00 बजे नतीजे घोषित किए जाएंगे। हरियाणा से भी कई चेहरे दौड़ में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। रवनीत बिट्टू के अलावा रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी इस दौड़ में हैं। जानिए कौन हैं रवनीत बिट्टू इस लोकसभा चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने उन्हें लुधियाना सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी 1995 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।
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