गुरुग्राम में लेडी बाइकर से टकराने वाला गिरफ्तार:बोला- गाड़ी टच हुई थी; एकेडमी संचालक ने कहा- अस्पताल इलाज कर देता तो जान बच जाती हरियाणा में गुरुग्राम के लेपर्ड ट्रेल रोड पर बीते रविवार को स्पोर्ट्स बाइक पर सवार युवती को टक्कर मारने वाली गाड़ी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार शाम को उसे उसके घर से ही पकड़ा। आरोपी की पहचान जय यादव (34) के रूप में हुई है। वह गुरुग्राम में फेज-3 के ग्लोबल टावर, अशोक विहार का रहने वाला है। आरोपी ने पुलिस को बताया है कि युवती की बाइक उसकी गाड़ी से टच हुई थी, जिससे बाइक गिर गई और कुछ दूर तक सड़क पर घिसती चली गई। जबकि, युवती उछलकर दूर जा गिरी थी, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। वहीं, युवती जिस लेट्स राइड एकेडमी की सदस्य थी, उसके संचालक कुलदीप शर्मा ने कहा है कि पुलिस को उन अस्पतालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने समय रहते युवती का इलाज नहीं किया। इससे युवती की जान गई। बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाली सोमिता सिंह की कार से टकराकर मौत हो गई थी। वह नोएडा से अपने ग्रुप के साथ BMW बाइक रेंट पर लेकर राइडिंग के लिए निकली थी। परिजनों के मुताबिक, सोमिता पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी। एकेडमी संचालक ने ये कहानी बताकर 5 आरोप लगाए… 1. 20 लोगों के ग्रुप के साथ राइडिंग पर गई थी सोमिता
नोएडा के सेक्टर-135 स्थित लेट्स राइड एकेडमी के संचालक कुलदीप शर्मा ने कहा है- रविवार को जब एकेडमी का ग्रुप राइडिंग के लिए गुरुग्राम गया, उसमें मैं भी साथ था। ग्रुप में करीब 20 सदस्य थे। उसमें सोमिता सिंह भी थी। सभी सदस्यों को एकेडमी से ही ट्रेनिंग मिली थी। 2. मोड़ पर हमने सोमिता को गिरा पाया
उन्होंने बताया- जब राइडिंग करते हुए ग्रुप लेपर्ड ट्रेल रोड पर पहुंचा तो वहां काफी तीखे मोड़ हैं। ऐसे में पूरा ग्रुप साथ नहीं चल पा रहा था। रोड भी संकरा था। इसमें सोमिता सबसे आगे चल रही थी। इसी दौरान एक मोड़ पर हमने सोमिता और उसकी बाइक को गिरा हुआ पाया। 3. 20 मिनट में अस्पताल पहुंचाया, इलाज से मना किया
जैसे ही हमने सोमिता को गिरा हुआ पाया, वैसे ही ग्रुप के साथ चल रहे वाहन में डालकर उसे अस्पताल ले जाने लगे। करीब 20 मिनट में ही उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उस अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया। उनसे थोड़ी देर तक बहस भी हुई थी। 4. दूसरे अस्पताल तक सोमिता की सांसें चल रही थीं
जब वह नहीं माना तो एम्बुलेंस बुलाकर हम उसे 5 मिनट दूर दूसरे अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया। तब तक सोमिता की सांसें चल रही थीं। अगर इन दोनों अस्पतालों में से कोई भी एक उसे समय रहते भर्ती कर लेता और कम से कम फर्स्ट एड दे देता तो शायद सोमिता की जान बच सकती थी। इसके बाद सोमिता को उसी एम्बुलेंस से सेक्टर-10 के सिविल अस्पताल ले गए। वहां पहुंचने में ही हमें करीब 1 घंटा लग गया। जब वहां डॉक्टर ने सोमिता की जांच की तो उसे मृत घोषित कर दिया। 5. पुलिस ने उन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं की
कुलदीप का कहना है कि प्रदेश में सड़क दुर्घटना के मामले में घायल के इलाज के लिए कोई भी अस्पताल मना नहीं कर सकता। फिर भी अस्पतालों ने सोमिता का इलाज नहीं किया। ऐसे में पुलिस को उन अस्पतालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। जबकि, पुलिस खुद अस्पताल प्रबंधन और लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाए हुए है। पुलिस बोली- जांच करेंगे, अस्पताल संचालक ने कहा- हम पता कर रहे
इस बारे में बादशाहपुर के ACP सुरेंद्र फोगाट का कहना है कि अस्पतालों ने यदि ऐसा किया है तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी। यदि मामला लापरवाही का सामने आया तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, इसे लेकर दोनों में से एक निजी अस्पताल के संचालक से बात की गई तो उन्होंने कहा है कि इसके लिए इंटरनल जांच की जा रही है। पता कर रहे हैं कि उस समय कौन डॉक्टर ड्यूटी पर था और उसने युवती को भर्ती करने से क्यों मना किया? ये था पूरा मामला…
बता दें कि रविवार सुबह नोएडा के सेक्टर-135 से एक बाइक राइडर ग्रुप गुरुग्राम में लेपर्ड कैफे के लिए निकला था। इसमें करीब 20 सदस्य थे, जिनमें ज्यादातर लड़कियां थीं। इसी ग्रुप की सदस्य सोमिता सिंह का लेपर्ड ट्रेल रोड पर एक्सीडेंट हो गया। उसकी BMW(G310) स्पोर्ट्स बाइक वरना कार से टकराई थी, जिससे युवती की मौत हो गई। उसके साथी ही उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और परिजनों को भी सूचना दी। युवती के पिता ने पुलिस को ये शिकायत दी… ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें… साथी इंजीनियरों की देखादेखी बाइकर बनी थी युवती:BMW स्पोर्ट्स बाइक से पहली राइड पर निकली; गुरुग्राम में कार की टक्कर से मौत हरियाणा के गुरुग्राम में लेपर्ड ट्रेल रोड पर जिस बाइकर युवती सोमिता सिंह की मौत हुई है, उसे ड्राइविंग या बाइक राइडिंग का कोई शौक नहीं था। उसके परिजनों का कहना है कि जब करीब 8 महीने पहले वह नोएडा में आकर जॉब करने लगी, तब कलीग्स (सहकर्मी) की देखादेखी उसने ट्रेनिंग एकेडमी जॉइन कर ली थी। पूरी खबर पढ़ें…