फतेहगढ़ साहिब स्थित एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ में करीब एक महीने पहले कारोबारी के घर हुई चोरी की घटना को पुलिस ने ट्रेस कर लिया। इस घटना को अंजाम देने वाली कारोबारी की पूर्व नौकरानी, उसके ड्राइवर पिता और चार अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों से लाखों रुपए कीमत के सोने चांदी के जेवर, डायमंड, आई-फोन, चोरी की रकम से खरीदी कार, दो मोटरसाइकिल बरामद कर लिए गए। फतेहगढ़ साहिब के एसपी (आई) राकेश यादव ने बताया कि करीब एक महीने पहले मंडी गोबिंदगढ़ की चंद्रलोक कालोनी में रहते बड़े कारोबारी गौरव सिंगला व सौरव सिंगला के घर में चोरी हुई थी। 8 मई की शाम को दिल्ली में एक शादी में परिवार गया था। उन्होंने अपने नौकरों को घर की रखवाली के लिए छोड़ा था। रात करीब 12 बजे चार अज्ञात युवक घर का पिछला दरवाजा तोड़कर घर में घुस आए थे, जिन्होंने दोनों नौकरों को बंधक बना लिया और बेडरूम में घुस गए थे। लॉकर तोड़कर लाखों रुपये, दो चांदी के डिनर सेट, सोने-चांदी, हीरे के आभूषण, कीमती धातुएं, चांदी की मूर्तियां और एक आईफोन 15 प्रो चुरा लिया था। दोनों नौकरों को बंधक बनाने के बाद वे फरार हो गए थे। गौरव सिंगला ने दिल्ली से वापस लौट 9 मई को मंडी गोबिंदगढ़ थाने में केस दर्ज कराया था। ऐसे पकड़े गए चोर एसपी यादव ने बताया कि गुरदीप सिंह उर्फ बूटा निवासी तरलोकपुरी मंडी गोबिंदगढ़, करणवीर सिंह निवासी बीड़ कुंबड़ा, सुनील कुमार निवासी फोकल प्वाइंट अजनाली, रकीब खान निवासी गांधी नगर मंडी गोबिंदगढ़ को गिरफ्तार किया। गुरदीप सिंह बूटा के किराए के कमरे से चोरी का सामान मिला। जांच में सामने आया कि गौरव सिंगला के घर नन्नू निवासी दालोमाजरा काम करती थी। नन्नू का पिता तेजिंदर सिंह इनके पास ड्राइवर था। नन्नू ने अपने पिता से मिलकर साजिश रची। उन्होंने घर पर निगरानी रखी। जैसे ही परिवार दिल्ली शादी समारोह मे ंगया तो बाद में अपने साथियों संग मिलकर वारदात कर दी। चोरी के बाद ऐशप्रस्ती में लगे आरोपी चोरी करने के बाद आरोपी ऐशप्रस्ती में लग गए थे। रफीक खान ने चोरी की रकम में से इंडिका कार खरीदी। करणवीर ने नया मोटरसाइकिल खरीदा। गुरदीप सिंह ने यामहा खरीद लिया। नन्नू के हिस्से 3 लाख रुपए आए थे जो उसने अपने एचडीएफसी बैंक खाते में जमा करवा दिए थे। पुलिस ने इस खाते को फ्रीज करवा दिया है। सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। फतेहगढ़ साहिब स्थित एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ में करीब एक महीने पहले कारोबारी के घर हुई चोरी की घटना को पुलिस ने ट्रेस कर लिया। इस घटना को अंजाम देने वाली कारोबारी की पूर्व नौकरानी, उसके ड्राइवर पिता और चार अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों से लाखों रुपए कीमत के सोने चांदी के जेवर, डायमंड, आई-फोन, चोरी की रकम से खरीदी कार, दो मोटरसाइकिल बरामद कर लिए गए। फतेहगढ़ साहिब के एसपी (आई) राकेश यादव ने बताया कि करीब एक महीने पहले मंडी गोबिंदगढ़ की चंद्रलोक कालोनी में रहते बड़े कारोबारी गौरव सिंगला व सौरव सिंगला के घर में चोरी हुई थी। 8 मई की शाम को दिल्ली में एक शादी में परिवार गया था। उन्होंने अपने नौकरों को घर की रखवाली के लिए छोड़ा था। रात करीब 12 बजे चार अज्ञात युवक घर का पिछला दरवाजा तोड़कर घर में घुस आए थे, जिन्होंने दोनों नौकरों को बंधक बना लिया और बेडरूम में घुस गए थे। लॉकर तोड़कर लाखों रुपये, दो चांदी के डिनर सेट, सोने-चांदी, हीरे के आभूषण, कीमती धातुएं, चांदी की मूर्तियां और एक आईफोन 15 प्रो चुरा लिया था। दोनों नौकरों को बंधक बनाने के बाद वे फरार हो गए थे। गौरव सिंगला ने दिल्ली से वापस लौट 9 मई को मंडी गोबिंदगढ़ थाने में केस दर्ज कराया था। ऐसे पकड़े गए चोर एसपी यादव ने बताया कि गुरदीप सिंह उर्फ बूटा निवासी तरलोकपुरी मंडी गोबिंदगढ़, करणवीर सिंह निवासी