हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में लोगों को आज बसें नहीं मिलने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। कल भी ग्रामीणों को ज्यादातर रूटों पर बसें नहीं मिल पाएगी, क्योंकि हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की 1402 बसें चुनावी ड्यूटी पर भेजी गई है। इससे ग्रामीणों को आज और कल 2 दिन तक बस की समस्या से जूझना पड़ेगा। HRTC द्वारा चुनावी ड्यूटी में भेजी गई ज्यादातर बसें ग्रामीण इलाकों में चलती है। 50 फीसदी बसों के नहीं चलने से लोगों को पैदल चल कर अपने गंतव्य तक पहुंचना होगा। हालांकि HRTC प्रबंधन का दावा है कि बसों के रूट इस तरह क्लब किए गए है, ताकि यात्रियों को ज्यादा परेशानी न हो। HRTC के पांच टैंपो ट्रेवलर भी चुनावी ड्यूटी पर भेजे गए हैं। परसों तक रूट पर लौटेंगी बसें हिमाचल की चार लोकसभा सीटों पर आम चुनाव और छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है। इसके लिए प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में पोलिंग पार्टियां एचआरटीसी की बसों में भेजी गई है। इन्हीं बसों में ईवीएम के साथ पोलिंग पार्टियां वापस भी लौटेंगी। लिहाजा निगम की बसें परसो तक अपने रूट पर वापस लौट पाएंगी। हिमाचल में निगम के पास लगभग 3500 बसें है। इनमे से करीब 2900 बसें रोजाना प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में दौड़ती है। मगर 50 फीसदी बसों के चुनावी ड्यूटी में भेजी गई है। इससे लोगों की परेशानी तय है। 1408 बसें चुनावी ड्यूटी पर भेजी: MD एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि 1408 बसें चुनाव ड्यूटी में भेजी गई है। लोगों को कम असुविधा हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में लोगों को आज बसें नहीं मिलने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। कल भी ग्रामीणों को ज्यादातर रूटों पर बसें नहीं मिल पाएगी, क्योंकि हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की 1402 बसें चुनावी ड्यूटी पर भेजी गई है। इससे ग्रामीणों को आज और कल 2 दिन तक बस की समस्या से जूझना पड़ेगा। HRTC द्वारा चुनावी ड्यूटी में भेजी गई ज्यादातर बसें ग्रामीण इलाकों में चलती है। 50 फीसदी बसों के नहीं चलने से लोगों को पैदल चल कर अपने गंतव्य तक पहुंचना होगा। हालांकि HRTC प्रबंधन का दावा है कि बसों के रूट इस तरह क्लब किए गए है, ताकि यात्रियों को ज्यादा परेशानी न हो। HRTC के पांच टैंपो ट्रेवलर भी चुनावी ड्यूटी पर भेजे गए हैं। परसों तक रूट पर लौटेंगी बसें हिमाचल की चार लोकसभा सीटों पर आम चुनाव और छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है। इसके लिए प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में पोलिंग पार्टियां एचआरटीसी की बसों में भेजी गई है। इन्हीं बसों में ईवीएम के साथ पोलिंग पार्टियां वापस भी लौटेंगी। लिहाजा निगम की बसें परसो तक अपने रूट पर वापस लौट पाएंगी। हिमाचल में निगम के पास लगभग 3500 बसें है। इनमे से करीब 2900 बसें रोजाना प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में दौड़ती है। मगर 50 फीसदी बसों के चुनावी ड्यूटी में भेजी गई है। इससे लोगों की परेशानी तय है। 1408 बसें चुनावी ड्यूटी पर भेजी: MD एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि 1408 बसें चुनाव ड्यूटी में भेजी गई है। लोगों को कम असुविधा हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के मंत्री बोले-वक्फ बोर्ड में ट्रांसपेरैंसी को बदलाव जरूरी:जमीन-अकाउंट का ऑडिट जरूरी; पारदर्शिता आएगी, सभी धार्मिक बॉडी में बदलाव समय की जरूरत हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बीच वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग को लेकर आवाजें उठने लगी है। इस पर बीते रोज सोशल मीडिया में पोस्ट करके प्रतिक्रिया देने वाले PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज मीडिया से बातचीत में कहा, हर संगठन और धार्मिक संस्थाओं में भी समय के हिसाब से बदलाव होना चाहिए। वक्फ बोर्ड में भी बदलाव जरूरी है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि रामपुर के सराहन में मां भीमाकाली मंदिर उनकी निजी संपत्ति थी। मगर उनके पिता वीरभद्र सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट को सरकार के अधीन लाया। इससे नियमित तौर पर सरकारी जमीन और अकाउंट का ऑडिट हो रहा है। पारदर्शिता के बदलाव जरूरी पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है। वक्फ बोर्ड में भी ऐसे बदलाव होना चाहिए। इसी मंशा के साथ उन्होंने वक्फ बोर्ड में तब्दीली व सुधारीकरण की बात कही है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान मस्जिद विवाद के बाद लोग जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 27 शहरों में प्रदर्शन हो गए है। हिंदू संगठन कर रहे वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग इस दौरान हिंदू संगठन खुलकर वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग करने लगे हैं। कुछ लोग वक्फ बोर्ड को भू-माफिया तक कह रहे है। इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में इन दिनों जिस