हिमाचल प्रदेश के सोलन नगर निगम के दो महिला पार्षदों की बहाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे ऑर्डर आ गया है। इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि कोर्ट का आदेश आने तक ऊषा शर्मा को मेयर पद पर बहाल किया जाए। इसके अलावा गुरुवार को होने वाले मेयर चुनावों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। इस मामले में प्रतिवादियों को 14 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा गया है। ऊषा शर्मा रहेगी मेयर आज सुबह सुप्रीम कोर्ट का आदेश मीडिया तक पहुंचा। इससे पहले मंगलवार को पूरा दिन शंका और आशंकाओं के बीच ही यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई थी। लेकिन अब सर्वोच्च अदालत का आदेश आने के बाद स्थिति एक दम आईने की तरह साफ हो गई है। कोर्ट ने कुल 8 प्रतिवादियों को 14 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। निष्कासित पार्षद, मेयर ऊषा शर्मा, पूर्व मेयर और पार्षद पूनम ग्रोवर की ओर से डाली गई। कल होने वाले चुनाव रोके इस विशेष अनुमति याचिका में हिमाचल प्रदेश सरकार, शहरी विकास विभाग के निदेशक, सोलन के जिला उपायुक्त, नगर निगम के कमिश्नर, एडीसी अजय यादव, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शिव कुमार, मेयर के दावेदार, पार्षद सरदार सिंह ठाकुर और कांग्रेस पार्षद पूजा तंवर को पार्टी बनाया गया है। अब इन सभी को 14 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने होंगे। अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होनी है। स्टे ऑर्डर में देश की सर्वोच्च अदालत ने अगले आदेशों तक दोनों पार्षदों की बहाली के साथ, ऊषा शर्मा को मेयर पद पर बने रहने और 22 अगस्त यानी कल होने वाले मेयर के चुनावों को रोकने के लिए कहा है। हिमाचल प्रदेश के सोलन नगर निगम के दो महिला पार्षदों की बहाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे ऑर्डर आ गया है। इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि कोर्ट का आदेश आने तक ऊषा शर्मा को मेयर पद पर बहाल किया जाए। इसके अलावा गुरुवार को होने वाले मेयर चुनावों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। इस मामले में प्रतिवादियों को 14 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा गया है। ऊषा शर्मा रहेगी मेयर आज सुबह सुप्रीम कोर्ट का आदेश मीडिया तक पहुंचा। इससे पहले मंगलवार को पूरा दिन शंका और आशंकाओं के बीच ही यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई थी। लेकिन अब सर्वोच्च अदालत का आदेश आने के बाद स्थिति एक दम आईने की तरह साफ हो गई है। कोर्ट ने कुल 8 प्रतिवादियों को 14 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। निष्कासित पार्षद, मेयर ऊषा शर्मा, पूर्व मेयर और पार्षद पूनम ग्रोवर की ओर से डाली गई। कल होने वाले चुनाव रोके इस विशेष अनुमति याचिका में हिमाचल प्रदेश सरकार, शहरी विकास विभाग के निदेशक, सोलन के जिला उपायुक्त, नगर निगम के कमिश्नर, एडीसी अजय यादव, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शिव कुमार, मेयर के दावेदार, पार्षद सरदार सिंह ठाकुर और कांग्रेस पार्षद पूजा तंवर को पार्टी बनाया गया है। अब इन सभी को 14 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने होंगे। अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होनी है। स्टे ऑर्डर में देश की सर्वोच्च अदालत ने अगले आदेशों तक दोनों पार्षदों की बहाली के साथ, ऊषा शर्मा को मेयर पद पर बने रहने और 22 अगस्त यानी कल होने वाले मेयर के चुनावों को रोकने के लिए कहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक:आपदा राहत पैकेज को लेकर होगी चर्चा, नए कार्यालयों को लेकर विचार हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज राज्य सचिवालय में मंत्री मंडल की बैठक 12 बजे से शुरू होगी। आगामी 27 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले यह आखरी कैबिनेट बैठक हो सकती है। ऐसे में कैबिनेट मीटिंग में मानसून सत्र के विषय मे चर्चा हो सकती है। सरकार की तरफ से सत्र में पेश किए जाने विधेयकों को लेकर चर्चा ही सकती है। इसके अलावा सत्र में विपक्ष की तरफ से आने वाले सवालों का किस तरह काउंटर करना है, इसको लेकर भी मंत्रणा हो सकती है। बैठक में मानसून सत्र के अलावा भी सरकार कई अन्य बड़े फैसले भी कर सकती है। आपदा विशेष राहत पैकेज पर विचार सूचना के अनुसार प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के लिए कैबिनेट में आज विशेष आपदा राहत पैकेज को मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री उसकी घोषणा विधानसभा सत्र के दौरान कर सकते है। आपदा से जिन परिवारों को भारी नुकसान हुआ हैं, उनके राहत एवं पुनर्वास के लिए राहत पैकेज का भी कैबिनेट में ऐलान हो सकता है। प्रदेश में इस बार 133 मकान पूरी तरह जमीदोंज हुए है। 