भास्कर न्यूज । रोहतक एमडीयू में फ्रेशर पार्टी के दौरान गुरुवार को विधि विभाग के छात्र दीपक को चाकू मारकर घायल कर दिया था। शुक्रवार को एमडीयू प्रशासन ने प्रॉक्टर कार्यालय में आकस्मिक बैठक बुलाई। इसमें देर तक चले मंथन के बाद छात्र सुमित इंदौरा, बीए एलएलबी-तृतीय सेमेस्टर (हमले का कथित अपराधी) को प्रॉक्टोरियल बोर्ड की कार्रवाई के अंतिम परिणाम आने तक विभाग और छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया। इतना ही नहीं, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना विश्वविद्यालय परिसर में उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने मामले की गंभीरता से लेते हुए यह फैसला लिया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि प्रशासन अनुशासनहीनता, नियमों और विनियमों का उल्लंघन और परिसर में हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासनहीनता को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे तत्वों को सख्ती से खत्म किया जाएगा। बैठक में एमडीयू प्रॉक्टर प्रो. राजेश पुनिया, डीन छात्र कल्याण प्रो. रणदीप राणा और विधि विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र ढुल मौजूद रहे। भास्कर न्यूज । रोहतक एमडीयू में फ्रेशर पार्टी के दौरान गुरुवार को विधि विभाग के छात्र दीपक को चाकू मारकर घायल कर दिया था। शुक्रवार को एमडीयू प्रशासन ने प्रॉक्टर कार्यालय में आकस्मिक बैठक बुलाई। इसमें देर तक चले मंथन के बाद छात्र सुमित इंदौरा, बीए एलएलबी-तृतीय सेमेस्टर (हमले का कथित अपराधी) को प्रॉक्टोरियल बोर्ड की कार्रवाई के अंतिम परिणाम आने तक विभाग और छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया। इतना ही नहीं, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना विश्वविद्यालय परिसर में उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने मामले की गंभीरता से लेते हुए यह फैसला लिया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि प्रशासन अनुशासनहीनता, नियमों और विनियमों का उल्लंघन और परिसर में हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासनहीनता को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे तत्वों को सख्ती से खत्म किया जाएगा। बैठक में एमडीयू प्रॉक्टर प्रो. राजेश पुनिया, डीन छात्र कल्याण प्रो. रणदीप राणा और विधि विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र ढुल मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में फर्जी दस्तावेज बना कोर्ट में किया इस्तेमाल:बुजुर्ग से जमीन हड़पने का आरोप, जमीन विवाद में जाति बदलकर किया रिकॉर्ड में फेरबदल हरियाणा के करनाल में इंद्री क्षेत्र के एक पुराने भूमि विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। करनाल के शिकायतकर्ता अशोक ने आरोप लगाया है कि गांव काछवा के तिलक राज व उसके बेटे अंकुश शर्मा ने साजिश रचते हुए न सिर्फ फर्जी दस्तावेज तैयार किए, बल्कि उन्हें अदालत में असली बताकर पेश भी किया।आरोपियों ने खुद को उस राम दिव्या का वारिस बताया जिसकी जमीन का सौदा अशोक कुमार के पक्ष में तीन दशक पहले हो चुका है। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर इंद्री थाना में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पावर ऑफ अटॉर्नी पर उठाए सवाल शिकायतकर्ता अशोक का कहना है कि उन्हें राम दिव्या समेत अन्य लोगों से 1992 में पावर ऑफ अटॉर्नी मिली थी और 1993 में उन्होंने बिक्री वासिका के तहत जमीन का सौदा कर लिया था। आरोपियों ने दावा किया कि उनके दादा राम दिव्या की मौत 1975 में हो गई थी, इसलिए यह पावर ऑफ अटॉर्नी फर्जी है। लेकिन वर्ष 2018 में कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया था और फैसला अशोक कुमार के पक्ष में दिया था। जाति बदलकर बदर एंट्री कराने का आरोप अशोक कुमार के अनुसार उन्होंने तहसीलदार को आवेदन देकर राम दिव्या की जाति व वारिसों की जानकारी मांगी थी, जिस पर हलका पटवारी ने स्पष्ट किया कि वे ‘भाटिया’ जाति से हैं। जबकि आरोपी खुद ‘ब्राह्मण पुष्करण’ जाति से हैं, जिससे साफ है कि उनका कोई संबंध राम दिव्या से नहीं है। शिकायत में बताया गया है कि आरोपी पहले भी वर्ष 2005-06 में बदर नंबर 3 और म्यूटेशन नंबर 637 के जरिए जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश कर चुके हैं, जिसे 2010 में तहसीलदार द्वारा खारिज कर दिया गया था। कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ केस, पुलिस जांच में जुटी इस बार जब आरोपी बदर नंबर 4 के जरिए फिर से फर्जी एंट्री करवाने में सफल हो गए तो अशोक कुमार ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने 175(3) BNSS 2023 के तहत आदेश जारी कर थाना इन्द्री को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद थाना इन्द्री में मुकदमा आज मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रेवाड़ी में कार और टैंकर की टक्कर:दो युवकों की मौत; दोनों इकलौते चिराग थे, शहर में शॉपिंग करने निकले थे
