झज्जर | झज्जर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन ने टैलेंट हंट प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आई छात्राओं ने गीत, संगीत और नृत्य के जरिए अपने हुनर का प्रदर्शन किया। निदेशक डॉ. ऋषि गोयल और प्राचार्या डॉ. संतोष के निर्देशन में तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक विभाग के सहयोग से यह आयोजन किया। प्रतियोगिता में नृत्य, गायन, नाटक, कविता पाठन, और योग जैसी विधाओं में प्रतिभागियों ने भाग लिया। विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को सम्मानित किया गया। नृत्य में सारिका,डॉ. सविता,कविता पाठ मे डॉ. रीना,डॉ. प्रगट सिंह, सोलो एक्ट में मुकेश,कहानी पाठन में डॉ. गुरप्रीत,गायन में सीमा अहलावत,लोकेश कौशिक,शायरी में अनिल रहे। नृत्य में कोमल प्रथम, दिशा,स्वर्णमयी द्वितीय, अदिति, कंचन तृतीय रहीं। समूह नृत्य में हर्षिता,लक्ष्मी और तनिषा प्रथम,समूह गीत में प्रज्ञा,शशि प्रभा प्रथम और सांभवी एंड सैस्मृति लेंका द्वितीय रहे। सोलो एक्ट में सुबरना प्रथम,सोलो गीत में सांभवी प्रथम, शशि प्रभा द्वितीय और मोनिक,ऐश्वर्या तृतीय रहीं। कहानी पाठन में रिया प्रथम, अनुषा द्वितीय और उमंग तृतीय। झज्जर | झज्जर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन ने टैलेंट हंट प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आई छात्राओं ने गीत, संगीत और नृत्य के जरिए अपने हुनर का प्रदर्शन किया। निदेशक डॉ. ऋषि गोयल और प्राचार्या डॉ. संतोष के निर्देशन में तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक विभाग के सहयोग से यह आयोजन किया। प्रतियोगिता में नृत्य, गायन, नाटक, कविता पाठन, और योग जैसी विधाओं में प्रतिभागियों ने भाग लिया। विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को सम्मानित किया गया। नृत्य में सारिका,डॉ. सविता,कविता पाठ मे डॉ. रीना,डॉ. प्रगट सिंह, सोलो एक्ट में मुकेश,कहानी पाठन में डॉ. गुरप्रीत,गायन में सीमा अहलावत,लोकेश कौशिक,शायरी में अनिल रहे। नृत्य में कोमल प्रथम, दिशा,स्वर्णमयी द्वितीय, अदिति, कंचन तृतीय रहीं। समूह नृत्य में हर्षिता,लक्ष्मी और तनिषा प्रथम,समूह गीत में प्रज्ञा,शशि प्रभा प्रथम और सांभवी एंड सैस्मृति लेंका द्वितीय रहे। सोलो एक्ट में सुबरना प्रथम,सोलो गीत में सांभवी प्रथम, शशि प्रभा द्वितीय और मोनिक,ऐश्वर्या तृतीय रहीं। कहानी पाठन में रिया प्रथम, अनुषा द्वितीय और उमंग तृतीय। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए
विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए रेसलिंग से राजनीति में आए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की सियासत ने सबको चौंका दिया है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले विनेश-बजरंग हुड्डा ग्रुप के साथ रहे। चुनाव के दौरान भी विनेश फोगाट के लिए दीपेंद्र हुड्डा प्रचार करते दिखे। हालांकि, मंगलवार (22 अक्टूबर) को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं। यह चौंकाने वाला इस वजह से है, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और सैलजा गुट आपस में विरोधी है। चुनाव में भी इनकी गुटबाजी नजर आती रही। चुनाव में हार के लिए भी सैलजा गुट भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसके बावजूद विनेश फोगाट के जुलाना से MLA बनने के बाद बजरंग को पदभार संभालते वक्त दीपेंद्र हुड्डा की गैरमौजूदगी से कई तरह की चर्चाएं खड़ी हो गई हैं। वहीं, इसे लेकर बजरंग पूनिया ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा हमारे सीनियर नेता हैं। आगे भी हम उनके नेतृत्व में काम करते रहेंगे। शुरू से हुड्डा गुट के करीबी रहे विनेश-बजरंग
