भास्कर न्यूज | जालंधर लद्देवाली फ्लाईओवर पर माघी पर धार्मिक स्थानों की यात्रा करने वालों के वाहनों से जाम लगा रहा। फ्लाईओवर पर चौगिट्टी की तरफ से वाहन एंट्री लेते हैं लेकिन जब लद्देवाली की तरफ पहुंचते हैं तो आगे जाम लगा मिल रहा है। वजह ये है कि 2 लेन के फ्लाईओवर की 1 लेन पाइपें व पत्थर रखकर बंद की गई है। लद्देवाली की तरफ से पुल के किनारे से बिजली की टावर लाइन गुजरती है। जिससे करंट लगने का डर है। ये लाइन 1 साल से शिफ्ट नहीं की गई है। नतीजतन पुल आधी कैपेसिटी से चल रहा है। भारी वाहनों की एंट्री गार्डर लगाकर बंद कर दी गई है ताकि बिजली की तारों के पास से गुजरने के कारण बड़ा हादसा न हो जाए। जनवरी 2024 में आधी कैपेसिटी से पुल खोला गया था, अब जनवरी 2025 आ चुकी है लेकिन समस्या दूर नहीं की गई है। तस्वीरों में देखिए लद्देवाली फुल पर ट्रैफिक में दिक्कतें। इस पुल से रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर लद्देवाली फ्लाईओवर पर माघी पर धार्मिक स्थानों की यात्रा करने वालों के वाहनों से जाम लगा रहा। फ्लाईओवर पर चौगिट्टी की तरफ से वाहन एंट्री लेते हैं लेकिन जब लद्देवाली की तरफ पहुंचते हैं तो आगे जाम लगा मिल रहा है। वजह ये है कि 2 लेन के फ्लाईओवर की 1 लेन पाइपें व पत्थर रखकर बंद की गई है। लद्देवाली की तरफ से पुल के किनारे से बिजली की टावर लाइन गुजरती है। जिससे करंट लगने का डर है। ये लाइन 1 साल से शिफ्ट नहीं की गई है। नतीजतन पुल आधी कैपेसिटी से चल रहा है। भारी वाहनों की एंट्री गार्डर लगाकर बंद कर दी गई है ताकि बिजली की तारों के पास से गुजरने के कारण बड़ा हादसा न हो जाए। जनवरी 2024 में आधी कैपेसिटी से पुल खोला गया था, अब जनवरी 2025 आ चुकी है लेकिन समस्या दूर नहीं की गई है। तस्वीरों में देखिए लद्देवाली फुल पर ट्रैफिक में दिक्कतें। इस पुल से रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में आज डॉक्टर हड़ताल पर:पीजीआई ओपीडी में नहीं देखे जाएंगे नए मरीज, सीनियर डॉक्टर और कंसलटेंट को दी जिम्मेदारी चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तीन प्रमुख संस्थान पीजीआई, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 (GMCH), गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल 16 (GMSH) में आज रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है। जिसके कारण चंडीगढ़ पीजीआई में आज ओपीडी के लिए नए कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। अगर कोई पुराना मरीज फॉलोअप में दिखाने के लिए आता है, तो उसे सीनियर डॉक्टर और कंसल्टेंट की तरफ से देखा जाएगा। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 के डॉक्टर दोपहर बाद 1:00 बजे से हड़ताल पर जाएंगे। तब तक ओपीडी का समय समाप्त हो चुका होगा। कोलकाता की घटना का विरोध हड़ताल करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता की घटना का विरोध कर रहे हैं। जहां मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई है। डॉक्टरों की मांग है कि उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून की व्यवस्था की जानी चाहिए। डॉक्टरों की तरफ से देशभर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में CPA या इसी तरह के कानून के तत्काल कार्यान्वयन की मांग की जा रही है। कोलकाता मामले की उचित और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। अभी तक की जांच संदेश पैदा कर रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा भी होना चाहिए। मरीजों को न आने की अपील चंडीगढ़ पीजीआई के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपिन कौशल ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाया है कि मरीजों की सेवाओं पर कोई प्रभाव न पड़े। इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर सेवाओं, आईसीयू सेवाओं सहित दूसरी इमरजेंसी सेवाएं हमेशा की तरह चलती रहेंगी। गंभीर मामलों को संभालने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे। लेकिन ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर न होने के कारण आज ज्यादा मरीज नहीं देखे जाएंगे। इसलिए जिनको जरूरत न हो, वह आज न आए। आज सिर्फ पुराने मरीजों का फॉलोअप ही किया जाएगा।
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पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ का जुर्माना:NGT ने दिए आदेश, सीवेज डिस्चार्ज और सोलिड वेस्ट प्रबंध नहीं हुआ, 1 महीने का समय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने हालिया आदेश में पुराने कचरे के साथ-साथ अनुपचारित सीवेज डिस्चार्ज के प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाने में विफल रहने के लिए पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आदेशों में, एनजीटी ने मुख्य सचिव के माध्यम से पंजाब राज्य को एक महीने के भीतर सीपीसीबी के साथ पर्यावरण मुआवजे के लिए 1026 करोड़ रुपए जमा करने और एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामला लुधियाना नगर कौसिंल से भी जुड़ा है। 53.87 लाख टन कूड़े के निपटारे को लगेंगे 10 साल NGT ने बताया है कि राज्य में पुराना कचरा 53.87 लाख टन पड़ा हुआ है। दो वर्ष पहले यह आंकड़ा 66.66 लाख टन था। इन दो वर्षों के दौरान मात्र 10 लाख टन कचरे का निस्तारण हो सकता है। एनजीपी मुताबिक जिस गति से काम चल रहा है, उससे स्पष्ट होता है कि बचा 53.87 लाख टन कचरा निपटाने में लगभग 10 साल का समय लग जाएगा। वहीं 31406 लाख लीटर सीवरेज पानी साफ करना रहता है। इससे पहले सितंबर 2022 में, एनजीटी ने अनुपचारित सीवेज और ठोस अपशिष्ट के निर्वहन को रोकने में विफलता के लिए पंजाब सरकार पर कुल 2180 करोड़ रुपए का मुआवजा लगाया था और पंजाब सरकार ने अब तक केवल 100 करोड़ रुपए जमा किए हैं। आदेश का अनुपालन करने में रहे विफल एनजीटी ने अपने ताजा आदेश में आगे कहा कि चूंकि मुख्य सचिव 2080 करोड़ रुपए के रिंग-फेंस खाते के निर्माण के संबंध में 22 सितंबर, 2022 के ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन करने में भी विफल रहे हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि इस ट्रिब्यूनल का आदेश रद्द कर दिया गया है। अवहेलना और अवज्ञा की, जो एनजीटी अधिनियम 2010 की धारा 26 के तहत अपराध है। आदेश में आगे कहा गया है कि जल अधिनियम, 1974 की धारा 24 के लगातार उल्लंघन और गैर-अनुपालन और जनादेश का उल्लंघन भी उक्त अधिनियम की धारा 43 के तहत एक अपराध है और जब अपराध सरकारी विभाग द्वारा होता है, तो धारा 48 भी आकर्षित होती है, जो घोषित करती है कि विभागाध्यक्ष को अपराध का दोषी माना जाएगा और उसके विरुद्ध मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा। 1 महीने में देना है जवाब एनजीटी ने मुख्य सचिव, पंजाब राज्य और प्रधान सचिव/अतिरिक्त मुख्य सचिव, शहरी विकास को नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि जल अधिनियम, 1974 की धारा 43 और 48 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 24 के तहत अपराध करने और गैर-अनुपालन के लिए मुकदमा क्यों चलाया जाए। एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 26 के तहत ट्रिब्यूनल के आदेश को उचित फोरम में शुरू नहीं किया जाना चाहिए। एनजीटी ने जवाब दाखिल करने के लिए एक महीने की समयावधि प्रदान की। मामला अगली बार 27 सितंबर को सूचीबद्ध है।