रेवाड़ी में कार और टैंकर की टक्कर:दो युवकों की मौत; दोनों इकलौते चिराग थे, शहर में शॉपिंग करने निकले थे हरियाणा में रेवाड़ी शहर के सटे आउटर बाइपास नेशनल हाइवे-11 पर गांव खरसानी के निकट एक कार और पानी के टैंकर की भीषण टक्कर हो गई। हादसे में कार सवार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि टैंकर का चालक गंभीर रूप से घायल हुआ है। दरअसल, रेवाड़ी जिले के गांव खरखड़ी निवासी मंजीत (24) और साहिल (23) दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों मंगलवार की देर शाम करीब साढ़े 6 बजे आई-20 कार में सवार होकर रेवाड़ी शहर में शॉपिंग करने के लिए निकले थे। करीब 7 बजे दोनों रेवाड़ी-जैसलमेर हाइवे के आउटर बाइपास स्थित खरसानी पहुंचे तो सामने से पानी का एक टैंकर आ रहा था। टैंकर चालक ने बगैर इंडीकेटर दिए अपने वाहन को मोड दिया, जिसकी वजह से आई-20 कार टैंकर से सीधे जा टकराई। हादसे में मंजीत और साहिल दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद रामपुरा थाना के अधीन आने वाली भाड़ावास गांव पुलिस चौकी की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने दोनों के शव को कब्जे में लिया और फौरन अस्पताल में भर्ती कराया। मृतक दोनों युवक अपने परिवार में इकलौते चिराग थे।

हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन
हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन हरियाणा में विधानसभा चुनाव को महज 3 महीने का ही समय बचा है। चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार खुलकर कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं और अपने आपको दावेदार बता रहे हैं। मगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह ही सर्वे के आधार पर टिकट इस बार देखा। ऐसे में नेताओं ने फिल्ड में रहना शुरू कर दिया है ताकि सर्वे में उनकी रिपोर्ट अच्छी आए। वहीं कुछ नेता ऑनलाइन सर्वे करवाकर खुद को बाकि की तुलना में अधिक असरदार व मजबूत कैंडिडेट बता रहे हैं। खास बात है कि इस बार कांग्रेस का टिकट लेने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस के हर विधानसभा में 10 से लेकर 15 दावेदार हैं। ऐसे में यह दावेदार कांग्रेस हाईकमान का सिर दर्द बढ़ाएंगे। कांग्रेस इन दावेदारों से अगले महीने आवेदन मांगना शुरू कर सकती है। कांग्रेस का पहला सर्वे अभी चल रहा है। दूसरा सर्वे शुरू होते ही कांग्रेस आवेदन मांगना शुरू करेगी। जल्द ही कांग्रेस आवेदन के लिए घोषणा करने वाली है। ऐसे में टिकट पाने वालों ने बायोडाटा बनवाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कांग्रेस न्यायपत्र बनाने की भी तैयारियों में लगी है। राहुल की मीटिंग के बाद बयानबाजी थमी हरियाणा कांग्रेस की हाईकमान के साथ बैठक के बाद बयानबाजी थम गई है। हुड्डा खेमे और SRK गुट की तरफ से कोई बयानबाजी राहुल गांधी की नसीहत के बाद सामने नहीं आई है। मगर वहीं जनता के सामने कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है। ऊपर से चाहे कितना भी एक होने का संदेश देगी मगर धरातल पर दोनों गुटों के नेताओं के कार्यकर्ता एक दूसरे के आमने-सामने रहते हैं। कांग्रेस के सम्मेलनों में गुटबाजी देखने को मिल रही है। जींद में हुए सम्मेलन में चौधरी बीरेंद्र सिंह ग़ैरमौजूद रहे। वहीं उचाना में जयप्रकाश के कार्यक्रमों से बृजेंद्र सिंह गायब दिखे। विधानसभा में कांग्रेस के पास 3 बड़े ऐज 1. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है। हरियाणा की जनता प्रदेश में बदलाव की ओर देख रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला मगर इसका फायदा लोकसभा चुनाव में नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मोदी के नाम के वोट मिले मगर अबकी बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समाज की नाराजगी : भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समाज को साधने की है। लोकसभा चुनाव में दोनों समाज ने भाजपा के खिलाफ होकर एकजुट होकर वोट किया। इसका परिणाम था कि जिन विधानसभा में जाट समाज या एससी समाज का प्रभाव है उन विधानसभा में भाजपा की हार हुई है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना : भाजपा के सामने केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए तीन कृषि कानून को लेकर काफी लंबा आंदोलन हुआ। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर जबरदस्ती की और साथ नहीं दिया। इस कारण किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं केंद्र की अग्निवीर योजना से हरियाणा के युवा खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा नाराज हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर युवा आर्मी भर्ती की तैयारी करते हैं। कांग्रेस को इन चुनौतियों से पारा पाना होगा 1. गुटबाजी हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। इसी तरह हिसार सीट पर2 गुटबाजी देखने को मिली। सैजला समर्थकों ने जयप्रकाश के प्रचार से दूरी बनाए रखी। इससे हिसार में जीत का मार्जिन कम हो गया। अगर विधानसभा वाइस सीटें देखें तो कांग्रेस को हिसार, कैथल, जींद, गुरुग्राम, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा लोकसभा जैसी विधानसभाओं में गुटबाजी से पार पाना होगा। 2. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा रणदीप सुरजेवाला ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 3. कुरुक्षेत्र में गठबंधन को सीट दी विधानसभा में पड़ेगा असर कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी थी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। इसका असर विधानसभा में भी पड़ना तय है। अगर यहां कांग्रेस और आप के बीच वोट बंटे तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। आप यहां मजबूती से चुनाव लड़ने का विचार मन बना रही है। पंजाब के साथ लगती हरियाणा की बेल्ट में आप कांग्रेस को चुनौती देगी।