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुरू से ही हुड्डा गुट के ही करीबी रहे हैं। जब विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने अन्य पहलवानों के साथ भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब कांग्रेस पार्टी के कई नेता उनकी सपोर्ट में दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। ज्यादातर पहलवान हरियाणा के थे, इसलिए कांग्रेस पार्टी से हरियाणा के CM रहे भूपेंद्र हुड्डा भी उस समय पहलवानों के समर्थन में पहुंचे थे। शुरुआत में तो पहलवानों ने अपने मुद्दे पर राजनीति न करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन पा लिया। तब से ही विनेश और बजरंग हुड्डा गुट के करीबी हो गए थे। पहलवान आंदोलन में हुड्डा दिखे
पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहलवानों के समर्थन में खुद जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। उनके साथ हरियाणा कांग्रेस का विधायक दल भी वहां पहुंचा था। तब हुड्डा ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि न्याय मिलने में देर हो सकती है, मगर अंधेर नहीं होगी। खिलाड़ी संयम और हिम्मत बनाए रखें। देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के साथ कांग्रेस खड़ी है। विनेश के स्वागत में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा
जब विनेश फोगाट पेरिस ओलिंपिक के फाइनल से डिस्क्वालिफाई होकर देश लौटीं तो उनका स्वागत करने के लिए खुद सांसद दीपेंद्र हुड्डा दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट से लेकर विनेश के बलाली गांव पहुंचने तक तमाम कांग्रेस नेताओं, 2 विधायकों और पार्टी टिकट के कई दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। दीपेंद्र ने ही एयरपोर्ट के अंदर विनेश को रिसीव किया था। वह खुद सुरक्षाकर्मियों के घेरे में विनेश को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर आए। जब रोड शो निकला तो विनेश की गाडी के बोनट पर विनेश के साथ बजरंग पूनिया व साक्षी मलिक के अलावा दीपेंद्र हुड्डा भी बैठे। पेरिस से लौटकर हुड्डा परिवार से मिलीं
विनेश फोगाट जब पेरिस से लौटीं तो वह नई दिल्ली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके परिवार से मिलीं। तब विनेश ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली थी, लेकिन चर्चा थी कि विनेश विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। तब भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था, “एथलीट सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश के होते हैं।” हुड्डा ने कहा कि विनेश के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया जाना चाहिए। उन्हें वही सम्मान मिलना चाहिए जो स्वर्ण पदक विजेता को मिलता है। हुड्डा ने कांग्रेस जॉइन कराने की बात कही
जब विनेश और बजरंग की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं तो भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अगर कोई पार्टी में शामिल होता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने विनेश के मामले में कहा था कि यह विनेश पर ही निर्भर करेगा। टिकट दिलाने और जिताने में भूमिका निभाई
वहीं, कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि चुनाव से पहले जब केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग हुई तब भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी की थी। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भी भर दी थी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला तब विनेश और बजरंग पर ही छोड़ा गया था। बाद में विनेश ने जुलाना से चुनाव लड़ा और बजरंग को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया। हरियाणा में हुड्डा Vs सैलजा क्यों?
