लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार को हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। सिरसा लोकसभा सीट पर 69 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे ज्यादा मतदान रतिया विधानसभा सीट पर 63 प्रतिशत हुआ। सिरसा और नरवाना विधानसभा सीट पर सबसे कम 57% वोटिंग हुई। 4 जून को रिजल्ट आएंगे। भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर ने सुबह परिवार के साथ सिरसा में वोट डाला। इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने परिवार के साथ मतदान किया। सिरसा जिले के चकरिया गांव में किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले शुभकरण सिंह का पोस्टर लगाने पर विवाद हो गया। पुलिस की टीमें पोस्टर हटवाने के लिए पहुंची तो उनकी किसानों के साथ बहसबाजी हो गई। फतेहाबाद में सुबह एक घंटा EVM मशीन खराब रही। इंतजार में खड़े युवक ने भड़कते हुए पर्ची फाड़ डाली। करीब एक घंटे बाद इलेक्शन कमीशन की टीम बूथ पर पहुंची और EVM मशीन शुरू कराई। नेपाल के काठमांडू में रहने वाले विकास गोयल वोट डालने के लिए विशेष तौर पर फतेहाबाद पहुंचे। उधर, शाम को ऐलनाबाद में कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर पैसे बांटने के आरोप लगाए। सिरसा के भगत सिंह चौक पर जैन स्कूल वाली गली में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। हंगामे की सूचना के बाद पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार को हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। सिरसा लोकसभा सीट पर 69 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे ज्यादा मतदान रतिया विधानसभा सीट पर 63 प्रतिशत हुआ। सिरसा और नरवाना विधानसभा सीट पर सबसे कम 57% वोटिंग हुई। 4 जून को रिजल्ट आएंगे। भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर ने सुबह परिवार के साथ सिरसा में वोट डाला। इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने परिवार के साथ मतदान किया। सिरसा जिले के चकरिया गांव में किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले शुभकरण सिंह का पोस्टर लगाने पर विवाद हो गया। पुलिस की टीमें पोस्टर हटवाने के लिए पहुंची तो उनकी किसानों के साथ बहसबाजी हो गई। फतेहाबाद में सुबह एक घंटा EVM मशीन खराब रही। इंतजार में खड़े युवक ने भड़कते हुए पर्ची फाड़ डाली। करीब एक घंटे बाद इलेक्शन कमीशन की टीम बूथ पर पहुंची और EVM मशीन शुरू कराई। नेपाल के काठमांडू में रहने वाले विकास गोयल वोट डालने के लिए विशेष तौर पर फतेहाबाद पहुंचे। उधर, शाम को ऐलनाबाद में कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर पैसे बांटने के आरोप लगाए। सिरसा के भगत सिंह चौक पर जैन स्कूल वाली गली में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। हंगामे की सूचना के बाद पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में शिक्षा बोर्ड कर्मी ने हड़पे 34 लाख:4 युवकों को नौकरी, एक को USA भेजने का झांसा; धर्म बहन ने मिलवाया था हरियाणा के सोनीपत में 4 युवकों को सरकारी नौकरी लगवाने और एक को USA भेजने का झांसा देकर 34 लाख 50 हजार रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। एक महिला ने सत्संग में बनी अपनी धर्म बहन के बहकावे में आकर एक व्यक्ति को अपने बेटे और जानकारों को नौकरी दिलाने के लिए रुपए दिए। थाना सेक्टर 27 पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है। वह हरियाणा शिक्षा बोर्ड में क्लर्क बताया जा रहा है। पुलिस छानबीन में लगी है। सोनीपत में सेक्टर 27 की एक सोसाइटी में रहने वाले ओमपति ने पुलिस को बताया कि उसका मुरथल गांव की किरण के पास सत्संग बहन होने के कारण काफी आना जाना था। किरण के जरिए उसकी पहचान नरेश, जो कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड में कार्यरत है, के साथ हुई। किरण ने उसे बताया कि नरेश ने काफी बच्चों को नौकरी लगवाया है। कुछ को तो USA भी भेजा है। धर्म भाई होने के कारण नरेश का उनके घर पर आना जाना शुरू हो गया। ननंद के पोते से हुई शुरुआत महिला ने बताया कि नरेश ने उससे कहा कि अगर तुम्हारी जानकारी में कोई बच्चा ग्रुप डी व क्लर्क भर्ती होना चाहता हो या फिर USA जाना चाहता हो, बता दें वह पक्का काम करवाता है। इसके बाद उसने अपनी ननंद के के पोते साहिल उर्फ शालू को क्लर्क लगवाने की बात की। नरेश के मांगने पर व किरण के बतौर जमानती होने के चलते उसने 15 मई को 50 हजार रुपए, 16 मई को 50 हजार रुपए मुकेश के खाते से नरेश कुमारी के खाते में भेजे। जेठ के गए ढ़ाई लाख रुपए उसने बताया कि इसके बाद 16 व 17 जून को 2 लाख रुपए नरेश के खाते में दिए। यानी कि उसने कुल 3 लाख रुपए दिए। इसके बाद उसने अपने जेठ के लड़के अक्षय को ग्रुप-D में लगवाने बाबत 22 जून को 1 लाख रुपए, 23 जून को 1 लाख रुपए व 24 जून को 50 हजार रुपए नरेश के मांगने पर और किरण के बतौर जमानती होने पर उसकी जेठानी निर्मला के खाते से कुल 2 लाख 50 हजार रुपए दिए। बेटे को भेजना था USA ओमपति ने बताया कि अन्य जानकार सुमित को क्लर्क लगवाने के लिए 12 