31 जुलाई की रात में बादल फटने के बाद भारी बारिश और बाढ़ में 55 लोग लापता हो गए। इनमें से 30 लोग अभी भी लापता है। रामपुर का पूरा समेज गांव ही बाढ़ में बह गया है। ऐसे बाढ़ प्रभावितों के लिए कैबिनेट में पैकेज का ऐलान हो सकता है। इसके अलावा पुलिस जवानों के परिवहन बसों में सफर को लेकर पिछले कैबिनेट में किए फैसले पर कैबिनेट बदलाव कर सकती है। प्रदेश में विभिन्न विभागों में खाली चल रहे कई पदों को भरने के लिए भी कैबिनेट मंजूरी दे सकती है। DA-एरियर पर घमासान हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के लंबित DA-एरियर पर मचा घमासान भले ही बीते देर शाम से धीमा पड़ गया हो। लेकिन प्रदेश सरकार इसको लंबे समय तक नहीं दबा सकती। कैबिनेट में आज इस पर चर्चा होने के बहुत कम संकेत है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने कल ही अलग अलग कर्मचारी संगठनों के नेताओं से बैठक की है और DA-एरियर देने के लिए समय मांगा है। प्रदेश में खुल सकते है कई नए कार्यालय कैबिनेट बैठक में प्रदेश में कई विभागों के नए कार्यालयों के खोलने को भी मंजूरी मिल सकती है। स्वास्थ्य, शिक्षा और जलशक्ति विभाग में कार्यालयों को खोलने को मंजूरी मिल सकती है।
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हिमाचल में वैभव मौत केस में CBI जांच के आदेश:हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल; पिता ने जताई थी हत्या की शंका हिमाचल हाईकोर्ट ने कुल्लू जिले के तोश में वैभव यादव की मौत की जांच CBI को सौंपने के आदेश दिए है। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सीनियर पुलिस ऑफिसर की जांच पर संदेह जताते हुए यह आदेश सुनाए। वैभव की मौत 9 दिसंबर 2023 को हुई थी। कोर्ट ने तीन दिनों के भीतर CBI को मामले से संबंधित मूल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला न केवल पुलिस अधिकारियों द्वारा कर्तव्यों की उपेक्षा को दर्शाता है, बल्कि कानून के जनादेश का भी उल्लंघन करता है। यदि FIR समय पर दर्ज की गई होती तो पुलिस को जांच करने की और शक्ति मिलती और जांच के बाद ही पुलिस अपने निष्कर्ष पर पहुंच सकती थी। कोर्ट ने कहा कि, यदि पुलिस की राय में तथ्य, FIR पंजीकरण लायक न होते तो प्रारंभिक जांच पूरी की जानी चाहिए थी। कोर्ट के अनुसार, 14 फरवरी 2024 को मृतक वैभव यादव के पिता ने आशंका जताई थी कि उनके बेटे की हत्या की गई है, पुलिस के पास संज्ञेय अपराध होने की सूचना थी। FIR दर्ज करने के लिए और कुछ भी आवश्यक नहीं था। कोर्ट ने कहा, यह केस पुलिस विभाग के एक और निर्लज्ज आचरण को प्रदर्शित करता हैं। बीते साल हरियाणा के चार दोस्त कुल्लू घूमने आए थे 9 दिसंबर 2023 को हरियाणा के चार युवा छात्र वैभव यादव, कुशाग्र, शशांक शर्मा और रितिका मित्तल हिमाचल के कुल्लू जिले में ‘तोश’ नामक स्थान पर गए थे। वैभव यादव की शाम को मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं पाई। 11 दिसंबर 2023 को वैभव यादव का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया। पिता ने DGP को लिखा था पत्र 14 फरवरी 2024 को मृतक वैभव यादव के पिता बलदेव यादव ने हिमाचल पुलिस महानिदेशक को एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत किया, जिसकी एक प्रति SHO कुल्लू को भी भेजी गई, जिसमें उनके बेटे की मौत में गड़बड़ी की आशंका जताई गई। पत्र में बताया गया कि 10 दिसंबर 2023 को मृतक के परिजनों के साथ पुलिस अधिकारियों का असहयोगात्मक रवैया था। कथित तौर पर मृतक के चाचा के अनुरोध के बावजूद मृतक के तीन साथियों और होटल स्टाफ से उनकी मौजूदगी में पूछताछ नहीं की गई। IPS अधिकारी के आचरण पर उठाए थे सवाल इस पत्र के माध्यम से मृतक के पिता ने विनय यादव नामक एक प्रशिक्षु IPS अधिकारी के आचरण पर सवाल उठाए। आरोप था कि उसने कथित तौर पर स्थानीय पुलिस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था। मृतक के पिता ने कुशाग्र, शशांक और रितिका का घटना के बाद का आचरण को संदेहास्पद बताया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र मृतक के पिता बलदेव यादव की शिकायत के जवाब में 6 मार्च 2024 को पुलिस अधीक्षक, कुल्लू ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुल्लू संजीव चौहान को खोजी जांच सौंपी। पुलिस के आचरण से असंतुष्ट होने के कारण पिता बलदेव यादव ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को 10 जुलाई 2024 को एक पत्र लिखा। इस पृष्ठभूमि में तत्काल हाईकोर्ट ने आपराधिक रिट याचिका पंजीकृत की थी।
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