हरियाणा चुनाव के दौरान हुड्डा गुट की सैलजा गुट से ठनी रही। टिकटों के बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक दोनों ग्रुपों में खींचतान चलती रही। टिकट बंटवारे में भूपेंद्र हुड्डा ने अपना वर्चस्व दिखाते हुए ज्यादातर सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाया। वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने सैलजा समर्थक करीब 5 दावेदारों को टिकट दिए। जब सैलजा की बंटवारे में नहीं चली तो उन्होंने हुड्डा समर्थकों के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली। वहीं, हुड्डा भी सैलजा समर्थक उम्मीदवारों की रैलियों में नहीं पहुंचे। इस दौरान दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जुबानी हमले भी किए। भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा दोनों ही हरियाणा CM की कुर्सी पर अपनी दावेदारी ठोक रहे थे। हालांकि, हाईकमान ने किसी का नाम प्रस्तावित नहीं किया था।
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी हरियाणा में कांग्रेस ने बहुत ही सधे अंदाज में गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर व बादशाहपुर से वर्धन यादव पर दांव लगाकर बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। कांग्रेस इनके जरिए यूथ वोटर्स में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश में है। इसके चलते गुरुग्राम-बादशाहपुर दोनों ही विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। हालांकि आप का कांग्रेस से गठबंधन हो गया तो फिर गुरुग्राम में बीजेपी के लिए कुछ राहत की खबर हो सकती है। फिलहाल गुरुग्राम सीट पर बीजेपी से बागी होकर चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी की परेशानी बढ़ा रखी है। पंजाबी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने एक माह पहले पार्टी में आए मोहित ग्रोवर पर दांव लगाया है। बादशाहपुर में राव नरबीर सिंह के कद के आगे वर्धन यादव उनको कड़ी चुनौती देने में शायद ही सफल होंगे। गुरुग्राम में कड़े मुकाबले की संभावनाएं बन रहीं हैं, तो बादशाहपुर में नरबीर सिंह के सामने भीतरघात से निपटना एक बड़ी चुनौती है। भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव सबसे पहले गुरुग्राम सीट की बात करें तो बीजेपी ने शायद पहली बार ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा पर दांव लगाया है। जबकि उसके मूल कैडर वोटर्स पंजाबी व वैश्य हैं। वहीं कांग्रेस ने करीब एक लाख वोटर्स वाले पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर पर दांव लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस की सोच है कि पंजाबी चेहरे के नाम पर पूरा समाज एकजुट होगा और पार्टी सिंबल होने से मोहित आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। 2019 में मोहित दे चुके कड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में मोहित ने निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 25 प्रतिशत वोट हासिंल कर बीजेपी के सुधीर सिंगला के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर रहे थे। इसी के चलते सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक माह पहले ही मोहित ग्रोवर को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई और अब टिकट थमा बीजेपी की धड़कने बड़ा दी हैं। हालांकि बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में नवीन गोयल के कारण यहां पर इस समय त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है। वर्धन यादव के सामने कई चुनौती बादशाहपुर हलका में कांग्रेस ने भले ही यूथ चेहरे वर्धन यादव पर दांव लगाया है, लेकिन वह पूर्व मंत्री व प्रदेश के बड़े नेता राव नरबीर सिंह के कद के सामने कहीं टिकते नजर नहीं आते हैं। वैसे भी वर्धन का यह पहला चुनाव है और चुनाव लड़ने का भी उनको अनुभव नहीं है। साथ ही उनके पास सीमित टीम व वर्कर्स हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह टिकट के दावेदार थे, लेकिन राजबब्बर के कारण उनका नाम पीछे रह गया था। हालांकि वह अपनी बादशाहपुर विधानसभा से भी राजबब्बर को नहीं जीता पाए थे और इसी के चलते साफ है कि यहां पर उनको अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा। दीपेंद्र हुड्डा व राहुल गांधी के करीबी होने के साथ ही यूथ चेहरे के कारण उनको कांग्रेस ने टिकट तो दे दिया, लेकिन राव नरबीर को चुनौती देना उनके लिए बड़ा टॉस्क है। नरबीर बादशाहपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और इसके पहले वह अलग-अलग विधानसभाओं से चुनाव लड़ते आए हैं। 