ढंग का माहौल बना हुआ है, हम चाहते हैं कि सब शांति के साथ और आपसी भाईचारा बनाकर रहे। प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना हम सबका दायित्व बनता है। वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है? जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को शरिया के नियम के मुताबिक इन्वेस्ट करता है। इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न को शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा, गरीब कल्याण जैसे जनहित के कामों में खर्च किया जाता है। शिमला के संजौली से सुलगी चिंगारी दरअसल, हिमाचल में बीते 31 अगस्त से मस्जिद मामले में बवाल मचा हुआ है। दो गुटों में लड़ाई के बाद मामला हिंदू-मुस्लिम का हो गया है। प्रदेश में अवैध तौर पर बनी मस्जिदों को तोड़ने के लिए लोग सड़कों पर उतर रहे है। शिमला के संजौली मस्जिद से उठा विवाद पूरे प्रदेश में फैल गया है। इसी मामले में देवभूमि संघर्ष समिति ने 27 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। शुरुआत में यह प्रदर्शन मस्जिद गिराने की मांग तक सीमित था, लेकिन बीते चार-पांच दिनों के दौरान वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग तेज होने लगी है। इस बीच पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी इसमें सुधार का सुझाव दिया है।
शिमला में 500 मीटर गहरी खाई में गिरी गाड़ी:व्यक्ति की मौत; ननखड़ी-बाड़का सड़क पर हुआ हादसा
शिमला में 500 मीटर गहरी खाई में गिरी गाड़ी:व्यक्ति की मौत; ननखड़ी-बाड़का सड़क पर हुआ हादसा हिमाचल के शिमला जिला के ननखड़ी में बीती रात एक ऑल्टो कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसे चला रहे व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान ननखड़ी के गाहन निवासी जोगेंद्र (67 साल) पुत्र मोती राम के तौर पर हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने अनुसार, जोगेंद्र सिंह अपनी ऑल्टो कार नंबर HP 06-4286 में ननखड़ी से शाम के वक्त घर लौट रहे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी सड़क से करीब 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी, जबकि जोगेंद्र सिंह का शव सड़क से करीब 300 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। यानी जिस जगह जोगेंद्र का शव मिला, गाड़ी उस पॉइंट से भी करीब 200 मीटर नीचे गहरी खाई में गई। शव परिजनों को सौंप दिया यह हादसा बीती शाम 6.35 बजे का बताया जा रहा है। शाम सात बजे पुलिस को इसकी सूचना मिली। रात पौने 10 बजे तक मृतक के शव को खाई से निकालकर सड़क पर लाया गया और ननखड़ी अस्पताल पहुंचाया। जहां आज सुबह शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। ननखड़ी-बाड़का सड़क पर हुआ हादसा पुलिस के अनुसार, यह हादसा ननखड़ी-बाड़का सड़क पर हुआ। हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर सड़क भी अच्छी बताई जा रही है। दो दिन पहले ही सड़क पर मैटलिंग की गई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक यहां हादसा वाहन चालक की लापरवाही से लग रहा है। हादसे के कारणों का लगाया जा रहा पता DSP ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि ननखड़ी में कार दुर्घटनाग्रस्त होने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। हादसा कैसे हुआ इसका पता लगाया जा रहा है।
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हिमाचल में प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त:8 यात्री घायल; ड्राइवर-कंडक्टर समेत 12 लोग सवार थे, मनाली से पठानकोट जा रही थी, ब्यास नदी के किनारे पलटी हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में आज सुबह एक प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें 8 यात्री घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में 6 का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनाली और 2 का प्राइवेट अस्पताल में चल चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, न्यू प्रेम बस सर्विस ट्रांसपोर्ट की निजी बस सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मनाली से पठानकोट के लिए निकली। इसमें ड्राइवर कंडक्टर सहित 12 यात्री सवार थे। मनाली से कुछ दूरी पर करीब 8 बजे बस अनियंत्रित होकर बाणुपुल के पास ब्यास नदी के किनारे पर जा गिरी। इससे बड़ा हादसा टल गया। यदि बस नदी के बीचोबीच जा गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसके बाद मौके पर चीख-पुकार मचनी शुरू हुई। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर सभी का उपचार चल रहा है। पुलिस अब हादसे के कारणों का पता लगाने में जुट गई है। बस की चपेट में एक गाड़ी भी आई है, जिसे काफी नुकसान पहुंचा है। जिस जगह बस सड़क से बाहर पलटी है, वहां पर सड़क किनारे ब्रेक के निशान है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि बस हादसे की जानकारी मिली है। पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है। राहत बचाव कार्य में चल रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस हादसे के सही कारणों की जांच करने में जुट गई है। यहां देखे हादसे से जुड़ी फोटो..