यूपी का मौसम अचानक बदल गया है। मई महीने के पहले दिन गोरखपुर में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई। 10 मिनट तक ओले भी गिरे। इससे सड़क पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में बादल छाए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि एक हफ्ते तक प्रदेश में ऐसा ही मौसम बना रहेगा। बारिश के चलते तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिलेगी। पिछले महीने मौसम कैसा रहा? आने वाले महीने में यह कैसा रहेगा? क्या कुछ नया बदलाव आएगा? इस रिपोर्ट में पढ़िए- अप्रैल: शुरुआत में 42 डिग्री तक पारा पहुंचा, तीसरे-चौथे सप्ताह में बारिश-ओलों से राहत मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल में राज्य का औसत अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। महीने के तीसरे और आखिरी हफ्ते में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश और फुहारों ने तापमान को नियंत्रित रखा। इससे पहले बीते महीने में हीट वेव का भी असर देखने को मिला। अप्रैल के तीसरे और आखिरी हफ्ते में राज्य के 40 से ज्यादा जिलों में हल्की बारिश और तेज हवाएं चलीं। राजधानी लखनऊ की बात करें, तो मौसम विभाग के मुताबिक मौसम मिला-जुला रहा। पश्चिमी हवा के असर से जहां एक तरफ मौसम गर्म बना रहा, वहीं पूर्वी हवा गर्मी से राहत देती रही। मार्च और अप्रैल के शुरुआती दिनों में सामान्य से ज्यादा गर्म रहने के कारण इसका असर गेहूं और सरसों की फसल पर भी पड़ा। गेहूं जल्दी पक गया, जिससे गेहूं के दाने कमजोर हुए हैं। इसके अलावा पिछले हफ्ते हुई बारिश का असर दलहन और तिलहन की फसल पर देखने को मिल सकता है। मई-जून में कैसी रहेगी गर्मी? मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत उत्तर भारत के राज्यों में मई महीने में अधिकतम तापमान 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस दौरान 8 से 12 दिन हीट वेव के रह सकते हैं। इस दौरान दिन और रात दोनों के तापमान सामान्य से अधिक रह सकते हैं। वहीं, जून में उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। इस दौरान हीट वेव 12 से 15 दिन रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, गर्मियों में उत्तर प्रदेश के लिए सामान्य अधिकतम तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं, सामान्य न्यूनतम तापमान 22 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच है। मई के पहले हफ्ते में प्री-मानसून की बारिश
मौसम विभाग ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में ही यह अनुमान जारी कर दिया था कि यूपी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में मई के पहले हफ्ते में प्री-मानसून की फुहारे पड़ेंगी। राजधानी लखनऊ समेत आसपास के जिलों में 30 अप्रैल से इसका असर भी दिखने लगा। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले इस हफ्ते में तापमान में यह नरमी बनी रहेगी। इसके बाद एक बार फिर तापमान बढ़ेगा। मई महीने में क्यों हो रही प्री-मानसून की बारिश?
लखनऊ मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनी है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी से पश्चिमी विक्षोभ की भी हवाएं आ रही हैं। इन दोनों के मिलने से पूरे राज्य में मई के पहले हफ्ते में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। लखनऊ और आसपास के जिलों में 1 से लेकर 5 मई तक गरज-चमक के साथ आंधी-बारिश हो सकती है। 1982 से 2023 के बीच अधिकतम तापमान तेजी से बढ़ेगा उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की राज्य में गर्मी को लेकर 2024 की रिपोर्ट बताती है कि 1982 से 2023 के बीच यहां गर्मियों का तापमान तेजी से बढ़ा है। उदाहरण के लिए, 1981 में लखनऊ में जून महीने में औसत अधिकतम तापमान 44.94 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में 1.42 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 46.36 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यही ट्रेंड राज्य के सभी प्रमुख शहरों का है। अप्रैल महीने की बात करें, तो इस बीच नोएडा का तापमान औसत सबसे ज्यादा 3.07 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। 1982 अप्रैल में यहां का अधिकतम औसत तापमान 41.98 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में यह 45.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ और सीतापुर का भी औसत अधिकतम तापमान इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़ा। 2021 के बाद राज्य में हीट वेव के दिन दोगुने हुए हीट वेव को लेकर पिछले सालों का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि 2021 से 2024 में हीट वेव के दिन करीब दोगुने हो गए हैं। 