बीड़ कुंबड़ा, सुनील कुमार निवासी फोकल प्वाइंट अजनाली, रकीब खान निवासी गांधी नगर मंडी गोबिंदगढ़ को गिरफ्तार किया। गुरदीप सिंह बूटा के किराए के कमरे से चोरी का सामान मिला। जांच में सामने आया कि गौरव सिंगला के घर नन्नू निवासी दालोमाजरा काम करती थी। नन्नू का पिता तेजिंदर सिंह इनके पास ड्राइवर था। नन्नू ने अपने पिता से मिलकर साजिश रची। उन्होंने घर पर निगरानी रखी। जैसे ही परिवार दिल्ली शादी समारोह मे ंगया तो बाद में अपने साथियों संग मिलकर वारदात कर दी। चोरी के बाद ऐशप्रस्ती में लगे आरोपी चोरी करने के बाद आरोपी ऐशप्रस्ती में लग गए थे। रफीक खान ने चोरी की रकम में से इंडिका कार खरीदी। करणवीर ने नया मोटरसाइकिल खरीदा। गुरदीप सिंह ने यामहा खरीद लिया। नन्नू के हिस्से 3 लाख रुपए आए थे जो उसने अपने एचडीएफसी बैंक खाते में जमा करवा दिए थे। पुलिस ने इस खाते को फ्रीज करवा दिया है। सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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ब्रिटेन के चुनाव में पंजाबियों का दबदबा:9 लोग चुनाव जीतने में रहे सफल, अधिकतर सत्तारूढ़ लेबर पार्टी से चुनाव लड़े ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में पंजाबी मूल के करीब 9 लोग भी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। ज्यादातर नेता सत्ता में आई लेबर पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं। इन सबमें प्रमुख नाम लेबर पार्टी के तनमनजीत सिंह ढेसी का है। वे मूल रूप से जालंधर के रहने वाले हैं। वे तीसरी बार सांसद बने हैं। इस जीत की खुशी पंजाब में भी मनाई जा रही है। साथ ही चुनाव जीतने वाले सभी पंजाबियों को बधाई दी जा रही है। इस बार ब्रिटेन के चुनाव में वहां की राजनीतिक पार्टियों ने 20 से ज्यादा भारतीय मूल और पंजाबियों को मैदान में उतारा था। क्योंकि वहां पंजाबियों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, इस बार लगातार चुनाव जीतते आ रहे लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा मैदान से हट गए। वे जालंधर के रहने वाले हैं और लंबे समय से ब्रिटेन में ही बसे हुए हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में तीन लोग चुनाव जीतने में सफल रहे थे। प्रीत कौर गिल तीसरी बार पहुंची सांसद लेबर पार्टी की प्रीत कौर गिल ने तीसरी बार बर्मिंघम-एडस्बेस्टन से चुनाव जीता है। प्रीत कौर गिल को पहली महिला सिख सांसद होने का गौरव भी प्राप्त है। जस अठवाल भी चुनाव जीतने में कामयाब पता चला है कि जस अठवाल भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने इल्फोर्ड साउथ से चुनाव जीता है। उनका जन्म भी 1963 में पंजाब में हुआ थ। वह, साल 2010 से राजनीति में सक्रिय है। हरप्रीत कौर ने भी जीता चुनाव हरप्रीत कौर उप्पल भी पंजाबी मूल की है। उन्होंने लेबर पार्टी की टिकट हडर्सफील्ड से चुनाव लड़ा था। वरिंदर जस को भी मिली कामयाबी इस तरह वरिंदर जस भी लेबर पार्टी की टिकट पर चुनाव जीता है। उन्होंने वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट से चुनाव जीता है। इस दौरान जब उन्हें विजेता घोषित किया तो उनके समर्थकों का जोश देखते ही बन रहा था। इसी तरह गुरिंदर सिंह जोसन स्मेथविक संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं
कनाडा में गिरफ्तार अर्श डल्ला पर भारत में 70 FIR:बदमाश की हत्या कर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर-आतंकी बना, राजस्थानी लड़की से पेपर मैरिज कर फरार
कनाडा में गिरफ्तार अर्श डल्ला पर भारत में 70 FIR:बदमाश की हत्या कर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर-आतंकी बना, राजस्थानी लड़की से पेपर मैरिज कर फरार खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी… खेती करते थे डल्ला के पिता
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है।