अगस्त को नरेश को 3 लाख रुपए कैश दिए गए। इसी प्रकार सोहित उर्फ विवेक को क्लर्क लगवाने बाबत नरेश के मांगने पर अलग अलग दिन 6 लाख 99 हजार 999 रुपए नरेश के खाते में भेजे गए। उसने अपने बेटे रवि को USA भिजवाने बारे अपने पति के खाते व अन्य के खातों से कुल 19 लाख रुपए नरेश को दिए। न तो किसी को नौकरी लगी, न ही उसका बेटा विदेश गया और न ही रुपए वापस मिले। पुलिस ने दर्ज किया केस सेक्टर 27 थाना सोनीपत के ASI विनित के अनुसार पुलिस ने ओमपति की शिकायत पर धारा 420 व 406 IPC के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस छानबीन कर रही है। महिला ने कुछ रिकॉर्डिंग व एक फोन दिया है। पुलिस इनकी जांच कर रही है। जल्द ही आरोपी नरेश को पूछताछ के लिए बुलाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे
हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें ताऊ देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल का परिवार शामिल है। तीनों परिवार का हरियाणा की राजनीति में प्रदेश के गठन से लेकर आज तक दखल रहा है। इन तीनों परिवारों के बिना हरियाणा की राजनीति अधूरी मानी जाती है। यह परिवार समय के साथ अपना वजूद बचाने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। भजनलाल परिवार को छोड़ दिया जाए तो देवीलाल परिवार और बंसीलाल परिवार एक-दूसरे के आगे चुनाव लड़ता आया है। चौधरी देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं चौधरी बंसीलाल और भजनलाल ने बारी-बारी प्रदेश पर राज किया। 2005 के बाद से इन तीनों परिवारों का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया है। हालांकि भजनलाल परिवार और देवीलाल परिवार के पास डिप्टी सीएम के पद रहे। किंग मेकर की भूमिका में परिवार रहे। मगर सरकार के मुखिया नहीं बन पाए। देवीलाल परिवार आपस में लड़ रहा
चुनाव में देवीलाल परिवार के 8 सदस्य मैदान में हैं। अकेले डबवाली में 3 सदस्य आमने-सामने हैं। डबवाली में इनेलो से खड़े चाचा आदित्य चौटाला का मुकाबला 2 भतीजों दिग्विजय चौटाला और अमित सिहाग से है। दिग्विजय जजपा और अमित कांग्रेस से चुनावी रण में हैं। इसी तरह रानियां हलके में दादा रणजीत चौटाला के सामने पोता अर्जुन चौटाला मैदान में है। रणजीत चौटाला का भाजपा ने टिकट काट दिया था और अभ वह निर्दलीय लड़ रहे हैं। जबकि अर्जुन चौटाला इनेलो के प्रत्याशी हैं। वहीं अभय चौटाला ऐलनाबाद हलके से चुनाव लड़ रहे हैं। दुष्यंत उचाना और सुनैना चौटाला फतेहाबाद से मैदान में हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के सदस्यों ने 3 अलग-अलग पार्टियों भाजपा, जजपा और इनेलो से चुनाव लड़ा। तीनों ही चुनाव हार गए थे। इसमें चाचा ससुर रणजीत चौटाला, जेठानी नैना चौटाला और देवरानी सुनैना चौटाला में मुकाबला था। बंसी लाल परिवार: चचेरे भाई-बहन में मुकाबला
भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा में चचेरे भाई-बहन में मुकाबला है। कांग्रेस की तरफ से बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी और बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी भाजपा से मैदान में है। श्रुति चौधरी और उनकी मां किरण चौधरी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं थीं। किरण चौधरी भाजपा की राज्यसभा सांसद हैं। भजन लाल परिवार के 3 सदस्य चुनाव में
इस चुनाव में भजनलाल परिवार के 3 सदस्य मैदान में है। भजन लाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस में हैं और पंचकूला से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा दुड़ाराम भाजपा में हैं और फतेहाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भव्य बिश्नोई भाजपा की टिकट पर आदमपुर का गढ़ बचाने के लिए मैदान में है। आदमपुर 56 साल से बिश्नोई परिवार का गढ़ रहा है। यहां पहला चुनाव 1967 में चौधरी भजन लाल ने जीता था। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजन लाल परिवार ही लड़ता आया है। पहले भी आपस में लड़ता रहा है परिवार
1. 1998 लोकसभा चुनाव में परिवार आमने-सामने हो चुका है। बंसीलाल और उनके छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी चला रहे थे। जबकि बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा उस वक्त भी कांग्रेस में थे। 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान भिवानी लोकसभा सीट से सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे। कांग्रेस ने उनके बड़े भाई रणबीर महेंद्रा को भिवानी सीट से टिकट दे दिया। इस चुनाव में जीत सुरेंद्र को मिली थी। महेंद्रा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि देवीलाल के पोते अजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे थे। 2. इसी तरह से साल 2000 में रोड़ी विधानसभा सीट से पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के सामने उनके ही छोटे भाई रणजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद साल 2009 में डबवाली से अजय चौटाला इनेलो के प्रत्याशी थे तो उनके चचेरे भाई रवि चौटाला ने बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा था।