जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। जब एसीपी मोहसिन मिले तो मैं ब्रेकअप के दौर से गुजरी रही थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी से तलाक प्रक्रियाधीन है। जल्द ही तलाक लेकर तुमसे निकाह करूंगा। समय के साथ- साथ हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाद में मुझे उनके छिपे हुए सच का पता चला। नवंबर 2024 में मुझे एक दोस्त ने सबूत दिया कि मोहसिन की पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती हैं। 27 नवंबर को वह पिता बने तो सच्चाई सामने आ गई…। यह कहते हुए छात्रा फफक-फफक कर रोने लगी। बोली- मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया। इस दरिंदे को सजा मिलनी चाहिए, अब चाहे मेरा सबकुछ बर्बाद हो जाए। मैं इससे बदला लेकर रहूंगी…। डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह से पूछताछ के दौरान एसीपी मोहसिन के यौन उत्पीड़न का शिकार आईआईटी की रिसर्च स्कॉलर ने यह सब बातें कहीं। अफसरों की मानें तो छात्रा का दर्द सुनने के लिए ढाई घंटे भी कम पड़ गए। छात्रा अवसाद में है। देर रात अफसरों ने पीड़ित रिसर्च स्कॉलर का मेडिकल कराया। फिलहाल उसे हॉस्टल में स्टाफ की निगरानी में रखा गया है। इससे कि वह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। ACP के पिता बनने पर खुली सच्चाई, समझौते के बाद साइको कहने पर बिगड़ा मामला शादी का झांसा देकर आईआईटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे कलक्टरगंज एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान 27 नवंबर को पिता बने हैं। घर में खुशी का माहौल था, फोन से लेकर सोशल मीडिया पर पिता बनने की बधाइयां चल रही थीं। हर तरफ खुशी का माहौल था, बस यही जानकारी छात्रा को मिल गई और उससे मोहसिन के तलाक लेने का झूठ सामने आ गया। इसके बाद रिसर्च स्कॉलर एसीपी के घर पत्नी से मिलने पहुंची और सच्चाई पता लगा ली। फिर छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत आईआईटी प्रशासन से दर्ज कराई। इसके बाद मामला कानपुर पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचा और जांच में पूरे केस का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर एसीपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, यौन उत्पीड़न करने वाले एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ छात्रा ने करीब 5 दिन पहले आईआईटी प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने इंटरर्नल मामले की जांच कराने के साथ ही पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी दी। मामला अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। फर्स्ट राउंड में मामले की जांच के दौरान एसीपी मोहसिन ने रिसर्च स्कॉलर को मैनेज कर लिया। उसकी हर बात मानने को राजी हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में मोहसिन को लगभग क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। इस दौरान डायरेक्टर से बातचीत करने के दौरान एसीपी मोहसिन खान ने कहा कि वह लड़की साइको है। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगा रही है। बस छात्रा को यह बात पता चलने पर कहानी बिगड़ गई और अड़ गई कि अब वह आरोपी एसीपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी। इसके बाद अफसरों ने लाख हाथ-पैर मारा लेकिन मामला मैनेज नहीं हो सका। छात्रा की तहरीर मिलने के बाद देर शाम आरोप आनन-फानन में देर रात हुआ छात्रा का मेडिकल देर रात पीड़िता आईआईटी की स्टूडेंट का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया है। करीब 10 बजे रात में छात्रा को पुलिस की टीम लेकर कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। करीब 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल की प्रक्रिया चलती रही, लेकिन मेडिकल पूर्ण नहीं हो सका। अब शुक्रवार को दोबारा मेडिकल कराने के लिए छात्रा को कल्याणपुर सीएचसी लाया जाएगा। देर रात छात्रा को वापस आईआईटी कैंपस में उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया गया। लेकिन आईआईटी प्रशासन ने छात्रा को अकेले नहीं छोड़ा। अनहोनी की आशंका पर छात्रा के साथ स्टाफ को भी रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे मामले की जानकारी छात्रा के घर पर भी दी गई है। सुसाइड के डर से मामला नहीं हो सका मैनेज पीएचडी की रिसर्च स्कॉलर की कलाई में कई साल पुराने गहरे घाव के निशान बने हुए हैं। पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि इंटर के बाद उसने कलाई काटकर सुसाइड का प्रयास किया था। मोहसिन के धोखा देकर यौन उत्पीड़न करने से छात्रा अवसाद में चली गई है। आईआईटी के मैनेजमेंट को अनहोनी की आशंका थी। इस वजह से आईआईटी ने कोई रिश्क नहीं लिया और निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। क्यों कि हाल में आईआईटी कानपुर में सुसाइड को लेकर पूरे देश में चर्चा में बना रहा था। इस वजह से अब आईआईटी प्रशासन किसी तरह का कोई रिश्क नहीं लेना चाहता था और एसीपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। अब आपको बताते हैं रिसर्च स्कॉलर का दर्द पीएचडी स्कॉलर ने बताया कि मैं दिसंबर 2023 में आईआईटी कानपुर में साइबर सेल और C3iHub के बीच सहयोग के दौरान मोहसिन खान से मिली। इस दौरान, मैंने उनके साथ संपर्क विवरण साझा किया। 