चरखी दादरी | दादरी से कांग्रेस प्रत्याशी डा.मनीषा सांगवान के जनसंपर्क अभियानों में क्षेत्र की जनता का जोश और समर्थन स्पष्ट रूप दादरी में कांग्रेस की लहर के रूप में दिखाई दे रहा है। दादरी की जनता ने इस बार विधानसभा में बदलाव की उम्मीद के साथ डॉ मनीषा सांगवान को अपना प्रतिनिधि बनाने का मन बना लिया है। इसी श्रृंखला में सोमवार को डॉ मनीषा सांगवान ने दादरी स्थित झज्जर घाटी, गांव उण, निमड़ी, मालपोस, साकरोड, रणकोली, वार्ड नंबर 2 गांधी नगर, और वार्ड नंबर 21 में अपने जनसंपर्क अभियानों के दौरान जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। , जिससे यह साफ जाहिर है कि लोगों का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में बढ़ता जा रहा है। चरखी दादरी | दादरी से कांग्रेस प्रत्याशी डा.मनीषा सांगवान के जनसंपर्क अभियानों में क्षेत्र की जनता का जोश और समर्थन स्पष्ट रूप दादरी में कांग्रेस की लहर के रूप में दिखाई दे रहा है। दादरी की जनता ने इस बार विधानसभा में बदलाव की उम्मीद के साथ डॉ मनीषा सांगवान को अपना प्रतिनिधि बनाने का मन बना लिया है। इसी श्रृंखला में सोमवार को डॉ मनीषा सांगवान ने दादरी स्थित झज्जर घाटी, गांव उण, निमड़ी, मालपोस, साकरोड, रणकोली, वार्ड नंबर 2 गांधी नगर, और वार्ड नंबर 21 में अपने जनसंपर्क अभियानों के दौरान जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। , जिससे यह साफ जाहिर है कि लोगों का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में बढ़ता जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में दो दिन सरकारी ऑनलाइन सेवाएं रहेगी बंद:रोडवेज बसों में ई-टिकट नहीं मिलेंगे; ई-दिशा केंद्रों पर भी नहीं होगा काम
हरियाणा में दो दिन सरकारी ऑनलाइन सेवाएं रहेगी बंद:रोडवेज बसों में ई-टिकट नहीं मिलेंगे; ई-दिशा केंद्रों पर भी नहीं होगा काम हरियाणा में दो दिन सरकारी ऑनलाइन सेवाएं बंद रहेगी। जिसके चले रोडवेज बसों में ई-टिकट नहीं मिलेंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट काटने के निर्देश गए हैं। इसी के साथ ई-दिशा केंद्रों में भी कामकाज ठप रहेगा। सरल पोर्टल से लेकर रजिस्ट्री पोर्टल तक बंद रहेंगे। सरकार का ऑनलाइन डेटा मेंटेनेंस करने के लिए यह फैसला लिया है। रोडवेज प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यालय के आदेशों के अनुसार 24 से 27 जनवरी तक किसी भी कर्मचारी के ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। क्योंकि सर्वर डाउन रहेगा। जो ई-टिकटिंग मशीन 24 जनवरी को मिलेगी, उसे 27 जनवरी तक काम करना पड़ेगा। मगर हर ट्रिप एंड करने के बाद ट्रिप एंड की स्लिप को संभाल कर रखना होगा। इसके बाद प्रतिदिन कैश जमा करवाना है। राज्य डेटा सेंटर में 25 व 26 जनवरी हो होगा मेंटेनेंस चंडीगढ़ स्थित राज्य डेटा सेंटर के मेंटेनेंस के कारण 25 व 26 जनवरी को ई-टिकटिंग की साइट भी नहीं चलेगी। इसलिए सभी कंडक्टरों को अपनी मशीनों में ड्यूटी इस हिसाब से लगवाने के लिए कहा गया है, जिससे 27 जनवरी तक मशीन चल सके। 24 जनवरी की शाम के बाद डयूटी एंड नहीं करेंगे कंडक्टर रोडवेज प्रशासन के आदेश अनुसार 24 जनवरी की शाम के बाद और 25 व 26 जनवरी को कोई भी कंडक्टर खुद किसी भी हालत में अपनी डयूटी एंड नहीं करेगा। अगर इस दौरान कोई भी कंडक्टर डयूटी एंड (Duty END) करता है, तो वो अपनी रिपोर्ट का खुद जिम्मेदार होगा। इस अवधि में न ही किसी बस पर ड्राइवर-कंडक्टर बदले जाएंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट भी साथ रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होगी- जीएम सिरसा रोडवेज के महाप्रबंधक शेर सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में ही ऑनलाइन सिस्टम दो दिन बंद रहेगा। ई-टिकट में कोई परेशानी आई तो कंडक्टर मेनुअल टिकट काट देंगे। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं आएगी।
हुड्डा के सामने जिप चेयरपर्सन की दावेदारी:2 साल पहले राजनीति में आई, पहली बार में पार्षद व चेयरपर्सन बनी, भाजपा नहीं कर पाई सेंधमारी
