शादी हो तो ऐसी, सड़कें तालाब में हुईं तब्दील तो दुल्हन लेने नाव से बारात लेकर पहुंचा दूल्हा 

शादी हो तो ऐसी, सड़कें तालाब में हुईं तब्दील तो दुल्हन लेने नाव से बारात लेकर पहुंचा दूल्हा 

<p style=”text-align: justify;”><strong>Siddharthnagar Wedding On Boat: </strong>यूपी में मानसून का प्रकोप जारी है. लगातार हो रही भारी बारिश और नेपाल की तरफ से पानी छोड़े जाने से सिद्धार्थनगर जिले की अधिकतर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है ऐसे में तटवर्ती कई गांव चारों तरफ से बाढ़ की चपेट में है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भर गया है. सड़कें तालाब में तब्दील हो गई है. इससे आवागमन ठप सा हो गया है और शादी का भी सीजन जारी है. तो बारात ले जाने के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में में बाढ़ क्षेत्र गांव में शादी के समय वहां पर नाव से बारात ले जाना और विदाई कराकर वापस लाना बहुत जोखिम भरा होता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिला अंतर्गत डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के परसोहिया सदानंद की जो जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूरी पर है. यहां रात में एक परिवार में लड़की की शादी थी गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी इस तरह भरा हुआ कि करीब तीन किलोमीटर का सफर नाव ही एक मात्र सहारा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चारों</strong> <strong>ओर</strong> <strong>पानी</strong> <strong>ही</strong> <strong>पानी</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में बारातियों को शादी वाले घर से लेकर दुल्हन की विदाई तक नाव से हुई. उक्त गांव में सुगम पुत्री कामेश्वर पांडेय की शादी थी. बारात त्रिलोकी पुत्र जय मंगल पांडेय गांव चोरथरी थाना इटवा से आई थी. बारात जैसे ही बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत डुढुहिया थाना उतरौला बलरामपुर पहुंची तो चारों तरफ पानी ही पानी देखकर बराती दंग रह गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पानी</strong> <strong>देख</strong> <strong>कई</strong> <strong>बाराती</strong> <strong>वापस</strong> <strong>घर</strong> <strong>लौटे</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब 30 बराती वहां से वापस अपने गांव चले गए. दूल्हे के साथ करीब तीस लोग नाव के सहारे 3 किलोमीटर का सफर तय करके परसोहिया सदानंद पहुंचे. आने-जाने में सुबह हो गई, विदाई नाव से हुई. नाव पर दुल्हा दुल्हन बैठकर वापस सुरक्षित स्थान पर पहुंचे तो महिलाओं की भीड़ दुल्हन देखने जुटने लगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाव</strong> <strong>से</strong> <strong>बारात</strong> <strong>लेकर</strong> <strong>पहुंचा</strong> <strong>दूल्हा</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विदाई के बाद दूल्हा ने बताया कि बाढ़ की वजह से परेशानी बढ़ गई है, जिस वजह से हम बारात नाव से लेकर गए. क्योंकि चारों ओर केवल पानी ही पानी लगा हुआ है. उसने बताया कि नाव से ही विदाई हुई फिर हम नाव से ही वापस आए. लगातार बारिश की वजह से सिद्धार्थनगर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.<span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-tourism-increase-source-of-business-to-increase-gst-and-increase-in-revenue-ann-2735008″><strong>वाराणसी</strong> <strong>ने</strong> <strong>आर्थिक</strong> <strong>क्षेत्र</strong> <strong>में</strong> <strong>लगाई</strong> <strong>बंपर</strong> <strong>छलांग</strong><strong>, </strong><strong>काशी</strong> <strong>विश्वनाथ</strong> <strong>धाम</strong> <strong>की</strong> <strong>रही</strong> <strong>महत्वपूर्ण</strong> <strong>भूमिका</strong></a></p>
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<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Siddharthnagar Wedding On Boat: </strong>यूपी में मानसून का प्रकोप जारी है. लगातार हो रही भारी बारिश और नेपाल की तरफ से पानी छोड़े जाने से सिद्धार्थनगर जिले की अधिकतर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है ऐसे में तटवर्ती कई गांव चारों तरफ से बाढ़ की चपेट में है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भर गया है. सड़कें तालाब में तब्दील हो गई है. इससे आवागमन ठप सा हो गया है और शादी का भी सीजन जारी है. तो बारात ले जाने के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में में बाढ़ क्षेत्र गांव में शादी के समय वहां पर नाव से बारात ले जाना और विदाई कराकर वापस लाना बहुत जोखिम भरा होता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिला अंतर्गत डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के परसोहिया सदानंद की जो जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूरी पर है. यहां रात में एक परिवार में लड़की की शादी थी गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी इस तरह भरा हुआ कि करीब तीन किलोमीटर का सफर नाव ही एक मात्र सहारा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चारों</strong> <strong>ओर</strong> <strong>पानी</strong> <strong>ही</strong> <strong>पानी</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में बारातियों को शादी वाले घर से लेकर दुल्हन की विदाई तक नाव से हुई. उक्त गांव में सुगम पुत्री कामेश्वर पांडेय की शादी थी. बारात त्रिलोकी पुत्र जय मंगल पांडेय गांव चोरथरी थाना इटवा से आई थी. बारात जैसे ही बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत डुढुहिया थाना उतरौला बलरामपुर पहुंची तो चारों तरफ पानी ही पानी देखकर बराती दंग रह गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पानी</strong> <strong>देख</strong> <strong>कई</strong> <strong>बाराती</strong> <strong>वापस</strong> <strong>घर</strong> <strong>लौटे</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब 30 बराती वहां से वापस अपने गांव चले गए. दूल्हे के साथ करीब तीस लोग नाव के सहारे 3 किलोमीटर का सफर तय करके परसोहिया सदानंद पहुंचे. आने-जाने में सुबह हो गई, विदाई नाव से हुई. नाव पर दुल्हा दुल्हन बैठकर वापस सुरक्षित स्थान पर पहुंचे तो महिलाओं की भीड़ दुल्हन देखने जुटने लगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाव</strong> <strong>से</strong> <strong>बारात</strong> <strong>लेकर</strong> <strong>पहुंचा</strong> <strong>दूल्हा</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विदाई के बाद दूल्हा ने बताया कि बाढ़ की वजह से परेशानी बढ़ गई है, जिस वजह से हम बारात नाव से लेकर गए. क्योंकि चारों ओर केवल पानी ही पानी लगा हुआ है. उसने बताया कि नाव से ही विदाई हुई फिर हम नाव से ही वापस आए. लगातार बारिश की वजह से सिद्धार्थनगर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.<span class=”Apple-converted-space”>&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-tourism-increase-source-of-business-to-increase-gst-and-increase-in-revenue-ann-2735008″><strong>वाराणसी</strong> <strong>ने</strong> <strong>आर्थिक</strong> <strong>क्षेत्र</strong> <strong>में</strong> <strong>लगाई</strong> <strong>बंपर</strong> <strong>छलांग</strong><strong>, </strong><strong>काशी</strong> <strong>विश्वनाथ</strong> <strong>धाम</strong> <strong>की</strong> <strong>रही</strong> <strong>महत्वपूर्ण</strong> <strong>भूमिका</strong></a></p>
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