2021 में जहां कुल हीट वेव के दिन 31 थे। वहीं, 2024 में यह बढ़कर 65 हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक, हीट वेव तब होती है, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। तटीय इलाकों के लिए तापमान 37 और पहाड़ी इलाकों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाए, तब हीट वेव होती है। इसके अलावा जब मैदानी इलाकों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक चला जाता है, तब सीवियर हीट वेव होती है। उत्तर प्रदेश हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना 2022 की उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, हीट वेव का सबसे बुरा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ता है। इसका हर तरफ बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य: रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में कामकाजी लोगों में कुल 19.3% लोग उत्तर प्रदेश से हैं। यह किसी भी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। इन कामकाजी लोगों में भी सबसे ज्यादा 55% लोग कृषि क्षेत्र में काम करते हैं। यानी सीधे धूप और गर्मी में लोगों को काम करना पड़ता है। ये हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह सीधा उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। उन्हें हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में हीट वेव खतरनाक रूप ले लेता है। स्वास्थ्य के साथ ही यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है। अर्थव्यवस्था: इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2001 से 2020 के बीच हीट वेव की वजह से राज्य में औसत 50.271 बिलियन कामकाजी घंटों का नुकसान हुआ। इससे अर्थव्यवस्था को करीब 88 हजार 789 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, हीट वेव की वजह से कृषि से लेकर इंडस्ट्रियल और सर्विस सेक्टर सभी प्रभावित होते हैं। ये सीधा अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। पानी की कमी भी इसका एक पहलू है। हीट वेव में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। इससे उद्योग-धंधे से लेकर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतर जाती है। कृषि: इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर की 2022 की एक स्टडी के मुताबिक, हीट वेव कृषि उत्पादों पर गहरा असर डालता है। 2022 में हीट वेव ने सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था। गोरखपुर और गोंडा में उत्पादन 20% तक कम हुआ। झांसी में यह कमी 32 से 34% रही। वहीं, मार्च महीने में अधिकतम सामान्य तापमान 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाने से आम की पैदावार भी खराब हुई। ————————- ये खबर भी पढ़ें… राममंदिर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना मढ़ा जा रहा, मुख्य कलश पर भी लगेगा; सिंहासन पर विराजमान होंगे राम-सीता राम मंदिर के दरवाजों पर फिर सोना लगाए जाने की शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। हर दरवाजे पर 3 किलो सोना लगाया जाएगा। मुख्य कलश और राम दरबार के सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा। पढ़ें पूरी खबर यूपी का मौसम अचानक बदल गया है। मई महीने के पहले दिन गोरखपुर में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई। 10 मिनट तक ओले भी गिरे। इससे सड़क पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में बादल छाए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि एक हफ्ते तक प्रदेश में ऐसा ही मौसम बना रहेगा। बारिश के चलते तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिलेगी। पिछले महीने मौसम कैसा रहा? आने वाले महीने में यह कैसा रहेगा? क्या कुछ नया बदलाव आएगा? इस रिपोर्ट में पढ़िए- अप्रैल: शुरुआत में 42 डिग्री तक पारा पहुंचा, तीसरे-चौथे सप्ताह में बारिश-ओलों से राहत मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल में राज्य का औसत अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। महीने के तीसरे और आखिरी हफ्ते में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश और फुहारों ने तापमान को नियंत्रित रखा। इससे पहले बीते महीने में हीट वेव का भी असर देखने को मिला। अप्रैल के तीसरे और आखिरी हफ्ते में राज्य के 40 से ज्यादा जिलों में हल्की बारिश और तेज हवाएं चलीं। राजधानी लखनऊ की बात करें, तो मौसम विभाग के मुताबिक मौसम मिला-जुला रहा। पश्चिमी हवा के असर से जहां एक तरफ मौसम गर्म बना रहा, वहीं पूर्वी हवा गर्मी से राहत देती रही। मार्च और अप्रैल के शुरुआती दिनों में सामान्य से ज्यादा गर्म रहने के कारण इसका असर गेहूं और सरसों की फसल पर भी पड़ा। गेहूं जल्दी पक गया, जिससे गेहूं के दाने कमजोर हुए हैं। इसके अलावा पिछले हफ्ते हुई बारिश का असर दलहन और तिलहन की फसल पर देखने को मिल सकता है। मई-जून में कैसी रहेगी गर्मी? मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत उत्तर भारत के राज्यों में मई महीने में अधिकतम तापमान 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस दौरान 8 से 12 दिन हीट वेव के रह सकते हैं। इस दौरान दिन और रात दोनों के तापमान सामान्य से अधिक रह सकते हैं। वहीं, जून में उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। इस दौरान हीट वेव 12 से 15 दिन रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, गर्मियों में उत्तर प्रदेश के लिए सामान्य अधिकतम तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं, सामान्य न्यूनतम तापमान 22 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच है। मई के पहले हफ्ते में प्री-मानसून की बारिश
मौसम विभाग ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में ही यह अनुमान जारी कर दिया था कि यूपी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में मई के पहले हफ्ते में प्री-मानसून की फुहारे पड़ेंगी। राजधानी लखनऊ समेत आसपास के जिलों में 30 अप्रैल से इसका असर भी दिखने लगा। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले इस हफ्ते में तापमान में यह नरमी बनी रहेगी। इसके बाद एक बार फिर तापमान बढ़ेगा। मई महीने में क्यों हो रही प्री-मानसून की बारिश?