हुड्डा के सामने जिप चेयरपर्सन की दावेदारी:2 साल पहले राजनीति में आई, पहली बार में पार्षद व चेयरपर्सन बनी, भाजपा नहीं कर पाई सेंधमारी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने भाजपा से गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा की टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। मंजू हुड्डा ने 2 साल पहले राजनीति में कदम रखा था। पहला चुनाव जिला पार्षद का वार्ड नंबर 5 से लड़ा। मंजू हुड्डा ने चुनाव में जीत हासिल की और इसके बाद सर्वसम्मति से चेयरपर्सन भी चुनी गई। वहीं इसके बाद उन्होंने भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली। गढ़ी सांपला किलोई पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हलका हैं। जहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा 5 बार विधायक बन चुके हैं। वहीं इस बार भी कांग्रेस ने उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। गढ़ी सांपला किलोई हलके से अकेले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही आवेदन किया है। इसलिए इस बार भी उन्हें ही उम्मीदवार माना जा रहा है। लगातार जीत हासिल करने के चलते गढ़ी सांपला किलोई हलके को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहा जाता है। वहीं इस गढ़ में भाजपा सेंधमारी नहीं कर पाई है। जातिय समीकरण को भी साधती नजर आ रही मंजू हुड्डा
जिला चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने 2022 में जिला पार्षद का चुनवा लड़ा। जिसमें उन्हें 9333 वोट मिले और नजदीकी प्रतिद्वंद्वी अंजली को 6052 वोट मिले। इसलिए वे 3281 वोट से जीत गई। गढ़ी सांपला किलोई हलका जाट बहुल्य क्षेत्र है। वहीं जाट समाज के मतदाता ही विजेता निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मंजू हुड्डा जातिय समीकरण को भी साधती नजर आती हैं। मंजू हुड्डा ने डबल एमए व बीएड तक पढ़ाई की है। वहीं पीएचडी की पढ़ाई फिलहाल जारी है। रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा से बातचीत
सवाल : विधानसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारियां हैं।
जवाब : विधानसभा चुनाव को लेकर तो तैयारियां नियमित हैं। जबसे मैं चेयरपर्सन बनी हूं, तभी से जनता के बीच में ही रही हूं। एक दिन भी ऐसा नहीं जाता कि किसी के सुख-दुख में ना शामिल हुई हो। लोगों का साथ व प्यार भी मिल रहा है।
सवाल : करीब 2 साल पहले राजनीति में आई। पहली बार में ही पार्षद बनी और फिर चेयरपर्सन। आगे का क्या लक्ष्य है।
जवाब : मेरा जिला पार्षद का पहला चुनाव था। करीब 20 दिन का यह चुनाव था। इससे पहले मेरी कोई इच्छा थी और ना ही मैंने कभी आगे के लिए चुनाव का सोचा था। लेकिन जैसे-जैसे गांव व भाईचारे ने इसके लिए तैयार किया और बताया। जनसेवा तो पहले भी करती थी, लेकिन राजनीति में नहीं थी। राजनीति एक ऐसी जगह है, जहां खुलकर जनता की सेवा कर सकते हैं। इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया और उस चुनाव में जीती भी। चेयरमैन के चुनाव में भी सर्वसम्मति से जीत हासिल की। आगे का तो यही है कि जनता व पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उस पर खरा उतरूंगी।
सवाल : किस विधानसभा से चुनाव की तैयारी है।
जवाब : मैं जब से चेयरपर्सन बनी हूं, तब से पूरे जिले में जा रही हूं और लोगों के काम कर रहीं हूं। बाकी तो यह पार्टी तय करेगी कि वे मुझे कहां से टिकट के लिए योग्य समझते हैं कि मैं वहां से चुनाव लडूं। पार्टी जहां से भी कहेगी, वहां से चुनाव लडूंगी। सवाल : गांव व वार्ड गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा में आता है। वहां से ही दावेदारी अधिक मानी जाती है। आप क्या मानते हैं।
जवाब : मेरी विधानसभा गढ़ी सांपला किलोई है। पार्टी कहेगी और जनता व बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद देंगे तो वहां से चुनाव लडूंगी और कोशिश करूंगी की वहां से जीत हासिल करूं।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई चुनाव जीत चुके हैं। क्या चुनौती मानते हैं।
जवाब : जनता जो है वह काम मांगती है। मुझे राजनीति में आए करीब डेढ़-दो साल हुआ है। जनता के काम करवा रही हूं। जनता के लिए अपने आप से ऊपर काम को चुनती हूं। अगर लोग मुझे चुनते हैं तो मैं उनके विश्वास पर खरी उतरूंगी। इसको चुनौती तो नहीं मान सकती। भाग्य भी होता है। समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता। समय परिवर्तनशील है। कभी कुछ भी हो सता है। यह नहीं कि कोई एक बार या लगातार जीता है तो वही रहेगा। क्या पता मेरा भाग्य काम कर जाए, मैं जरूर लड़ना चाहुंगी।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई सीट पर अब तक भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कैसे टक्कर दे पाएंगी।