23 जून 2024 को उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह आईआईटी कानपुर में मेरे गाइड के अंडर में पीएचडी करना चाहते हैं। इस संभावना से एक्साइटेड होकर, मैंने मो. मोहसिन का रजिस्ट्रेशन कराने में भी मदद की। आवश्यक दस्तावेज तैयार किए उनकी ओर से प्रवेश शुल्क जमा किया, और उन्हें वक- इन इंटरव्यू की तैयारी में मार्गदर्शन किया। जहां उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर प्रवेश मिला। इन बातचीतों के दौरान, हम करीब आ गए। इसके बाद खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया, जिसे मैंने तब स्वीकार किया जब उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया में हैं और उनकी 5 साल की बेटी है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे अविवाहित हैं, मुझसे गहरा प्रेम करते हैं और मुझे अपनी प्राथमिकता मानते हैं। उस समय, मैं हाल ही में एक ब्रेकअप के दौर से गुजरी थी और अकेलापन महसूस कर रही थी, इसलिए उनके शब्दों पर भरोसा कर लिया। समय के साथ हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं और मोहसिन हॉस्टल के रूम में दोनों अकेले घंटों का समय बिताने लगे। नवंबर 2024 में, मैंने एक दोस्त से सबूत पाया। उनकी पत्नी मार्च 2024 से गर्भवती थीं। जब मैंने उनसे सामना किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे परिवार के दबाव में अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाए रख रहे थे। उनका स्पष्टीकरण बेहद भ्रामक था। मेरे टूटे हुए दिल के बावजूद, उन्होंने मुझे उन्हें माफ करने के लिए मना लिया, और हमने अस्थायी रूप से अपना रिश्ता फिर से शुरू किया। हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को, मुझे उनकी पत्नी के सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) से और सबूत मिले कि वे शुरू से ही धोखेबाज रहे थे। उनके घर जाकर उनकी पत्नी से बात करने पर, मैंने जाना कि वे कभी अलग नहीं हुए थे। थे। उनकी पत्नी, मेरी बातों से बेअसर, ने सुझाव दिया कि मैं चाहूं तो उनके साथ रह सकती हूं, जो यह दर्शाता है कि यह व्यवहार पहली बार नहीं था। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति के साथ रोमांटिक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना शुरू कर दिया, मानो कुछ हुआ ही न हो। मेरे पास मेरे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। एसीपी से बातचीत के सैकड़ों ऑडियो औ वीडियो मौजूद हैं। अब आपको बताते हैं, किस धारा में दर्ज हुई है FIR छात्रा की तहरीर के आधार पर आरोपी एसीपी मोहम्मद मोहसिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 69 के तहत, किसी महिला को धोखे में रखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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क्रिकेटर युवराज सिंह की बायोपिक का ऐलान:सिनेमाघरों में दिखेंगे 2011 वर्ल्ड कप हीरो के ‘सिक्स सिक्सेज’; कैंसर से जूझने की कहानी भी होगी
क्रिकेटर युवराज सिंह की बायोपिक का ऐलान:सिनेमाघरों में दिखेंगे 2011 वर्ल्ड कप हीरो के ‘सिक्स सिक्सेज’; कैंसर से जूझने की कहानी भी होगी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के हीरो रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह का संघर्ष जल्द ही बड़े पर्दे पर नजर आने वाला है। उनके जीवन पर, विशेष रूप से उनके क्रिकेट करियर और कैंसर से जूझने की घटनाओं को केंद्र में रखते हुए युवराज की बायोपिक अनाउंस हुई है। इसे प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज बनाएगी और इसके प्रोड्यूसर भूषण कुमार और रवि भागचंदका होंगे। हालांकि, फिल्म का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन फिलहाल के लिए ‘सिक्स सिक्सेज’ इसका नाम माना जा रहा है। साथ ही फिल्म में युवराज सिंह का रोल निभाने वाले एक्टर का नाम भी अभी फाइनल नहीं हुआ है। यह जानकारी प्रोडक्शन कंपनी के अलावा फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श ने X पर पोस्ट कर दी है। युवराज बोले- क्रिकेट मेरा सबसे बड़ा प्यार
अपनी बायोपिक को लेकर युवराज सिंह ने कहा है, ‘मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मेरी कहानी दुनिया भर में लाखों प्रशंसकों को दिखाई जाएगी। क्रिकेट मेरे लिए सबसे बड़ा प्यार और जीवन के उतार-चढ़ावों के दौरान ताकत का जरिया रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म दूसरों को चुनौतियों से उबरने और जुनून के साथ सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी।’ एक ओवर में लगाए 6 छक्के