2019 में नरबीर की टिकट कटने के बाद भी वह बादशाहपुर में सक्रिय हैं और बीजेपी ही नहीं बल्कि उनकी अपनी खुद की मजबूत टीम क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं यहां पर 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी जाट चेहरे के रूप में निर्दलीय चुनावी रण में हैं। हालांकि राकेश दौलताबाद वाली बात तो नहीं है लेकिन सहानुभूति के सहारे वह यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटी हुईं हैं। गुरुग्राम कांग्रेस के जाट नेता नाराज
पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी थे और गुरुग्राम से वह प्रबल दावेदार थे। हालांकि 2014 में निर्दलीय व 2019 में कांग्रेस टिकट से हारने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। वहीं दीपेंद्र हुड्डा एक महीने पहले मोहित ग्रोवर को कांग्रेस में लाए और टिकट भी दिला दी। अब कांग्रेस के जाट नेता इसको हजम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुखबीर कटारिया खुलकर कुछ नहीं कह रहे और मोहित ग्रोवर की मदद की बात कर रहे हैं, लेकिन टिकट कटने से अंदरखाने तो सब ठीक नहीं चल रहा होगा। वहीं पूर्व चेयरमैन कुलदीप कटारिया जो कि गुरुग्राम गांव से आते हैं वह अपने राजस्थान के माध्यम से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। वह दीपेंद्र हुड्डा के भी करीबी हैं और अब टिकट कटने पर समर्थकों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। जाट भले ही बीजेपी से नाराज हो लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से वह भी व्यथित नजर आ रहा है। बीजेपी की पंजाबी नेताओं पर नजर
गुरुग्राम पंजाबी बाहुल्य सीट है और यहां पर कांग्रेस का एकाधिकार भी रहा है। इस बार कांग्रेस ने पंजाबी चेहरे पर दांव लगाया है लेकिन सभी की नजर बीजेपी पंजाबी नेताओं पर है। बीजेपी से पंजाबी चेहरे में पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, स्वामी धर्मदेव, बोधराज सिकरी, सीमा पाहूजा आदि टिकट की रेस में थे। अब यह समाज के साथ जाएंगे या फिर बीजेपी संग खड़े रहेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा को लेकर पंजाबी नेताओं में खासी नाराजगी है। ओबीसी यादव वोट बंटने पर कुमुदनी देख रहीं अपना फायदा
बादशाहपुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने ही ओबीसी यानि यादव वोट पर विश्वास जताया है। बीजेपी में यादव समाज की ओर से 2019 का चुनाव लड़ने वाले मनीष यादव, पूर्व सीएम के ओएसडी रहे जवाहर यादव भी टिकट रेस में थे। अब यह दोनों नरबीर का कितना साथ देंगे या फिर 2019 की कहानी दोहराई जाएगी इस पर सभी की नजर है। 2019 चुनाव निर्दलीय जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी को उम्मीद है कि कांग्रेस-बीजेपी के दोनों प्रत्याशी यादव हैं, तो यह वोट बंटेगा। वहीं जाट के साथ ही 2019 में राकेश दौलताबाद का साथ देने वाला वोटर सहानुभूति के साथ इस बार पहले से भी अधिक साथ देगा। निर्दलीय ही चुनावी रण में कूदेंगे बीर सिंह आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच बादशाहपुर सीट पर लगातार सक्रिय हैं। बड़े-बड़े प्रोग्राम के साथ बड़े स्तर पर जनसंपर्क अभियान कर वह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में लगे हैं। हालांकि आप-कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ है और कांग्रेस ने बादशाहपुर से प्रत्याशी उतार दिया है, तो साफ है कि बीर सिंह यहां से निर्दलीय चुनावी रण में उतरेंगे। बीर सिंह बताते हैं कि क्षेत्र में उनकी अपनी पहचान है और जनहित के मुद्दे उठाने के साथ ही लोगों की समस्याओं को लेकर उनकी संस्था लगातार सक्रिय है। खुद क्षेत्र के लोग उनको निर्दलीय चुनाव लड़ने का प्रेशर बना रहे हैं। इसके चलते वह जनता के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। गुरुग्राम में मोहित का मजबूत पक्ष… -कांग्रेस पार्टी का सिंबल और हुड्डा खेमे की मदद