जवाब : मेरे पास तो सिर्फ काम ही है। अब तक का जितना अनुभव है, उसमें लोगों ने साथ दिया और विश्वास किया है। कोशिश जरूर करना चाहूंगी कि इस चुनाव में पार्टी व लोगों का आशीर्वाद मिला तो।
सवाल : लोगों के बीच जा रही हैं तो कैसा रुझान मिल रहा है। लोग क्या कह रहे हैं।
जवाब : लोग तो डवलेपमेंट की ही कहते हैं। जनता जिसे चुनती है, उससे विकास की ही उम्मीद करती है। जनता के बीच में कोई भी प्रतिनिधि जाए, तो वह लोगों के विश्वास पर खरा उतरे। डेढ़-दो साल में जितना काम किया है, उसमें जनता खुश है।
सवाल : पहली बार में ही पार्षद व चेयरपर्सन बने। क्या-क्या चुनौती आई।
जवाब : चुनौती तो बहुत सारी थी, लेकिन अभी कोई चुनौती नहीं है। मैं पहली बार आई थी और राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। बहुत-सी ऐसी चीज थी, जो मेरे लिए नई थी, जिनका कुछ पता नहीं था। वो चाहे काम करने का या समन्वय का मान लें। कुछ समय के लिए चुनौतीपूर्ण था।
हिसार में बृजेंद्र सिंह का जजपा-इनेलो पर तंज:कहा- आभास था इनका जनाधार खत्म हो गया, मगर ऐसा हाल होगा सोचा नहीं था
हिसार में बृजेंद्र सिंह का जजपा-इनेलो पर तंज:कहा- आभास था इनका जनाधार खत्म हो गया, मगर ऐसा हाल होगा सोचा नहीं था हिसार लोकसभा के पूर्व सांसद रहे चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने उचाना में कार्यकर्ताओं से रुबरू हुए। इस दौरान बृजेंद्र सिंह ने राजनीतिक मुद्दो पर खुलकर चर्चा की। बृजेंद्र सिंह ने इनेलो और जजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि एक पार्टी के 1.7 प्रतिशत वोट आए हैं तो दूसरी पार्टी तो 1 प्रतिशत वोट भी नहीं ला पाई। 0.87 प्रतिशत पर ही सिमट गई। उन्होंने कहा कि डेढ़ दो साल पहले आभास हो गया था कि ये इन पार्टियों का जनाधार खत्म हो गया है। यह हाशिये पर चले गए हैं मगर ऐसा नहीं सोचा था कि यह हाशिये से भी बाहर हो जाएंगे। मगर जनता जर्नाधन का फैसला है। उससे मानना ही पड़ता है। प्रदेश में आने वाले समय में भी कांग्रेस और भाजपा में मुकाबला देखने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा मोदी के चेहरे के कारण सीटें जीतने में कामयाब रही मगर आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आंधी से भाजपा साफ हो जाएगी। यूपी में जहां-जहां राम वहां-वहां भाजपा साफ बृजेंद्र सिंह ने कहा कि यूपी भाजपा 62 से 33 पर आ गई। एक ही राज्य में 29 सीट कम होना बड़ी बात है। सबसे खास बात यह है कि यूपी में प्रभु राम से जुड़ी सभी जगहों पर भाजपा की हार हुई। लोग अब भावनात्मक मुद्दों पर वोट नहीं डालते यह सब चीजें हर बार नहीं चलती। लोगों के बीच महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे चल रहे थे मगर भाजपा दूसरी बात कर रही थी इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। 400 पार का नारे सिर्फ माहौल बनाने के लिए था बृजेंद्र सिंह ने कहा कि मतदान से पहले भाजपा ने माहौल बनाने का प्रयास किया गया और 400 का नारा देकर जोश पैदा करने की कोशिश की गई। इसका धरातल से कोई वास्ता नहीं है। मगर चुनाव में देश में जो स्थिति है वह सबके सामने रख दी। प्रचार तंत्र के माध्यम से यह माहौल बनाने की कोशिश की गई कि देश में सिर्फ एक तरफा भाजपा का माहौल है। बृजेंद्र सिंह ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन करते हुए कहा कि जब चुनाव खत्म हो गया था तो भी भाजपा का प्रचार किया गया। इससे किसे फायदा पहुंचा। इसके बाद स्टॉक मार्केट में जिस प्रकार तेजी देखने को मिली। इसकी जरूर जांच होनी चाहिए। यह लोगों के विश्वास के साथ एक तरह का खिलवाड़ हैं। आप-कांग्रेस का गठबंधन सिर्फ लोकसभा तक था बृजेंद्र सिंह ने कहा कि आप और कांग्रेस के गठबंधन पर बृजेंद्र सिंह ने कहा कि ये गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों का था। ये दिल्ली, हरियाणा में चला, पंजाब में वो नहीं हो पाया। दिल्ली और हरियाणा में आगामी 4 से 5 माह में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए दोनों पाटियों को लगता है कि वो अपने प्रदेश में अपने आप चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। इस वजह से वो गठबंधन नहीं रह पाया। जजपा और इनेलो को लेकर बृजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि जिस पार्टी का वोट प्रतिशत एक प्रतिशत से भी नीचे है, उसके बारे में क्या बात करनी।