लखनऊ मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनी है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी से पश्चिमी विक्षोभ की भी हवाएं आ रही हैं। इन दोनों के मिलने से पूरे राज्य में मई के पहले हफ्ते में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। लखनऊ और आसपास के जिलों में 1 से लेकर 5 मई तक गरज-चमक के साथ आंधी-बारिश हो सकती है। 1982 से 2023 के बीच अधिकतम तापमान तेजी से बढ़ेगा उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की राज्य में गर्मी को लेकर 2024 की रिपोर्ट बताती है कि 1982 से 2023 के बीच यहां गर्मियों का तापमान तेजी से बढ़ा है। उदाहरण के लिए, 1981 में लखनऊ में जून महीने में औसत अधिकतम तापमान 44.94 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में 1.42 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 46.36 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यही ट्रेंड राज्य के सभी प्रमुख शहरों का है। अप्रैल महीने की बात करें, तो इस बीच नोएडा का तापमान औसत सबसे ज्यादा 3.07 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। 1982 अप्रैल में यहां का अधिकतम औसत तापमान 41.98 डिग्री सेल्सियस था। 2023 में यह 45.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ और सीतापुर का भी औसत अधिकतम तापमान इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़ा। 2021 के बाद राज्य में हीट वेव के दिन दोगुने हुए हीट वेव को लेकर पिछले सालों का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि 2021 से 2024 में हीट वेव के दिन करीब दोगुने हो गए हैं। 2021 में जहां कुल हीट वेव के दिन 31 थे। वहीं, 2024 में यह बढ़कर 65 हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक, हीट वेव तब होती है, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। तटीय इलाकों के लिए तापमान 37 और पहाड़ी इलाकों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाए, तब हीट वेव होती है। इसके अलावा जब मैदानी इलाकों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक चला जाता है, तब सीवियर हीट वेव होती है। उत्तर प्रदेश हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना 2022 की उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, हीट वेव का सबसे बुरा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ता है। इसका हर तरफ बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य: रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में कामकाजी लोगों में कुल 19.3% लोग उत्तर प्रदेश से हैं। यह किसी भी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। इन कामकाजी लोगों में भी सबसे ज्यादा 55% लोग कृषि क्षेत्र में काम करते हैं। यानी सीधे धूप और गर्मी में लोगों को काम करना पड़ता है। ये हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह सीधा उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। उन्हें हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में हीट वेव खतरनाक रूप ले लेता है। स्वास्थ्य के साथ ही यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है। अर्थव्यवस्था: इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2001 से 2020 के बीच हीट वेव की वजह से राज्य में औसत 50.271 बिलियन कामकाजी घंटों का नुकसान हुआ। इससे अर्थव्यवस्था को करीब 88 हजार 789 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, हीट वेव की वजह से कृषि से लेकर इंडस्ट्रियल और सर्विस सेक्टर सभी प्रभावित होते हैं। ये सीधा अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। पानी की कमी भी इसका एक पहलू है। हीट वेव में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। इससे उद्योग-धंधे से लेकर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतर जाती है। कृषि: इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर की 2022 की एक स्टडी के मुताबिक, हीट वेव कृषि उत्पादों पर गहरा असर डालता है। 2022 में हीट वेव ने सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था। गोरखपुर और गोंडा में उत्पादन 20% तक कम हुआ। झांसी में यह कमी 32 से 34% रही। वहीं, मार्च महीने में अधिकतम सामान्य तापमान 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाने से आम की पैदावार भी खराब हुई। ————————- ये खबर भी पढ़ें… राममंदिर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना मढ़ा जा रहा, मुख्य कलश पर भी लगेगा; सिंहासन पर विराजमान होंगे राम-सीता राम मंदिर के दरवाजों पर फिर सोना लगाए जाने की शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। हर दरवाजे पर 3 किलो सोना लगाया जाएगा। मुख्य कलश और राम दरबार के सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मई में 48 डिग्री जा सकता है तापमान:यूपी में पहले हफ्ते में प्री-मानसून की पड़ेंगी फुहारें, जून में फिर बढ़ेगी गर्मी