-पंजाबी चेहरा होने से समाज के वोट एकजुट होने की उम्मीद
-यूवा होने के चलते यूथ वोटर्स में मजबूत पकड़
-पिता स्व. मदन लाल ग्रोवर की पंजाबी समाज में पकड़ मोहित के कमजोर पहलू… -कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी
-टिकट कटने से नाराज नेताओं की नाराजगी
-जाट समाज को साथ लाना
-2019 के चुनाव के बाद निष्क्रिय
-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर का साथ नहीं देने के आरोप वर्धन यादव का मजबूत पक्ष… -राहुल गांधी व दीपेंद्र हुड्डा से नजदीकी
-युवा होने के चलते यूथ वोटर्स में पकड़
-एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेशाध्यक्ष होने से यूथ टीम मजबूत वर्धन का कमजोर पहलू… -चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
-लोकसभा चुनाव में टिकट कटने पर प्रचार से दूर रहना
-कांग्रेस के साथ ही खुद की सीमित टीम
-बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ नहीं
रेवाड़ी में कच्छा गैंग का आतंक, VIDEO:पॉश इलाके में 4 वारदातें; सेक्टर-3 के लोगों ने एसपी से कहा- जान को है खतरा
रेवाड़ी में कच्छा गैंग का आतंक, VIDEO:पॉश इलाके में 4 वारदातें; सेक्टर-3 के लोगों ने एसपी से कहा- जान को है खतरा हरियाणा के रेवाड़ी शहर के पॉश एरिया सेक्टर-3 में कच्छा गिरोह का आतंक छाया हुआ है। पिछले कुछ दिनों में चार वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। इनमें कुछ रिटायर्ड सीनियर अधिकारियों के घर भी शामिल हैं। कई घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी गिरोह के सदस्य अर्धनग्न हालत में घूमते हुए कैद हुए हैं। सेक्टर-3 के लोग एसपी गौरव राजपुरोहित से मिलने पहुंचे। हालांकि किसी कारणवश वे एसपी से नहीं मिल पाए, लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारियों से मिलकर जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। सेक्टर-3 में रहने वाले शहरी स्थानीय निकाय विभाग से रिटायर्ड एक्सईएन अजय सिक्का, नगर परिषद चेयरपर्सन पूनम यादव के पति बलजीत यादव, राजेंद्र प्रसाद मुदगिल, मनोज कुमार व अन्य ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि पॉश एरिया सेक्टर-3 में पिछले एक महीने से कच्छा गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य अपने पूरे शरीर पर ऐसा केमिकल लगाते हैं, जिससे कोई उन्हें पकड़ न सके। इतना ही नहीं, वे हाथों में दस्ताने भी पहनते हैं, ताकि चोरी के बाद उनके फिंगरप्रिंट न मिल सकें। कुछ ही दिनों में 4 घरों में चोरी हो चुकी है। कई घरों में हो चुकी हैं वारदातें मनोज कुमार के घर में चोर ग्रिल तोड़कर घुसे। उनके घर से नकदी चोरी कर ले गए। जब मनोज कुमार की नींद खुली तो उन्होंने चोरों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे पकड़े नहीं जा सके। इसी तरह सेक्टर-3 में मकान नंबर 939 का दरवाजा तोड़कर चोरों ने हजारों रुपये की नकदी चोरी कर ली। बीती रात चोरों ने रिटायर्ड एक्सईएन अजय सिक्का के घर में भी सेंध लगाई। हालांकि लोगों के जाग जाने के कारण चोर भाग गए। सेक्टर-3 में लोगों ने जब आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो चोर रात के अंधेरे में अर्धनग्न अवस्था में घरों में घुसते नजर आए। चोरों ने हाथों में दस्ताने भी पहने हुए थे। एसपी से लगाई सुरक्षा की गुहार सेक्टर वासियों ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि अभी तक हुई तमाम चोरी की वारदातों में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। सेक्टर-3 चौकी इंचार्ज से कई बार मिल चुके हैं। लेकिन पुलिस की तरफ से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा, जिसकी वजह से आए दिन कच्छा गिरोह के सदस्य घरों में घुस रहे हैं। उन्होंने एसपी से सेक्टर-3 में रात के वक्त गश्त बढ़ाए जाने की मांग की, जिससे चोरों को पकड़ा जा सके और वारदातों पर अंकुश लग सके।