क्रिकेटर युवराज सिंह कई युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। 2007 में शुरू हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के मारने का कारनामा किया था। ये 6 छक्के युवराज ने इंग्लैंड के बेस्ट बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में मारे थे। युवराज के इस कारनामे की चर्चा पूरे क्रिकेट वर्ल्ड में हुई। इस तरह लगे थे शॉट पहला छ्क्का- स्टुअर्ट ब्रॉड की पहली गेंद को युवराज ने काऊ कॉर्नर के ऊपर से मारा।
दूसरा छ्क्का- फ्लिक शॉट खेला और गेंद बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर से गई।
तीसरा छ्क्का- स्टंप्स की लाइन पर आती इस गेंद को युवराज ने जगह बनाकर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर बाउंड्री पार किया।
चौथा छ्क्का- खड़े-खड़े बैकवर्ड पॉइंट के ऊपर से खेला और छक्का लगाया।
पांचवां छ्क्का- एक घुटना जमीन पर टिकाया और मिड विकेट के ऊपर से छक्का जड़ा।
छठा छ्क्का- युवराज ने आखिरी गेंद को वाइड मिड ऑन के ऊपर से खेला और छह गेंदों पर छह छक्के पूरे किए। 2011 के विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे
इसके अलावा, वर्ष 2011 के ODI क्रिकेट विश्व कप को भारत की झोली में डालने का सबसे बड़ा क्रेडिट युवराज को रही जाता है। विश्व स्तरीय इस टूर्नामेंट में युवराज को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने पूरे विश्व कप में बल्ले के अलावा फील्डिंग और बॉलिंग में कमाल दिखाया था। इसी टूर्नामेंट के दौरान मैदान पर बैटिंग करते हुए युवराज को खून की उल्टियां हुई थीं, लेकिन वह बिना हार माने खेले रहे और देश को वर्ल्ड कप दिलाने के बाद ही कैंसर के इलाज के लिए विदेश गए थे। तब उन्हें ट्रू फाइटर कहा जाने लगा था। चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा नाता
युवराज का चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा रिश्ता है। उन्होंने चंडीगढ़ में अपनी पढ़ाई की है। साथ ही किक्रेट की ABC यहीं सीखी है। वह चंडीगढ़ के दूसरे खिलाड़ी बनने जा रहे है, जिनकी बायोपिक बन रही है। इससे पहले साल 2012 में आई फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ भारतीय धावक मिल्खा सिंह की बायोपिक थी। मिल्खा सिंह का जन्म तो बंटवारे से पहले पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी जीवन की अंतिम सांसें चंडीगढ़ में ही ली थीं। उनकी बायोपिक को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। कौन हैं युवराज सिंह
युवराज सिंह पूर्व भारतीय क्रिकेटर है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था। उनके पिता पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह और मां शबनम कौर हैं। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में युवराज सिंह सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक रहे हैं। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में हाथ आजमाया और नाम कमाया। वह मध्य क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाज और धीमी गति के गेंदबाज रहे। उन्होंने वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट में 7 प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीते हैं। युवराज 2000 से 2017 तक वनडे में भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच अक्टूबर 2003 में खेला था। वह 2007 से 2008 के बीच भारतीय वनडे टीम के उप-कप्तान थे। 2007 में टी-20 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 छक्के लगाए थे। टी-20 में उन्होंने 12 गेंदों में फिफ्टी लगाई, जो कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड है।
उत्तराखंड पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल, 5 इंस्पेक्टर और 22 सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर
उत्तराखंड पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल, 5 इंस्पेक्टर और 22 सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Transfer Today News:</strong> उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी ने पुलिस विभाग में जिला स्तर बड़ा फेरबदल किया है. जिले के पांच इंस्पेक्टर और 22 सब इंस्पेक्टरों का ट्रांसफर कर दिया. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के बाद जिले में पहली बार इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के एक साथ इतने ज्यादा ट्रांसफर हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधम सिंह नगर जिले के एसएसपी डॉ मंजूनाथ टीसी ने निरीक्षक धीरेंद्र कुमार को रुद्रपुर कोतवाली से पीआरओ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक मनोहर दशौनी को खटीमा कोतवाली से रुद्रपुर कोतवाली, निरीक्षक मनोज रतूड़ी को बाजपुर कोतवाली से पंतनगर थाना, निरीक्षक नरेश चौहान को पुलिस लाइन रुद्रपुर से बाजपुर कोतवाली, निरीक्षक प्रकाश सिंह दानू को पुलिस लाइन रुद्रपुर से खटीमा कोतवाली का कोतवाल बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनका हुआ ट्रांसफर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही उपनिरीक्षक मोहन चंद्र भट्ट, उपनिरीक्षक सुभाष जोशी, उपनिरीक्षक राकेश राय, उपनिरीक्षक अशोक कुमार, उपनिरीक्षक विनोद जोशी, उपनिरीक्षक उमेश कुमार, उपनिरीक्षक पंकज महर, उपनिरीक्षक विजय सिंह, उपनिरीक्षक संदीप पिलखवाल, उपनिरीक्षक गोविंद मेहता, उपनिरीक्षक महेश कांडपाल, उपनिरीक्षक दीपक कौशिक.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपनिरीक्षक के सी आर्या, उपनिरीक्षक हेमचंद तिवारी, उपनिरीक्षक संदीप शर्मा, उपनिरीक्षक सौरभ कुमार, उपनिरीक्षक कैलाश चंद्र गौड़, उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह, उपनिरीक्षक चंदन सिंह, उपनिरीक्षक मनोज जलाल, उपनिरीक्षक रिनी चौहान, एवं उपनिरीक्षक राखी धौनी को ट्रांसफर किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए हुए तबादले</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए समय समय पर स्थानांतरण होता रहता है. उन्होंने कहा कि इसी क्रम में पांच इंस्पेक्टर और 22 सब इंस्पेक्टरों के तबादले किये गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इससे पहले 39 अधिकारियों के तबादले </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड में एक बार फिर से बड़े स्तर पर पुलिसकर्मियों के तबातोड़ तबादले किए गए हैं. इस बार पांच इंस्पेक्टर और 22 सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर किया गया है. इससे पहले प्रदेश में 39 अधिकारियों के तबादले हुए थे. धामी सरकार ने 24 को बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में बड़े स्तर पर तबादले किए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(उत्तराखंड से वेद प्रकाश यादव की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Kanpur News: 9 साल बाद कानपुर के जमीन का बढ़ा सर्किल रेट, 20 से 30 फीसदी की वृद्धि, इस दिन से होगी लागू” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kanpur-after-9-years-city-land-increased-circle-rate-20-to-30-percent-increase-1-august-implemented-ann-2740346″ target=”_self”>Kanpur News: 9 साल बाद कानपुर के जमीन का बढ़ा सर्किल रेट, 20 से 30 फीसदी की वृद्धि, इस दिन से होगी लागू</a></strong></p>
‘सुपारीबाज चले जाओ’, राज ठाकरे के काफिले पर उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने फेंके टमाटर-सुपारी
‘सुपारीबाज चले जाओ’, राज ठाकरे के काफिले पर उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने फेंके टमाटर-सुपारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Tomatoes Thrown On Raj Thackeray Convoy:</strong> महाराष्ट्र के बीड जिले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को विरोध का सामना करना पड़ा. शिवसेना UBT के कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे का काफिला रोका. कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर सुपारी और टमाटर फेंके. शिवसेना UBT के कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज ठाकरे <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के बाद विधानसभा चुनाव में किसकी सुपारी लेकर आये हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्यकर्ताओं ने ‘सुपारीबाज’ चले जाओ के नारे लगाए. राज ठाकरे महाराष्ट्र दौरे पर हैं. गुरुवार (9 अगस्त) को उनका दौरा महाराष्ट्र के बीड जिले में पहुंचा. जहां शिवसेना UBT के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के बीड शहर में शुक्रवार दोपहर को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के काफिले पर कथित तौर पर सुपारी फेंकने के बाद शिवसेना (यूबीटी) के 4 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठारे मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र के दौरे पर थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, ”जब राज ठाकरे का काफिला एक होटल की ओर जा रहा था, तो कुछ शिवसेना (यूबीटी) समर्थकों ने रास्ता रोकने की कोशिश की और सुपारी फेंकी. उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है.” शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने अतीत में राज पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रभाव को रोकने के लिए ‘सुपारी’ लेने का आरोप लगाया है.</p>